Tarpan 10 तर्पण १० | Ansoo I आँसू | Jaishankar Prasad I Dr Kumar Vishwas
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- เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
- तर्पण १० | जयशंकर प्रसाद
शोक से श्लोक में परिवर्तित हुई कविता की धारा जब जब पीड़ा के आँगन में पहुँची है हृदयों की परम निधि में ढल गई है !वेदना का प्रवाह अपने चरम पर हो तो कालजयी कविता का जन्म होता है। यदि आपने कभी कलम में स्याही की जगह पर आँसू भर कर रच देने की कल्पना की हो तो महाकवि जयशंकर प्रसाद की कालजयी रचना कामायनी के 'आँसू' सर्ग का का यह अंश सुनें।
Tarpan 10 | Ansoo | Jaishankar Prasad
Ever imagined to refill your pen, not with ink but with tears? Mahakavi Jaishankar Prasad travels through extremities of your pain (and that of his own, of course) and comes out with this unmatched array of emotion, 'Aansoo'
Is karunaa kalit hriday me
Ab vikal raagini bajati
Kyon hahakaar svaron me
Vedna aseem garajati?
Aati hai shoonya kshitij se
Kyon laut pratidhvani meri
Takrati bilkhaatee-si
Pagali-si deti pheri?
Chhil-chhil kar chhaale phode
Mal-mal kar mridul charan se
Dhul-dhul kar bah rah jate
Aansoo karunaa ke kan se
Abhilaashaon ki karvat
Phir supt vyatha ka jagana
Sukh ka sapna ho jana
Bheegi palko ka lagna
Jo ghanibhut peeda thi
Mastak me smrti-si chhaayi
Durdin me aansoo bankar
Vah aaj barasane aayee
Ro-rokar sisak-sisak kar
Kahta mein karun kahani
Tum suman nochate sunte
Karte jaani anajani
Jhanjha jhakor garjan tha
Bijalee thi nirad-maala
Paakar is shoonya hriday ko
sabane aa dera dala
Bijalee maala pahane phir
Muskyaata tha aangan me
Haan, kaun baras jata tha
Ras boond hamare man me?
Gaurav tha, neeche aaye
Priyatam milne ko mere
Mein ithala utha ankinchan
Dekhe jyon svpan savere
Shashi-mukh par ghoonghat dale
Anchal me deep chhipaye
Jeevan ki godhooli me
Kautoohal se tum aae
Lyrics : Jaishankar Prasad
Vocals and Composition : Dr Kumar Vishwas
Music Arrangement : Band Poetica
All Rights : KV Studio
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श्रीमान जी मुझे आपकी आवाज सुनकर मेरा दिन इतना अच्छा होता है बहुत ही अच्छी आपकी आवाज है
हिंदुस्तान के परमहंस कवि डॉ कुमार विश्वास जी मेरा आपके चरणों मे सादर प्रणाम
हम जब आपके द्वारा कुछ भी सुनते हैं
एक अलग ही दुनियां का अनुभव मिलता है
मेरे पास शब्द ही नहीं हैं
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद
बहुत सुंदर शब्दों में बयाँ नही कर सकते सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं कई बार सुना फिर भी बार बार सुन ने से खुद को रोक न सकता...संदेह न कि ये जय शंकर प्रसाद जी की कालजयी रचना है...कभी वक़्त मिला तो पढ़ूँगा ज़रूर 💐💐👏🏻
जब जब भी आपकी आवाज मे जयशंकर जी की इस कविता को सुनता हुं तो मै इस दौड़ धुप वाले जगत से बाहर कल्पना लोक मे विचरण करते हुए उस अमर साहित्य जगत के छायावादी दौर मे स्वयं को पाता हुं !सुकुन की एक गहरी सांस भरकर अपने को गौरवशाली व भाग्यशाली समझता हुं कि इस धरा पर जन्म लेकर ये सहृदयता प्राप्त हुई व जीवन धन्य हुआ!!!!
अति संवेदनशील सर , जीवन की सच्चाई को जानना और उससे अपने मन को एकाग्र करना....और आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करना कि जीवन क्या है........इस रचना के सुनने के बाद मन गदगद हो गया......
इस तर्पण की तारीफ करने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है।❤❤😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
कुमार सर की आबाज में मधुशाला बहुत सुन्दर है ।
Kalam ke saath saath swar Dene ke liye Kumar vishwas ko koti koti naman
आपकी काव्य रचना वास्तव में हृदय को हिलादेती है और आपने जो सनातन की ज्योत जलाई ही है वो अविरात जलती रहे ऐसी भगवान भोलेनाथ के चरणों में प्रार्थना.
कुमार भैया पिछले 1 बरस से आपकी आवाज सुनकर ही मुझे नींद आती है। मैं बहुत ही गौरवान्वित महसूस करता हूं मुझे आप जैसे बड़े भाई , महान कवि मिले।
जयशंकर जी को सुनने का मौका मिला
आपसे यह नही सुनता तो जिन्दगी शायद अधूरी रह जाती ।हिन्दी सौभाग्यशाली है आज आपको पाकर ।
लगता है 1 million हम ही सुनकर कर बढ़ा देंगे
कुमार सर आपको मैंने कितनी ही बार सुना है इस कालजयी रचना को कभी पढ़ा नहीं लेकिन आपकी सुर ताल के साथ गुनगुनाते गुनगुनाते एक एक शब्द मन में घर कर गया है ।ओर जब भी याद आती है सुनने को फिर से चला आता हूं मन नहीं भरता सुनते सुनते बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
आज तक कभी प्रसाद जी की इस महान कृति को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ। धन्यवाद! एक कालजयी रचना का परिचय देने के लिए। उत्साहित हूं इसे पढ़ने के लिए!
Yes it's really a greatest one of "HIM".....
Mansi Mishra nice
Priynka Pandey shukla
Ap great ho sir
हमने तो पढ़ी थी 12वीं में। किन्तु तब प्रेम और विरह का अर्थ ही नही पता था। प्रतिध्वनि जैसे शब्द विज्ञान का एक कांसेप्ट ही थे हमारे लिए। अब समझ मे आती है। कुमार साहब के स्वर और संगीत ने प्रसाद जी की पीड़ा की सम्पूर्ण अनुभूति कर दी।
कई बार सुन चुका हूँ फिर भी जब कुछ अच्छा सुनने का मन करता है तो चला देता हूँ
नमस्ते गुरु जी
मै रजनीश शर्मा
जो आप ने काम किया काफी वो बहुत खुबसूरत है मेरे पास कोई शब्द नही है आप ने आने वाले समय को आने वाले युवा पीढ़ी को एक रास्ता दिया है कविताओ को गा कर
आप हमेशा अमर रहे ।
वेसा कवि कभी मरते नही है ।
अत्यधिक मार्मिक है। बहुत सुंदर। अदभुद आपकी आवाज़ में जादू है जितनी बार भी सुन लें पर मन नहीं भरता है।
एक गहरा सुकून।
कितने महान लोग थे ये हमारे महान लेखक और कवि
ये लोग इतनी गहरी सोच ऐसे शब्द कहा से लाते थे
दिल की गहराई से सत सत नमन।🤗☺️
इसे सिर्फ महसूस कर सकते हैं शब्दों में व्याख्यान करना अति दुर्लभ है 🙏 🙏
कुमार भय्या मैं पहले भी आपसे बहुत प्रभावित रही हूं..आपके तर्पण ने तो आपको और भी आदरणीय बना दिया मेरे लिये हार्दिक अभिनंदन एवं सादर प्रणाम।
जयशंकर प्रसाद जी का लेख सदैव जीवित रहेगा, यादी आपसा कोई इनको हम सबके समक्ष ले कर आए ❤❤ आपके इस कर्म के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🏼
सर जी मुझे आपके द्वारा सुनाई गई "आँसू " रचना मैने १०० बार सुन ली है , मेरा मन नही भरता है। यह करुण रस से भरी कविता हर बार मुझे रुलाती है। love u sir😍 आपने अपने मधुर कंठ से हम तक यह यह रचना पहुंचाई।
जीवन की गोधूलि में
कौतूहल से तुम आए....
जो घनीभूत पीड़ा थी
मस्तक में अब तक छायी...
अद्वितीय कवि अद्भुत पाठ 💜💜🙏
गुरुजी आप ने उनकी रचना को गीत के स्वर में पिरोकर, प्रसाद जी की रचना को अमर कर दिया
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻अभिवादन
अदभुत,अद्वितीय,अकल्पनीय ,,,,निशब्द कर देने वाली आवाज ,,
मां सरस्वती की कृपा पात्र हो आप,,
कामायनी तो कई बार पढ़ी और सुनी
पर
आपकी आवाज,हृदय द्रवित करने वाले भाव आज मिल पाए,,,
नमन आपको गुरुवर
आपका योगदान हमारे लिए प्रसाद है Sir
अद्भुत भावभरी अभिव्यक्ति बताती है कि आप इतने लोकप्रिय क्यों हैं नमन् आपको ।
बहुत बहुत सुंदर, पहली बार सुना, कुमार विश्वास, दिल और दिमाग़ दोनो ही उद्गिन हैं। जादू है आपकी आवाज़ और कहने का अंदाज।
युग वक्ता कुमार विश्वास जी जिंदाबाद
कोई कवि जब कलम में स्याही की बजाय आँसू भरकर लिख दे तो ऐसी रचना होती है।नमन है जयशंकर जी को🙏🙏
श्री जय शंकर प्रसाद जी भारत की शान थे |
और आप सर भारत की शान हैं |
बहुत ही हृदयस्पर्शी कविता |❤️❤️❤️❤️
१०० से अधिक बार सुन चुका हूं, फिर भी आपकी आवाज ने सुनते रहने को प्रेरित किया
श्री मान कुमार विशवास जी को मेरा सादर प्रणाम 🙏🙏 आपकी इस कृति को मेने 2024 मे सुना बहुत ही सुंदर कृति है । नारी तो नारी होती नारी की जगह कोई नही ले सकता है 💯💯
जिनते इस कवित का भागीदार जयशंकर प्रशाद है उतने ही आप भी हो कुमार सर
आपकी मधुर ध्वनि ने कविता की मार्मिकता को और भी बढ़ा दिया।धन्यवाद सर
सर बहुत ही खूबसूरत और सुंदर कविता और उतनी ही मृदुल आवाज ......कोटि कोटि नमन सर आपको जो इतनी अद्भुत कविता हम तक पहुंचाई ।।।
यह विश्वास ही तो साहित्यिक और सामाजिक विश्वास है जय हो प्रभु
शायद जयशंकर प्रसाद ने इन सारी कविताओं को कुमार विश्वास जी के लिए लिखा है लगता है आपका बहुत बहुत आभार
कविता और स्वर दोनो श्रेष्ठ हैं ।
संगीत भी बहुत मधुर है।
जिस प्रकार रामानंद सागर ने आम जनमानस तक भगवान राम को पहुंचाने का कार्य किया उसी प्रकार आपने श्री जयशंकर प्रसाद जी की रचना आंसू को हमारे अंतकरण तक पहुंचाने का कार्य किए हैं इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूंगा
छायावाद के आधार स्तम्भ जयशंकर प्रसाद जी की कविताएं अद्वितीय होती है
और आज के महान् कवि कुमार विश्वास जी के सिवाय शायद ही कोई इस कविता को इतने मर्मस्पर्शी रूप से प्रस्तुत कर सकता था !
बेहतरीन लय और गीत के द्वारा इसे गाया ,,
सर आप हमारा गौरव है, और हमे आप पर गर्व है आपकी आवाज ने हमारे संस्कृति, हमारे साहित्य को नया आयाम दे दिया है। आप को दिल से सैल्यूट है सर जीवन में एक ही अभिलाषा रहेगी कि एक बार आपसे मिलनेका मौका जरूर मिले।
कलयुग के कालिदास को मेरा प्रणाम
बहुत सुन्दर सर. आपकी मधुर ध्वनि ने इसे और भी कर्णप्रिय बना दिया है. अगले बार मुख से पूरी कविता सुनना चाहते हैं
आप पहले कवि है ,जिनकी कविता से हिंदी के शुद्ध और शुशील नए शब्द सुनने और सीखने को मिलते है उत्तम ,"कुमार sir" 🙏🙏❣️
Dr. Kumar viswaas ki voice ne to sone pe suhaga wala kaam kiya h.
डॉक्टर साहब सादर प्रणाम ईश्वर ने आपको क्या आवाज दी है दिल खुश हो जाता है
धन्यवाद गुरदेव, आप ऐसे समय मे आँसू को लेकर आये जब हमें सबसे ज्यादा जरूरत थी,कल मेरे दिल के करीब मित्र ने अपने पिता जी को मुखाग्नि दी है
सर एक ही तो दिल है कितने बार जीतेगें आप की कविता सुनकर मुझे मेरी माँ की बहुत याद आती है 😢
बहुत ही मार्मिक बहुत ही संवेदनशील सीधा हदय को छू जाती है ये गीत..... कोई भी गीत इसका मुकाबला नहीं कर सकती ❤️❤️❤️
🙏 इस उत्कृष्ट कृति का आपके द्वारा किया गया अपने स्वर में प्रयास अंतर्मन को आत्म विभोर कर गया। धन्यवाद!
हृदय को छू लेने वाले इस करूण स्वर को सत सत नमन
बहुत प्रसन्नता हुई। बढ़िया गीत और हृदयशील गीतकार। धन्यवाद।
बहुत सुंदर लाजवाब प्रस्तुति , साधुवाद
प्रासाद जी की इस रचना को इस trh सामने लाने के लिए सादर प्रणाम
डाक्टर कुमार विश्वास,🙏
आपका हिंदी काव्य साहित्य सागर को जगत तक जन-जन के हृदय तक पहुंचाने का आपका
प्रयास सराहनीय और वंदनीय है।🌹🙏🙏🙏
इतने रसदार स्वर में पढ़कर आपने एक महान कवि , साहित्यकार , और एक महान हिन्दी के अध्यापक होने का आपने जो अद्भुत परिचय दिया है , उस पर कुछ कहने के लिए शब्द कम पड़ जा रहे हैं ।
फिर भी आपकी रसात्विक ध्वनि को बार - बार सुनने का मन कर रहा है , क्योंकि यह स्वर कर्ण को अत्यंत प्रिय लग रहा है ।
एक बार फिर हिन्दी के प्रति अगाध प्रेम और निष्ठ जागृत हुयी है ।
मेरे हिर्दय में परिवर्तन आया इस मधुर वाणी को सुनकर आपके चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏
Us aadmi ko dhanyavaad jisne is kavita ko sangeet diya h
कितनी सुंदर कविता है उतनी ही सुंदर आवाज है बहुत खूब मेरे मन को छू लिया ||
हम आपके माध्यम से ऐसी प्रस्तुति सुन कर धन्य हैं, सहृदय आभार महोदय जी 🙏
आवाज़ तो एैसी है कि बस सुनते ही रहो मन करता हैं कि कविता कभी खत्म ही ना हो ❤❤❤❤
Woh sir kya baat hai kaise Jai Shankar Prasad ne racha hai actually dil chhu lene wali kabita hai...........
छायावाद के चार स्तंभो में से एक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित आँसू कविता को सर आपके स्वर में सुनकर बहुत ही अच्छा लगा।
हिंदी महाजगत के अमर कवि....
कुमार विश्वास सर
सप्रेम नमस्कार गुरुवर।।🙏
जितने मेहनत से कवि ने लिखा है उसमें अपनी ध्वनि डालकर जान ले आए
❣️🇮🇳
लगता है कि आँसू को इंतज़ार था इतने दिनों से आपके स्वर का अब ये पूर्ण हो गया
अदभुत, हिंदी की रचनाओ को अपनी आवाज देकर अमर कर दिया, इसे सुनकर इस कृति को पढ़ने का मन कर रहा हैं, बहुत बहुत धन्यवाद आपको 💐💐💐💐
Jayshankar Prasad + kumar vishvas = sukoon😢
Daak Saab apki awaz me ek alag he lay aor sur hai ❤
साहब आपकी आवाज ने इस कविता में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया।
कविता में जान फूंक दी है आपने। और कविता सुनकर सारा दिमाग केंद्रित हो जाता है एक एक शब्द पर।
thanks.... vishvash,,, saab,,,,
🚩🚩जय श्री राम🚩🚩
I have tears in my eyes. No better way to express human helplessness.. A universal song from a great poet. Naman
No Bollywood song can compete this.....No words , just awesome
Dr sahaab dil jit liya apne...
Apse behatar ise koi nahi ga sakta...
आप के दर्पण ने मुझे इक नयी जिंदगी दी 😢😢😢😢
Kumar ji aapne jaishankar ki mahaan rachna ko apni aawaj se jivant banaa diya...hai mujhe sadaiv tees rahegi...Ki mai uss samay kyu nahi janma....Jab yah rachi gayi thi
Listening it in repeated mode.. remembered word by word.. still want listen this voice..Great sir..no one can compete U. #Hindi Legend Vishvas Sir..Thnq This poem stole my heart. Jai Shanker Prasad ji is Greatest..
Thnq so much sir for liking my comment..
Kumar Sir aapne Jayshankar prasad ji ko ek bar fir se zinda kar diya, bahut bahut abhar
कुमार विश्वास जी आपने तो जग जाहिर करके जग को जगा दिया आपका बहुत बहुत बहुत बहुत शुक्रिया
Sir apki kvita ko son kr sukoon aata h
🙏🙏 बहुत ही मधुर वाणी है आपकी 👌👌
Dear Mr Kumar ji aapki aawaj me jadu hai. Aap Anmol ratan ho. Aap jaise kavi birle hote hain. My best wishes to u.
2024 me kon kon sun raha h 😢😢😢😢😢😢❤❤❤❤❤❤
मुझे तर्पण सुनना बहुत पसंद है और मैं इसे जब भी समय मिलता है सुनता हूं
Thanks vishvas ji इतनी अच्छी आवाज देने के लिए और हमारे कवियों की कविताओं को जीवित रखने के लिए।❤❤❤❤
आंसू आ गये कुमार जी कलेजा निकाल कर रख दिया आपने,आपसे निवेदन है कि आप पूरी कविता ही आपकी आवाज मैं डाले ,आप की आवाज में जादू है,पुरे दर्द भुला देती है🙏🎉
Aapke kanth me swayam maa sarswati niwas karti hai aur shwar amar ho jaya karta hai aap Vartmaan Mahakavi hai aap adbhut hai mahanayak Saraswati putra Ko mera pranam 🙏🙏
कुमार विश्वास जी सारा जादू तो आपकी आवाज का है वरना अच्छे शब्द तो अक्सर लोग लिख लिया करते हैं।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐🌺🌺👍👍👍
Bahut hi marmik h sar aapko namn h 😭😭😭😭👌👌👌👌
सर आसु " ने आसु ला दिया आखो में अद्भुत .शब्द नही की आपका आभार कैसे व्यक्त करू...
I am very lucky, k mai literature ki student rhi hu..maha kavi jai shankar prasad jaise mahan personality ka sahiya read krne ka chance mila.
अदभुत!
जयशंकर प्रसाद जी को नमन।
शब्दों, स्वरों तथा संगीत तीनों का असीम संगम 😌❤😔🙏 स्वर गायक पंकज उधास जैसा लग रहा है 🥰 इनकी सबसे पहला गीत- क्या कहती हो सुनो नारी सुना 😌😔❤🙏 अद्भुत स्वर है इनका ☺
श्री जयशंकर प्रसाद की रचना और श्री कुमार विश्वास की आवाज प्राकृत की तरह सुंदर और कोयल सी मीठी आवाज है
09/09/2021
मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि इन भावपूर्ण भावविभोर पंक्तियों में मेरा भी नाम है " मृदुल". 😊❤
Kumar Vishwas Bhaiya, I am 19 years old, and you made me think how to promote our "Maa Hindi". you always inspire me Bhaiya.
thanks to respond to my comment Kumar Vishwas Bhaiya.
Awesome song
मां हिन्दी की भी बढ़ावा अंग्रेजी में ही??
व्यंग है😚😚
I am the 100th liker of your comment..
स्वयं मां सरस्वती विराजमान हैं आप की वाणी में 🙏🙏
सर आपका यह तर्पण इतना सुंदर है कि मेरे पास शब्द ही नहीं हैं
Madhur swar🎉🎉 dhanyawad vishvas ji
बस यही कारण है कि आप दिलो में निवास करते हो
क्या कहे उस भगवान तुल्य माँ को जिसने आप जैसे अतुल्य अनमोल कोनिनूर हमे दिया🙏🙏🙏
अद्भुत एवं शानदार रचना और उससे भी अद्भुत एवं अविस्मरणीय तरीके से गया गया गीत में आपके द्वारा श्री डॉ कुमार विश्वास जी मैं तो यही कह सकता हूं बहुत ही शानदार,