दुर्लभ उपनिषद/Durlbhopnisad/परम पूज्यपादश्री निखिलेश्वरानंद जी महाराज की वाणी में जिसके सुनने से...
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- เผยแพร่เมื่อ 5 เม.ย. 2024
- दुर्लभ उपनिषद/Durlbhopnisad/परम पूज्यपादश्री निखिलेश्वरानंद जी महाराज की वाणी में जिसके सुनने से....
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गुरुर्वै सदां पूर्ण मदैव तुल्यं
प्राणो वदार्यै वहितं सदैव।
चिन्त्यं विचिन्त्यं भव मेक रुपं
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं ।।
गुरुर्वै प्रपन्नार्तवैवां वदैवं
अत्योर्वतां वै प्रहितं सदैव।
देवोत्वमेव भवतं सहि चिन्त्य रुपं
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
सतं वै सदानं देवालयोवै
प्रातोर्भवेवै सहितं न दिर्घयै।
पूर्णतंपरांपूर्ण मदैव रुपं
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
अदोयं वदेवं चिन्त्यं (सहेतं)
पुर्वोत्त रुपं चरणं सदैयं।
आत्मो सतां पूर्ण मदैव चिन्त्यं
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
चैतन्य रुपं अपरं सदैव
प्राणोदवेवं चरणं सदैव।
सतीर्थो सदैवं भवतं वदैवं
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
चैतन्य रुपं भवतं सदैव,
ज्ञानोच्छवासं सहितं तदैव।
देवोत्त्थां पूर्ण मदैव शक्तीं,
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
न तातो वतान्यै न मातं न भ्रातं
न देहो वदान्यै पत्निर्वतेवं।
न जानामी वित्तं न वृत्ति न रुपं
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
त्वदियं त्वदेयं भवत्वं भवेयं,
चिन्त्यंविचिन्त्यं सहितं सदैव।
आर्तोनवातं भवमेक नित्यं,
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
अवतं सदेवं भवतं सदैवं,
ज्ञानं सदेवं चिन्त्यं सदैवं।
पूर्णं सदैवं अवतं सदैवं,
गुरुर्वै शरण्यं गुरुर्वै शरण्यं।।
Harharmahadevjaigurudevaapkokotikotivandan
Jai gurudev🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌺🌺🌺🌹🌹🌹🙏🙏🙏
jai sad gurudev
वाहे वाहे वाहे गुरु, मैं आपकी शरण में हूं
❤❤❤❤❤❤
ॐ श्री श्री श्री 1008 सदगुरुदेब कि जय
Devadhi Dev Pujya Gurudev Ji Ki Jai ❤
Om param tatvay naraynay gurubhyo nmh
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay gurudev🙏🙏
Jai SatGuruDeva Ji. 🙏