निर्जला एकादशी

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ส.ค. 2024
  • निर्जला एकादशी
    Nirjala Ekadashi is also known as Bhimsen Ekadashi, Pandava Ekadashi and Bhima Ekadashi.
    This year, Nirjala Ekadashi Vrat is being observed today, on May 31, 2023.
    महत्व :-
    इस व्रत को लेकर धार्मिक मान्यता यह है कि यदि आप पूरे साल एक भी एकादशी का व्रत नहीं करते हैं और निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं तो आपको संपूर्ण एकादशियों का फल स्वतः ही प्राप्त हो जाता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। निर्जला यानि यह व्रत बिना जल ग्रहण किए और उपवास रखकर किया जाता है। इसलिए यह व्रत कठिन तप और साधना के समान महत्त्व रखता है। इस व्रत के प्रभाव से प्राणी जीवन-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। निर्जला एकादशी के इस महान व्रत को 'देवव्रत' भी कहा जाता है क्योंकि सभी देवता,दानव,नाग,यक्ष,गन्धर्व,किन्नर,नवग्रह आदि अपनी रक्षा और जगत के पालनहार श्री हरि की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी का व्रत करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस एकादशी में ब्रह्महत्या सहित समस्त पापों का शमन करने की शक्ति होती है। इस दिन मन, कर्म, वचन द्वारा किसी भी प्रकार का पाप कर्म करने से बचने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही तामसिक आहार, परनिंदा एवं दूसरों का अपमान से भी दूर रहना चाहिए। भक्तिपूर्वक इस व्रत को करने से व्रती को करोड़ों गायों को दान करने के समान फल प्राप्त होता है।

ความคิดเห็น • 2

  • @user-lj1vl7xc2j
    @user-lj1vl7xc2j ปีที่แล้ว

    कुंडी सोटा भी उपलब्ध कराने की कोशिश करें हम पहलवानों के खिलाड़ियों को जरूरत पड़ती है

  • @chetnakapoor478
    @chetnakapoor478 4 หลายเดือนก่อน

    Bilona mil jaega kya?