प्रीतम भाई जो आप ने भूकानून और सरकार के बारे मे बोला है बहुत अच्छी बात लगी मन कर रहा है कि आप को CM के दावे दार हो सकते हो जैसे आप ने बात कही आप को बहुत बहुत धन्यावाद प्रीतम भाई
जय हो देवभूमि उत्तराखंड जय हो उत्तराखंड जागर सम्राट बहुत बहुत शुभकामनाएं बधाई जय हो 🕉️🕉️🕉️🕉️❤️❤️❤️❤️😍😍😍😍💖💖💖💖☀️🌟💥✨🎈🎈🎈🎉🎊🎊🎉💞💞💞💞💞🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹👏👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐💐💐💐
गर्व की अनुभूति होती है जब आप इस तरह के परिवार से निकलकर विश्व स्तर पर अपना नाम बनाते हैं। आपने ढोल को एक नई पहचान दी है। इसके लिए आपका धन्यवाद। मगर क्या आपने कभी इस ढोल के पिछे के दर्द के बारे में बात की हैं। आप उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्होंने ढोल के पिछे बहुत शोहरत हासिल की हैं और ये शोहरत की धारा में बजगी समुधाय का दर्द बह गया है। आप बाजगी समुदाय के का चेहरा बन सकते थे मगर दुःख है की आपने अपने व्यक्तित्व को अभी इस स्तर तक ले गए ही नही की आप उनके दर्द का की भाषा बनते। आपके कार्यों के लिए आपको शत शत नमन मगर एक ओजी समुदय के होने के नाते आप उनके नेतृत्व नही बन पाए। आए दिन घटनाएं होती हैं की बाजागी समुदाय के किसी व्यक्ति को गाली दी जा रही है उदाहरण( घनसाली कांड जिसमे sc समुदाय के विधायक को डोम जैसे अपमानित करने वाले सब्दों से गाली दी गई) अभी हाल में ही (चमोली में बाजगी व्यक्ति की तबियत खराब थी वह ढोल बजाने नही जा पाया उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया) मगर दुःख हैं की आप फिर भी चुप रहे जब की आपको सब पता भी हैं। मगर आप कुछ कहना नही चाहते क्योंकि आपकी राजनितिक छबि, संगीत छबि, पर कोई प्रश्न चिह्न न उठा पाए। आप हमारा चेहरा हैं आपके पिछे जो चेहरे हैं उनके चेहरे का भी प्रतिनिधित्वा कीजिए आप से विशेष उम्मीद है आपका चेहरा अभी के लिए हम सब का चेहरा है। इस चेहरे को भी कभी कैमरा के सामने लाने की कृपा कीजिए। सादर प्रणाम
आप जिस सज्जन ने यह विस्तृत प्रतिक्रिया दी है,वास्तव में आपने हकीकत को बयाँ किया है,ऐसा कलाकार जिसकी ख्याति अपने प्रदेश में तो है ही विदेशों में तक भी है अब प्रश्न यह उठता है कि वह अपने कार्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक मंचों से समाज में क्या संदेश और शिक्षा दे रहा है ?या देना चाहता है? एक ऐसा कलाकार जिसका मंच एक विस्तृत मंच है और उसमें फैलाव है वह चाहे किसी भी समाज का हो उसे समाज में व्याप्त कुरीतियों,कुप्रथाओं को मिटाये जाने के सम्बन्ध में समाज में एक शिक्षाप्रद सन्देश देना चाहिये,लोगों का आवाह्न करना चाहिए और लोगों को वचनबद्ध करना चाहिए कि यदि आप सचमुच में मुझे और मेरी कला को प्रेम करते हैं और आप चाहते हैं कि मैं बार-बार आप लोगों के सम्मुख आपकी सेवामें आपके मनोरंजन के लिये उपस्थित होता रहूँ तो आपको समाज में व्याप्त कुरीतियों जिसमें छुआछूत,भेदभाव जातिवाद को मिटाने का संकल्प लेना चाहिये तो ऐसा नहीं कि लोग उनकी बात को मानने पर विवश न हों जायें कमी इस बात है कि इन कुरीतियों को मिटाये जाने हेतु कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक मंच पर नहीं बोल पा रहा है,प्रीतम जी जिस समाज के व्यक्ति हैं उस समाज के लोगों के साथ जनरल समाज के कतिपय लोगों द्वारा जो घृणित और अमानवीय व्यवहार किया जाता है उसके विरुद्ध सार्वजनिक मंचों पर अपने कार्यक्रम की शुरुआत करने से पूर्व आवश्यक रूप से जन सामान्य को इन कुरीतियों को मिटाये जाने हेतु संकल्प लेने का आवाह्न करना चाहिये।
I have been very critically listening yo your interviews and your other programs but I must say bhatt ji you are really making a difference. You kept your position very strongly as a patrakar.. Even if you have some personal beliefs but you are very professional and scientific approacg while interviewing. This what pahadi media should learn from him. We have to grow up.. Keep it up. I knw its challenging but i hope you will stick to the center point.
Uttrakhand ma Jo Human safety ko sabse last ma rakha jata h, chahe Char Dham yatra ho chahe mountaineering ho Chae or sabhi field ho Har jgah corruption h....❤❤❤
भरतवाण जी आप पहाड़ के बहुत बड़े गायक हो, लेकिन आपने आज तक किसी भी राजनीतिक दल के बारे में कोई भी गीत नहीं गाया,यह दुखद है, जेसे नेगी जी ने बहुत गाने गाए, भट्ट जी आपने भी एक भी सवाल नहीं पूछा
हमारे क्षेत्र थलीसैंण में हस्पतालों डाक्टर हैन सकुशल में टीचर हैं हमारी उत्तराखंड सरकार में जो भी शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री उनको हमारे चैथान से कोई मतलब नहीं है
जब ढोली देवताओं को उषाकाल में जगाने का काम करते थे उनको जगाया और उस संस्कृति को अभी तक जिंदा रख रहे है तभी इन जातियों के साथ इस हद तक भेदभाव होता था हुआ और हो रहा लेकिन आज के युग में सबसे ज्यादा होता है काश उत्तराखंड के लोग इन ढोल बजाने वालों का सम्मान करते तो आज उत्तराखंड के लोग उत्तराखंड आंदोलनकारी में भी नाम होता और कही भी देखो तो ढोल बजाने वाला कोई उत्तराखंड आंदोलनकारी नही है जबकि ढोल बजाने वाले की भूमिका अग्रणी में रहती है ।
श्रीमान...नरेंद्र सिंह नेगी जी के बिना गढ़वाल के लोक गायन का प्रॉडकास्ट मिथ्या है...मै प्रीतम जी का बहुत सम्मान करता हूं..लेकिन नेगी जी का जिक्र ना होना बहुत दुखदाई है... मेरी अवमानना है की नेगी जी हमारे लोक गायन के पितामह है....
प्रीतम भरतवाण जी आप को राजनीति मे आना चाहिए आप गैरसैण को राजधानी बनाने की बात करते है ऐसे जनप्रतिनिधि को उत्तराखंड की राजनीती मै संकिय होना चाहिए। . . उत्तराखंड उज्जवल भविष्य होगा. ......
जोशी जी से आग्रह है की कभी जब देवता नाराज हो जाते है तो उस समय क्या करना चाहिए क्यों की कभी जागर मे देव त नाराज हो जाते है वो अवतार ही नही लेते लेते है बस सिर्फ लोगो की सोच से आज देवता अवतार नही हो रहे
Jagar ka ek chapter Uttarakhand ke schools ke books mein hona chahiye taki hamri virasat ko pata chale aur jo daas hi bhawana samjhte honge unhe proud ho
@@junonegi btw am pursuing my master's degree what do u do I belong to uttrakhand so i wanted to write a paper nd have taken Indian English literature so would want to write about culture or rituals about Uttarakhand in which we can write about jagrin nd all That's why i asked here in the comments Thnks to you 🥰
😂😂😂😂 स्टूडियो में बैठकर पॉडकास्ट करके कुछ नहीं होने वाला सड़कों पर उतरना पड़ेगा और पत्रकारो मे सिर्फ राहुल कोटियाल जी गैरसैंण की बात करते हैं बाकी कोई भी पत्रकार ऐसा नहीं जो कभी गैरसैंण की बात करता हो। क्योंकि अपनी अपनी दुकान सब को चलानी है 😂😂😂😂
@@vijaypalsingh2379 सही कहा आपने पौड़ी गढ़वाल से बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो देश में कई उच्च पदों पर बैठे हैं। UK ki राजधानी पौड़ी गढ़वाल में होनी चाहिए ताकि पौड़ी गढ़वाल से पलायन भी रुक सके। और गैरसैंण में बने विधान सभा भवन को AIIMS hospital banaa Dena चाहिए। ताकि पहाड़ों में लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके ताकि लोगों को दूसरी जगह ना जाना पड़े ।
आज के समय देवो को तो पूछते है पर उस डोल को कही नही पूछते है जो इक दिखा सभी को की कैसे उन लोगो को गाऊँ से अलग कर दिया पूरे देश मे इक न्यूज़ बन गया इक छोटे परदेस की न्यूज़ उसे क्या बोले उनको जिन का हक नही
परमार जी की तरह मुख्यमंत्री कोई नहीं बन सकता है, उत्तराखंड में प्रवाण जादा हैं, सिर्फ खंडूरी जी ने अच्छा काम किया, भू कानून पर अंकुश लगाया, सस्ता मेडिकल कॉलेज बनाया, लोकपाल बिल बनाया परंतु जैसे ही दूसरी सरकार आई उन्होंने सब नियम खत्म कर दिये, जागो उत्तराखंड जागो
उत्तराखंड के सारे सिंगर देहरादून बसे हुए हैं कोई कंडोली कोईभंडारी बाग मैं सब को जानता हूं कौन कहां रहता है इस पर तो सिर्फ मीडिया में ही बात होती है पलायन तो सबसे पहले सिंगारे ने ही कियाहै
I can suggest some acaademic literature.. To start with you can go through Stefan Fiol's (whom Pritam sir mentioned) work on the Baddis. You can read his book "Recasting Folk in the Himalaya". "Dancing the self" by William Sax
Will u be able to tell exactly where these writers have talked about Uttarakhand's culture rituals or jagri ( of golu devta ) or help me what topics should i have to take for my paper to write like goludevta jagri or any culture Bcuz i haven't heard about baddis is there any other topic which can i take for my paper
@@junonegi plzz can be able to recognise.. Iam just focusing more on jagri or culture basically or more about some jatis ki kitney caste or jatis we have
@@Invisibleperson05 I am not sure if you have narrowed down on the exact topic or not. If you're still trying to finalise a topic, it's better to do a quick review and see which topic has more available sources. Use Google Scholar and type in your keywords related to whatever you are trying to find. It should help in leading you to some literature atleast.
प्रीतम सिंह भरतवाण जी बुरा लगेगा, लेकिन उत्तराखण्ड में जितना ये नेता जिम्मेदार है उससे कही ज्यादा तथाकथित पत्रकार, समाज के बड़े लोग जो बड़े हो गए हैं, वे भी अधिक जिम्मेदार है, उत्तराखण्ड में हरिद्वार, उधमसिंहनगर, देहरादून जिले सम्मिलित होने ही नहीं चाहिए थे, ये तीनों जिले उत्तराखण्ड के लिए अभिशाप है, पहाड़ों का विकास इन जिलों की वजह से खत्म हो गया है, अब तो पहाड़ में स्थित उच्च न्यायालय भी पहाड़ से हटने जा रहा है, क्या आपने या किसी भी पत्रकार ने इस का विरोध किया, गैरसैंण की बात तो बहुत दूर की है, उत्तराखण्ड के शाशको ने उत्तराखण्ड बनते ही हिमाचल प्रदेश का भू कानून स्थापित क्यो नही किया, बड़ी बड़ी बाते सब कर लेते हैं, चर्चाओं में आ जाते हैं, परन्तु अंदर खाने सरकारों की जी हजूरी करते है, सच बहुत कड़वा होता है, जिसे स्वीकार कर पाना हर किसी के बस की बात कही, मुझे एक इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज की रहने वाली महिला कर्मचारी ने धमकी दी कि उत्तराखंडी हो अपनी औकात में रहो हम उत्तराखण्ड की सारी सीमाएं सील कर देंगे, जब मैंने सुबोध उनियाल जी से इस की चर्चा की तो उन्होंने मंत्री होते हुए भी उस महिला की बातो का समर्थन किया, हमारे नेताओ की हैसियत क्या है इससे स्पष्ट होता है,
Log har ksi ko ek hi tolle pe tolne pe ku lge h smj nhi aa rha?? Har kesi ka apna alg field h or inka apna. Apne field me inhone maharat hasil ki h.. Lkin logo ko hajm nhi ho rha yha v unko kami nikalni h.. 🤦♂️🤦♂️
Negiji ko isliye nahin mila kyunki Negiji yeh do kaudi k netaon ki tarafdari nahin karte na karenge Negiji ko inke Padamvibhushan ki jarurat nahin hai Negiji Uttarakhand k logo k dil m hai ise bada Padamvibhushan kuch nahin ho sakta hai
आज तक हमारे उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को कोई भी अवार्ड नही मिला जो कि अवार्ड के सबसे उपयुक्त दावेदार थे, उन्हें सरकार तो कोई अवार्ड नही देगी लेकिन सभी उत्तराखण्डियों के दिल में वे राज करते हैं और करते रहेंगे, जो अवार्ड के काबिल नहीं थे उन्हें मिल गया, कुछ तो राज है।
Preetam da is better cultural representative then negi da Negi da ne khud ko promote kiya hai jabki preetam da ne garhwali culture jagar aur dhol ko duniya tak
हमारे प्रीतम भरतवाण संसार के 25 राष्टौ में हमारेउत्तराखंड संस्कृति का डंका बजाया है यह भारत के लिए सौभाग्य की बात है, प्रीतम भरतवाण ने उत्तराखंड की पहचान दिलाने के काम किया है ,शिव पुत्र ढोल को सात समुद्र पार ले गए वो खुद सरस्वती पुत्र है ,जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है
नेगी जी ने राजनीति और राजनीतिक लोगों के खिलाफ भी गाने गाए हैं इसलिए वे उनकी आंखों में खटकते हैं ये भी एक कारण है। सबकी अपनी अपनी पहचान है लेकिन नेगी जी के सामने बाकी सब बौने ही है।
Palayan ke mamle chahe Narendra singh negi ji ho ya pritam bhartwan ji ho aap dono ne sirf palayan ke gane Gaye hai khud toh un gano ko follow nhi Kiya hai ap dono bhi toh d.dun me hi shift ho gye ho ap dono ko khud pta ni chla hoga ki palayan ke gane gate gate khud dun kb pahuch gye. Khud toh gaon me raho phle tbhi toh dusro ko bol sktey ho
प्रीतम भर्तवाण भाई पद्मश्री भी हैं
और हमारे हृदयश्री भी हैं। गढ़वाल
की संस्कृति के उन्नायक हैं भाई प्रीतम भर्तवाण।
आपने हमारी संस्कृति को निरंतर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है 🙏🙏
Bhatt sir you are doing Amazing work.
Proud of you
Bhatt ji excellent work as always you do.Proud of you sir.
प्रीतम भाई जो आप ने भूकानून और सरकार के बारे मे बोला है बहुत अच्छी बात लगी मन कर रहा है कि आप को CM के दावे दार हो सकते हो जैसे आप ने बात कही आप को बहुत बहुत धन्यावाद प्रीतम भाई
माँ आदि पाराशक्ति का आश्रीवाद आप पर हमेशा बना रहे। जय माँ चंद्रबदनी जय माँ सुरकंडा
Thanks Bhat ji for this program me with Pritam Bharatwan ji really appreciated for his full knowledge in Jagran of all Devta of our religion
जय हो देवभूमि उत्तराखंड जय हो उत्तराखंड जागर सम्राट बहुत बहुत शुभकामनाएं बधाई जय हो 🕉️🕉️🕉️🕉️❤️❤️❤️❤️😍😍😍😍💖💖💖💖☀️🌟💥✨🎈🎈🎈🎉🎊🎊🎉💞💞💞💞💞🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹👏👏👏👏👏👏💐💐💐💐💐💐💐💐💐
एक बार फिर आपको सुन के अच्छा लगता है dr. साब आपकी बाते भी आपकी गीतों की तरह सरल है ❤❤❤
आदरणीय प्रीतम भरतवान जी और भट्ट जी को सादर प्रणाम आपकी वार्तालाप से बहुत जानकारी प्राप्त हुई .
Uttrakhand ke mahan lok gayak Doctor pritam bhartawan sangit ke मर्मज्ञ है
आदरणीय गढ़ रतन उत्तराखंड के संस्कृति के स्तभ हैं
प्रीतम जी भी विशुद्ध कलाकार हैं
शानदार 👍✌️🙏 जय मां नंदा भगवती 🪔 🌹 🙏 🙏 जय बद्री नारायण 🪔 🌹 🙏 🙏 जय देव भूमि उत्तराखंड 🪔🌹🙏🙏🙏
Jai devbhumi❤️🙏
Danya ho ese mahan kalakaar🙏
Jinke dhol me puri uttrkhand ki sanskrirti jalakti h..❤
बहुत अच्छी बात बोलि भरद्वाज जी न राजधानी उत्तराखण्ड गैरसैण ही होनी चाहिए
The legend of uttrakhand
गर्व की अनुभूति होती है जब आप इस तरह के परिवार से निकलकर विश्व स्तर पर अपना नाम बनाते हैं। आपने ढोल को एक नई पहचान दी है। इसके लिए आपका धन्यवाद। मगर क्या आपने कभी इस ढोल के पिछे के दर्द के बारे में बात की हैं। आप उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्होंने ढोल के पिछे बहुत शोहरत हासिल की हैं और ये शोहरत की धारा में बजगी समुधाय का दर्द बह गया है। आप बाजगी समुदाय के का चेहरा बन सकते थे मगर दुःख है की आपने अपने व्यक्तित्व को अभी इस स्तर तक ले गए ही नही की आप उनके दर्द का की भाषा बनते। आपके कार्यों के लिए आपको शत शत नमन मगर एक ओजी समुदय के होने के नाते आप उनके नेतृत्व नही बन पाए। आए दिन घटनाएं होती हैं की बाजागी समुदाय के किसी व्यक्ति को गाली दी जा रही है उदाहरण( घनसाली कांड जिसमे sc समुदाय के विधायक को डोम जैसे अपमानित करने वाले सब्दों से गाली दी गई) अभी हाल में ही (चमोली में बाजगी व्यक्ति की तबियत खराब थी वह ढोल बजाने नही जा पाया उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया) मगर दुःख हैं की आप फिर भी चुप रहे जब की आपको सब पता भी हैं। मगर आप कुछ कहना नही चाहते क्योंकि आपकी राजनितिक छबि, संगीत छबि, पर कोई प्रश्न चिह्न न उठा पाए। आप हमारा चेहरा हैं आपके पिछे जो चेहरे हैं उनके चेहरे का भी प्रतिनिधित्वा कीजिए आप से विशेष उम्मीद है आपका चेहरा अभी के लिए हम सब का चेहरा है। इस चेहरे को भी कभी कैमरा के सामने लाने की कृपा कीजिए। सादर प्रणाम
Kya aap bata sakte hain ki samajik stithi ke hisab se Kol kaha khade hote hai mai ye janna chahta hu please tell me
आप जिस सज्जन ने यह विस्तृत प्रतिक्रिया दी है,वास्तव में आपने हकीकत को बयाँ किया है,ऐसा कलाकार जिसकी ख्याति अपने प्रदेश में तो है ही विदेशों में तक भी है अब प्रश्न यह उठता है कि वह अपने कार्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक मंचों से समाज में क्या संदेश और शिक्षा दे रहा है ?या देना चाहता है? एक ऐसा कलाकार जिसका मंच एक विस्तृत मंच है और उसमें फैलाव है वह चाहे किसी भी समाज का हो उसे समाज में व्याप्त कुरीतियों,कुप्रथाओं को मिटाये जाने के सम्बन्ध में समाज में एक शिक्षाप्रद सन्देश देना चाहिये,लोगों का आवाह्न करना चाहिए और लोगों को वचनबद्ध करना चाहिए कि यदि आप सचमुच में मुझे और मेरी कला को प्रेम करते हैं और आप चाहते हैं कि मैं बार-बार आप लोगों के सम्मुख आपकी सेवामें आपके मनोरंजन के लिये उपस्थित होता रहूँ तो आपको समाज में व्याप्त कुरीतियों जिसमें छुआछूत,भेदभाव जातिवाद को मिटाने का संकल्प लेना चाहिये तो ऐसा नहीं कि लोग उनकी बात को मानने पर विवश न हों जायें कमी इस बात है कि इन कुरीतियों को मिटाये जाने हेतु कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक मंच पर नहीं बोल पा रहा है,प्रीतम जी जिस समाज के व्यक्ति हैं उस समाज के लोगों के साथ जनरल समाज के कतिपय लोगों द्वारा जो घृणित और अमानवीय व्यवहार किया जाता है उसके विरुद्ध सार्वजनिक मंचों पर अपने कार्यक्रम की शुरुआत करने से पूर्व आवश्यक रूप से जन सामान्य को इन कुरीतियों को मिटाये जाने हेतु संकल्प लेने का आवाह्न करना चाहिये।
आपके जैसा कोई नहीं बारम्बार प्रणाम
I have been very critically listening yo your interviews and your other programs but I must say bhatt ji you are really making a difference. You kept your position very strongly as a patrakar.. Even if you have some personal beliefs but you are very professional and scientific approacg while interviewing. This what pahadi media should learn from him. We have to grow up.. Keep it up. I knw its challenging but i hope you will stick to the center point.
प्रीतम भाई को प्रणाम आज काफी ज्ञान प्राप्त हुवा आपको सुन के🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut bahut aur acha bhartwan ji
गढ़वाल की सान पिरतम भरतवण इनके गाने सुनो तो मन आनंदित हो जाता है भट्ट जी
Bhut badhiya Gyan piritum ji ka ❤
Legend Pritam bharatvan❤❤❤
भट्ट जी भरतवाण जी व अन्य विद्वान लोगों पर ही उम्मीद है कि हमारी स्थायी राजधानी गैरसैंण बने तभी उत्तराखंड का विकास होगा पलायन रूकेगा रिवर्स पलायन होगा.
धन्यवाद भट्ट जी! धन्यवाद धन्यवाद।
Bahut sundar ❤
Uttrakhand ma Jo Human safety ko sabse last ma rakha jata h, chahe Char Dham yatra ho chahe mountaineering ho Chae or sabhi field ho Har jgah corruption h....❤❤❤
भरतवाण जी आप पहाड़ के बहुत बड़े गायक हो, लेकिन आपने आज तक किसी भी राजनीतिक दल के बारे में कोई भी गीत नहीं गाया,यह दुखद है, जेसे नेगी जी ने बहुत गाने गाए, भट्ट जी आपने भी एक भी सवाल नहीं पूछा
जय हो प्रितम दा 🙏🙏
सर उत्तराखंड सरकार को स्वास्थ्य और शिक्षा पर काम करने की बहुत जरूरत है
अगर उत्तराखंड में स्वास्थ्य और शिक्षा पर काम नहीं होगा तो पलायन नहीं रुकेगा
हमारे उत्तराखंड में स्वास्थ्य और शिक्षा में बहुत ही दुर्लभ समस्या है
हमारे क्षेत्र थलीसैंण में हस्पतालों डाक्टर हैन सकुशल में टीचर हैं हमारी उत्तराखंड सरकार में जो भी शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री उनको हमारे चैथान से कोई मतलब नहीं है
Legend 🙏
Legend 🙂
Very nice supb bht acha...
Bahut sundar ❤❤❤❤🎉🎉🎉
Bahut sundar ji ♥️
जब ढोली देवताओं को उषाकाल में जगाने का काम करते थे उनको जगाया और उस संस्कृति को अभी तक जिंदा रख रहे है तभी इन जातियों के साथ इस हद तक भेदभाव होता था हुआ और हो रहा लेकिन आज के युग में सबसे ज्यादा होता है काश उत्तराखंड के लोग इन ढोल बजाने वालों का सम्मान करते तो आज उत्तराखंड के लोग उत्तराखंड आंदोलनकारी में भी नाम होता और कही भी देखो तो ढोल बजाने वाला कोई उत्तराखंड आंदोलनकारी नही है जबकि ढोल बजाने वाले की भूमिका अग्रणी में रहती है ।
श्रीमान...नरेंद्र सिंह नेगी जी के बिना गढ़वाल के लोक गायन का प्रॉडकास्ट मिथ्या है...मै प्रीतम जी का बहुत सम्मान करता हूं..लेकिन नेगी जी का जिक्र ना होना बहुत दुखदाई है... मेरी अवमानना है की नेगी जी हमारे लोक गायन के पितामह है....
तुम पहले हिंदी लिखना पढ़ना सीखो..... तब किसी की तुलना करना
Yaha lokgayan ki baat ho hee nahi rahi aap pahle topic ko samjho
Very nice sir ji
🙏🙏 शानदार
Gairsain Rajdhani Honi chahiye❤❤❤❤❤❤❤❤
❤️❤️
B b❤ Bhatt bhartwan ❤❤❤❤❤
Sir Uttrakhand ma Jo corruption ho rha h uske upper bhi 1 podcast bnaye ❤❤❤
2.4. song kisi ne suna diya toh uk ke log ase khus ho jate h jase uk ka asa vikas ho gyaa ho
प्रीतम भरतवाण जी आप को राजनीति मे आना चाहिए आप गैरसैण को राजधानी बनाने की बात करते है ऐसे जनप्रतिनिधि को उत्तराखंड की राजनीती मै संकिय होना चाहिए। . .
उत्तराखंड उज्जवल भविष्य होगा. ......
जोशी जी से आग्रह है की कभी जब देवता नाराज हो जाते है तो उस समय क्या करना चाहिए क्यों की कभी जागर मे देव त नाराज हो जाते है वो अवतार ही नही लेते लेते है बस सिर्फ लोगो की सोच से आज देवता अवतार नही हो रहे
आज की सोच है 5 शुचि
Jagar ka ek chapter Uttarakhand ke schools ke books mein hona chahiye taki hamri virasat ko pata chale aur jo daas hi bhawana samjhte honge unhe proud ho
Bhai agr ye cheez school me b na ho na
Pr kl k din jo hmari pidi hmare bache unko hme sikhana h
I have read some papers of Stefan Fiol. He has actually done some brilliant work on the Baddis!
@@junonegi can u please able to explain what is actually baddis mean
@@Invisibleperson05 Baddi is a caste of performers in Uttarakhand
@@junonegi btw am pursuing my master's degree what do u do
I belong to uttrakhand so i wanted to write a paper nd have taken Indian English literature so would want to write about culture or rituals about Uttarakhand in which we can write about jagrin nd all
That's why i asked here in the comments
Thnks to you 🥰
@@Invisibleperson05 That's very good to hear! I'll be happy to help! All the best!
5 तत्त्व अदृश्य नहीं होते 🙏 अजन्मा कैसे होते है, 5 तत्व अगर जन्मते नहीं तो इंसान कैसे होते आने वाली पीढ़ी को ग़लत संदेश 🙏 बाक़ी तो ठीक है
भट्ट जी आपका बहुत बहुत आभार । उत्तराखंड की नई नई विभूतियों से आप मिलवाते रहते हैं और आपके माध्यम से हमे बहुत सारी जानकारियां मिलती रहती हैं।
😂😂😂😂 स्टूडियो में बैठकर पॉडकास्ट करके कुछ नहीं होने वाला सड़कों पर उतरना पड़ेगा और पत्रकारो मे सिर्फ राहुल कोटियाल जी गैरसैंण की बात करते हैं बाकी कोई भी पत्रकार ऐसा नहीं जो कभी गैरसैंण की बात करता हो। क्योंकि अपनी अपनी दुकान सब को चलानी है 😂😂😂😂
Uttarakhand ki Rajdhani Pauri Garhwal honi chaiye
😂@@vijaypalsingh2379
@@vijaypalsingh2379 सही कहा आपने पौड़ी गढ़वाल से बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो देश में कई उच्च पदों पर बैठे हैं। UK ki राजधानी पौड़ी गढ़वाल में होनी चाहिए ताकि पौड़ी गढ़वाल से पलायन भी रुक सके। और गैरसैंण में बने विधान सभा भवन को AIIMS hospital banaa Dena चाहिए। ताकि पहाड़ों में लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके ताकि लोगों को दूसरी जगह ना जाना पड़े ।
Pagal
@@sangeetabhatt-mj5sk 🙏🙏🙏
आज के समय देवो को तो पूछते है पर उस डोल को कही नही पूछते है जो इक दिखा सभी को की कैसे उन लोगो को गाऊँ से अलग कर दिया पूरे देश मे इक न्यूज़ बन गया इक छोटे परदेस की न्यूज़ उसे क्या बोले उनको जिन का हक नही
❤❤❤❤
🙏🙏
सर उत्तराखंड सरकार को गैरसैंण में राजधानी
❤.
Pritam ji , is there any book on Jagar compiled by you or any other book ? Plz guide
परमार जी की तरह मुख्यमंत्री कोई नहीं बन सकता है, उत्तराखंड में प्रवाण जादा हैं, सिर्फ खंडूरी जी ने अच्छा काम किया, भू कानून पर अंकुश लगाया, सस्ता मेडिकल कॉलेज बनाया, लोकपाल बिल बनाया परंतु जैसे ही दूसरी सरकार आई उन्होंने सब नियम खत्म कर दिये, जागो उत्तराखंड जागो
उत्तराखंड के सारे सिंगर देहरादून बसे हुए हैं कोई कंडोली कोईभंडारी बाग मैं सब को जानता हूं कौन कहां रहता है इस पर तो सिर्फ मीडिया में ही बात होती है पलायन तो सबसे पहले सिंगारे ने ही कियाहै
Nice
kuch interview gadwali mebhi bhasa me ho toh humare sab do ko jaan mile or hume acha lage
खण्डूड़ी जी आत्मा उत्तराखंड के cm
nmskar sir 👏👏
यह पॉडकास्ट नहीं बल्कि ढोलकास्ट है.
सायद तुम सिर्फ जगर् तक हो वो देख लिये आज
Could you help into this
Suggests any literature writer who talks about Uttarakhand's jagri and religion culture in books
I can suggest some acaademic literature.. To start with you can go through Stefan Fiol's (whom Pritam sir mentioned) work on the Baddis. You can read his book "Recasting Folk in the Himalaya".
"Dancing the self" by William Sax
@@junonegi thankyou so much for the reply nd help
I' ll search about it 🥰
Will u be able to tell exactly where these writers have talked about Uttarakhand's culture rituals or jagri ( of golu devta ) or help me what topics should i have to take for my paper to write like goludevta jagri or any culture
Bcuz i haven't heard about baddis is there any other topic which can i take for my paper
@@junonegi plzz can be able to recognise..
Iam just focusing more on jagri or culture basically or more about some jatis ki kitney caste or jatis we have
@@Invisibleperson05 I am not sure if you have narrowed down on the exact topic or not. If you're still trying to finalise a topic, it's better to do a quick review and see which topic has more available sources. Use Google Scholar and type in your keywords related to whatever you are trying to find. It should help in leading you to some literature atleast.
प्रीतम सिंह भरतवाण जी बुरा लगेगा, लेकिन उत्तराखण्ड में जितना ये नेता जिम्मेदार है उससे कही ज्यादा तथाकथित पत्रकार, समाज के बड़े लोग जो बड़े हो गए हैं, वे भी अधिक जिम्मेदार है, उत्तराखण्ड में हरिद्वार, उधमसिंहनगर, देहरादून जिले सम्मिलित होने ही नहीं चाहिए थे, ये तीनों जिले उत्तराखण्ड के लिए अभिशाप है, पहाड़ों का विकास इन जिलों की वजह से खत्म हो गया है, अब तो पहाड़ में स्थित उच्च न्यायालय भी पहाड़ से हटने जा रहा है, क्या आपने या किसी भी पत्रकार ने इस का विरोध किया, गैरसैंण की बात तो बहुत दूर की है, उत्तराखण्ड के शाशको ने उत्तराखण्ड बनते ही हिमाचल प्रदेश का भू कानून स्थापित क्यो नही किया, बड़ी बड़ी बाते सब कर लेते हैं, चर्चाओं में आ जाते हैं, परन्तु अंदर खाने सरकारों की जी हजूरी करते है, सच बहुत कड़वा होता है, जिसे स्वीकार कर पाना हर किसी के बस की बात कही, मुझे एक इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज की रहने वाली महिला कर्मचारी ने धमकी दी कि उत्तराखंडी हो अपनी औकात में रहो हम उत्तराखण्ड की सारी सीमाएं सील कर देंगे, जब मैंने सुबोध उनियाल जी से इस की चर्चा की तो उन्होंने मंत्री होते हुए भी उस महिला की बातो का समर्थन किया, हमारे नेताओ की हैसियत क्या है इससे स्पष्ट होता है,
समझाने वाले खुद देहरादून बसगीन और सणी अक्कल न सीकोणा
Hmare pahad bina pandat aur bina auji k adhura h auji to hmare sarir ka ang h
Jha tak mujko pata h bhai ji bahut bura din vi dekha kya ye sach h
Log har ksi ko ek hi tolle pe tolne pe ku lge h smj nhi aa rha??
Har kesi ka apna alg field h or inka apna. Apne field me inhone maharat hasil ki h..
Lkin logo ko hajm nhi ho rha yha v unko kami nikalni h..
🤦♂️🤦♂️
Negiji ko isliye nahin mila kyunki Negiji yeh do kaudi k netaon ki tarafdari nahin karte na karenge Negiji ko inke Padamvibhushan ki jarurat nahin hai Negiji Uttarakhand k logo k dil m hai ise bada Padamvibhushan kuch nahin ho sakta hai
Sir naam to bathao us beta ka
कोई कानू कैसे आता है उसका अदयंद नही आप का
आज तक हमारे उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को कोई भी अवार्ड नही मिला जो कि अवार्ड के सबसे उपयुक्त दावेदार थे, उन्हें सरकार तो कोई अवार्ड नही देगी लेकिन सभी उत्तराखण्डियों के दिल में वे राज करते हैं और करते रहेंगे, जो अवार्ड के काबिल नहीं थे उन्हें मिल गया, कुछ तो राज है।
Aap kaise bol sakte hai ki inko award nahi milna chaiye tha negi ji ko hi milna chaiye tha
iBisht ji kon awad ke kabil nahi hai
Preetam da is better cultural representative then negi da
Negi da ne khud ko promote kiya hai jabki preetam da ne garhwali culture jagar aur dhol ko duniya tak
हमारे प्रीतम भरतवाण संसार के 25 राष्टौ में हमारेउत्तराखंड संस्कृति का डंका बजाया है यह भारत के लिए सौभाग्य की बात है, प्रीतम भरतवाण ने उत्तराखंड की पहचान दिलाने के काम किया है ,शिव पुत्र ढोल को सात समुद्र पार ले गए वो खुद सरस्वती पुत्र है ,जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है
नेगी जी ने राजनीति और राजनीतिक लोगों के खिलाफ भी गाने गाए हैं इसलिए वे उनकी आंखों में खटकते हैं ये भी एक कारण है। सबकी अपनी अपनी पहचान है लेकिन नेगी जी के सामने बाकी सब बौने ही है।
Palayan ke mamle chahe Narendra singh negi ji ho ya pritam bhartwan ji ho aap dono ne sirf palayan ke gane Gaye hai khud toh un gano ko follow nhi Kiya hai ap dono bhi toh d.dun me hi shift ho gye ho ap dono ko khud pta ni chla hoga ki palayan ke gane gate gate khud dun kb pahuch gye.
Khud toh gaon me raho phle tbhi toh dusro ko bol sktey ho
Uttarakhand barbaad hai jab wahan k log wahan ka bolne m sharam karte hain
Ns Negi ji ko insay pehlay padam Shri mil jata agar wo Nochami Narenaa nai gate 😂
Etna juth