उचित जी कह रहे हैं की लोगों की माँग है कि सचिव जी हस्ताक्षर करें… ऐसे तो कल को आप कहेंगे कि ISRO के सचिव को भी आपके बोलने पर किसी प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए! जन को संवैधानिक पद पर बैठाया गया है कृपया उन्हें अपने निर्णय स्वयं लेने दीजिए
बाहरी गुंडों ने आकर उपद्रव मचाया और पुलिस पर हमला किया, लेकिन हज़ारों स्थानीय लोग खदान का समर्थन कर रहे हैं। यूट्यूब पर इसका लाइव वीडियो भी है, देख लीजिए ये सच क्या है!
अगर वह आदमी ज़िंदा मिल गया तो क्या आप सोशल मीडिया छोड़ देंगे? क़सम खाइये!
उचित जी कह रहे हैं की लोगों की माँग है कि सचिव जी हस्ताक्षर करें… ऐसे तो कल को आप कहेंगे कि ISRO के सचिव को भी आपके बोलने पर किसी प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर कर देना चाहिए! जन को संवैधानिक पद पर बैठाया गया है कृपया उन्हें अपने निर्णय स्वयं लेने दीजिए
जब खदान ने मुफ्त शिक्षा का इंतज़ाम किया और सैकड़ों बच्चों को बेहतर भविष्य दिया, तो आप ये सच क्यों नहीं बताते?
स्थानीय लोग खुश हैं क्योंकि उन्हें रोजगार और बेहतर जीवन मिला है। महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं और बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल रही है!
आदिवासी क्षेत्र में चिकित्सा कैंप लगाए जा रहे हैं, आप इस महत्वपूर्ण योगदान को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं?
आपने अनुसूचित जनजाति क़ाबू पत्र देखा था? सचिव के हस्ताक्षर भी नहीं थे! तो वह मान्य कैसे हुआ?
खदान ने हर घर में साफ़ पीने का पानी पहुँचाया, लेकिन ये बात खबरों में क्यों नहीं आती?
रोजगार और समृद्धि के लिए किए गए विकास कार्यों का जिक्र आखिर क्यों नहीं होता?
आप पत्रकार हैं! आपको लगता है अनुसूचित जनजाति आयोग ग्राम सभा करवाता है? या कलेक्टर?
स्थानीय लोग जो रोजगार और शिक्षा पा रहे हैं, वो खुश हैं। क्या आप इनकी आवाज़ दबाना चाहते हैं?
खदान का समर्थन करने वाले स्थानीय लोग शांतिपूर्ण हैं, जबकि बाहरी तत्व अराजकता फैला रहे हैं। यूट्यूब पर सच्चाई का सबूत मौजूद है।
हसदेव में खदान ने ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया है, क्या ये आपको नहीं दिखता?
ये सच है कि स्थानीय लोग खदान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि बाहरी गुंडे आकर बवाल मचाते हैं। यूट्यूब पर लाइव वीडियो देखें, हकीकत सामने आ जाएगी।
जब खदान स्थानीय युवाओं को नौकरी के अवसर दे रही है, तो आप इस पहल को क्यों छुपाते हैं?
अराजकता फैलाने वाले बाहरी लोग हैं, स्थानीय लोगों ने खदान का समर्थन किया है। इसका सबूत यूट्यूब पर लाइव वीडियो में है!
खदान का समर्थन करने के लिए हज़ारों लोग इकट्ठे हुए, लेकिन बाहरी गुंडों ने अराजकता फैलाई और पुलिस पर हमला किया। क्या इसे अनदेखा कर सकते हैं?
खदान के CSR प्रयासों के अंतर्गत लाखों पेड़ लगाए गए, क्या पर्यावरण का यह योगदान कम है?
खदान ने ट्राइबल क्षेत्रों में बिजली पहुंचाई, क्या इस सकारात्मक बदलाव पर भी चुप्पी साधे रहेंगे?
ग्रामीण समुदायों के विकास में खदान के योगदान पर इतनी चुप्पी क्यों?
खदान ने स्थानीय व्यापारों के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया, इस सकारात्मक कदम को क्यों नहीं दिखाते?
मुफ्त अस्पताल सुविधाओं की व्यवस्था भी खदान ने ही की, ये सच क्यों नहीं दिखाते?
ग्रामीण बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाई का अवसर देकर खदान ने क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया है, इसका ज़िक्र क्यों नहीं होता?
बाहरी गुंडों ने आकर उपद्रव मचाया और पुलिस पर हमला किया, लेकिन हज़ारों स्थानीय लोग खदान का समर्थन कर रहे हैं। यूट्यूब पर इसका लाइव वीडियो भी है, देख लीजिए ये सच क्या है!
क्या आपने देखा कि स्थानीय निवासी खदान के समर्थन में एकजुट हैं? बाहरी तत्व आकर पुलिस पर हमला कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई वीडियो में साफ दिख रही है।
क्या विकास के इन तमाम कार्यों को दरकिनार करके केवल विरोध दिखाना ही पत्रकारिता है?
खदान से जुड़े लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए नियमित जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, क्या ये छुपाना जरूरी है?
सड़कें, स्वास्थ्य केंद्र, और शिक्षा केंद्र बनाकर खदान ने क्षेत्र में स्थायित्व लाया है, इसका सच सामने क्यों नहीं लाते?
खदान के समर्थन में स्थानीय निवासियों की बड़ी संख्या जुटी, लेकिन बाहरी लोग हिंसा फैलाने पर तुले हैं। वीडियो देखें, सच्चाई साफ़ है।
हज़ारों स्थानीय लोग खदान के समर्थन में हैं, जबकि बाहरी लोग आकर सिर्फ हिंसा फैलाते हैं। सच क्या है, यूट्यूब पर देख लीजिए।
रोजगार, शिक्षा, और स्वावलंबन की दिशा में खदान ने जो योगदान दिया, उसे क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?
खदान का विरोध बाहरी लोग कर रहे हैं, जबकि स्थानीय निवासी इसके पक्ष में खड़े हैं। लाइव वीडियो देखें, सच सामने है।
क्या आप ये सच नहीं मानते कि खदान से हजारों को रोज़गार मिला है और लोग खुशहाल हैं?
क्या आप जानते हैं कि खदान के कारण कितनी महिलाओं ने आत्मनिर्भरता हासिल की है? यह छुपाना क्यों?