सबको समान न्याय,सन्मान,अधिकार, संरक्षण,अवसर के लिए खुद का जीवन,सर्वस्व समर्पण का नाम है अंबेडकर सिर्फ नाम ही काफी है ! अंबेडकराईट राष्ट्रवाद से भारत फिर से समृध्द और सुरक्षित बौध्दराष्ट्र हो रहा है ! जयभिम ! जयशिवराय !! जय किसान !!! जय संविधान !!!! 🌾⛳🏹✍️📘🇮🇳☸️⚖️🚀🛰🌏🛸
भगवानो को नकार कर धम्म के रास्ते पर चल कर, मंदिरों में ताले लगाए जायें, अधिकांश भगवान बहुजनों के हैं और कब्ज़ा ब्राह्मणों का है. हम मुक्ति हेतु तैयार हैं.
Thanks for your post for disclosing the truth...the thought tree upskilling..for share market learners and digital market learners at GOPALPURA BYPASS JAIPUR RAJASTHAN INDIA DIRECTOR SHRAWAN YADAV.
राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी का शोध प्रमाणिक व तर्कसंगत है और वे पूर्वाग्रह से मुक्त होकर क्रमवार विश्लेषण करते हैं परंतु शम्भू सिंह आपका विश्लेषण ढांक के तीन पात के समान रहता है। आप जिन्हें गुलाम मानते हो वो कल भी स्वतंत्र थे आज भी है और आगे भी स्वतंत्र हीं रहेंगे क्योंकि उनका ग्राह्य क्षमता और सोच का दायरा बहुत बड़ा है।
कबीर और रैदास पढ़े नही थे सामाजिक ज्ञान था। पढ़ने का अधिकार ही नही था । इसलिए किताबें ब्राह्मणों ने ही लिखी होगी इसी लिए चमत्कार और मनुवाद उनमें भी भरा है ।
जब कबीर रैदास पढ़े नही थे , किताबें ब्राम्हणों ने लिखी होंगी तब भी आज की पुस्तकों में उनके चैप्टर हैं मतलब ब्राम्हणों ने कहीं न कहीं उनको समाज मे स्थान दिया। उनका सम्मान हुआ इस प्रसार में स्वर्णो का योगदान भी है।
Khatarnak nahin haraamkhor chaatane waale log hain jo power main hain unaki chaatchaatke Paisa power jamaate hain brainwash karake competitors ko maar dete hain inaki ghatiya imaginary stories ka prachar karane !
पहले हम स्कूल में पढ़ते थे पाहन पूजै हरि मिलै तो मैं पूजूं पहाड़ याते ये चक्की भली जो पीस खाय संसार कांकड़ पत्थर जोड़िकै मसजिद लई चुनाई ता चढ़ि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाई नहाये धोये क्या भया जो मन मैल न जाई मीन सदा जल में रहे धोये बास न जाई मन चंगा तो कठौती में गंगा अब ये सब बच्चों की पुस्तकों से ब्राह्मणों ने गायब कर दिया है
मुगलो और अंग्रेजो की सत्ता के समांतर देश में ब्राह्मणों ने भी धर्म व जाति के आधार पर शासन किया, मुगलों और अंग्रेजो ने भारतीय क्षुद्र समाज पर ब्राह्मणों दुवारा सत्ता स्थापित कि गई, और क्षुद्रो , ब्राहमणों के गुलाम रहे,। इसी लिए देश में मुस्लिम शासको का विरोध हुआ ही नही, ।
National Dastak, National Janmat Ko Apne Subscribers ko Dr Rajendra Prasad Singh, Science Journey, Tarksheel Bharat,Jaise Bodhisatva Aise Pakhandion ke Pardafas karne waale Channels ko Dekhne ke liye Prerit Karne chahiye..
Gulaam koin banaata nahin log gulam banate hain Jo murkh aur darpok hote hain ! Ambedakar ki dekhi woh name gulam Fule ko dekho Bane gulam nahin na to Jo Ghulam Bane woh murkh the shendiwaale logon ki sunake kaam karate the bajaat unaki shendi pakad ke utha ke neeche gutter main fenkane ke !
Gurugatnth sahib me 1 salok 40 baniya hai gururavidas jise kansi ke guruke bag me gurunanakdev ne mangatha ki guru aapki baniyo ka sayd yeha ke log samman nade hume de.jaygurudev.jaybhim.
आचार्य जी ! नमो बुद्धाय , आपको कोई - कोई रूढ़िवादिता से ग्रस्त होने के कारण अथवा दूसरे कारणों से अपशब्द बोलता है तो आप तो बुद्ध की बहुत ही गहराईयों में विचरण करने वाले ठहरे । अन्यथा और दूसरा तो अपमान के बोझ के तले दब ही जायेगा और हो सकता है बिलबिलाने भी लगेगा । जय भीम धन्यवाद
(१) सिंधु हड़प्पा सभ्यता के लोग प्रकृति पूजक थे उस समय लोहा का औजार नहीं था उसके बाद वैदिक सभ्यता आया उस समय लोहे का औजार और भगवान बनाया गया और वैदिक संस्कृति की प्रचार के लिए सभी जगह यज्ञ-हवन किया जाता था सिंधु हड़प्पा सभ्यता के लोग वैदिक काल में भी परंपरागत प्रकृति पुजक रहे होंगे वैदिक संस्कृति को स्वीकार नहीं किया होगा इसलिए उन सभी नगरीय सभ्यताओ को नष्ट किया गया होगा कहा जाता है रिपोर्ट के आधार पर हड़प्पा के लोगों को किसी किसी हथियार से काटा गया था तो वैदिक युग मे लोहा का खोज हो चुका था वैदिक युग में सं संस्कृति के लिए ही मार-काट किये होगे (२) नालंदा के विश्वविधालय मे सबूत रहा होगा इसलिए जलाया गया और नये सिरे से पात्रों और स्थानो का नाम बदलकर चार युग सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और कलयुग बनाकर वेदों पुराणों उपनिषदों और ग्रंथों का रचना किया गया होगा (३) रामायण से साफ पता चलता है कि वैदिक सभ्यता के समय वैदिक संस्कृति के प्रचार के लिए असुरों और राक्षसों आदिवासी मुलनिवासीयो के क्षेत्रों में जाकर यज्ञ-हवन करते थे जिसमें रावण के गुप्तचर बाधा डालते थे रावण प्रकृति पूजक था इसलिए अपने क्षेत्रों में यज्ञ-हवन का विरोध करता था (४)आज भी आदिवासी क्षेत्रों में घुसपैठियों लोग धर्म प्रचार के लिए इसाई अपना कर्मकाण्ड एवं वैदिक संस्कृति के लोग यज्ञ-हवन करते हैं और आदिवासी प्रकृति पुजक है परन्तु उनके कोई रावण जैसे राजा नहीं है (५) बहुत से लोगों को तो यह पता नहीं है कि लोहे से तीर वाण भाले और फरसा बनाया जाता है मुल निवासियों के हत्या के लिए राम लक्ष्मण धनुष वाण देकर तैयार किया गया और मुलनिवासीयो के क्षत्रप ( क्षत्रिय) राजाओं जो प्रकृति पूजक थे उनके हत्या के लिए परसुराम को तैयार कर फरसा हथियार पकड़ाया गया
प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी चोरों के पास चोरी का अभी भी समग्र साहित्य कहीं न कहीं होगा।जैसा कि कुछ साहित्यकारों की रचनाओं को पढ़ने से आभास होता है। उन्होंने कहां से शब्द लेकर गढे़ ?
सर बुद्ध के समय उपालि नाई और भंगी का जिक्र है जिनको भगवान बुद्ध ने बाद में भिक्खू बनाया था। तो फिर इसका मयलब जाति प्रथा थी, या फिर ये सब गढ़े पात्र हैं।
Agricultural revolution is base of zati samaag(society)...when every village was independant or self-sufficient..every village had its own iron smith,shoe maker,cloths maker,barber,drum beaters (drawidian)...Farmers(land owners)head of village was sirpunch(mukhia)..actual native of indus valley wer Drawadian...arya came later...white color indians are mixture of scanday-navians and drawary... Please read the letters of karl marks and angel about subcontinent....
Hanuman chalisha balram pr district ke anya kabi tulsi das dwaara likha gaya. After200years of goswami tulsidas. . Tulsidas of bslram pur was saint of kurmi caste. Similarly devraha baba was kurmi of deoriya. Up.
Aaj Kal Bahujanon Ke Naam Par Kuchh Farzi Bahujan UTube Channels, Professor, Neta, Hitaishi Jinhe Adha Adhura Gyan Hota Hai, Khud Ko Bahut Bada Bahujan Hitaishi Hone Ka Dhong Kar Rahe Hain Aur Hindustan Ke Bahusankhyak Samaj Ko Bhramit Kar Raha Hai Aur Arab Ke Jehadi Aur Pakistani Agents Bankar Bharat Ke Bhavishya Ka Beta Garkk Karne Me Lage Hue Hain.... Dr Ambedkar Ne Musalmanon Ko Pakistan Dekar Poore Musalmanon Ko Pakistan Chle Jane Ka Proposal Diya Tha Lekin Nehru Ne Iska Virodh Kiya Tha... Aaj Kal Farzi Aur Ardh Gyani Patrakaron Ki UTube Par Barh Aai Hui Hai Jo Kewal Aur Kewal Pakistan Se Paise Lekar Bharat Ke Majority Society Ko Kamjod Karne Ki Asafal Koshish Karta Hua Prateet Ho Raha Hai... Hum Sabhi Hindustanion Se Vinamra Nivedan Karte Hain Ki Wo Aise Farzi Patrakaron, Itihaaskaron Aur Pakistan Paraston Ko Pehchan Karen Aur Bharat Me Apne Bachchon Ke Achhe Bhavishya Ke Liye Rashtravaadi Sarkaron Ko Poorn Sahyog Den... Past is always past but future must be safe.. Buddhay Namah. Jai BHEEM
Dr ambedkar ki yeh baat bhi maan leni thi ki hindu mahasabha sareekhe sangathano ka rastravad kucch aur nhi bas cchadm bahushnkhyavad hai, jo dharm aadharit hai
नालंदा विश्वविद्यालय किसने जलाया? बख्तियार ख़िलजी ने। बामियान के ग्रेट बुद्ध को किसने उड़ाया? तालिवान ने। ये चुस्लाम के खिलाफ क्यो नही बोलते नीला भेड़िया😂😂😂
Great work well done Jay Bheem krantikari Dr rajendra prasad singh ji ❤❤
इस तरह इतिहासकार उजागर कर ना, बहुत जरूरी है जय भीम जय भारत छ, ग,
संभू सर को धन्यवाद जय भीम नमो बुद्धाय
In one word Rajendra prsad sigh is revolution.
एक सच्चे व निष्पक्ष इतिहासकार और पत्रकार को तहेदिल से सादर नमस्कार ! 🙏🙏🙏
सबको समान न्याय,सन्मान,अधिकार, संरक्षण,अवसर के लिए खुद का जीवन,सर्वस्व समर्पण का नाम है अंबेडकर सिर्फ नाम ही काफी है ! अंबेडकराईट राष्ट्रवाद से भारत फिर से समृध्द और सुरक्षित बौध्दराष्ट्र हो रहा है ! जयभिम ! जयशिवराय !! जय किसान !!! जय संविधान !!!!
🌾⛳🏹✍️📘🇮🇳☸️⚖️🚀🛰🌏🛸
Professor Rajendra Prasad Singh
Is The Best
🙏 💪👊
Great sir 🙏☸️
Ravi Das Ji Ko Haardik Naman... Jai BHEEM
Bahut Bahut Badhiya s, aapne Zarrr Parr Prahar Kar Diya,Sach main Sabdon Ka Shadyantra h...
भगवानो को नकार कर धम्म के रास्ते पर चल कर, मंदिरों में ताले लगाए जायें, अधिकांश भगवान बहुजनों के हैं और कब्ज़ा ब्राह्मणों का है. हम मुक्ति हेतु तैयार हैं.
Thanks for your post for disclosing the truth...the thought tree upskilling..for share market learners and digital market learners at GOPALPURA BYPASS JAIPUR RAJASTHAN INDIA DIRECTOR SHRAWAN YADAV.
Very nice video
जय बोधिसत्व रविदास
Nai sooch nai raah;chupaya satya naya ghav;jaiashok mahan jaibheem;Basant kumar maurya
Sir Aaj m khush hun kyuki aaj aap hidi bol rahe ho
Prof. Rajendra Prasad Singh reveals history in new perspective.
धन्यवाद सर ❤
रविदास जी, कबीर दास और गौतम बुद्ध आदि सभी के साहित्य का जनेऊधारियों ने अपभ्रष्ट किया है।
बिल्कुल सही बात है ।
बहुत बहुत आभार
बेहतरीन जानकारी मिली
Satguru Ravidas ji satguru Kabir ji Guru Granth Sahib Ji me sachi chhikha he
Thanks for sharing 😊
राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी का शोध प्रमाणिक व तर्कसंगत है और वे पूर्वाग्रह से मुक्त होकर क्रमवार विश्लेषण करते हैं परंतु शम्भू सिंह आपका विश्लेषण ढांक के तीन पात के समान रहता है। आप जिन्हें गुलाम मानते हो वो कल भी स्वतंत्र थे आज भी है और आगे भी स्वतंत्र हीं रहेंगे क्योंकि उनका ग्राह्य क्षमता और सोच का दायरा बहुत बड़ा है।
Jay bhim Jay bharat Jay mulniwasi.
कबीर और रैदास पढ़े नही थे सामाजिक ज्ञान था। पढ़ने का अधिकार ही नही था । इसलिए किताबें ब्राह्मणों ने ही लिखी होगी इसी लिए चमत्कार और मनुवाद उनमें भी भरा है ।
जब कबीर रैदास पढ़े नही थे , किताबें ब्राम्हणों ने लिखी होंगी तब भी आज की पुस्तकों में उनके चैप्टर हैं मतलब ब्राम्हणों ने कहीं न कहीं उनको समाज मे स्थान दिया। उनका सम्मान हुआ इस प्रसार में स्वर्णो का योगदान भी है।
नालंदा विश्वविद्यालय, भोजशाला, तक्षशिला में कौन पड़ते थे रे? कुछ भी बकते हो 😂😂😂, बकचोदी करना मौलिक अधिकार होना चाहिए
Buddist university Nalanda
बुध्द के समय जातिव्यवस्था थी पाे०साहब अपना पेपर तैयार करें तो बडी कृपा होगी।कृपया खोज जारी रखें।मानवता पर बडा एहसान होगा।ढेर सारी बधाईयां।
Jai bhim ji Namo buddhay Jay Bheem Jay sanvidhan Jay Bharat
Great 👍
Namo buddhaye Jai Bhim Jai Bharat sathio keep it up and Up for the mission AMBEDKARBAAD
जोहार... जय मुलनिवाशी ब्राह्मण विदेशी है....
THANK you SIR
You are great
✍️🌺 जय भीम नमों बुद्धाय 🌺✍️
बहुत ही खतरनाक लोग है,बेईमान है,जिन्होने बोद्ध साहित्य जलाया और संस्कृत बची रही।
Khatarnak nahin haraamkhor chaatane waale log hain jo power main hain unaki chaatchaatke Paisa power jamaate hain brainwash karake competitors ko maar dete hain inaki ghatiya imaginary stories ka prachar karane !
Thanks sir you show reality of indian culture
Excellent.
Bilkul Sahi Kaha hai Aapne
सम्भू जी जय भीम जय भारत जय सतनाम
JAY BHEEM
JAY MIM 🍀🌹👍
पहले हम स्कूल में पढ़ते थे
पाहन पूजै हरि मिलै तो मैं पूजूं पहाड़
याते ये चक्की भली जो पीस खाय संसार
कांकड़ पत्थर जोड़िकै मसजिद लई चुनाई
ता चढ़ि मुल्ला बांग दे क्या बहरा हुआ खुदाई
नहाये धोये क्या भया जो मन मैल न जाई
मीन सदा जल में रहे धोये बास न जाई
मन चंगा तो कठौती में गंगा
अब ये सब बच्चों की पुस्तकों से ब्राह्मणों ने गायब कर दिया है
Professor sahab ki baat sun ke dimag kuul.gaye
great information thankyou.
Nice sir
Jai bheem
Good knowledge
Good
Jay bhim namo budhay 🙏
😢Sindhu Ghati civilization existed 1500 B.C. and Buddhist civilization in Sindhu Ghati started in 500 B. C. or later. Jati started by Manu Shruti
JAI MOOLNIWASI BHARATWANSI JAGO MOOLNIWASI BAHUJAN SAMAJ AUR BAHUJAN SAMAJ Ekta Aniware HAI
मुगलो और अंग्रेजो की सत्ता के समांतर देश
में ब्राह्मणों ने भी धर्म व जाति के आधार पर शासन किया, मुगलों और अंग्रेजो ने भारतीय क्षुद्र समाज पर ब्राह्मणों दुवारा सत्ता स्थापित कि गई, और क्षुद्रो , ब्राहमणों के गुलाम रहे,। इसी लिए देश में मुस्लिम शासको का विरोध हुआ ही नही, ।
National Dastak, National Janmat Ko Apne Subscribers ko Dr Rajendra Prasad Singh, Science Journey, Tarksheel Bharat,Jaise Bodhisatva Aise Pakhandion ke Pardafas karne waale Channels ko Dekhne ke liye Prerit Karne chahiye..
In brahmno ka satyanas Ho jai
Inhone hamare sare itihas ko badla hi.
Ek na ek din aisa ayega jab inks
Naamo nishaan mit jayega
Thanks.
नमो बुद्धाये जय भीम
जैन धर्म के बारे क्या करते फानह्यन और त्सुनामी पुरी जानकारी बताई दिजीये एक एपिसोड बनाये
बारहवीं सदी के बाद ही जाति व्यवस्था का निर्माण हूआ।
पाल वंश तक जाति व्यवस्था नहीं थी।
Sir ko Long and healthy life ho
Good sir
Jai Mulniwasi namo buddha
जय भीम नमो बुद्धाय
Or bhut kuch jaanane ki ikacha ho rahi hai...thanks sir ji
jai bhim.
शम्भू सिंह, गुलाम, गुलाम नहीं बनाते। गुलाम वो बनाते है जिनकी सत्ता होती है या जिनकी वजह से सत्ता होती है।
Gulaam koin banaata nahin log gulam banate hain Jo murkh aur darpok hote hain ! Ambedakar ki dekhi woh name gulam Fule ko dekho Bane gulam nahin na to Jo Ghulam Bane woh murkh the shendiwaale logon ki sunake kaam karate the bajaat unaki shendi pakad ke utha ke neeche gutter main fenkane ke !
Gadh Mandala Madhya Pradesh ki Itihaas ki video banaaiye sar
Gurugatnth sahib me 1 salok 40 baniya hai gururavidas jise kansi ke guruke bag me gurunanakdev ne mangatha ki guru aapki baniyo ka sayd yeha ke log samman nade hume de.jaygurudev.jaybhim.
आचार्य जी ! नमो बुद्धाय , आपको कोई - कोई रूढ़िवादिता से ग्रस्त होने के कारण अथवा दूसरे कारणों से अपशब्द बोलता है तो आप तो बुद्ध की बहुत ही गहराईयों में विचरण करने वाले ठहरे । अन्यथा और दूसरा तो अपमान के बोझ के तले दब ही जायेगा और हो सकता है बिलबिलाने भी लगेगा । जय भीम धन्यवाद
रेदास इस great
(१) सिंधु हड़प्पा सभ्यता के लोग प्रकृति पूजक थे उस समय लोहा का औजार नहीं था उसके बाद वैदिक सभ्यता आया उस समय लोहे का औजार और भगवान बनाया गया और वैदिक संस्कृति की प्रचार के लिए सभी जगह यज्ञ-हवन किया जाता था सिंधु हड़प्पा सभ्यता के लोग वैदिक काल में भी परंपरागत प्रकृति पुजक रहे होंगे वैदिक संस्कृति को स्वीकार नहीं किया होगा इसलिए उन सभी नगरीय सभ्यताओ को नष्ट किया गया होगा कहा जाता है रिपोर्ट के आधार पर हड़प्पा के लोगों को किसी किसी हथियार से काटा गया था तो वैदिक युग मे लोहा का खोज हो चुका था वैदिक युग में सं संस्कृति के लिए ही मार-काट किये होगे (२) नालंदा के विश्वविधालय मे सबूत रहा होगा इसलिए जलाया गया और नये सिरे से पात्रों और स्थानो का नाम बदलकर चार युग सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और कलयुग बनाकर वेदों पुराणों उपनिषदों और ग्रंथों का रचना किया गया होगा (३) रामायण से साफ पता चलता है कि वैदिक सभ्यता के समय वैदिक संस्कृति के प्रचार के लिए असुरों और राक्षसों आदिवासी मुलनिवासीयो के क्षेत्रों में जाकर यज्ञ-हवन करते थे जिसमें रावण के गुप्तचर बाधा डालते थे रावण प्रकृति पूजक था इसलिए अपने क्षेत्रों में यज्ञ-हवन का विरोध करता था (४)आज भी आदिवासी क्षेत्रों में घुसपैठियों लोग धर्म प्रचार के लिए इसाई अपना कर्मकाण्ड एवं वैदिक संस्कृति के लोग यज्ञ-हवन करते हैं और आदिवासी प्रकृति पुजक है परन्तु उनके कोई रावण जैसे राजा नहीं है (५) बहुत से लोगों को तो यह पता नहीं है कि लोहे से तीर वाण भाले और फरसा बनाया जाता है मुल निवासियों के हत्या के लिए राम लक्ष्मण धनुष वाण देकर तैयार किया गया और मुलनिवासीयो के क्षत्रप ( क्षत्रिय) राजाओं जो प्रकृति पूजक थे उनके हत्या के लिए परसुराम को तैयार कर फरसा हथियार पकड़ाया गया
Pakhand ke khilap likha gaya Sahitya Abhyaskram me School me Nahi Padhaya Jata Pakhand Aur Andhashradha Badhane ka kam S school College me ho raha hay
बुद्ध के ब्राह्मणी कारण कर दिया
Namo budhaye
Manu smriti ka kalkhand kya tha ? please say about this .
प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी चोरों के पास चोरी का अभी भी समग्र साहित्य कहीं न कहीं होगा।जैसा कि कुछ साहित्यकारों की रचनाओं को पढ़ने से आभास होता है। उन्होंने कहां से शब्द लेकर गढे़ ?
हर एक विडियो में पीछे से आवाज़ क्यों आया करते हैं तो क्या एक शांत परिसर उपलब्ध नहीं हो सकता
Gond jati ke char rajya the garh mandla chanda garh dev garh etc
Dalit adiwasiyin ko sikhsha ke dur rakhne ka karan pata lag gaya
बुद्धं के वंशज है, कबीर, भीमराव अंबेडकर, और एस जे सर
Sabhi ham bhai he Hindustan me sab bhai bhai hi rahege
🙏🙏🙏
Sambhu bhai aap samaj ke janrlist ektvis ko guru sant Ravidas ji sant Kabir baki itihash ko pdana bhut. Jaruri jai Bhim jai kanshiram
ब्राम्हण भारत कोण से सन में आए . सच बताना.
Haa haa haa
ब्रह्मण जहा भी रहेंगे अपने ढंग से मिलावट किया है ताकि संत गुरु रैदासजी कबीर दास जी बुद्ध के उपदेशों को आगे बढ़ाया उसे खत्म हो जाय।
सर बुद्ध के समय उपालि नाई और भंगी का जिक्र है जिनको भगवान बुद्ध ने बाद में भिक्खू बनाया था। तो फिर इसका मयलब जाति प्रथा थी, या फिर ये सब गढ़े पात्र हैं।
Agricultural revolution is base of zati samaag(society)...when every village was independant or self-sufficient..every village had its own iron smith,shoe maker,cloths maker,barber,drum beaters (drawidian)...Farmers(land owners)head of village was sirpunch(mukhia)..actual native of indus valley wer Drawadian...arya came later...white color indians are mixture of scanday-navians and drawary...
Please read the letters of karl marks and angel about subcontinent....
Brahmins ne jalaya tha iske baad inhone apni varn system jada
Itihas ke tathyeo ko Kaise jane
Vakatak samrajya me kunbi, kasyakar ka silalekh hai. Based on profession.
Namobuthddahynambbjayvin
Hanuman chalisha balram pr district ke anya kabi tulsi das dwaara likha gaya. After200years of goswami tulsidas. . Tulsidas of bslram pur was saint of kurmi caste. Similarly devraha baba was kurmi of deoriya. Up.
Koli samaj ne gujraat main ladai lady
Isse poocho Aapne kya Likha
मतलब की संस्कृत में लिपि या कुछ वेद लिखने का कार्य किया जा रहा था और बुद्ध साहित्य को क्यों जलाया गया और ब्राह्मणों का वेद ग्रंथो को छोड़ दिया है
Aaj Kal Bahujanon Ke Naam Par Kuchh Farzi Bahujan UTube Channels, Professor, Neta, Hitaishi Jinhe Adha Adhura Gyan Hota Hai, Khud Ko Bahut Bada Bahujan Hitaishi Hone Ka Dhong Kar Rahe Hain Aur Hindustan Ke Bahusankhyak Samaj Ko Bhramit Kar Raha Hai Aur Arab Ke Jehadi Aur Pakistani Agents Bankar Bharat Ke Bhavishya Ka Beta Garkk Karne Me Lage Hue Hain.... Dr Ambedkar Ne Musalmanon Ko Pakistan Dekar Poore Musalmanon Ko Pakistan Chle Jane Ka Proposal Diya Tha Lekin Nehru Ne Iska Virodh Kiya Tha...
Aaj Kal Farzi Aur Ardh Gyani Patrakaron Ki UTube Par Barh Aai Hui Hai Jo Kewal Aur Kewal Pakistan Se Paise Lekar Bharat Ke Majority Society Ko Kamjod Karne Ki Asafal Koshish Karta Hua Prateet Ho Raha Hai...
Hum Sabhi Hindustanion Se Vinamra Nivedan Karte Hain Ki Wo Aise Farzi Patrakaron, Itihaaskaron Aur Pakistan Paraston Ko Pehchan Karen Aur Bharat Me Apne Bachchon Ke Achhe Bhavishya Ke Liye Rashtravaadi Sarkaron Ko Poorn Sahyog Den... Past is always past but future must be safe.. Buddhay Namah. Jai BHEEM
Dr ambedkar ki yeh baat bhi maan leni thi ki hindu mahasabha sareekhe sangathano ka rastravad kucch aur nhi bas cchadm bahushnkhyavad hai, jo dharm aadharit hai
Caste ka vyora vedo me bhi hai
Rigved ke mandal 2ke rachayita kurm risi ka nam badala ja raha hai.
Kabeer dash ji bastav me vidman that hamne bhi unke kabhi dohe achchhe lage
यादव का इतिहास भी छुपाया जा रहा है।
Sambhu sir yeh log baba saheb ka sanvidhan ko badal na chate hai
Accha Who hi baba Sahab na jin Ho nay Muslims kay barya My mithi mithi batya ki thi 😉😉
नालंदा विश्वविद्यालय किसने जलाया? बख्तियार ख़िलजी ने। बामियान के ग्रेट बुद्ध को किसने उड़ाया? तालिवान ने। ये चुस्लाम के खिलाफ क्यो नही बोलते नीला भेड़िया😂😂😂
Itni kitabe jal gyi ved puran mahabharat kese bach gy
Kabir ravidas ki asal bani guru granth sahib ji main hai baki main to boht galmel hai 🙄