Verry nice, आपने एक महापुरुष का इंटरव्यू लिया और सबको पता चला की असली संत कौन होता है, और पाखंड क्या होता है, गुरु भगवान से जीव को मिला देता है और जन्म मिर्त्यु के चकर से छुड़ा देता है और अच्छे कर्म में मनुष्य को लगा देता है, आप इसी प्रकार के ज्ञानवरदक किसे जनता के सामने लाते रहें, आपका बहुत बहुत ध्न्यावाद
धन धन सतगुरु राधा स्वामी सतसंग से आया राधा स्वामी सतसंग मे शावनसिह महाराज के शिष्य मस्ताना जी मस्ताना जी के शिष्य मेनेजर साहेब मेनेजर साहेब जी के शिष्य वकील साहेब डेरा जगमालवाली जिला सिरसा हरियाणा
Baat ek, firka alag kiyo.... Naam kiyo badla, kia bata sakte hai, jai guru dev, dhan dhan stguru tera aasra, anand parmanand, anand swami, ek mastana, 600 mastana,
गुरु राधा स्वामी आप के पड़ोस गाव से है ,डेरे पर कई बार आये लेकिन नाम दीक्षा का सन्जोग नही हो पाया ,वहीँ आप वाली बात पेसे से एक फौजी अलबेली जिंदगी ,लेकिन श्रद्धा सभी पीर फकीरो में और कर्म करने पर ,सदैव सेवा भावना ,देखो आगे कौन सी लाइन मिलेगी वृद्धावस्था में विचार है ,आप की शरण में अभी तो 2 से 4 वर्ष देश सेवा फिर जनता और संगत सेवा ,राधा स्वामी
मैं भी कोहाड़ गांव से हूं जो बिल्कुल dinod गांव के पास ही है सभी fakdo मे से सिर्फ आज एक ही सत्संग सही बचा है ओर वो है... राधास्वामी.. जेसा नाम वसे ही सतगुरु जी के विचार........ राधास्वामी दयाल की दया...
गुरुग्रन्थ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कहा है कि - “हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार। नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक” जिसका भावार्थ है कि हे कबीर परमेश्वर जी मैं नानक कह रहा हूँ कि मेरा उद्धार हो गया, मैं तो आपके सेवकों के चरणों की धूर तुल्य हूँ। जब नानक जी ने देखा यह धाणक (जुलाहा) वही परमेश्वर है जिसके दर्शन सत्यलोक (सच्चखण्ड) में किए तथा बेई नदी पर हुए थे। वहाँ यह जिन्दा महात्मा के वेश में थे यहाँ धाणक (जुलाहे) के वेश में हैं। यह स्थान अनुसार अपना वेश बदल लेते हैं परन्तु स्वरूप (चेहरा) तो वही है। वही मोहिनी सूरत जो सच्चखण्ड में भी विराजमान था। वही करतार आज धाणक रूप में बैठा है। श्री नानक जी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आँखों में आँसू भर गए। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार। जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार। आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ। दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ। दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ। तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463) भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
हिन्दू अति प्राचीन धर्म है, इसका दर्शन बहुत विशाल है। ये किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक आस्थाओं होती है, हिन्दुओं की मान्यताओं को अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है।
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति महाराज जी की जीवन गाथा भी हमारे जैसे आम आदमी पर ही थी धन्य हो गुरु जी आप ने मेरी आंखे खोल दी और यही सवाल मेरे भी थे जो आप के मुख से सुने मुझे अच्छा लगा देखते आगे आगे होता है क्या में भी अभी अभी आया हु इस दुनिया में जय श्री राधा स्वामी जी महाराज जय श्री नीम करोली महाराज जी जय श्री राम ❤
वाह संत जी जो दूसरों को बुरा लगे वो बराई है । क्या शिक्षा है ९आपने सुना तो होगा कि भक्त और जगत का बैर होता है क्यूकि जगत को भक्त की हर बात बुरी लगती है तो आपकी शिक्षा है कि जो दूसरो को बुरा लगे वो बुराइ तो भक्त की तो हर बात बुरी ।ऐसे ऐसे संत हैं देश में । ये कर देंगे कल्याण ।
Tere kya dikat h aa gyi ....ek baat k kai answer hote h ...akag alag tarike se bola ja skta h alag alag definition or point of view hota h .....tum vo gandi nali k kide ho jo achai me bhi burai ko dhondhte ho .... kitni achi baat btai vo to tune nhi apnaya buri baat ko bhut jalti captured kr liya
1.कालपाल बेसक दारू पियो, क्यौं शिव दाल पिया होक्का! बुक्की मै तो भूत दिखा, कालपाल, बना जिंदा प्रेत अनोखा!! 2. गरीब दास का ज्ञान गाया, धर्मदास को तूं समझ ना पाया! गरीब आया यूगों बाद, धर्म दास संगी, हाल बताया!! कबीर साहेब आया बदीं छुटाने, काल पाल खुद बदीं घर में पाया! सभी संत कैद नहीं जाते, सभी कैदी संत नहिं होते! ये तो है काल अवतारी, जिसने अपनी जेल को पुजवाया!! जेल लोक तेरा सतलोक, तेरा वही से आया ज्ञान! भोले जीव समझले, कबीर काल एक हुये कहीं ना मिले परमान!! अब सोचो, जय बदीं घर वाले की या बदीं छोड की.. आप तय करो....
🔥🙏 राधा स्वामी जी ़ वाह जी वाह बहुत आनंद आया बाबा जी का इंटरव्यू सुन कर के मन खुश हुआ और थोड़ी हंसी भी आई बाबा जी हंसमुख हंसते हुए जवाब देते हैं यान का अपनापन मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं खुद नामधारी हूं राधा स्वामी मैं अच्छी तरह से समझता हूं ईस मत को धन्यवाद
ये बाबा 1 भालू सरदार ह जो हिन्दुओ को उनके धर्म से भटका रहा ह ,ये बोलता ह की भगवानविष्णु शिव और ब्रह्माजी से ऊपर भी कोई ह ह न तो ये मूर्ति पूजा करने देते न हवन कथायें करने देते न हमारे देव पितरो को पूजने देते सही पूछो तो इसे खुद ज्ञान की जरूरत ह इसे श्रीमदभागवत गीता पढ़ाओ तब इसको अक्ल आ जाएगी 101% लिख के देता हूं
आप बात तो श्रीमदभागवत की कर रहे हों बड़ा ज्ञान बाट रहे हो आपको बोलने की तमीज अभी तक नहीं आयी किसी की भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं चाहिए और रहीं बात मूर्ति पूजा की एक भी एसा सत्संग दिखा दो जिस मे गुरु महाराज ने ये बोला है कि मूर्ति पूजा को छोड़ दो एक गुरुमुख को जब उसकी मंजिल मिल जाती है तो वो सच्चाई से वाकिफ हो जाता है और वो खुद अपना रास्ता चुनता है संतमत का सतगुरु के बिना ना कभी उधार हुआ है ना कभी होगा 🙏🙏♥️
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465) भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Radha soami Guru ji mai aap ka satsang jo 12. Baje noon me aata hai sunte the bara aanand. Aata. Bahut sunder simple, ata aap ki dya bane rahe Radha soami
केलंगा में जब आपकी पोस्टिंग थी तब हमारे बाबा लखपत सिंह s/o कूमन सिंह हाई स्कूल के पास बाग में आप रहे , और वहा भी खूब ड्रिंक की बाकी आज इतने बड़े संत हो भग्ती में बल है। आज पूरे संसार में प्रकाश फैला रहे हो ।। जय हो आपकी । राधे राधे।।
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार। जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार। आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ। दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ। दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ। तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463) भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465) भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
राधा स्वामी जी॥ सत्तगुरु दया करे तो कागा से हंस बना दे॥ सत्तगुरु मेहर करे तो कागा से हंस बना दे॥ राधा स्वामी जी॥ पहले ये मन काग था॥ करता जीवन अघात॥ अब तो ये हंसा भैया चून चून मोती खात॥ राधा स्वामी जी॥
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465) भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
बहुत अच्छा ज्ञान कि बातें बताई श्री महाराज जी ने सर्व जगत् रचियता नारायण शवामी हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण ऊं नासवान नारायण र ही सब कुछ रचना रचायी संसार की हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण आत्मा में परमात्मा है यही नारायण है नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण
Radha Swami ji bhut bahut hi achhi bahut hi Dhanya hain aap jo itna samay Guru ji ke sath bita lete hain aapki kamai mein Barkat Ho hogi inke sath jitne bhi interview honge aapke jitni bhi meeting hogi
Purani photo, videos par na karo viswasa, guru hajir ke ban jaao dasa, jiska kaal ki jail ka na ho wasa, jo markar fer ,na kare garantho ka nasa., Jo puri pade wo khasa, 5ke6mai, adura pad na karo gayan ka nasa, Sukar hai s sarir Kabir ji hazir nahi, kahta oho huuu tera bhala ho ,yo ke kar raha s rasa..
आत्माएं काल के चक्र में कैसे फंसी? पवित्र सद्ग्रन्थों में दिये प्रमाण के अनुसार प्रत्येक प्राणी का सच्चा घर सतलोक ही है। हालाँकि, हम सभी की गलतियों के कारण हम काल के जाल में फंस जाते हैं। जब काल सतलोक में तपस्या कर रहा था, तो हमारे पिता भगवान कबीर की चेतावनी देने के बावजूद आत्माएँ उसकी ओर आकर्षित थीं। फिर काल ने अपनी तपस्या के बदले में सर्वशक्तिमान ईश्वर से आत्माओं को मांगा और जो आत्माएं पहले से ही उसकी ओर आकर्षित थीं, उनकी सहमति से वे काल की दुनिया में फंस गईं और दिन-रात कष्ट उठा रही हैं।
यह सब धन पद वाले लोग हैं,,,,संत महात्मा आदि नहीं है जय श्री राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा,,, घूस लेना और दान लेना,,,संत को धन आश्रम चेलों से क्या लाभ,,,जो भगवान का,,,, जय श्री राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा जय हिन्द
मत अलग होते रहते हैं पर,परोपकार का सार वही और आधार वही।
प्रणाम इन गुरुजी को।
हरे कृष्ण 🙏~राधा-स्वामि🙏
🙏 l
Verry nice, आपने एक महापुरुष का इंटरव्यू लिया और सबको पता चला की असली संत कौन होता है, और पाखंड क्या होता है, गुरु भगवान से जीव को मिला देता है और जन्म मिर्त्यु के चकर से छुड़ा देता है और अच्छे कर्म में मनुष्य को लगा देता है, आप इसी प्रकार के ज्ञानवरदक किसे जनता के सामने लाते रहें, आपका बहुत बहुत ध्न्यावाद
राधा स्वामी जी
राधा स्वामी जी
Tarachand could not make shersing give up smoking.
Bahoot acha
@😅bhartisagu7781
ऐसा सन्त बहुत कम मिलते हैं
धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा
😂 haha इसमें धन धन सतगुरु कहां से आ गया??😆😆😆😆🤔
धन धन सतगुरु राधा स्वामी सतसंग से आया राधा स्वामी सतसंग मे शावनसिह महाराज के शिष्य मस्ताना जी मस्ताना जी के शिष्य मेनेजर साहेब मेनेजर साहेब जी के शिष्य वकील साहेब डेरा जगमालवाली जिला सिरसा हरियाणा
Baat ek, firka alag kiyo.... Naam kiyo badla, kia bata sakte hai, jai guru dev, dhan dhan stguru tera aasra, anand parmanand, anand swami, ek mastana, 600 mastana,
साई मस्ताना की बहुत प्यारे शिष्य थे सावन शाह महाराज जी के।❤❤😊😊😊
❤f
0 no no@@realtipsofsuccess5801
गुरु राधा स्वामी आप के पड़ोस गाव से है ,डेरे पर कई बार आये लेकिन नाम दीक्षा का सन्जोग नही हो पाया ,वहीँ आप वाली बात पेसे से एक फौजी अलबेली जिंदगी ,लेकिन श्रद्धा सभी पीर फकीरो में और कर्म करने पर ,सदैव सेवा भावना ,देखो आगे कौन सी लाइन मिलेगी वृद्धावस्था में विचार है ,आप की शरण में अभी तो 2 से 4 वर्ष देश सेवा फिर जनता और संगत सेवा ,राधा स्वामी
मैं भी कोहाड़ गांव से हूं जो बिल्कुल dinod गांव के पास ही है सभी fakdo मे से सिर्फ आज एक ही सत्संग सही बचा है ओर वो है... राधास्वामी.. जेसा नाम वसे ही सतगुरु जी के विचार........ राधास्वामी दयाल की दया...
wqsew4kjc.
wqsew4kjc.
किरावड़
4:49 110 OK hu ❤❤😂
महाराज पूर्ण है
🙏
अपने मन कि बात खुल के बता दी
Jhuth matt bol
@@dharwindersandhu1654 🤣🤣🤣🤣🤣
Okay sach tu bol rahaa hai 😂😂😂😂😂😂😂😂
मौला मौला लाख पुकारे ,मौला हाथ ना आए
पानी पानी रटते रटते, प्यासा ही मर जाए
शब्दों से हम खेल रहे हैं, मायना हाथ न आए
बहुत अच्छा लगा आप का वीडियो दिनोद गुरु जी कुरुक्षेत्र से सेवादार जसबिनदर कोर
Radhaswami ji
Radhaswami
ਅ
radha swami maharaj ji ❤️❤️👍🙏🏾❤️❤️ very nice 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
RADHA SWAMI JEE Hajur JEE Malik mere AAP Hee sansar ke sache Satguru Hain malik RADHA SWAMI JEE
मेरे सच्चे सतगुर राधा स्वामी जी कोटि कोटि परणाम करता हु सतगुर जी मेरे दुख तकलीफ कट दो जी मेहर करो राधा स्वामी माहराज जी
0000000000000
कबीर कमाई आपणी कभी निष्फल ना जाए॥ चार युग बित जाए फिर मिलेगी आए॥ राधा स्वामी जी॥
Radha Soami ji .
M
गुरुग्रन्थ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कहा है कि -
“हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार।
नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक”
जिसका भावार्थ है कि हे कबीर परमेश्वर जी मैं नानक कह रहा हूँ कि मेरा उद्धार हो गया, मैं तो आपके सेवकों के चरणों की धूर तुल्य हूँ।
जब नानक जी ने देखा यह धाणक (जुलाहा) वही परमेश्वर है जिसके दर्शन सत्यलोक (सच्चखण्ड) में किए तथा बेई नदी पर हुए थे। वहाँ यह जिन्दा महात्मा के वेश में थे यहाँ धाणक (जुलाहे) के वेश में हैं। यह स्थान अनुसार अपना वेश बदल लेते हैं परन्तु स्वरूप (चेहरा) तो वही है। वही मोहिनी सूरत जो सच्चखण्ड में भी विराजमान था। वही करतार आज धाणक रूप में बैठा है। श्री नानक जी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आँखों में आँसू भर गए। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार।
जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार।
आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ।
दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ।
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ।
तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463)
भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
हिन्दू अति प्राचीन धर्म है, इसका दर्शन बहुत विशाल है। ये किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक आस्थाओं होती है, हिन्दुओं की मान्यताओं को अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है।
Radha swami ji 🙏🙏🙏🙏 sat sat Naman dada swami ji Maharaj ko
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति महाराज जी की जीवन गाथा भी हमारे जैसे आम आदमी पर ही थी धन्य हो गुरु जी आप ने मेरी आंखे खोल दी और यही सवाल मेरे भी थे जो आप के मुख से सुने मुझे अच्छा लगा देखते आगे आगे होता है क्या में भी अभी अभी आया हु इस दुनिया में जय श्री राधा स्वामी जी महाराज जय श्री नीम करोली महाराज जी जय श्री राम ❤
Radhaswami ji 🙏🌺 koti koti Naman satguruji 🙏🙏🌹 Mera pyare data Malik apki kripa hai satguruji 🙏🙏🌹🌹 Mere pyare malik 🙏🌺 Radhaswami ji 🙏🌺
Very grateful for us we are lucky Maharaj Ji
Sacche gur ki yahi pehchan hai, inme ahankaar nahi hota, guruji ko shat shat pranaam
Radha Soami ji
Radha Soami shabad very beautiful meaning
वाह संत जी जो दूसरों को बुरा लगे वो बराई है ।
क्या शिक्षा है ९आपने सुना तो होगा कि भक्त और
जगत का बैर होता है क्यूकि जगत को भक्त की
हर बात बुरी लगती है तो आपकी शिक्षा है कि जो
दूसरो को बुरा लगे वो बुराइ तो भक्त की तो हर
बात बुरी ।ऐसे ऐसे संत हैं देश में । ये कर देंगे
कल्याण ।
Tere kya dikat h aa gyi ....ek baat k kai answer hote h ...akag alag tarike se bola ja skta h alag alag definition or point of view hota h .....tum vo gandi nali k kide ho jo achai me bhi burai ko dhondhte ho .... kitni achi baat btai vo to tune nhi apnaya buri baat ko bhut jalti captured kr liya
1.कालपाल बेसक दारू पियो, क्यौं शिव दाल पिया होक्का!
बुक्की मै तो भूत दिखा, कालपाल, बना जिंदा प्रेत अनोखा!!
2. गरीब दास का ज्ञान गाया, धर्मदास को तूं समझ ना पाया!
गरीब आया यूगों बाद, धर्म दास संगी, हाल बताया!!
कबीर साहेब आया बदीं छुटाने,
काल पाल खुद बदीं घर में पाया!
सभी संत कैद नहीं जाते, सभी कैदी संत नहिं होते!
ये तो है काल अवतारी, जिसने अपनी जेल को पुजवाया!!
जेल लोक तेरा सतलोक, तेरा वही से आया ज्ञान!
भोले जीव समझले, कबीर काल एक हुये कहीं ना मिले परमान!!
अब सोचो, जय बदीं घर वाले की या बदीं छोड की..
आप तय करो....
मौज है मेरे दाता की राधा स्वामी जी
🔥🙏 राधा स्वामी जी ़ वाह जी वाह बहुत आनंद आया बाबा जी का इंटरव्यू सुन कर के मन खुश हुआ और थोड़ी हंसी भी आई बाबा जी हंसमुख हंसते हुए जवाब देते हैं यान का अपनापन मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं खुद नामधारी हूं राधा स्वामी मैं अच्छी तरह से समझता हूं ईस मत को धन्यवाद
ये बाबा 1 भालू सरदार ह जो हिन्दुओ को उनके धर्म से भटका रहा ह ,ये बोलता ह की भगवानविष्णु शिव और ब्रह्माजी से ऊपर भी कोई ह ह न तो ये मूर्ति पूजा करने देते न हवन कथायें करने देते न हमारे देव पितरो को पूजने देते सही पूछो तो इसे खुद ज्ञान की जरूरत ह इसे श्रीमदभागवत गीता पढ़ाओ तब इसको अक्ल आ जाएगी 101% लिख के देता हूं
आप बात तो श्रीमदभागवत की कर रहे हों बड़ा ज्ञान बाट रहे हो आपको बोलने की तमीज अभी तक नहीं आयी किसी की भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं चाहिए
और रहीं बात मूर्ति पूजा की एक भी एसा सत्संग दिखा दो जिस मे गुरु महाराज ने ये बोला है कि मूर्ति पूजा को छोड़ दो एक गुरुमुख को जब उसकी मंजिल मिल जाती है तो वो सच्चाई से वाकिफ हो जाता है और वो खुद अपना रास्ता चुनता है संतमत का
सतगुरु के बिना ना कभी उधार हुआ है ना कभी होगा 🙏🙏♥️
Sat sat naman satguru ji radhaswami dayal ki daya radhaswami ji
Radha Swami to all and Jagdeep jee and maharaj jee
Radha swami ji mere Aradhya tera hi aasra
Aise maharaj ji kahin nhi mil skte radha Swami guru g
Omshanti Mere ShivBaba ShukriyaBaba Shukriya Thanks Bk Shreya Didi Thanks Bk Shiwaniji दिदी धन्यवाद स्वामी जी. श्री गुरूदेव माऊली.
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465)
भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Radhaswami Ji. 🙏🙏🙏🙏
Radhaswami ji mere khuda mere mharaji
ज्ञान का भंडार है हमारा गुरु जी राधा स्वामी जी
Radha soami Guru ji mai aap ka satsang jo 12. Baje noon me aata hai sunte the bara aanand. Aata. Bahut sunder simple, ata aap ki dya bane rahe Radha soami
Lpl
Radha swami mere jinda khuda 🙏🙏♥️♥️😍😍😍hmesha apne chran kmal me rakhiyo mere prbhoo 🙇♀️🙇♀️
Radha swami ji Maharaj ji mere.malik radha swami ji 🙏🏽🙏🏽❤❤🌹🌹💟💟
प्रमआत्मा कि कृप्या सभी पर बनी रहे |
#हरिॐ
राधा स्वामी जी सतगुरु महाराज जी
Radha swami guru ji and all of you
Radha swami guru ji mere bete par dya mehar kro jo use jail se mukt kra do
Radha Swami ji mere Maharaj Ji 🙏🙏🙏
Radha Soami ji ❤️ love from Punjab
राधास्वामी जी
Radha Naam Jo tha vah shivdayal Singh ki patni ka naam tha isliye usko bolate the pyar se Radha Swami yah koi Bhagwan ka naam nahin hai
राधा स्वामी जी बहुत बढ़िया जानकारी मिली
Hy ji jinda khuda dikhou jila bhiwani gam dinode me mere malik. Kanwar ji mharaj Radha swami mharaj ji.. From Punjab
Jo parmta hame nahi de sakte vo SATGURU pal me de sakte hain. Radha Swami ji. 🙏🙏
बहुत बहुत अच्छी बात कही आप ने राधा स्वामी🌹🌹🌷💐🌺🙏🙏🍒🍒🍒🍒🍒🙏
केलंगा में जब आपकी पोस्टिंग थी तब हमारे बाबा लखपत सिंह s/o कूमन सिंह हाई स्कूल के पास बाग में आप रहे , और वहा भी खूब ड्रिंक की बाकी आज इतने बड़े संत हो भग्ती में बल है।
आज पूरे संसार में प्रकाश फैला रहे हो ।।
जय हो आपकी ।
राधे राधे।।
Radha Swami Maharaj ji 🙏🏻🙏🏻
Pagal bna rhe h
Radha swami ji very nice video sukar he Malik ka kush raho veer me punjab se hu
Radha swami ji
अच्छा इंटरव्यू।प्रेरक आथ्यात्भिक विषय पर।
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार।
जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार।
आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ।
दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ।
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ।
तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463)
भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465)
भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
बहुत सुन्दर
राधा स्वामी के बारे में जानकारी
प्रदान करने के लिए
बिलारी छ•ग•
Good interview राधास्वामी जी
मेरे ख्याल से ये आपका आज तक का सबसे अच्छा इंटरव्यू है जगदीप भाई जी।
"ANAND AA GAYA GURU JI KI BATON ME" ❤🙏❤
Right 😊
भाई साहब आज तक की सब से अच्छी वीडियो ह यह आप की,,, यह आम इंसान नही मालिक ही ह और वीडियो इनका हो तो लिंक देना नही ह तो और बनाओ
जय हो ताराचंद महाराज की जय
Radha swami ji satguru Mehar kro 🙏
राधा स्वामी जी॥ सत्तगुरु दया करे तो कागा से हंस बना दे॥ सत्तगुरु मेहर करे तो कागा से हंस बना दे॥ राधा स्वामी जी॥ पहले ये मन काग था॥ करता जीवन अघात॥ अब तो ये हंसा भैया चून चून मोती खात॥ राधा स्वामी जी॥
मौज करदी मालिक ने जो दिया राधा स्वामी नाम जिससे मिले निजधाम राधा स्वामी जी
050884a
जय जय कार करनेवाले गधे नहीं जानते क्या हैं राधास्वामी? और इसके पीछे का घृणित इतिहास😊
@@monurana4291 w
Radha soami ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bhout bhout dhanyawad guru ji ap ne bhout ache se sb ko achi bate btao🙏🙏🙏
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465)
भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Radha swami mere data 🤲🤲🙇🏼♀🙇🏼♀
M।
Abr
Jagdeep bhai ki ya sabse best vdo lagi
Rada Soami Ji Maharaj dono hath jodkar Naman ji bhut he piyri bate sunai aapne dil ko bahut Shanti mili Radha Soami Ji
Shri Sadguru Je Ka Charno Me Dono Hath Jode Kar Kote Kote Parnam
Radha swami j Radha swami j baba ji🌹🌹🌹 🙏🙏🙏
Radhaswami Ji mere maalik Ji. Radhaswami Ji. 🙏🙏🙏🙏
i know it's kinda randomly asking but does anyone know a good website to watch newly released movies online ?
@Nicolas Abraham lately I have been using Flixzone. You can find it by googling =)
@Khalid Frank yea, I have been watching on flixzone for months myself :)
@Khalid Frank Thanks, I went there and it seems like a nice service :D I really appreciate it!
@Nicolas Abraham glad I could help :)
बहुत अच्छा ज्ञान कि बातें बताई श्री महाराज जी ने सर्व जगत् रचियता नारायण शवामी हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण ऊं नासवान नारायण र ही सब कुछ रचना रचायी संसार की हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण आत्मा में परमात्मा है यही नारायण है नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण
Radha Swami 🙏🙏
Hare karishna 🙏
Jai shree ram🙏
Om namah shivay
Shree madbhagvat geeta se bda koi guru nhi
You are right sir ji
Shri Madbhagwat geeta ke bina koi
Guru ho hi nahi sakta
Shabad ka abhyas karo
Radha Swami ji bhut bahut hi achhi bahut hi Dhanya hain aap jo itna samay Guru ji ke sath bita lete hain aapki kamai mein Barkat Ho hogi inke sath jitne bhi interview honge aapke jitni bhi meeting hogi
जब लग गुरु मिले ना सांचा, तब लग गुरु करो दस पांचा।
इस प्रथ्वी पर संत रामपाल जी महाराज ही वही गुरु है जो सतलोक सचखंड पहुंचा सकते है।
सत साहेब 🙏🙏
Purani photo, videos par na karo viswasa, guru hajir ke ban jaao dasa,
jiska kaal ki jail ka na ho wasa, jo markar fer ,na kare garantho ka nasa.,
Jo puri pade wo khasa, 5ke6mai, adura pad na karo gayan ka nasa,
Sukar hai s sarir Kabir ji hazir nahi, kahta oho huuu tera bhala ho ,yo ke kar raha s rasa..
Radha swami ji🙏🙏
राधा स्वामी सतगुरु महाराज को कोटि कोटि नमन
गूरू जी नै बहूत अछा गयान दीया
Radha swami dayal ki daya Radha swami sahay Radha swami ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
RadhaSwami Maharaj Ji⚘⚘🙏🙏
Bhut bdia Maharaj ji me radha Soami Ji kanaam lena chahtii hu but issme chatai bhut karte h hmara poora parivar Radha Soami h
Dhany ho gurudev ji..aap ji..
Radha swami ji.🙏🙏🙏
Bohat bhaagi interviewer hai jo itne din sant ke darshan huye....
Radha swami
Ji bilkul interviewer bohut bhagyashali h
Ji bilkul interviewer bohut bhagyashali h
Deepika ji radha swami satsang vyas unhi ki branch hai kya ye
@@vikaramkumar3805 nhi bhai unki nhi h ye
@@arpanakamboj6787 Arpana ji aap bhi isi dere me jaate ho kya
Mere guru dev Radha swami mharaj. From Punjab 😭😭😭😭😭😭😭😭bhut pyar ave tharu
Radha Swami ji
Radha swami ji🙏
Radha swami ji mere pyare satguru ji 🙏🙏
Radha swami g 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radha swami guru ji 🙏
Radha swami maharaj ji bhut achha lga sunn kr
Good sister
Jai ho radha Swami adhia swere pauaa shaami dopehre beer mil je tan badi meharbaani.
राधास्वामी धन्य धन्य
Radha Swami ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radha swami satuguru ji
आत्माएं काल के चक्र में कैसे फंसी?
पवित्र सद्ग्रन्थों में दिये प्रमाण के अनुसार प्रत्येक प्राणी का सच्चा घर सतलोक ही है। हालाँकि, हम सभी की गलतियों के कारण हम काल के जाल में फंस जाते हैं। जब काल सतलोक में तपस्या कर रहा था, तो हमारे पिता भगवान कबीर की चेतावनी देने के बावजूद आत्माएँ उसकी ओर आकर्षित थीं। फिर काल ने अपनी तपस्या के बदले में सर्वशक्तिमान ईश्वर से आत्माओं को मांगा और जो आत्माएं पहले से ही उसकी ओर आकर्षित थीं, उनकी सहमति से वे काल की दुनिया में फंस गईं और दिन-रात कष्ट उठा रही हैं।
Baba ji bahut badiya interview ha
Radha Swami Maharaj ji
Radhaswami ji🙏🙏🙏🌹
Nice interview
🙏🙏 राधा स्वामी मेरे मालिक के चरणो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Gjb interview👍👍
Radhaswami ji
यह सब धन पद वाले लोग हैं,,,,संत महात्मा आदि नहीं है जय श्री राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा,,, घूस लेना और दान लेना,,,संत को धन आश्रम चेलों से क्या लाभ,,,जो भगवान का,,,, जय श्री राधे कृष्णा राधे राधे कृष्णा जय हिन्द
So sweet
Radha Swami mere Malik 🙏🙏hmare upr bhi dya krna mere malik aapke charno me koti koti Nmn 🙏🙏
राधा स्वामीकोटि कोटिनमन सतगुरू महाराज