ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना मंत्र अर्थ गायन सहित

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  • เผยแพร่เมื่อ 16 พ.ค. 2020
  • #वन्दन #किर्तन #स्तुति #ध्यान #योग

ความคิดเห็น • 40

  • @vktyagi9038
    @vktyagi9038 3 หลายเดือนก่อน +3

    Vedic dharam ki jai ho

  • @VinodKumar-do8mu
    @VinodKumar-do8mu 6 หลายเดือนก่อน +5

    वैदिक सनातन धर्म की जय हो

  • @rajubawa4372
    @rajubawa4372 7 หลายเดือนก่อน +4

    ओम् जय आर्यावर्त

  • @SatishKumar-wf1mu
    @SatishKumar-wf1mu 3 หลายเดือนก่อน +3

    पक्षी भी उपासना कर रहे है,,,, सभी को नमन,,,,,, सतीश कुमार आर्य, वैदिक पथ

  • @user-dv4lr2ii9n
    @user-dv4lr2ii9n 5 หลายเดือนก่อน +3

    ओउम् ओउम् ओउम् ओउम् ओउम् नमो नारायण स्वामी जी भगवान कोटी कोटी नमन करते हैं 🎉🎉🎉🎉🎉 अति उत्तम कार्य है जय श्री राम जय श्री कृष्णा हर हर महादेव जी ओउम् साष्टांग दंडवत बारम्बार प्रणाम।

    • @prasannkumari1088
      @prasannkumari1088 หลายเดือนก่อน

      🎉 बहुत सुंदर संध्या की आपने बहुत बहुत धन्यवाद❤

  • @neelamrana8198
    @neelamrana8198 2 หลายเดือนก่อน

    Vadic dharm kee jai maharishi dayanand sarswati jee kee jai

  • @yugaditya4768
    @yugaditya4768 6 หลายเดือนก่อน +4

    ओ३म् यज्ञों विश्वे भुवनस्य नाभि!

  • @PankajKumar-iy9pf
    @PankajKumar-iy9pf 3 หลายเดือนก่อน

    Oooooouuuuuummmm

  • @ramkishorarya1141
    @ramkishorarya1141 หลายเดือนก่อน

    अतिश्रेष्ठ संकलन

  • @kesavarya1135
    @kesavarya1135 9 วันที่ผ่านมา +1

    Kon sa gurukul ha vhai

  • @rekhaarya6764
    @rekhaarya6764 ปีที่แล้ว +3

    Bahut sunder 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @budhpuriya4734
    @budhpuriya4734 2 ปีที่แล้ว +4

    जय हो जय हो

  • @navinchandra4032
    @navinchandra4032 8 หลายเดือนก่อน +3

    गुरुकुल के ब्रह्मचारियों को नमन...,🙏🙏🙏

  • @user-xi3ew5qr5h
    @user-xi3ew5qr5h ปีที่แล้ว +4

    यज्ञ श्रेष्ठ कार्य

  • @AkshiClasses
    @AkshiClasses 2 ปีที่แล้ว +4

    सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय

  • @SatishKumar-wf1mu
    @SatishKumar-wf1mu 5 หลายเดือนก่อน +3

    ब्रह्मचारियो को शत् शत् नमन,, यज्ञ भगवान की जय,,,,,,, सतीश कुमार आर्य,, वैदिक पथ

    • @Puratanvedicbharat
      @Puratanvedicbharat  3 หลายเดือนก่อน

      बहुत -बहुत धन्यवाद जी

  • @azadsingharyachhillar5381
    @azadsingharyachhillar5381 ปีที่แล้ว +2

    बहुत ही सुन्दर

  • @simpleyoga9024
    @simpleyoga9024 7 หลายเดือนก่อน +3

    धन्य है आप सभी

  • @shivdutt7215
    @shivdutt7215 ปีที่แล้ว +2

    ऊँ

  • @rajpalsingh7423
    @rajpalsingh7423 2 ปีที่แล้ว +4

    ओउम् जी 🙏🏻🙏🏻
    बहुत सुंदर 🙏🏻👍

  • @user-le7rx3wf3o
    @user-le7rx3wf3o 2 หลายเดือนก่อน

    Namasti

  • @girisharya9170
    @girisharya9170 7 หลายเดือนก่อน +1

    ओ ३ म् सादर नमस्ते जी

  • @Om-vs9zc
    @Om-vs9zc ปีที่แล้ว +3

    नमस्ते आर्य जी

  • @PankajKumar-iy9pf
    @PankajKumar-iy9pf 3 หลายเดือนก่อน

    O....u....m...

  • @samirdave9935
    @samirdave9935 6 หลายเดือนก่อน +2

    बहुत सुंदर स्तुति। इस में प्रार्थना है और ईश्वर का गुणगान किया है। ये प्रार्थना और मंत्र लेखित में कहां से मील सकता है?..I want it...

    • @SatishKumar-wf1mu
      @SatishKumar-wf1mu 5 หลายเดือนก่อน +1

      दैनिक यज्ञ पुस्तक में मिल जाएंगा,,,,,, सतीश कुमार आर्य,, वैदिक पथ

    • @Puratanvedicbharat
      @Puratanvedicbharat  5 หลายเดือนก่อน

      ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना मंत्र व भावार्थ-
      १. ओ३म् विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव।
      यद् भद्रं तन्न आसुव।। यजुर्वेद-३०.३
      तू सर्वेश सकल सुखदाता शुद्धस्वरूप विधाता है।
      उसके कष्ट नष्ट हो जाते
      शरण तेरी जो आता है।।
      सारे दुर्गुण दुर्व्यसनों से
      हमको नाथ बचा लीजै।
      मंगलमय गुण कर्म पदार्थ
      प्रेम सिन्धु हमको दीजै
      २.ओ३म् हिरण्यगर्भः समवर्त्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत्। स दाधार पृथिवीं द्यामुतेमां कस्मै देवाय हविषा विधेम।। यजुर्वेद-१३.४
      तू स्वयं प्रकाशक सुचेतन, सुखस्वरूप त्राता है
      सूर्य चन्द्र लोकादिक को तो तू रचता और टिकाता है।।
      पहिले था अब भी तू ही है
      घट-घट में व्यापक स्वामी।
      योग, भक्ति, तप द्वारा तुझको,
      पावें हम अन्तर्यामी।।
      ३.ओ३म् य आत्मदा बलदा यस्य विश्व उपासते प्रशिषं यस्य देवाः। यस्यच्छायामृतं यस्य मृत्युः कस्मै देवाय हविषा विधेम।। यजुर्वेद-२५.१३
      तू आत्मज्ञान बल दाता,
      सुयश विज्ञजन गाते हैं।
      तेरी चरण-शरण में आकर, भवसागर तर जाते हैं।।
      तुझको जपना ही जीवन है,
      मरण तुझे विसराने में।
      मेरी सारी शक्ति लगे प्रभु,
      तुझसे लगन लगाने में।।
      ४. ओ३म् यः प्राणतो निमिषतो महित्वैक इद्राजा जगतो बभूव। य ईशेsअस्य द्विपदश्चतुश्पदः कस्मै देवाय हविषा विधेम।। यजुर्वेद-२६.३
      तूने अपनी अनुपम माया से
      जग ज्योति जगाई है।
      मनुज और पशुओं को रचकर
      निज महिमा प्रगटाई है।।
      अपने हृदय सिंहासन पर
      श्रद्धा से तुझे बिठाते हैं।
      भक्ति भाव की भेंटें लेकर
      शरण तुम्हारी आते हैं।।
      ५.ओ३म् येन द्यौरुग्रा पृथिवी च दृढा येन स्वः स्तभितं येन नाकः।। योsअन्तरिक्षे रजसो विमानः कस्मै देवाय हविषा विधेम।।
      यजुर्वेद -३२.६
      तारे रवि चन्द्रादि रचकर
      निज प्रकाश चमकाया है
      धरणी को धारण कर तूने
      कौशल अलख जगाया है।।
      तू ही विश्व-विधाता पोषक,
      तेरा ही हम ध्यान धरें।
      शुद्ध भाव से भगवन् तेरे
      भजनामृत का पान करें।।
      ६.ओ३म् प्रजापते न त्वदेतान्यन्यो विश्वा जातानि परिता बभूव। यत्कामास्ते जुहुमस्तन्नोsअस्तु वयं स्याम पतयो रयीणाम्।। ऋग्वेद-१०.१२१.१०
      तूझसे बडा न कोई जग में,
      सबमें तू ही समाया है।
      जड चेतन सब तेरी रचना,
      तुझमें आश्रय पाया है।।
      हे सर्वोपरि विभो! विश्व का
      तूने साज सजाया है।
      शक्ति भक्ति भरपूर दूजिए
      यही भक्त को भाया है
      ७.ओ३म् स नो बन्धुर्जनिता स विधाता धामानि वेद भुवनानि विश्वा। यत्र देवा अमृतमानशानास्तृतीये धामन्नध्यैरयन्त।।
      यजुर्वेद-३२.१०
      तू गुरु प्रजेश भी तू है,
      पाप-पुण्य फलदाता है।
      तू ही सखा बन्धु मम तू ही,
      तुझसे ही सब नाता है।।
      भक्तों को इस भव-बन्धन से,
      तू ही मुक्त कराता है
      तू है अज अद्वैत महाप्रभु
      सर्वकाल का ज्ञाता है।।
      ८. ओ३म् अग्ने नय सुपथा राये अस्मान् विश्वानि देव वयुनानि विद्वान्। युयोध्यस्मज्जुहुराणमेनो भूयिष्ठान्ते नम उक्तिं विधेम ।। यजुर्वेद -४०.१६
      तू स्वयं प्रकाश रूप प्रभो
      सबका सिरजनहार तू ही
      रसना निश दिन रटे तुम्हीं को,
      मन में बसना सदा तू ही।।
      कुटिल पाप से हमें बचाना
      भगवन् दीजै यही विशद वरदान।।

  • @KMLAL-qh8pg
    @KMLAL-qh8pg 2 ปีที่แล้ว +3

    Namaste

  • @sldhakerjgd
    @sldhakerjgd 6 หลายเดือนก่อน +2

    क्या कोई बताएगा
    सत् चित् आनंद ---सर्वाधार सर्वान्तर यामि
    इसके बीच में क्या उच्चारण किया गया है
    🙏🏾

    • @Puratanvedicbharat
      @Puratanvedicbharat  5 หลายเดือนก่อน

      नमस्ते जी!ये आर्य समाज के द्वितीय नियम से है

    • @Puratanvedicbharat
      @Puratanvedicbharat  5 หลายเดือนก่อน

      ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनंत, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वांतर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करने योग्य है।

  • @navinchandra4032
    @navinchandra4032 8 หลายเดือนก่อน +2

    गुरुकुल के ब्रह्मचारियों को नमन...,🙏🙏🙏