Maharshi Dayanand Saraswati's Traitvad | सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक में ब्रह्माण्ड की रचना
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- เผยแพร่เมื่อ 19 มิ.ย. 2024
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दोस्तों, आप सभी का Hyper Quest के एपिसोड नंबर 44 में स्वागत है। आज हम महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के त्रैतवाद को गहराई से समझने का प्रयास करेंगे। हम जानेंगे कि कौन से वैदिक मंत्र ऐसे हैं जिनसे हमें त्रैतवाद के संकेत मिलते हैं, और त्रैतवाद अन्य वेदान्तिक दर्शनों जैसे द्वैत, अद्वैत, विशिष्टाद्वैत दर्शनों से कैसे अलग है। इस विडियो में हम सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक के अष्टम समुल्लास में उपलब्ध मंत्रों और प्रश्नोत्तर को भी आपके समक्ष रखेंगे ।
Friends, welcome to Episode number 44 of Hyper Quest. Today, we will understand Maharishi Dayanand Saraswati's Traitvad in depth. We will learn the Vedic mantras from which we get indications of Traitvad and how Traitvad is different from other Vedantic philosophies like Dvaita, Advaita, and Vishishtadvaita. Also, we will present the mantras and debates from eigth Samullas of Satyarth Prakash book.
Research assisted by Sajal Sahay (@sajalreviews)
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𝗞𝗡𝗢𝗪 𝗔𝗕𝗢𝗨𝗧 𝗧𝗛𝗘 𝗛𝗢𝗦𝗧:
🙋♂️ Meet Vishal Chaurasia, the inquisitive host with a voracious appetite for knowledge! Graduating from IIT Patna in 2016, this bookworm has devoured over 250 captivating titles, exploring everything from popular science to religious philosophies. With an insatiable curiosity about the universe and the enigmatic concept of God, he's on a quest to unravel the secrets of existence. Let's join him on his Hyper Quest!
His Favourite Books: [English]
📘 Complete Works Of Swami Vivekananda: amzn.to/3is1oOc
📗 The Battle of Sanskrit by Rajiv Malhotra: amzn.to/3rAk6XY
📙 Patanjali Yoga Sutras by Swami Vivekanand: amzn.to/3Q7xRaO
📕 Astrophysics For People In A Hurry: amzn.to/3IyXT3d
📗 Physics and Philosophy: The Revolution in Modern Science: amzn.to/3QqAzqj
📘 Quantum Mechanics: The Theoretical Minimum: amzn.to/3jXXPj3
विशाल की प्रिय पुस्तकें: [हिंदी में]
📙 संस्कृत सीखे: संस्कृत स्वयं - शिक्षक [श्रीपद दामोदर सातवलेकर]: amzn.to/3rxM0UL
📘 स्वामी विवेकानंद जी का राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, और ज्ञान योग : amzn.to/3k55TPh
📗 स्वामी दयानंद सरस्वती जी की "सत्यार्थ प्रकाश" : amzn.to/3GxIMVb
📕 सेपियंस : मानव जाति का संक्षिप्त इतिहास : amzn.to/3QAvdZx
📗 गीता प्रेस द्वारा प्रमुख 11 उपनिषदों का सेट: amzn.to/3iy5PHb
📘 लघुसिध्दान्त कौमुदी [पाणिनि व्याकरण की प्रारंभिक शिक्षा ]: amzn.to/44tJhtR
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𝗖𝗛𝗔𝗣𝗧𝗘𝗥𝗦:
Intro: (0:00)
एकत्ववाद, द्वैतवाद, त्रैतवाद: (1:39)
त्रैतवाद के वैदिक प्रमाण: (7:25)
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Thanks for watching the video.
धन्यवाद, आपके बहुमूल्य समय के लिए । आशा करते हैं की आप को कुछ नया जानने/सीखने को मिला होगा। 🙏🏼
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Please .make video on life story of swami dayanand saraswati and his views on Hinduism and other religions
भैया क्या जैन दर्शन का अनेकान्तवाद और वेदांत में कुछ समानता है? क्या इस आधार पर वेदांत में अद्वैत, द्वैत की तरह अनेकत्व वेदांत नामक भविष्य में कोई नया दर्शन हो सकता है। क्योंकि वेदांत के सन्दर्भ में मेरा भी यही विचार है।
Bhai aap Swami Vivekananda k Integral Vedanta k baare me btaie naa.
Us pr ek book hai
SWAMI VIVEKANANDA'S RELIGIOUS COSMOPOLITANISM by Swami Medhananda.
जय हो, बहुत सुंदर,हमारा सौभाग्य हमारा 🎉
Please make video on Iskcon
बहुत सुंदर वर्णन ❤ हम सभी को जीवन में सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढना चाहिए। 🙏
Arre ankur arya jii ❤️❤️❤️
राम राम अंकुर भाई ❤
Namaste Ankur bhai
💠📒सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,📖198 किसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महर्षि दयानंद हां ये जितने भी दिखाई देते है जितने भी ग्रह है 🌞,🌜,🌟इन सभी पर👤 मानव और डागर 🐄🐬🐜🐦 रहते है। वेद भी पढ़े 👩💻जाते हैं। 😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग , त्माखी, चिलम गाजा पीता ,सुल्फा सुंगता था। प्रमाण सहित है ।
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सातल स रहता है। पर सूरज🌞 पर अकल देखो कोई सिर पैर है। इनका अत तेरा गजब हुइयो 🤣😆😆😆😆
💠📒पुस्तक (महर्षि दयानंद समग्र क्रांति के अग्रदूत) इसके🗒️ पेज न नंबर 21 पे दुर्भाग्य से मुझे वहां बड़ा दोष लग गया। अर्थात भांग पीने का स्वभाव हो गया, 🤣 ओ.. हो... हो.... हो.😆 कई बार उसके प्रभाव से मैं सर्वथा बेसुध हो जाया करता था।😄😄🤣😆😂
💠📒पुस्तक का नाम (आत्म कथा पेज न🗒️ 22 ) महा ऋषि कीआत्मकथा दिखाते हैं। इसने खुद लिखा है ✍️अपने कर कमलों से कि मैं भांग पीने लग गया । 1856में आत्मकथा महर्षि दयानंद की इसके 22 पृष्ठ पर अपने हाथ से लिखा। 😆🤔
💠महर्षि दयानंद भगवान को निराकार कहता है। अर्थात जो दिखाई ना दे 🤣जब दिखाई नहीं देता भगवान तो 🤣ध्यान बैठ ध्यान किसका करते। यह 🤣भांग के नशे में बैठा🚼 बेसुध रहता था आम आदमी जानें बड़ा महापुरुष पड़ा है ध्यान में भगवान से मिल रहा हो गा 😆😆🤣
@@letssee2020 💠📒सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,📖198 किसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महर्षि दयानंद हां ये जितने भी दिखाई देते है जितने भी ग्रह है 🌞,🌜,🌟इन सभी पर👤 मानव और डागर 🐄🐬🐜🐦 रहते है। वेद भी पढ़े 👩💻जाते हैं। 😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग , त्माखी, चिलम गाजा पीता ,सुल्फा सुंगता था। प्रमाण सहित है ।
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सातल स रहता है। पर सूरज🌞 पर अकल देखो कोई सिर पैर है। इनका अत तेरा गजब हुइयो 🤣😆😆😆😆
💠📒पुस्तक (महर्षि दयानंद समग्र क्रांति के अग्रदूत) इसके🗒️ पेज न नंबर 21 पे दुर्भाग्य से मुझे वहां बड़ा दोष लग गया। अर्थात भांग पीने का स्वभाव हो गया, 🤣 ओ.. हो... हो.... हो.😆 कई बार उसके प्रभाव से मैं सर्वथा बेसुध हो जाया करता था।😄😄🤣😆😂
💠📒पुस्तक का नाम (आत्म कथा पेज न🗒️ 22 ) महा ऋषि कीआत्मकथा दिखाते हैं। इसने खुद लिखा है ✍️अपने कर कमलों से कि मैं भांग पीने लग गया । 1856में आत्मकथा महर्षि दयानंद की इसके 22 पृष्ठ पर अपने हाथ से लिखा। 😆🤔
💠महर्षि दयानंद भगवान को निराकार कहता है। अर्थात जो दिखाई ना दे 🤣जब दिखाई नहीं देता भगवान तो 🤣ध्यान बैठ ध्यान किसका करते। यह 🤣भांग के नशे में बैठा🚼 बेसुध रहता था आम आदमी जानें बड़ा महापुरुष पड़ा है ध्यान में भगवान से मिल रहा हो गा 😆😆🤣
महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को अगर बचपन से ही हिंदुओं को बताया जाए, तो संसार की कोई भी शक्ति उन्हें गुमराह नहीं कर पाएगी,
❤
गुमराह आर्य समाज हो रहे हैं सत्यार्थ प्रकाश का क्या ज्ञान है क्या ऋषि महर्षियों को दयानंद ने ज्ञान दिया था जीवनी पढ़ो सत्यार्थ प्रकाश लिखा उसे समय भांग पिता था
@@jogendra429प्रिय बंधु!
महर्षि दयानंद द्वारा भांग का नशा करना अल्पकालिक था, जो उन्होंने स्वयं दुर्भाग्य मान कर छोड़ दिया था। जब बुरे कार्य को बुरा मान कर छोड़ दिया, तो फिर सूत से लठालठी क्यों करना? तुम्हारे स्वामी विवेकानंद आजीवन मांसाहार करते रहे और उसे पाप मानकर भी आजीवन उसे छोड़ नहीं पाए, फिर भी तुम्हारे लिए वह महान् संत है!! रामपाल जिसने स्वामी दयानंद के प्रति दुष्प्रचार किया, वह अपने कुकर्मों के कारण जेल में बंद है, फिर भी वह तुम्हारे लिए महान् संत है। धन्य हो तुम्हारी बुद्धि को!
विधवा औरत दूसरी शादी करेगी उसका पतिव्रत धर्म नष्ट हो जाएगा नियोग करने से धर्म नष्ट नहीं होता याह शिक्षा थी दयानंद जी की इनके हिसाब से बुरे नेत्रा वाली लड़कियों से शादी नहीं करनी
@@veda-vaani_aacharya-vijay कहाँ लिख रखा है स्वामी विवेकानन्द जी मन्स खाते कृपा बतायें
मैं सत्यार्थ प्रकाश का प्रथम समुल्लास को पढ़ रहा हूं❤❤❤❤❤
जय स्वामी दयानंद सरस्वती जी।❤
भाई थोड़ी भाषा कठिन है समझ में ना आए तो गूगल या किसी और पुस्तक का सहारा ले लेना लेकिन अध्ययन पूरा करना आपकी जिंदगी बदल जाएगी
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना हमारे पास आकर थोड़ा😊😊
Bhai padho Dharm kya hai samajh jaaoge👍🏻
पूरा पढ़िए मजा आ जाएगा ।
@@mayankfunde कैसा आनन्द आ जाएगा
स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के बारे में आपने पहली बार बात की बहुत खुशी हुई thanku ji वेद और सत्यार्थ प्रकाश सभी को पढ़ना चाहिए 🎉
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
हमारा मन जो है ना वो हमेशा खुशी पाना चाहता है जैसे जीने के लिए खाना पीना हवा की ज़रूरत है वैसे ही हमारा मन ख़ुशी सुख को नए नए तरीके से पाते रहना चाहता है (तो ☝️हम जब भी कभी किसी कार्य को करते है तो मतलब हम दुःख से गुजरते हुए ही सुख को पाते है )कोई भी इंसान मेहनत करता है कष्ट करता क्यूंकि वो जानता है की इसके बाद ही सुख है खुशी है तो मेहनत से घबराना नहीं चाहिए इसको भी खुशी खुशी करना चाहिए 😔🙏
@@intellect-mind😂😅
📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र
🔸(अमर अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित)
🔸 प्रमाणिक उर्दूभाष्य का भास्य _भाषा मैं
अनुवाद
🔸अनुवादक
आर्य महोदय शक श्री काठी राम रघुनंदन सिंह निर्मल
🔸 संपादक
श्री पंडित हरीश चंद्र विद्यालंकार
🔸 प्रकाशक
🔸आर्य समाज नया वंश दिल्ली 6
🔸(स्वर्ण जयंती के उपलक्ष)
📝इसके पेज नंबर 38 🔸पर _यह क्या कहता है 1 अक्टूबर सन 1856 (🙉अब 😲देख लो अट्ठारह सौ सत्तावन में इसके विषय में लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका बड़ा योगदान था! और सन 1856 और अट्ठारह सौ सत्तावन अक्टूबर यह भांग पिए पड़ा था🙉) 🔶1 अक्टूबर सन 1856🔸 सत बुधवार अनुसार आसोज सुदी 2 संवत 1913🔸 को दुर्गा को की 🏰मंदिर पर जो 🛤️चांडाल गढ़ 🛤️में स्थित है_🕺पहुंचा वहां मैंने 10 दिन 🚼व्यतीत किए । (😂अपने आप लिख रहा है स्वामी जी😲) 🔶वहां मैंने चावल खाने बिलकुल छोड़ दिए और केवल दूध पर अपना निर्वाह करके दिन रात 🚼योगविधि के पढ़ने पर उसके अभ्यास🚼 में संलग्न रहा। ✍️😲😂👉दुर्भाग्य से इस स्थान 🏰पर मुझे एक बड़ा व्यसन लग गया😲 । अर्थात मुझको ⭕भांग के सेवन करने का अभ्यास पड़ गया। जिसके प्रभाव से मैं बेसुध हो जाया करता था👈😆🤣🤣
@@SwadhinBharat.
📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र
🔸(अमर अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित)
🔸 प्रमाणिक उर्दूभाष्य का भास्य _भाषा मैं
अनुवाद
🔸अनुवादक
आर्य महोदय शक श्री काठी राम रघुनंदन सिंह निर्मल
🔸 संपादक
श्री पंडित हरीश चंद्र विद्यालंकार
🔸 प्रकाशक
🔸आर्य समाज नया वंश दिल्ली 6
🔸(स्वर्ण जयंती के उपलक्ष)
📝इसके पेज नंबर 38 🔸पर _यह क्या कहता है 1 अक्टूबर सन 1856 (🙉अब 😲देख लो अट्ठारह सौ सत्तावन में इसके विषय में लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका बड़ा योगदान था! और सन 1856 और अट्ठारह सौ सत्तावन अक्टूबर यह भांग पिए पड़ा था🙉) 🔶1 अक्टूबर सन 1856🔸 सत बुधवार अनुसार आसोज सुदी 2 संवत 1913🔸 को दुर्गा को की 🏰मंदिर पर जो 🛤️चांडाल गढ़ 🛤️में स्थित है_🕺पहुंचा वहां मैंने 10 दिन 🚼व्यतीत किए । (😂अपने आप लिख रहा है स्वामी जी😲) 🔶वहां मैंने चावल खाने बिलकुल छोड़ दिए और केवल दूध पर अपना निर्वाह करके दिन रात 🚼योगविधि के पढ़ने पर उसके अभ्यास🚼 में संलग्न रहा। ✍️😲😂👉दुर्भाग्य से इस स्थान 🏰पर मुझे एक बड़ा व्यसन लग गया😲 । अर्थात मुझको ⭕भांग के सेवन करने का अभ्यास पड़ गया। जिसके प्रभाव से मैं बेसुध हो जाया करता था👈😆🤣🤣
महर्षि दयानंद सरस्वती जी वेद से त्रैतवाद सबसे स्पष्ट और सहज लगता है।
"मै हूँ ( हम सब आत्मा है) - ईश्वर है - और जड प्रकृति है "
यह सच और निसंशय लगता है।
Maharshi Dayananda Saraswati who created a pure commentary on the Vedas and first called for independence in India. That is why he is called the grandfather of India.
Maharshiji was the first to introduce Shuddhi or Ghar Wapsi. He is the father of Shuddhi movement. His disciple Swami Shraddhananda converted more than 4 lakh Muslims and Christians to Sanatan Dharma.
Jayatu Maharshi Dayanand ❤🙏
Arya namaji kek
@@rajputa_nasanatan dharma decoded
Arya samaj vinashak😊
@@rajputa_naJo Kam karraha Arya samaj Hindu Vedic dharm ke paksh me ...woh kam dwaitvaadi kar nahi parahe hai..islie jalan swavabik....pehle Vedic dharm ko punruddhar karne ka prayas karo ...sastra padho , nirukt , vedanga , vedanta , sankhya , yog , mimansa , vaiseshik sab padho ..phir Jake Arya samaj ko criticize karo ...musalmano pe focus Karo ..Arya samaj pe nahi
@@adwaitvedant3297 Doing open blasphemy against Hindu gods is real work of arya samaj
Please apass Mein na ladhiye. Adwet , dweat or Trwite chahe koi bhi vedant philosophy ho he to hamari Sanatan ki hi philosophy isiliye Jo jisko samajme ata he usee manne par apne hi kisi or philosophy ko bura bhala na bole. Hum apass Mein Kyun ladhe kya app log dekh nahi rahehe iska faidda dusre religions le rahe he hamare Sanatan dharm ko batne keliye. So please hame ek jut hoke rehna he or Hamare dharm ka prasar karna he
नमन है ऐसे महर्षियों को जो इतना गहरा ज्ञान रखते थे। जय श्री राम ❤️
Sab kuch complicated he bhai 😂
Sab rishi apne hisab se kuch batate he
@@LuciferTheDevil001Dayanand ji ki apni koi vichardhara nahi hai,, wo sirf Vedo ko supreme mante hain 🙏
जय महर्षि दयानंद 🙏💕 भारत का एक महान सन्यासी
सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,198 देख कर जल्दी बता कुछकिसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महरीसी दयानद हा रहते है जितने भी ग्रह है इन सभी पर मानव रहते है😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग पिता था
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सतल रहता है पर सूरज पर अकल deko inki।
📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र
🔸(अमर अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित)
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आर्य महोदय शक श्री काठी राम रघुनंदन सिंह निर्मल
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@@g-sk6oy @g-sk6oy ऐसा नहीं लिखा है की सूरज पर मनुष्य रहते है वहा किसी ने प्रश्न किया है की क्या सूर्य,चंदर,तारे वस्तु है और क्या उनमें मनुस्यादी सृष्टि है, तो उत्तर में कहा है कि ये सब भूगोल लोक है इनमे मनुस्यादी सृष्टि है इतना लिखा है , और फिर उदाहरण सतपथ ब्राह्मण का दिया है यानी ये बात स्वामी दयानंद ने सतपथ ब्राह्मण के reference से बोली है , सतपथ ब्राह्मण में लिखा है की जो वशू है वो वशाने वाले है जैसे पृथ्वी,जल,आकाश,सूर्य,चंद्र,वायु, इन सब में जीवन है तो उन लोक में भी मनुष्य आदि जीवन होगा,,, मनुस्यादी से मतलब मनुष्य या दूसरे कोई जीव । ये नहीं लिखा की सूर्य पर मनुष्य है। हमारे शास्त्रों में आग्नेय शरीर की भी बात कही गई है यानी ऐसे जीव जो अग्नि में भी शरीर के साथ रह सकते है ( छोटे जीव सायद virus, bacteria, etc.... ) मनुष्य रहते है इसके लिए दूसरे तारो से मतलब वहा तारो के ग्रह से ले सकते है और बहुत से चंद्रमा पर तो मनुष्य रह भी सकते है , मनुष्यआदि से मतलब मनुस्य या दूसरे कोई और केवल मनुस्य नहीं
@@g-sk6oy तुम्हारे जैसे लोग न पढ़ना जानते हैं न समझना। कहां लिखागया है भेजो; कोई वैसा नहीं लिखी गई है
@@GAVS104bhai Surya par bhi jeevan hai lekin jaruri nahi manav hi ho,,,,, science bhi is baat ko Maan chuka hai 😎
Har ek hindu ko सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ना चाहिए
हर एक हिन्दू को सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ना चाहिए।
Bahut aavashyak hai aur wo bhii aaj ke samey me
Bhagwat gita Ji padhni chaea
Ghanta Satyarth Prakash m Mahilao ke bare m Abhadra tippani ki gyi h......aur TB Swami Dayanand ki mrityu bhayanak tarike se hui ho toh ynki philosophy toh illogical hee h
@@Coolboy_88कैसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है भाई? तुमने खुद पढ़ी है या किसी ने बोल दिया और सुना रहे हो? मुझे बताना क्या अभद्र टिप्पणी की है?
@@__srishti_raghuvanshiसब ग्रन्थों का अपना अपना महत्व है और हमें सत्यार्थ प्रकाश और भगवद्गीता दोनों पढ़ने चाहिए।
सत्यार्थ प्रकाश धर्म शिक्षा का माध्यम है।
अब बहुत दिन बोल लिए 🌶️अब चुप हो जाओ🌶️ बहुत दिन सुन ली ये तुम्हारी बकवास ।🌶️तुम लोगो को ये नहीं मालूम 🌶️आज तक इन पुस्तकों में क्या लिखा है । 🌶️और 🌍दुनियां को बहकाये फिर रहे हो । 🌶️📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र📒
🔸[ अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित प्रमाणिक उर्दू_भाषा का आर्य _भाषा में
अनुवाद ]
🔸अनुवादक
आर्य महाउपदेशक श्री कविराज रघुनंदनसिंह निर्मल
🔸 संपादक
श्री पंडित हरीश चंद्र विद्यालंकार
🔸 प्रकाशक
🔸आर्य समाज नया वंश दिल्ली_ 6
🔸(स्वर्ण _जयंती के उपलक्ष)
📝इसके पेज नंबर 38 🔸पर _यह क्या कहता है 1 अक्टूबर सन 1856 (🙉अब 😲देख लो अट्ठारह सौ सत्तावन में इसके विषय में लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका बड़ा योगदान था! और सन अक्टूबर 1856 और अट्ठारह सौ सत्तावन यह भांग पिए पड़ा था🙉) 🔶1 अक्टूबर सन 1856🔸बुधवार तदनुसार आसोज सुदी 2 संवत 1913🔸 को दुर्गाकोहू के🏰मंदिर पर जो 🛤️चांडालगढ़ 🛤️में स्थित है_🕺पहुंचा वहां मैंने 10 दिन 🚼व्यतीत किए । (😂अपने आप लिख रहा है स्वामी जी😲) 🔶वहां मैंने चावल खाने बिलकुल छोड़ दिए और केवल दूध पर अपना निर्वाह करके दिन रात 🚼 योगविद्या के पढ़ने पर उसके अभ्यास🚼 में संलग्न रहा। ✍️😲😂👉दुर्भाग्य से इस स्थान 🏰पर मुझे एक बड़ा व्यसन लग गया😲 । अर्थात मुझको ⭕भांग के सेवन करने का अभ्यास पड़ गया। जिसके प्रभाव से मैं बेसुध हो जाया करता था👈😆🤣🤣
महर्षि दयानंद सरस्वती जी को मेरा सत सत प्रणाम ❤ जय सनातन
अब बहुत दिन बोल लिए 🌶️अब चुप हो जाओ🌶️ बहुत दिन सुन ली ये तुम्हारी बकवास ।🌶️तुम लोगो को ये नहीं मालूम 🌶️आज तक इन पुस्तकों में क्या लिखा है । 🌶️और 🌍दुनियां को बहकाये फिर रहे हो । 🌶️📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र📒
🔸[ अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित प्रमाणिक उर्दू_भाषा का आर्य _भाषा में
अनुवाद ]
🔸अनुवादक
आर्य महाउपदेशक श्री कविराज रघुनंदनसिंह निर्मल
🔸 संपादक
श्री पंडित हरीश चंद्र विद्यालंकार
🔸 प्रकाशक
🔸आर्य समाज नया वंश दिल्ली_ 6
🔸(स्वर्ण _जयंती के उपलक्ष)
📝इसके पेज नंबर 38 🔸पर _यह क्या कहता है 1 अक्टूबर सन 1856 (🙉अब 😲देख लो अट्ठारह सौ सत्तावन में इसके विषय में लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका बड़ा योगदान था! और सन अक्टूबर 1856 और अट्ठारह सौ सत्तावन यह भांग पिए पड़ा था🙉) 🔶1 अक्टूबर सन 1856🔸बुधवार तदनुसार आसोज सुदी 2 संवत 1913🔸 को दुर्गाकोहू के🏰मंदिर पर जो 🛤️चांडालगढ़ 🛤️में स्थित है_🕺पहुंचा वहां मैंने 10 दिन 🚼व्यतीत किए । (😂अपने आप लिख रहा है स्वामी जी😲) 🔶वहां मैंने चावल खाने बिलकुल छोड़ दिए और केवल दूध पर अपना निर्वाह करके दिन रात 🚼 योगविद्या के पढ़ने पर उसके अभ्यास🚼 में संलग्न रहा। ✍️😲😂👉दुर्भाग्य से इस स्थान 🏰पर मुझे एक बड़ा व्यसन लग गया😲 । अर्थात मुझको ⭕भांग के सेवन करने का अभ्यास पड़ गया। जिसके प्रभाव से मैं बेसुध हो जाया करता था👈😆🤣🤣,
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जय श्री महर्षि दयानंद स्वरस्वती जी।
सत्यार्थ प्रकाश अमर रहे 🚩 वेद की ज्योति🔥जलती रहे 🕉️ का झंडा ऊंचा रहे 🚩
जय श्रीराम भाई👑🚩❤️🌺🙏
🙏❤️ Jay Shree KaushalyaDasarath Ke Nandan Ji ❤️🙏 Jay Mata Di ❤️🙏 Om Sai Ram 🙏❤️ Jay Shree Baram Baba Ji Ki Jay ❤️🙏 Jay Shree GauriShankar Ji ❤️🙏 Jay Shree SiyaRam Ji 🙏❤️
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना हमारे पास आकर थोड़ा😊😊
❤️🙏 Jay Shree GauriShankar Ji 🙏❤️ Jay Shree SiyaRam Ji ❤️🙏 Jay Shree Baram Baba Ji Ki Jay ❤️🙏 Om Sai Ram 🙏❤️ Jay Shree KaushalyaDasarath Ke Nandan Ji ❤️🙏 Jay Mata Di 🙏❤️
@@intellect-mind😅😂
सत्यार्थ प्रकाश हर मनुष्य को पढ़ना चाहिए ।
@Fitnessunofficialclub सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,198 देख कर जल्दी बता कुछकिसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महरीसी दयानद हा रहते है जितने भी ग्रह है इन सभी पर मानव रहते है😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग पिता था
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सतल रहता है पर सूरज पर अकल deko inki
@@g-sk6oytu panii m rh sakta h kya fish. Rh skti h naa tu jaega to maregaa wse hi tune koi universe k saare organism ko khoj ni nikala h jese penguin k lie Antarctica m rhna sambhav h tre lie nahi wse hi ese bhi organism ho skte h jinke lie surya ki garmi kuch nahi or wse bhi scientist n ese microbes khoje Jo volacano m bhi mile h
@@kuldeeppatel9953 हिन्दी में कमेंट करें
@@g-sk6oynikal 🧞♂️
@@g-sk6oybhag chapri 😂
maharshi dayanand saraswati ji ko koti koti naman
I was Communist before now i am sanatani reason is arya samaj🕉️🚩
बहुत-बहुत सुंदर 🙏अपनी संस्कृति और अपने असली सेहतमंद अहार का प्रचार करे. सनातन धर्म की जय 🙏
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना हमारे पास आकर थोड़ा😊😊
Bhagwan ka laya atmahtya kr layna
@@varunsharmavarunsharma6078 तुम्हारे जैसे जितने भी pappu है उनको चुल्लू भर पानी मे डूब जाना चाहिए 🤣😅😂
@@intellect-mind😂
@Fitnessunofficialclub सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,198 देख कर जल्दी बता कुछकिसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महरीसी दयानद हा रहते है जितने भी ग्रह है इन सभी पर मानव रहते है😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग पिता था
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सतल रहता है पर सूरज पर अकल deko inki
हर हिंदू को सैद्धांतिक स्वरूप स्वयं को बलशाली महसूस करना है। तो सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ना चाहिए।
👉 सबसे एक प्रार्थना है कि जिंदगी में और कुछ पढ़ो या ना पढ़ो पर...
मरने से पहले एक बार
*सत्यार्थ प्रकाश जरूर पढ़ना...*
*क्योंकि इस ग्रंथ को पढ़े बिना आपका जीना बेकार है...*
💯
और इसको पढ़ने के बाद आप यही सोचोगे कि यह मुझे पहले क्यों नहीं मिला।
जरूर पढ़ें। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Satyarth prakash hei bakwas he mane padha he asastri batae usme kaha gaya he
@@haridas-tz6onAbey tum jaise chutiya ki bas ki nahi ...., Book padhna tum bas Instagram meme padh sakte ho baki tumhari aaukat de bhr hai islia tumhare ese react hote hain
@@haridas-tz6on
परिस्थिति अनुसार ज्ञान का समझना और हर ज्ञानी व्यक्ति की कृति को बेकार कहना कहां तक उचित है
क्या आप महर्षि दयानंद से ज्यादा बड़े ज्ञानी है ?
महर्षि दयानंद जी ने जो पढ़ा
देखा समझा उसके अनुसार जीवन दर्शन का आध्यात्मिक पक्ष को बताया
आपको कठोर शब्द मे
" बकवास" नहीं प्रयोग करना चाहिए ,आप बुद्धि मान हो सकते है पर सभी विषयों के ज्ञाता नहीं।
@@haridas-tz6onवीर सावरकर तो कहता है की में अपनी सारी संपत्ति बेच कर भी सत्यार्थ प्रकाश खरीद लूंगा कही मिले तो और उन्होंने 11 बार इसे पढ़ा भी और कहा की हर बार उसे नया ज्ञान मिला उससे अब देख लो कोन ज्यादा समझदार है।
@@haridas-tz6onसभी बातो के referense दिए गए है उसमे इसका मतलब आप अपने शास्त्रों को ही अशास्त्र मानते है
ऋषिवर दयानंद जैसा दूसरा कोई नही।
kyuki vah rishi thodi the , haha
@@linguistme6870 महर्षि दयानंद सरस्वती अब ठीक है भाई
भाई तुमने यह वीडियो त्रैतवाद पर जो बनाया है इसने हृदय को प्रसन्न कर दिया। आज से इस चैनल को सब्सक्राइव कर लिया गया। ❤
Baki logo ki b positive comments h bhai
@@omaryavart539 bhai aap bhi videos banaya karo , apke aur acharya agnivrat ke karan hi mai arya bana .
निशांत जी धन्यवाद, आपके बहुमूल्य समय और सराहना के लिए ❤
Pahlay kyo nhi Kiya tha 🧐
@@omaryavart539ॐ भाई आप आपकी वीडियो जागरूक करने वाली होती है,आप अपने चैनल पर वीडियो डालते रहा करे ❤
waah kya jabardast reason batai hai swami dayanand saraswati ji ne jagat ki uttpatti ko lekar, jai ho maharshi dayanand ji ki
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
Lekin Prakriti kaha se aayi?
@@ghs89bhai khud padhna padega aapko ache se samghne ke liye
@@ghs89eternal hai science bhi ab manne lga hai
@@ghs89 prakriti eternal hai... Matter kabhi banaya nahi jaa skta
Abhi tak ka sabse saral tarika lga maharishi dayanand saraswati ka ishwar aur is jagat ko samjhane ka
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
जी बहुत अच्छा ❤👍🏻👌
बस ऐसे महर्षि दयानंद जी पर और अधिक जानकारी हेतु विडियो बनाते रहें। 🙏🙏🙏
Swami dayanand saraswati ji bohot great the inhone bohot kuch kiya he samaj ke liye pehle me inka virodhi tha lekin jab inko jana tab se me inka bhakt ban gaya
भाई जी सत्यार्थ प्रकाश जरूर पढ़ना
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
Mai vi mai pahele bohot virodhi tha lekin ab khud mai arya samaj ke siddhant ko manta hu
@@swagato6386जयतु वैदिक धर्म भाई
@@Vedicpathfollower जय श्री राम, जयतु महर्षि दयानंद सरस्वती 🚩
बंधु, मैं आपका नाम नहीं जनता, परंतु आपकी प्रस्तुति बहुत सुंदर है। इस वीडियो में एक संशोधन की आवश्यकता है- महर्षि दयानंद सरस्वती के त्रैतवाद का आधार निमित्त कारण, उपादान कारण और साधारण कारण नहीं हैं, बल्कि ईश्वर, जीव और प्रकृति ये तीन स्वतंत्र सत्ताएँ हैं।
Adbhut ye video jaise mere liye bana hai..mujhe pata chala ki mere question ka answer kaha milega.thank you.
Hme Khushi hai ki hmari video se aapki sahayata Hui 🙏😊
अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं सुंदर प्रस्तुति आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद। हमे खुशी है कि अपको हमारी विडियो अच्छी लगी। 🙏😊
@@HyperQuest आर्य नमाजी संस्था मूर्तिपूजा का विरोध करतीं हैं (मैं एक बात स्पष्ट कर दूं मैंने वेद पढ़ें नहीं हैं आपने पढ़ें होंगे तों बताऊं क्या वेदों में भीं मूर्तिपूजा करनें कें प्रावधान हैं)
Great Philosophy Of Vedas.
Jai Ved Mata
Maharshi Dayanand Saraswati 💥
Well explained bhrata
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
🚩🚩__कृण्वन्तोविश्वमार्यम् __🚩🚩
Dhanyavaad bhai g ,, Maine Arya Smaaj k madhyam se Dev Dayanand ji ko bahut kam aanka tha ,,, mgr aapne meri Jigyasa me aur adhik vridhi kr di hai ❤
Maharshi dayanand Saraswati's idea of creation is diffrent from any religion and most scientific....
Jay ho maharshi dayanand saraswati ji ki jino na ved ka gyan diya 🕉️🕉️🕉️🙏
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
बहुत ही उत्तम! आज से आपके चैनल को सस्क्राइब कर लिया गया है।❤
आपका स्वागत है 🙏😊
भाई आपने बहुत अच्छा वीडियो बनाया मैंने आपको कमेंट किया था कि आप सत्यार्थ प्रकाश पढ़िए शायद अपने उसको पढ़ा हर भारतवासी को महान ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश जरूर पढ़ना चाहिए
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
आपने जिस तरह इतने अच्छे से समझाया उससे मन आनंदित हो गया😊
बहुत बहुत धन्यवाद आपका। हमे बहुत खुशी हुई कि आपको हमारी वीडियो पसंद आई 🙏😊
@@HyperQuest अरे धन्यवाद तो मुझे कहना चाहिए विशाल, यह तो मेरा सौभाग्य है कि मैं आपके चैनल के संपर्क में आया। और आपकी अभी तक की जितनी भी वीडियोस मैंने देखी है ऐसी कोई नहीं जो पसंद ना आई हो और मैंने आगे अपनी फैमिली में और स्टेटस और ग्रुप में शेयर ना किया हो। और वीडियोस पूरी अंत तक देखता हूं बिना फॉरवर्ड किए। मेरा तो यह कहना है कि आपका यह चैनल हर सनातनी बच्चे के स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए। इस पर मैंने कुछ लोगों से चर्चा भी की थी कि यह कैसे हो सकता है। बाकी आप ऐसे ही कार्य करते रहें भगवान आपको और अधिक सफलता दें।
@Fitnessunofficialclub सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,198 देख कर जल्दी बता कुछकिसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महरीसी दयानद हा रहते है जितने भी ग्रह है इन सभी पर मानव रहते है😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग पिता था
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सतल रहता है पर सूरज पर अकल deko inki
@@g-sk6oyवो तो साइंस की बात है सच भी हो सकती है। लेकिन पुराण मे तो चाद को सिर पर रखकर घुमा जा रहा है। उस कहानियो का क्या करोगे पौराणिक बाबा😂😂😂😂😂😅😅
Tume likhna bhi nahi aatA murkh😅😅😅😅😅😅😅😅😮😅😅😮😅😮😅😅😅😅😅😅😅😅
Jai Shri ram 🧡
Jai Shri Krishna 🚩
Har Har mahadev 🚩
Namo Adi shankracharya 🚩
एको ही देवो ईश्वरो वा जगदीश्वरो वा।- बाकी सब मोह माया है गुरुदेव।।🙏
कृपया सत्यार्थ प्रकाश पर भी Course लाएं
With Subtitles in both Hinglish and Hindi
Prahari channel pr complete hai
महर्षि दयानन्द सरस्वतीजीको पढा है तो मुर्ति पुजा और पुराणोको क्युँ मानते हो। जय हो महर्षि दयानन्द जय वैदिक धर्म ❤❤
केवल पढ़ने मात्र से इसे हर कोई नहीं छोड़ सकता है आप जानते हैं हमारे हिन्दूओ में इतना कोई बौद्धिक स्तर नहीं है जब उन्हें स्वयं इस बात की अनुभूति होगी यह तभी संभव है।
@@deepakkumarjha4454 haan😔❤️
वेदो को पढना - पढाना , और सुनना सुनाना सभी आर्यो का परम धर्म है।
Maine aaj pehli bar apka channel dekha.Behad accha aur Sachi jankari milti hai. Aapka channel best hai. Aur mai esko hamesha ke liye subscribe kar raha hun.
Aapka bahut bahut swagat hai 🙏😊
जीवन में सत्यार्थ प्रकाश पढना चाहिए क्योकी मैने जितने बार सत्यार्थ प्रकाश पढा तब तब मुझे नया लगता ज्ञान अवगत होता हैं
ईश्वर जीव और प्रकृति ये तीनो अनादि तत्व है। जैसे एक घर को बनाने के लिए समान चाहिए वो समान प्रकृति है। बनाने वाला मिस्त्री ईश्वर है और भोग करने वाला व्यक्ति जीव है। यही है त्रैतवाद जो हम जिसको हम त्रिवाद भी कहते है।
Ji sahi kaha aapne 👍🏻
सत्त = चेतना, चित्त = ज्ञानमय, आनंद = आनंद।
Sat is eternal who is beyond life n death, chit is consciousness or chetna and Anand means bliss
So that mean "True happiness can only be found in the state of consciousness achieved through brahm gyan"
Yeah, it makes sense
आपका कार्य अत्यंत सराहनीय है l 😊जो आप इतनी मेहनत करके ऐसे जानकारी भरे वीडियो बनाते हैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद है
🙏🙏
Proud to be aarysamaji
बहौत बहौत धन्यवाद आपने हमारी मांग पर ध्यान देकर वीडियो बनाया 🙏🏼
Ji bhai
🙏😊
वैदिक संस्कृति का शुद्ध स्वरूप जानना है तो महर्षि दयानंद सरस्वती जी के ग्रन्थों को पढ़ना ही पड़ेगा अन्य कोई मार्ग नहीं है ।
सम्प्रदायवाद को छोड़कर वेदों की और लौटो यही महर्षि दयानंद जी का उद्देश्य रहा है ।
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः।
तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम्।।
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
ऐसा ही कुछ हम बनाते हैं, आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना😊
अब बहुत दिन बोल लिए 🌶️अब चुप हो जाओ🌶️ बहुत दिन सुन ली ये तुम्हारी बकवास ।🌶️तुम लोगो को ये नहीं मालूम 🌶️आज तक इन पुस्तकों में क्या लिखा है । 🌶️और 🌍दुनियां को बहकाये फिर रहे हो । 🌶️📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र📒
🔸[ अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित प्रमाणिक उर्दू_भाषा का आर्य _भाषा में
अनुवाद ]
🔸अनुवादक
आर्य महाउपदेशक श्री कविराज रघुनंदनसिंह निर्मल
🔸 संपादक
श्री पंडित हरीश चंद्र विद्यालंकार
🔸 प्रकाशक
🔸आर्य समाज नया वंश दिल्ली_ 6
🔸(स्वर्ण _जयंती के उपलक्ष)
📝इसके पेज नंबर 38 🔸पर _यह क्या कहता है 1 अक्टूबर सन 1856 (🙉अब 😲देख लो अट्ठारह सौ सत्तावन में इसके विषय में लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका बड़ा योगदान था! और सन अक्टूबर 1856 और अट्ठारह सौ सत्तावन यह भांग पिए पड़ा था🙉) 🔶1 अक्टूबर सन 1856🔸बुधवार तदनुसार आसोज सुदी 2 संवत 1913🔸 को दुर्गाकोहू के🏰मंदिर पर जो 🛤️चांडालगढ़ 🛤️में स्थित है_🕺पहुंचा वहां मैंने 10 दिन 🚼व्यतीत किए । (😂अपने आप लिख रहा है स्वामी जी😲) 🔶वहां मैंने चावल खाने बिलकुल छोड़ दिए और केवल दूध पर अपना निर्वाह करके दिन रात 🚼 योगविद्या के पढ़ने पर उसके अभ्यास🚼 में संलग्न रहा। ✍️😲😂👉दुर्भाग्य से इस स्थान 🏰पर मुझे एक बड़ा व्यसन लग गया😲 । अर्थात मुझको ⭕भांग के सेवन करने का अभ्यास पड़ गया। जिसके प्रभाव से मैं बेसुध हो जाया करता था👈😆🤣🤣
आप सरल भाषा मे समझते है अच्छा लगता है सब कुछ समझ मे आता है धन्यवाद 🙏🙏🙏🌹❤️
आपका बहुत बहुत धन्यवाद। हमे खुशी है कि अपको हमारी विडियो अच्छी लगी। 🙏😊
जय महर्षि दयानंद सरस्वती❤🎉
सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ना चाहिए...वेद को जानना चाहिए...
बहुत बढ़िया सही कहा जगत में तरेतवाद का सिद्धांत है महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जय हो।
Mahrshi ka Kuchh Bhi Nahin sab vedon ka hai
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना हमारे पास आकर थोड़ा😊😊
@@intellect-mind dukh or ashanti to tujhme hai bhai isliye hi baar baar same comment kr hai sabko same reply kr raha hai , agar tujhme shanti hoti to tu ye nhi krta
@@intellect-mind @Fitnessunofficialclub सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,198 देख कर जल्दी बता कुछकिसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महरीसी दयानद हा रहते है जितने भी ग्रह है इन सभी पर मानव रहते है😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग पिता था
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सतल रहता है पर सूरज पर अकल deko inki
@Fitnessunofficialclub सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 8 पेज न.197,198 देख कर जल्दी बता कुछकिसी ने पूछा क्या सूरज पर इंसान रहते है?
महरीसी दयानद हा रहते है जितने भी ग्रह है इन सभी पर मानव रहते है😂😂😂😂😂😂😂 ये भांग पिता था
चलो चांद पर मन लेते हैं सीतल सतल रहता है पर सूरज पर अकल deko inki
।। ओ३म् ।।
Satya Sanatan Vedic Dharm ki Jay 🕉️🚩
Jai Shree Ram 🕉️🚩
Jai Aryavart 🕉️🚩
Maharishi Dayanand Saraswati Ji ki Jay 🕉️🚩
Jai Arya Samaj 🕉️🕉️🚩🚩
हर आर्य को सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक पढ़नी चाहिए।
अब बहुत दिन बोल लिए 🌶️अब चुप हो जाओ🌶️ बहुत दिन सुन ली ये तुम्हारी बकवास ।🌶️तुम लोगो को ये नहीं मालूम 🌶️आज तक इन पुस्तकों में क्या लिखा है । 🌶️और 🌍दुनियां को बहकाये फिर रहे हो । 🌶️📒पुस्तक
🔶महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र📒
🔸[ अमर शहीद पंडित लेख राम द्वारा संकलित प्रमाणिक उर्दू_भाषा का आर्य _भाषा में
अनुवाद ]
🔸अनुवादक
आर्य महाउपदेशक श्री कविराज रघुनंदनसिंह निर्मल
🔸 संपादक
श्री पंडित हरीश चंद्र विद्यालंकार
🔸 प्रकाशक
🔸आर्य समाज नया वंश दिल्ली_ 6
🔸(स्वर्ण _जयंती के उपलक्ष)
📝इसके पेज नंबर 38 🔸पर _यह क्या कहता है 1 अक्टूबर सन 1856 (🙉अब 😲देख लो अट्ठारह सौ सत्तावन में इसके विषय में लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका बड़ा योगदान था! और सन अक्टूबर 1856 और अट्ठारह सौ सत्तावन यह भांग पिए पड़ा था🙉) 🔶1 अक्टूबर सन 1856🔸बुधवार तदनुसार आसोज सुदी 2 संवत 1913🔸 को दुर्गाकोहू के🏰मंदिर पर जो 🛤️चांडालगढ़ 🛤️में स्थित है_🕺पहुंचा वहां मैंने 10 दिन 🚼व्यतीत किए । (😂अपने आप लिख रहा है स्वामी जी😲) 🔶वहां मैंने चावल खाने बिलकुल छोड़ दिए और केवल दूध पर अपना निर्वाह करके दिन रात 🚼 योगविद्या के पढ़ने पर उसके अभ्यास🚼 में संलग्न रहा। ✍️😲😂👉दुर्भाग्य से इस स्थान 🏰पर मुझे एक बड़ा व्यसन लग गया😲 । अर्थात मुझको ⭕भांग के सेवन करने का अभ्यास पड़ गया। जिसके प्रभाव से मैं बेसुध हो जाया करता था👈😆🤣🤣
Satyarth Prakash is the introduction book to our Sanatan Vaidik Dharm🙏🏻🔥🕉️
आपका भी बहुत धन्यवाद जो आपने उन्हें जाना और प्रचार किया।।
।।ॐ नमः शिवाय।।
jay aryvart jay shri ram jay shri krishan ved ki jyoti jalti rhe🕉️🔥
धन्यवाद भ्राता जी आप ने बोहोत अच्छे से समझाया मुझे जो भी शंका थी सब दूर हो गई 🙏
सबसे सरल कपिल ऋषि का
सांख्य दर्शन जो गीता में संक्षेप में दिया गया है।
सहज भाषा में समझने के लिए धन्यवाद ।इसी तरह की और भी जानकारियां देते रहे ।
भाई सत्यार्थ प्रकाश जरूर पढ़ना
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
I kindly request a collaboration with the esteemed individuals Swami Sarvapriyananda and Nrisingha Prasad Bhaduri, who are regarded as living legends in their respective fields. Their wisdom and contributions are greatly admired. 🙏💖💕
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
@@intellect-mind😅😂
Maha Rishi Dayanand Saraswati was the greatest flag bearer of Sanatan Vedik Culture. Om
मैंने पूरा सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा है। जय श्री राम ❤
आपने सत्यार्थ प्रकाश वेद पुरा पढ़ा है तो भाई बताइये 👉पुरे संसार में मुर्ति पुजा,का पाखण्डवाद व देवी देवताओं के नाम पर समाधियों पर होम यज्ञ हवन बली देना नर बलि पशु पक्षी वनस्पति, अनाज वगैरा की बलि देना होम पाप किसने इन्दरजाल का पाप चलाया है व क्यों चलाया है ?उनका मकसद क्या हैं 😭🙏😭 प्रश्न का उत्तर दीजिए सर जी, नमस्कार 👍🌄👍
@@bhanwarlalpmalimali9498 कोई प्रश्न पुछे..। मूर्ति पूजा का प्रारंभ जैन मत से हुआ है। उसके बाद हिंदू धर्म में आया। समय के अन्य बुराईयां भी आ गई। जाति जन्म आधारित हुईं। उससे भी अनेक बुराईयों का जन्म हुआ
tumny pada hai
जय श्री राम 🙏🚩💐🌹
बहुत ही सुन्दर और हृदयस्पर्शी विश्लेषण किया है आपने!
आप सभी भाइयों का जीवन ही बदल जाएगा अगर आप महर्षि दयानंद सरस्वती का सत्यार्थ प्रकाश पढ़ोगे।
विशाल भैया आपसे विनम्र निवेदन है कि एक वीडियो हमारे सनातन धर्म के प्रतीक चिन्ह स्वस्तिक के ऊपर बनाइए । आपके समझाने का तरीका बहुत अच्छा है । कृपया हमारे प्रतीक चिन्ह के ऊपर एक long video लेके आई और जल्दी इंतजार रहेगा । जय श्री राम
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
ऐसा ही कुछ हम बनाते हैं, आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना😊😊
I have respect for every sanatan philosophy which work to strengthen us and unite.
बहुत धन्यवाद आपका सत्यार्थ प्रकाश को अच्छे से पढ़ने के लिए, और उसका ज्ञान सबको देने के लिए।🙏🙏🙏
🙏satyarth prakash kay sammulas bhi aap kripaya videos banaye.......Mai padha hoon .....lekin aap explain karenge toh kafi kuch clear ho jayega.....aur viewers to sikhne ko milega🙏......Hari Om
ऋषिराज महर्षि दयानंद सरस्वती जी की जय
सुन्दर प्रस्तुति
धर्म के सत्य तत्व की सत्य जानकारी के लिए सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढना चाहिए
Jai Shree SeetaRam Aum
Jai Shree RadheShyam Aum
Om Namah Shivay.
Jai Shree Hanuman Ji Maharaj Ki.
Mahrshi Dayanand ki Jay
जयतु वैदिक धर्म
जयतु आर्यावर्त
हर व्यक्ति को सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ना चाहिए
जय हो।
जय महावीर स्वामी।
जय श्री राम।
हर एक सनातनी को सत्यार्थ प्रकाश का अवश्य पढ़ना चाहिए। 🙏
हमारे सनातन धर्म में अनेक प्रकार के दर्शन है,
और उनमे कुछ मत भेद भी है।
परन्तु सभी महापुरुष वेदो को ही प्रमाण के तौर पर मानते है।
ये है हमारे सनातन धर्म की महानता।
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो!
Hamrae santan dhrma me kitni ghrai h proud to be hindu जय सिया राम 🚩🚩🚩😊
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
बहुत ही सुंदर वर्णन किया ।
परंतु आप 6 भाष्यकार पू भद्रेशदास स्वामी जिन्होंने 2020-21 में अक्षर-पुरुषोत्तम दर्शन दिया उन्हें भी एक बार अवश्य समझे ।
इस शश्वत जगत में 5 तत्व है ।
जीव,ईश्वर,माया,ब्रह्म और परब्रह्म ।
मद्रास और काशी में इसके ऊपर शास्त्रार्थ भी हुआ था और सभी दर्शनार्थी (द्वैत , विशिष्टाद्वैत etc) इन्होंने इसे मान्यता दी हैं।
जय स्वामीनारायण 🙏
हर हिन्दू को सत्यार्थ प्रकाश पढ़ाना चाहिये
Kitna deep gyan h y hamare dharm m
Jai maharishi Dayanand ki Jai arya samaj 🔥🔥🔥🔥❤
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
विशाल जी…आपके द्वारा दिया गया सारा विवरण बहुत ही सारगर्भित ऐवम उच्च कोटि का है…आपको साधुवाद
युग पुरुष❤❤❤
I read satyarth prakash few months ago..it was eye opening..i have deep respect for swami dayanand saraswati.. But though i don't support him in some points like what he told about murti puja..also he discarded puranas... I know puranas should not be followed blindly. These texts are full of symbolism if someone truly capable to decode it then they can find it awesome...and similarly in case of murti puja..it has some reason and concept but today hindus don't think that way.. Most of the hindus don't know the reason behind idol worshipping...i have only one request to every hindu brothers and sisters... Don't hate any of our great saints and their philosophies.. First try to learn what they were trying to say.. Don't fight each other..❤
U deserve 10000 million subscribers and u have power to spread our OG knowledge plzz DON'T STOP ❤❤❤ WE R WITH U
🎉🎉🎉
द्वैत का अर्थ है, दो मन में जीना। जैसा एक ही समय पर तुम्हारा पढ़ाई करने का मन हो, और उसी समय कुछ और करने का। ये है द्वैत, उसमे संघर्ष है, यहां जटिलता है, सरलता नही है। आम इंसान हमेशा द्वैत मैं जीता है, और इसी कारण से इंसान किसी एक काम मैं डूब नहीं पाता। किसी एक काम को एक समय पर पूरे दिल से नही कर पाता। इसमें दुख है, इसमें अशांति है।
आपको मनुष्य की चेतना के रहस्य जानने हों, तो कृपया देखना हमारे पास आकर थोड़ा😊😊
@@intellect-mind psudoscience
Maharishi Swami Dayanand Saraswati ji
Bharat desh mein ek se ek mahan, gyaani Rishi huwe. Dhanya hai bharat desh. 🙏🙏🙏🙏🙏
नमस्कार भाई! आनंदमार्ग का जो दार्शनिक सिद्धांत है जो आधुनिक नुतन और प्रासंगिक है , जिसके प्रणेता श्री श्री आनन्द मूर्ति जी हैं, उस पर भी एक विडियो बनाने का अनुरोध करते हैं आप से।
जी हमने आपका सुझाव नोट कर लिया है। भविष्य में इस दर्शन पर भी वीडियो बनाने का प्रयास करेंगे 🙏
जै श्री राम💞🙏🏻🕉हरे कृष्ण🕉🙏🏻💞
जै माता सीता💞🙏🏻🕉राधे राधे🕉🙏🏻💞
Jai Shree Ram Har Har Mahadev Jai Shree Krishna Jai Mata Di 🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️🚩🕉️
महर्षि दयानंद सरस्वती की जय।
You are telling with enthusiasm and with rocket speed,not a complaint, but compliment.will watch it again to understand 🤷♀️🤷♀️👍👌
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
Thank you. However, from now will try my best to keep the pace of my delivery a bit slower, yet as interesting as always.
@@intellect-mind Thank you 🙏
Maharshi Dayanand Saraswati is right in universe theory
एकत्ववाद का अर्थ है, मन अब एक से भरा है, अब एक के गुण गा रहा है, मन में अब बस एक ही चलता है, मन अब इस दुनिया के अलग अलग रूपों में एक को ही देख लेता है, मन देख लेता है की जो भी मेरे सामने है, वो वही है(परमात्मा), उससे भिन्न कुछ और नहीं है। ये कोई हवा हवाई बात नही है, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हू।
और ज्ञान गहराई से समझने के लिए, हमारे मंदिर मैं आए, घंटी बजा दीजिएगा। और हृदय खुला हुआ हो, तो ज्ञान सीधा सीधा भीतर जाए।
Bilkul glt hai😂😂
@exhindunowaryasanatani4449 एक बार Arya समाज vinashak देखो तुम्हारा दिमाग ke अंदर जो arya samajiyo ने pong पंडित ये सब भरा है वो nikl jayega😂