सापेक्षिक गति के लिए निर्देशांक रुपांतरण समीकरण Coordinate Transformation for relative motion

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 พ.ย. 2024
  • निर्देशांक रूपान्तरण (Coordinate Transformation)
    किसी कण की स्थिति व अवस्था को व्यक्त करने अथवा किसी घटना की व्याख्या के लिये निर्देश तंत्र निर्धारित करना आवश्यक होता है। एक तंत्र में लिये गये प्रेक्षण उसी घटना के लिये दूसरे तंत्र में लिये गये प्रेक्षणों से भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिये प्लेटफॉर्म पर खड़े व्यक्ति के लिये आस पास के वृक्ष आदि स्थिर प्रेक्षित होते हैं परन्तु चलती गाड़ी में बैठे व्यक्ति के लिये वे वृक्ष गतिशील प्रेक्षित हैं। किसी घटना के लिए एक तंत्र में लिये गये प्रेक्षणों तथा उसी घटना के लिये दूसरे तंत्र में लिए गये प्रेक्षणों के मध्य संबंध व्यक्त करने वाले संबंधों को रूपान्तरण समीकरण कहते हैं।
    यदि निर्देश तंत्रों के मध्य कोई आपेक्षिक गति नहीं होती है और केवल स्थानान्तरण अथवा निश्चित कोण से घूर्णन होता है तो रूपान्तरण समय अनाश्रित होते हैं। इसके विपरीत जब उनके मध्य ओपक्षिक गति होती है तो रूपान्तरण समीकरण समय पर आश्रित होते हैं। सर्वप्रथम हम समय अनाश्रित रूपान्तरण पर विचार करते हैं।
    Lecture -01 निर्देश तंत्र (inertial Frame of Reference) 👇👇👇
    • Frame of reference (नि...
    Lecture -02 कण का स्थिति सदिश (Position Vector of Particle) 👇👇👇
    • कण का स्थिति सदिश (Pos...
    Lecture -03 गतिशील कण का स्थिति सदिश (Position Vector of Moving Particle)👇👇👇
    • गतिशील कण का स्थिति सद...
    Lecture -04 स्थानान्तरित गति के लिये निर्देशांक रूपान्तरण समीकरण (Coordinate Transformation for Transfer motion) 👇👇👇
    • स्थानान्तरित गति के लि...
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