गुरुनानक, कबीर जैसे कई संतों ने नामस्मरण का समर्थन किया, तो वो भी ग़लत बोलकर लोगों को ठगते थे?tr
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- เผยแพร่เมื่อ 1 ธ.ค. 2021
- #ShyamManav #gurunanak #santkabir #Naamsmaran
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श्री शाम मानवजी आपको प्रणाम दंडवत 🚩🙏🚩 आपको खुप खुप धन्यवाद 👍👍🚩🙏🚩 राम कृष्ण हरि 🚩🙏🚩
बहुत सुंदर साहेब बंदगी3बार
छत्रपति शिवाजी महाराज को उनके अध्यात्मिक गुरू संत तुकाराम का उपदेश
तुमचे येर वित्त धन ते मज मृत्तिकेसमान
कंठी मिरवा तुळशी व्रत करा एकादशी
म्हणवा हरि चे दास तुका म्हणे हे ची माझी आस
Very nice a simple description of nam jao
Thnx a lot
Best sir u r right 💯
Shi baat
Great explanation🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🙏🙏🙏🙏. 😇😇😇
Welcome from Nepal Sir
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बहुत अच्छा सर जी
Correct n scientific explanation of naam sumiran .
Good Explanation ❤
Nice
Ye सबसे सही व्हिडिओ हे...this is correct video...but phir bhi shyam ji बाकी के व्हिडिओ maine dekhe usme अभ्यास की कमी हे...
Kanpur karouli sarkar ke bare mee sanshdhit kare
खुप सुंदर
Very good
Very nice
।। सत्यमेव जयते।। श्याम मानव जी, संसार की सबसे बड़ी समस्या है दो लोगों की आपस में एक-दूसरे से भिन्न भिन्न विचार का होना और इसका एक ही कारण समझ में आता है कि एक दूसरे को अपनी अपनी बात समझाने की कोशिश में लगे रहते हैं और यदि एक भी व्यक्ति समझने को तैयार हो जाएं तो दूसरा उसे समझा सकता है किन्तु कोई समझने को तैयार नहीं है हर व्यक्ति स्वयंभू गुरु है इसलिए हरि बोल जय श्रीराम प्रभु की लीला अपरंपार।। सत्यमेव जयते।।
सरजी, आप महान विद्वान हस्ती है । मेरा मानना है की ,अगर समाजमे परिवर्तन लाना है तो समाज के साथ जुडनेके लिए समाज जिस बात को मानता है उसकी बातोंका स्विकार करना होगा ताकी लोगोंको लगेकी यह अपने जैसाही व्यक्ती है। इसीका फायदा लेकर परिवर्तन करनेके लिए समाजमे घुसनेका यह एक तरीका है । औरभी गारुडीके जैसा लोगोंको एकट्ठा जमा करनेका एक तरीका इस्तेमाल किया गया है । समाजके मान्यताके खिलाफ जाना खतरेसे कम नही होता है ।
Karuli sarkar ( kanpur) ke bare me bhi ki koi video dale kyun ki pata nahi ak badi aabadi pata nahi kis Disha me le ja rahe hai logo Shayad koi disha mile
Akhir apne man hi liya ki bhagwan ke naam me takat hai
यहां बात हैल्थ की नहीं है, बात है रेशनल होने की, जो आपके सामने है उसको अपनी सहज बुद्धि के आधार पर समझ कर स्वीकार या अस्वीकार करना, ना की कोई सुनी सुनाई बात, परंपरा, रीति रिवाज, विचारधारा को ऐसे ही मान लेना
और इस आधार पर कोई संत महात्मा रेशनल की कैटेगरी में नहीं आता , भगवान को चाहे मूर्ती के रूप में मानो या किसी व्यक्ति या नाम के रूप में , उसे मानना ही कहते हैं और रेशनल व्यक्ति ऐसे ही कुछ नहीं मान लेता चाहे परंपरा, विचारधारा या श्रद्धा, विश्वास कुछ भी हो
बहुत से ऐसे लोग हैं जो नाम स्मरण या भगवान स्मरण किए बिना ध्यान, योग करते हुए परमशांति की स्थिति प्राप्त कर लेते हैं
इसलिए नाम स्मरण वाले लोग भी अमूर्त भगवान को मानते हैं, जो कि रेशनालिटी में नहीं आता
भगवान बुद्ध ने नाम स्मरण को गलत बताया है
M.K.Ganndhi was great maha tama.
अर्धवट ज्ञान। प्रत्येक गोष्ट hypnotism ला जोडलं कि झालं analysis। संत येडे होते म्हणायचे। नामस्मरणाने तुज आहे तुजपाशी असा अनुभव मिळतो। नामस्मरण हि नवविधा भक्तीपैकी एक आहे। भक्ती स्वतःला जाणून घेण्यासाठी करतात। गांधी तर रोज भजन करायचे।
Tibet madhe sir je rainbow body madhe transform honare monk hote kinva ahet te kitpat saty manave sir?
Please tibetian monk je rainbow body ani levitation kartat tyabaddal ek video please kara sir...te kharech hote deep meditation ni ki ajun kahi neuroscience tyat ahe he please sanga
आप सही हो सकते है.. पर आप ही सही हो सकते है ए जरूरी नहीं है
Sanatan ke alawa ese dusare dharm me na to ese burai najar aati aur na hi bolna aata hai..
Janta hai sanatni sahab shil hai
बिझनेस kaisa चल रहा आपका netsurf का😅
@@bhausahebmehere9854.बढ़िया. आप जानते हो इसके बारे में -?
अगर ईश्वर नहीं है तो कोई भी व्यक्ति कोई अच्छा करें या बुरा करें क्या तो फर्क पड़ता है बुरा करें तो इस समाज का क्या होगा और फिर आप क्या होगा
Shyam.No.Arth.Shmapt.Hotahe.Duniyako.Shmap.Nkro.Manvno.Virofhi.Danv.😮phela.Nam.Bhdlo.
सभी अच्छे हे सभी अच्छे थे बस खुद को जानो बाकी जो निन्दा करते उसके साथ मे खडे रहोगे तो मरोगे
Shyam Manavji,please read book "Rajyog " by Vivekananda.Your knowledge about Swami Vivekananda is very very limited.I think you read only that portion which fits in your line of thinking.You are requested to confront well read and studied persons like me.
आप एक बार कबीर सागर और गुरु ग्रंथ साहिब पढ़े और फिर बोलिए
विज्ञानाच्या पलिकडे ही एक शक्ती आहे, असे वैज्ञानिक दृष्टीकोन सांगतो. मग अंधश्रद्धा निर्मूलन पथक त्यानाही मुर्ख ठरवते, म्हणजे जगात हे एकटेच ज्ञानी.
syam manv ji ke guru cristchan hai Ye kiu Sanatani Dharm pe Bol rahe hai Bass Sanatani par , Barna Aabhi tak nare Lagne Lagte sar tan se juda sar tan se juda 😆 thoda aaram kariye sir
#a#
Kisi ko lag raha hai ye insaan bhagwan ko bura bhala bol raha hai to gali galoch mat karo....apane bhagwan itane kamjor nahi ki khud hisab na kar sake..😂
गांधी महात्मा नही था,
श्याम मानव जी आप तो आचार्य रजनीश के भी बाप निकले, वो भी तार्किक बातें करते करते धार्मिक अंध विश्वास और पाखंड का समर्थन करने लगता था वही काम आप भी कर रहे हैं। आप जानते हैं कि दुनिया में मूर्खों की कोई कमी नहीं है तथा ऐसे लोगों को कोई भी नया विचार सुनने को मिल जाता है तो चाहे वह विचार कितना भी गलत हो तब भी मूर्खों को यह लगने लगता है कि पता नहीं कौन सा ज्ञान का खजाना उनके हाथ लग गया। इससे मूर्खों को एहसास होने लगता है कि वे बहुत बड़े ज्ञानी हो गए हैं और वो इन विचारों की भरपूर प्रशंसा करने में लग जाते हैं, उनकी सोई हुई अंध भक्ति समुद्र की लहरों की तरह हिलोरें खाने लगती है। श्याम मानव जी आप स्वयं के लिए सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए लोगों को मानसिक बीमार बनाने की कोशिश ना करें क्योंकि समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा पहले से ही इस मानसिक बीमारी की चपेट में है, उस बीमारी का नाम है ईश्वर के प्रति अंधी आस्था। जिस किसी ने भी ईश्वर की आस्था का समर्थन किया है वह कोई भी हो, कितना भी बड़ा विद्वान हो, कितना भी बड़ा संत हो, कितना भी बड़ा महापुरुष हो मैं उसे पथभ्रष्टक मानता हूं। ऐसे संत महापुरुषों ने ही समाज का बेड़ा गर्क किया है। वही काम आप भी करने जा रहे हैं। आप दिखावा तो करते हैं रैशनल होने का लेकिन तार्किकता और रैशनलटी की आड़ लेकर ईश्वरीय अंधविश्वास का ही आप प्रचार कर रहे हैं। नोट - यदि किसी को मेरे कमेंट से कोई आपत्ति हो तो मुझ से कमेंट करके आपत्ती जता सकता है लेकिन सिर्फ सभ्य और शालीन भाषा का प्रयोग करके। यदि किसी ने आपत्तिजनक या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए कमेंट किया तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी बिल्कुल बखशा नहीं जाएगा।
Ghandhi koi mahatma nahi hai
गांधी जी एक राजनीतिक आदमी थे महात्मा नही
Sorry sir gandi jee ke bare me aap unko sant bol rahe he mahatma gandi political lider thhe
*the,
गांधी वर्ण व्यवस्था, जाति व्यवस्था के पोषक थे।
जो लोग निठल्ले होते हैं कोई काम नही होता या आलसी एवम कायर होते। वो खाली बैठने से अच्छा नाम जपते रहते है। कोई फायदा नही। ऐसा करने से केवल दिखावा समाज मे होता है। लोग उन्हें भक्त समझने लगते हैं उन पर विश्वास करने लगते हैं। ये फायदा होता है।
शायद आप को नाम इसमरण के अर्थ का पता बिल्कुल नही
क्यो की गांधी को पता था की भारत के सब मंदिर बुद्ध विहार है
right
Shyam manav confuse karta hi
नाम स्मरण गलत है... तथागत गौतम बुद्ध ने कभी नाम स्मरण करने को नही बताया है
कोहड़ा। बुद्ध ने तो बहुत कुछ नहीं बोला करने को। जो हगने के बाद हाथ पैर मुंह धुलते हो ना वो आचारेंदु में बताया है।
सबका मार्ग अलग होता है गांडू सब अपने मार्ग के बारे में बताएंगे ना कि किसी ओर के बारे। में
मा. बाबासाहेब कबीरदास. को गुरू मानते थे, कबीर तो नामस्मरण का पुरस्कार करते है, अगर हमे अलग तरहका ज्ञान मिलता है ईसका अर्थ यह नहीं है की दुसरोका अनुभव झुट है, दुसरोके आस्थाको झुटलाना सच्चाई नहीं है,@@pratham1147
you are belittling name chanting sir
लोकं काय येडी नाहीत, तुमचे तुम्ही बघा,काही तरी काम धंदा करा, त्याचा फायदा होईल,
प्रोफ़ेसर तु जितना प्रैक्टिकल बनेगा ना उतना ही धर्म के क्षेत्र में फसेगा ओर जितना दिमाग लगाएगा उतना ही भगवान से दूर होगा वो तेरे साथ ऐसा खेल खेलेगा कि तुझे सोचने का मौका भी नही मिलेगा कब खेला हो गया 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Has mat pagli ... reality dikh nhi rhi tujhe
Ha ha ha 😂😂😂😂
Gandhi mahatma nahi hai.
तु शेंडीवाल डुक्कर दिसतोस 😂
@@shrinivaslali1तुझी सुंता झाली असन
मग गोडसे महात्मा आ हे का
Ye ganja kuch aata jata h nhi jis tark shastra ki bat krte h wo maharishi narad dwara pardat h
सच्चा और पूर्ण संत एक ही है संत रामपाल जी भगवान वो स्वंय कबीर है जो पूर्ण परमात्मा है और उनका विधान है नाम सुमरन बिना मोक्ष नहीं होता
ram pal 😂😂
usne tum jaise bhole logo ko Kabir se door kar diya
Rampal jail mei kya kar raha hai vo bahar nikal k jawab kyo nhi deta
तुम जैसे निच इंसान कहां मिलेगा
Wo sirf insaan Hain aur such ko bta rha hai.
भाइयों इसका जीवन व्यर्थ गया जैसा कि ओशो कहते थे यह सोचता ही रहा ऊपर नही उठ सका ओशो ने कहा था जो जितना दिमाग लगाएगा वो उतना परमात्मा से दूर होता जाएगा क्योंकि बुद्धि से परमात्मा को नही पाया जाता वो स्वयं बुद्धिमान है उसकी बुद्धिमता सागर समान है हम बूंद जितने है उसे केवल प्रेम वह सरलता से पाया जाता है उलटा नियम है क्योंकि ओशो अपनी पूरी बुद्धि लगा सुके थे बाद में ध्यान का रास्ता सुना और अधिक कठिनाई के बाद सफल हुए इन मूर्खो को कुछ पता नही है विज्ञान और किताबों में पड़े है और ओशो ने जितना पढ़ा यह 7 जन्म में भी नही पढ़ पायेगा तो जब इतना पढ़ने के बाद भी ओशो ने कहा परमात्मा तो है आत्मा भी है बस खुद जानो ओर किसीकी मत मानो यह ध्यान वगेरा सारी विधियां करता तो सफल होता यहाँ पर ज्ञान देने से क्या होगा टाइम पास है सब इसके हिसाब से सब महापुरुष गलत है यह आदमी छठिया गया है कोई भर्ती करो
Dusare dharm ke bare me bhi bola Karo ki sanatan me hi Kami najar aati hai tumhe
श्याम मानव जी इतना कुछ हिंदू धर्म के उपर बोलते हो कभी इस्लाम और क्रिश्चन बौध्द धर्म के उपर बोला करो
वो होशियार है, उसको मालूम है इस्लाम के बारे में कुछ बोलो तो ठोक देंगे
Nice
Shyam manav confuse karta hi