पेड़ से पत्ते पुराने झड़ रहे हैं, कोपलों के मुस्कुराने का समय है। नवगीत गाने का समय है।सुरेंद्र दुबे

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 7

  • @sanjaysharmasaras5625
    @sanjaysharmasaras5625 5 ปีที่แล้ว +3

    #गीत_चाँदनी# ही सूनी हो गई आपके बिना भैया....💐😢💐

  • @ayurvedauraaharswasthjeeva9461
    @ayurvedauraaharswasthjeeva9461 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत सुंदर प्रस्तुति।
    सृष्टि चक्र

  • @bhikamjangid11a48
    @bhikamjangid11a48 6 ปีที่แล้ว +3

    रोना आ रहा है मुझे

  • @MANISH15033
    @MANISH15033 ปีที่แล้ว

    Bahut Sundar geet

  • @Sunitaakamboj
    @Sunitaakamboj 8 ปีที่แล้ว +4

    वाह बहुत शानदार प्रतुति

    • @bhikamjangid11a48
      @bhikamjangid11a48 6 ปีที่แล้ว +1

      sunita kamboj आदरणिया जी ये गीत हमने इनकी श्रद्धांजली सभा मे सुना तो उस समय भी रोना आगया और आज भी आ रहा है