Dont know how i came across this video but happiness is a choice .. Joy and misery both generates within us so its up to you what you choose wisely ...
me aaj pta nhi kyu kafi low feel krra tha subah se aur par bhi nhi para tha but just today evening I opened youtube and I don't know why but god saw my problem and the first video in my recomendation and I see just the title " Dukh ka mool karan dwait ka bhaav hai " like god was speaking to me by your medium in this video. God bless you sister thanks for this video 😊😊
मेरा एक प्रश्न है की हमें सामने वाले को ज्ञान क्यो देना चाहते उसे कुछ क्यो सिखाना चाहते है। क्या हम अपने आप को सामने वाले से श्रेष्ठ समझते है, या ये हमारा इंसानी स्वभाव है सामने वाले को उसकी कमी दिखाना या फिर हमे बोलते रहना पसंद है। यदि हम अपने आप को सामने वाले से श्रेष्ठ या उच्चतम समझते है तो यह तो हमारे अहंकारी होने का बोध प्रकट करता है।
Dekhne wale pe nirbhar hai wo esa soche to ..sambandh pe nirbhar hai..Mere dekhe agar koi doosre ko kuch samjhata hai to prem prakat karta hai use us anand ko dikhana chahte hai jo hame dikhta hai..
बिना बोध के इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है , मैं यह सब आध्यात्मिक बातें पिछले 7 सालों से सुन रहा हूं किंतु जीवन में आज तक कोई वास्तविक रूपांतरण नहीं आया है बस चीज मानसिक रूप से समझाआई है जो एक 2 दिन के बाद भूल जाते हैं और फिर वही अहंकार युक्त जीवन चालू हो जाता है एंकर भाव को मिटाना सबसे जरूरी है यह अहंकार भाव कैसा मिटाया जाए ???
सुनने से क्या होगा ,सिर्फ़ लगेगा कि कुछ हो रहा है ,दूसरों के ज्ञान से रास्ता दिखता है चलना तो ख़ुद पड़ता है । क्यों भूलते है याद रखिए जैसे ख़ाना पीना याद रहता है बाक़ी सब याद रहता वैसे साक्षी को याद रखिए।
@@उर्वशी-0 माफ कीजियेगा मैडम किंतु आपके लिए इन सब बातों का बहुत महत्व है परन्तु सांसारिक लोगों के लिए ये सब बाते व्यर्थ है , और उनको अचानक कुछ समझ में भी नहीं आएगा धीरे धीरे अपनी लाइफ स्टाइल बदल कर ही इन चीजों के महत्व को जाना जा सकता है , ऐसे संसार में व्यस्त लोगों के लिए तो ये सब बाते व्यर्थ है चलो मुझे समझ में आ भी गया परंतु क्या करूं , रहना तो इन सब के बीच में ही है , इसलिए यही सब करना पड़ता है
मैं फिर भी कहूँगी लोगो को लोगो पे छोड़िए ,आप कोशिश कीजिए और बचे रहिए कीचड़ में कमल जैसे ।किसी को कुछ दिखाने की आवश्यकता नहीं बस ख़ुद याद रखिए ।लोग बदल जातें है जब हम बदलना शुरू होते है ।आप अपने को दुनिया के दिखाए नहीं ख़ुद के दिखाए देखे ।🙏
Dwait ka bhav Jo aap ne kaha . Vo yeh ki hum apnne se bahar dwait dekhte hein to dukh hotta hai. Par kuch aur bheetar jayenn to dwait ka bhav hamare ander se hum latte hein. Bahar to sirf us bhav ke effects aate hein.
nahi pran nahi mitti mein mil jayenge Mitti is not living life U could say transformation but not transformation of life If this was true then why don't mitti do other biological activities 🙏😊
How can u say mitti don't do biological activity...jaise aap shrir me fase ho..wohi pran mitti me fase h mitti kya soch rhi h apko kya pta..kbi chintio ko dekhna wo b bhag rhi h ..jaise aap...ek chote se gole pe usi gole ki lohe mitti ki chize pane me Jin chizo ko khi aur nhi le ja skte aap ..jinke hone me koi khusi nhi milti .pr abhav me dukh ka anubhav hota h..sb man h ...apka mana hua h..aap hi creator ho..fase hue ho.. me..@@shubhamatkal
dvait ka khel samajh na aaye aur khel na pao to dukh hi dukh hai.. advait bhul jao bahan ji, dvait -dwand me mastery kro.. samadhi-sakshi ke chakkr me mera sabse kimti time barbad ho gaya
Urvashi, i have been following you since a week. Thankyou for so much clarity. Love to you ❤. 🙏🙏🙏
Osho ki yaad aagay...
But u have ur unique presence
क्या पीडा भी द्वैत भाव से होती है।
पीड़ा तो अनूभव है।❤❤❤
पीड़ा का अनुभव ही द्वैत है
अद्वैत तो संभाव है।
Background is noisy pls keep in mind in future but really worth to listen Love from Melbourne
Great thoughts
गहराईसे समजानेकेलीए धन्यवाद
Aapne bahut acchi tarha se samja hai osho ko
Dont know how i came across this video but happiness is a choice .. Joy and misery both generates within us so its up to you what you choose wisely ...
Great thought h apke
osho premi humesha anand mei rehte hai muje koi dukh nahi hai
आपकी प्रज्ञा को प्रणाम
I am You. You are Me.
me aaj pta nhi kyu kafi low feel krra tha subah se aur par bhi nhi para tha but just today evening I opened youtube and I don't know why but god saw my problem and the first video in my recomendation and I see just the title " Dukh ka mool karan dwait ka bhaav hai " like god was speaking to me by your medium in this video.
God bless you sister thanks for this video 😊😊
Ye sab dukh ki hi mahima hain mohtarma
Dukh na hota to adhyatm na hota, Dukh na hota to vigyan na hota
मेरा एक प्रश्न है की हमें सामने वाले को ज्ञान क्यो देना चाहते उसे कुछ क्यो सिखाना चाहते है। क्या हम अपने आप को सामने वाले से श्रेष्ठ समझते है, या ये हमारा इंसानी स्वभाव है सामने वाले को उसकी कमी दिखाना या फिर हमे बोलते रहना पसंद है। यदि हम अपने आप को सामने वाले से श्रेष्ठ या उच्चतम समझते है तो यह तो हमारे अहंकारी होने का बोध प्रकट करता है।
Dekhne wale pe nirbhar hai wo esa soche to ..sambandh pe nirbhar hai..Mere dekhe agar koi doosre ko kuch samjhata hai to prem prakat karta hai use us anand ko dikhana chahte hai jo hame dikhta hai..
Aap kha se ho bataiyega jaroor
Jo hai kay sath jeena parm sukh hai bo hona chiya parm dukh hai yahi parm satya hai
बिना बोध के इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है , मैं यह सब आध्यात्मिक बातें पिछले 7 सालों से सुन रहा हूं किंतु जीवन में आज तक कोई वास्तविक रूपांतरण नहीं आया है बस चीज मानसिक रूप से समझाआई है जो एक 2 दिन के बाद भूल जाते हैं और फिर वही अहंकार युक्त जीवन चालू हो जाता है एंकर भाव को मिटाना सबसे जरूरी है यह अहंकार भाव कैसा मिटाया जाए ???
सुनने से क्या होगा ,सिर्फ़ लगेगा कि कुछ हो रहा है ,दूसरों के ज्ञान से रास्ता दिखता है चलना तो ख़ुद पड़ता है ।
क्यों भूलते है याद रखिए जैसे ख़ाना पीना याद रहता है बाक़ी सब याद रहता वैसे साक्षी को याद रखिए।
@@उर्वशी-0 माफ कीजियेगा मैडम किंतु आपके लिए इन सब बातों का बहुत महत्व है परन्तु सांसारिक लोगों के लिए ये सब बाते व्यर्थ है , और उनको अचानक कुछ समझ में भी नहीं आएगा
धीरे धीरे अपनी लाइफ स्टाइल बदल कर ही इन चीजों के महत्व को जाना जा सकता है ,
ऐसे संसार में व्यस्त लोगों के लिए तो ये सब बाते व्यर्थ है
चलो मुझे समझ में आ भी गया परंतु क्या करूं , रहना तो इन सब के बीच में ही है , इसलिए यही सब करना पड़ता है
मैं फिर भी कहूँगी लोगो को लोगो पे छोड़िए ,आप कोशिश कीजिए और बचे रहिए कीचड़ में कमल जैसे ।किसी को कुछ दिखाने की आवश्यकता नहीं बस ख़ुद याद रखिए ।लोग बदल जातें है जब हम बदलना शुरू होते है ।आप अपने को दुनिया के दिखाए नहीं ख़ुद के दिखाए देखे ।🙏
@@roshanpatidar6090 धीरे धीरे अपनी लाइफ स्टाइल बदल कर ही इन चीजों के महत्व को जाना जा सकता है. haan bhai yahi baat hai.
Phle Tal k Man se paar hoke b bechaini h..Jan ne ki..ahenkar ne sansar banaya kaise..alg alg tatav kaise bne.aur b bht kch...@@उर्वशी-0
🇳🇵 😊
दुख के अनेक कारणों में से एक कारण, क्या पिछ्ले जन्मों के कर्म बंधन या संस्कार भी नहीं है। ????
Wo bhi द्वैत से nikla hai,advait mein kesa janam kesi mrityu .
Dwait ka bhav
Jo aap ne kaha . Vo yeh ki hum apnne se bahar dwait dekhte hein to dukh hotta hai.
Par kuch aur bheetar jayenn to dwait ka bhav hamare ander se hum latte hein.
Bahar to sirf us bhav ke effects aate hein.
अंदर जो है वो एक मात्र है ,क्यूकी वो सदा है ,अविनाशी ।हम अंदर से बाहर जाकर द्वैत निर्मित करते है
So swt you n your Vani .
Love n Blessings 🎊
2:43 ret mein pran nahi hai :)
Bilkul hai,mera sharir ret hi h or marne k bad spasht ret ho jaega ,abhi jo jivit pran dikhta h wo mitti me mil jaega.
nahi pran nahi mitti mein mil jayenge
Mitti is not living life
U could say transformation but not transformation of life
If this was true then why don't mitti do other biological activities 🙏😊
I am not trying to play with words here ..
Its just the same.
How can u say mitti don't do biological activity...jaise aap shrir me fase ho..wohi pran mitti me fase h mitti kya soch rhi h apko kya pta..kbi chintio ko dekhna wo b bhag rhi h ..jaise aap...ek chote se gole pe usi gole ki lohe mitti ki chize pane me Jin chizo ko khi aur nhi le ja skte aap ..jinke hone me koi khusi nhi milti .pr abhav me dukh ka anubhav hota h..sb man h ...apka mana hua h..aap hi creator ho..fase hue ho.. me..@@shubhamatkal
mam..esa lgta h..aap lao tzu se sbse zyda prabhavit h..kya m sahi hu..??
Sukh na mango to dukh bhi nhi koi de skta
dvait ka khel samajh na aaye aur khel na pao to dukh hi dukh hai.. advait bhul jao bahan ji, dvait -dwand me mastery kro.. samadhi-sakshi ke chakkr me mera sabse kimti time barbad ho gaya
aapki eyes red hai
In camera
Urvashi you are too good. You talks carry uncanny resemblance to osho.
dukh ka mool hai ki aap apne maalik ke DNA ko nahi jaante