श्री गुरु नानक देव जी के बारे में जानकारी History of Guru Nanak Dev Ji 🙏 गुरु जी के प्रमुख सिद्धान्त

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ก.ย. 2024
  • गुरु नानक देव जी
    इनका जन्म 15 अप्रैल, 1469 को पिता कल्याण चंद के घर राय भोई दी तलवंडी (अब पश्चिम पाकिस्तान) में हुआ। उन्होंने जगत के कल्याण के लिए नई विचारधारा दी। इस विचारधारा मूल में जो सिद्धांत हैं, उनमें परिश्रम करना, बांटकर खाना और प्रभु का नाम लेना प्रमुख हैं।
    लाहौर के पास, भारत - मृत्यु 1539, करतारपुर, पंजाब) एक भारतीय आध्यात्मिक शिक्षक थे जो सिख धर्म के पहले गुरु थे, जो एकएकेश्वरवादी धर्म है। .
    सिख धर्म की स्थापना करने वाले गुरु नानक जी निर्गुण उपासना में विश्वास करते थे और सर्वधर्म सद्भावना के समर्थक थे। उन्होंने अपने बाल्यकाल औऱ जीवन में अपनी शिक्षाओं और उपदेशो को लेकर इतने प्रसिद्ध हो गए थे कि हिंदू और मुसलमान दोनों ही समुदाय उन्हें बेहद मानते थे औऱ उन पर आस्था रखने लगे थे।
    गुरु नानक जी की तीन बड़ी शिक्षा खुशहाली से जीने का मंत्र देती हैं। ये शिक्षा है- नाम जपो, किरत करो और वंड छको। यह सीखें कर्म से जुड़ी हुई हैं। कर्म में श्रेष्ठता लाने की ओर ले जाती हैं।

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