कभी न हंसने वाले, यह कविता सुनकर हंसी नहीं रोक पाएंगे | Ramesh Muskan | Jashn e Poetry
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- เผยแพร่เมื่อ 2 ม.ค. 2024
- कभी न हंसने वाले
यह कविता सुनकर हंसी नहीं रोक पाएंगे
@RameshMuskanOfficial
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हम हमारे संत महात्माओ का अपमान करके, कभी भी महान नहीं बन सकते, क्योंकि आपके इस प्रकार के बेहूदे शब्दों को बहुत कम लोग ही सुनना चाहेंगे और आगे आने वाले समय में तो कभी भी नहीं। और एक सबसे बड़ी चुनौती मैं आपके सामने रखते हूं कि यदि आप में हिम्मत (और भद्दे शब्द आपके लिए नहीं लिखूंगा) है तो आप किसी दूसरे धर्म, मजहब वालों के संत महात्माओ के लिये ऐसे बोलकर दिखाओ तो तुरंत आपको मजा मिल सकता है। 😊😊😊
विक्रम जी अपने 100% सही कहा है काबिले तारीफ है इससे ज्यादा शब्द नहीं है मेरे पास
वाह ! बहुत मस्त 😂
Very nice 👍👍👍 तुका म्हणे तेथे पाहिजे जातीचे. कविता आत्मा को स्पर्श करती है. जय श्री राम कृष्ण हरी 🎉🎉🎉
कविता सामाजिक विकास और धार्मिक समरसता से ओतप्रोत होनी चाहिए। किसी के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित नही होना चाहिए। यथार्थ मे सोचिए।
Congratulations Thanks For Very Nice Video.
Bahut khoob.
बहुत खूब
गलत को गलत कहने का साहस उठाइए बहुत ही अच्छा
JanabRamesh Muskan sir, Aap ne Bharat ki TAHZEEB ko ZINDA rakhne ke koshish par bahut bahut SALAAM.
Excellent
Well
Kavi bhi majedaar hotai aaj Jaana.
Khatarnak
Thanks for the glamourous explosion hilariously . God bless you always .
Very nice video. Thanks
😮Verygood actio
Karna mujho maaf mai tumko pyar nahi de paunga ❤❤❤ Shandaar. Suprb
Sabpe bhari GURU JONGE
मैने कुमार विश्वास के कई कवि सम्मेलन की विडियो देखी । संचालन देखा है , पर कभी कभी लगता है कि कुमार को भी पद ,प्रतिष्ठा , प्राप्त होने वाली समृद्धि से स्वाभाविक होने वाली बिमारी बचते बचते लगी ़ही गई । गर्वोन्मत शब्दावली , चुभते व्यंग , रिंग मास्टर जैसी शारिरिक भावभंगिमा अखरने लगी है । कवि अच्छे है पर संयम बहुत जरूरी है