@@AnilKumar-ki6nlपाखंडी साले समजते ही नहीं कि नाक से मुंह से धरती से सांसो से पैर से पेट से हर भी मछली से इंसान पैदा नहीं होते ऊन अज्ञानीयौं को ईतना भी पता नहीं की मछली मगरी बच्चे पैदा नहीं करते अंडा देते है जय विज्ञान
Haa ye idhar se murkh bana raha hai aur Bamcef wala mulniwasi keh kar murkh bana raha hai aur hum bahujan dono tarah se murkh banata rahe hai David Reich harvard university aur 92scientist ki DNA report 2018 dekho koi bhi bharat ka mulniwasi nahi hai puri duniya pad rahi hai asli khoj aur humme hmare neta aadhe adhura kuch bhi bata dete hai aur Hume bina asli report ke Mann lete hai th-cam.com/video/ORylLlh0lpo/w-d-xo.html ye dekho Tony Joseph ne asan English mei samjhaye hai first negrito aaye fir Iran se aaye log aur fir steppe se teeno ki mixing ke parinaam hai aaj Kai generation th-cam.com/video/ORylLlh0lpo/w-d-xo.html.
सिर्फ बौद्ध साहित्य मे प्राचीन इतिहास नहीं छुपा है, अपितु जैन, सिद्ध मतुआ शरना शैव साहित्य में भी भारत भूमि के प्राचीन मूलनिवासीयो का इतिहास छुपा है। वैदिको ने इसे अपने हिसाब से लिखा है,वेद का अर्थ ही जानना होता है,ना कि ज्ञान।जानकारी ज्ञान मे अन्तर होता है
बिल्कुल सही डा साहेब कह रहे हैं। बाबा साहेब ने तो स्पष्ट लिखा है कि भारत का इतिहास नहीं है बल्कि बुद्धिज़्म और ब्राह्मिनिजंम के बीच रेवयूलेशन एंड कांटर रेवयूलेशन है। इसके अलावा कुछ भी नहीं है।
He also claims in this book once there was a time Tamil was the pan India language. It means that we are oldest civilization because Tamil is the oldest language of the world
What an enlightening speech, very well done Dr. Rajendra Prasad Ji. We are glad to have people like you who are raising awareness about the unknown history of Bharat, every single thing you mentioned makes sense, that Indus Valley was indeed Buddhist civilization. So proud to hear this. Keep up the great work, and more power to you.
बुद्ध का अर्थ हुआ ज्ञान,ज्ञान बुद्धो के सहायता से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचा इसलिए यह सनातन धम्म हुआ और अभी भी जारी है भले ही कुछ लोग उसे हाईजैक कर लें।
सारे 85% मूलनिवसी-बहुजन-देशवासी एक हो जाओ, एकता में ही ताकत है। आधुनिक शिक्षित बनो, संघठित रहो और अपने हक-अधिकार-आधुनिक विकास (मुफ्त/सस्ती शिक्षा, स्वस्थ, रोजगार, मुलभुत-जरूरी जन सुविधाओं) के लिए संघर्ष करें। अंधविश्वास-पाखण्ड-जातिवाद-धर्मवाद छोड़ कर आधुनिक विकास पर जोर दो। हर अनन्य का मिल कर सामना करो। जय संविधान, जय भीम-मीम
Tathagat Gautam Buddha ko Budhatwa Prapti ke baad Unhone kaha tha Mere Pahale bhi Buddha huye hai Isliye Tathagat Gautam Buddha humesha kaha karte the Yess Dhammo Sanantano Namo Budhha 🙏🏻
27 दिन से लगातार "साँची दानं" पुस्तक अमेज़न की बेस्ट सैलिंग रैंकिंग में बनी हुई है । सुधी पाठकों के असीम प्यार के लिए में हृदयतल से आभारी हूँ। हार्दिक साधुवाद💐😊 www.amazon.in/dp/8194426634/ref=cm_sw_r_cp_apa_i_yfTbFb2V042JW
Abe ye hum bahujano ke idhar murkh banata hai aur wo Bamcef wala idhar mulniwasi ke naam par bebkuf bana raha hai jabki David Reich harvard university aur 92scientist ki DNA report 2018 ke anushar bharat ka koi bhi niwasi mulniwasi nahi hai. Pehle negrito fir Iran se aaye log aur fir steppe inn teeno ki mixing hui hai asli th-cam.com/video/ORylLlh0lpo/w-d-xo.html ye hai asli report jisko Tony Joseph sir ne bahut simple English mei bataya hai.
भारत शिव कृष्ण बुद्ध महावीर नानक जैसे महान गुरुओं की खालसा भूमि है,ना कि वैदिक ऋषियों (गुरु) की मूल भूमि। वेदों की रचना ब्रह्म ने किया जिनकी भूमि (लोक) कैलाश अटठवाय पर्वत (कैलाश मानसरोवर)से४० योजन उत्तर है।क्या आप इतना भी नहीं जानते कि वर्तमान में कैलाश पर्वत चीन मे है ।इसी पवित्र पर्वत की आकृति को हम स्तूप शिवलिंग के रूप मे पूजते है। गुरूद्वारा का गुम्बद भी इसी आकार का होता है
बौद्ध सभ्यता मे बुद्ध एक पदवी( पद) था। जिसको ज्ञान की प्राप्ति होती थी वह बुद्ध कहलाता था। बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह तथागत कहलाये । धम्म का अर्थ" करुणा दया" होता है। न की धर्म । बुद्ध को शाक्य भी कहा गया है । इनका बचपन का नाम सुकिती था। सारनाथ में इन्होंने अपना पहला उपदेश जुलाई माह में दिया था इनके शिक्षाओं को सिद्धांत theory कहा जाता है। में दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे।
हमे बाबा साहेब डॉ आंबेडकर ने जो जानकारी हमें दी है वही हमारे लिए सत्य है। ज्यादा उलझने उलझाने की कोशिश न करें। हिन्दुओं के सभी तीज त्यौहारों का बहिष्कार करें। बाबा साहेब के कांरवा को आगे बढ़ायें। हम वंदना करते हैं ' ये च बुद्ध अतीता च ये च बुद्ध अनागता।' नमो: बुद्धाय जय भीम।
Hidu Dharma Ko Manuvadiyo ke Khadayantra Ne Racha Hai Buddha Dhamma Ke Adhikansh Parv Ko Ye Hindu Dharma me Teyohar m ke Rup Me Pravartit kar Diya Namo Buddhay Jai Bhim Jai Samvidhan Jai Mahan Chakrabarti Samrat Ashoka Jai ChandraGupta MAURYA Buddhamay world
बाबा साहब ने उनके समय तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार लिखा। अब नई खोजों से इतिहास में काफी बदलाव आया है। ये हमारे लिए तो खुशी की बात है कि वैदिक धर्म पूराना नहीं बल्कि नया है और वो भी 700ई के बाद का जबकि हमारा बौद्ध धम्म तो सिंधु सभ्यता से चल रहा है यानी बौद्ध धम्म 5000 साल पूराना है। बुद्ध के समय तक जाति व्यवस्था थी और वर्ण व्यवस्था नहीं थी और ब्राह्मण भी नहीं थे। ब्राह्मण भारत में 200ईपू में आए हैं यानी मौर्यकाल के अंत में आए।
बिलकुल सही बात है पहेले भी बुध्द हुवे है ऊसका सबसे बडा प्रमान ये है कि ऊनकी साधना है जो चित्त पावन करने की साधना है ऊसिसे आजके चित्त पावन ब्राम्हण कहते है
विठ्ठल एक शिवसिंधू संस्कृती /सिंधु संसकृतीके एक सबसे प्रमुख सिंधू संस्कृती को उन्नत बनाने वाले रचनाकार थे ऐसा मै माणता हु ओर यह सो फिसदी ऐतिहासिक एवं वस्तुनिष्ठ सत्य है! सबसे पहले के जो पाच छह बुधद मे सबसे प्रमुख मे से एक विठ्ठल (विठोबा )चक्रवर्ती सम्राट महात्मा बळीराजा थे जो सिंधू संस्कृती (जीवनपद्धती के )एक प्रमुख उन्नत रचनाकार थे! केरल मे इनको मावेली कहा जाता है, "मावेली नाडू वाणीडूम कालम "ईस प्राचीन मल्याळम गीत मे मावेली के राज्य जैसी समता कही भी नही थी ऐसा केरलवासी माणते है! ओणम सण मे केरलवासी बळीराजा को याने मावेली का एवं कृषी संस्कृती का स्वागत करते है! महाराष्ट्र मे किसानोको बळीराजा कहा जाता है! ओर विठ्ठल को संत, वारकरी विश्व की मा कहते है! संतशिरोमणी नामदेव महाराज "जेंव्हा नवते चराचर तेंव्हा होते पंढरपूर "(जब माणव माणवेतर नही थे तब पंढरपूर था "ऐसा मराठी मे कहते है! महाराष्ट्र से माॅ -बहणे, "ईडा पिडा टळो आणि बळीचे राज्य येवो "याने इडा पीडा जाऐ ओर बळीराजा का राज्य आऐ "ऐसा आजभी बडी उत्कंठा से आगमन की प्रतिक्षा बळीराजा की करती है! विठ्ठल (बळीराजा दुनिया के एकमेवाद्वितीय विश्व को ज्ञात राजा है जिनहे प्रजा साडेतीन हजार से पाच हजार सालोसे आजतक याद करती है! ईसिलिऐ यह बोधद दर्शन (तत्वज्ञान ) को खोजने या उन्नत तरीकेसे बढाने वाले शिवसिंधू संस्कृती के /सिंधु संस्कृतीके एक प्रमुख मे से एक अंग बुधद तत्वज्ञान के विठ्ठल (बळीराजा, मावेली,करणाटकू काणडू विठठलु, तिरुपती बालाजी, थिरुअनंत )सिंधू घाटी जीवनपद्धती के प्रमुख निर्माता थे! उपर दिऐ सभी ईतिहास की पुष्टी वर्तमान लोकायत चार्वाक तत्ववेतते,बळीवंशकार, विठ्ठलगाथाकार, शिवतत्वकार, शिवधर्मकार डाॅ. आ.ह साळुंखे सर सातारा महाराष्ट्र के लिखे हुऐ "बळीवंश "ईस विश्वशांती संविभागी विठ्ठलगाथा के लेखक है ऐसा मूझे सो प्रतिशत विश्वास है! अबतक का विश्व का सबसे उन्नत, वस्तुनिष्ठ,ऐतिहासिक सिंधू संस्कृती के प्रमुख रचयिता का,बळीराजा का शरीरवंश, विचारवंश (तत्वज्ञान वंश )आज के दुनिया के सामने सर्वोत्तम तरीकेसे सिध्द करके रखा है ऐसा मूझे लगता है!
नाम में कुछ नहीं है , बुद्धों का काम देखो। तुम भी आम आदमी हो , कोई अंतर यामी नहीं हो। पुरातन भाषा पाली थी। हाँ यह बात सही है , कि सिन्धु सभ्यता हमारे दादे परदादों की सभ्यता थी। 27 बुद्ध पहले हुये थे वो हमारे परदादे थे। लेकिन उस समय वैदिक , नहीं था।
हमारे महान इतिहासकार और भाषा वैज्ञानिक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह को सत सत नमन, अगर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह का कोई विरोध कर रहा है तो उसका नाम उजागर किया जाय देखा जाय की ये कौन लोग है जिसे भारत के महान और गौरवशाली इतिहास से नफरत है। इन लोगो को सता से बाहर किया जाय इन लोगो को वोट भी न दे अगर कोई पार्टी इन लोगो को अपने साथ रखती है उस पार्टी को सता से बाहर करे। अब समय आ गया है भारत विरोधी लोगो को भारत से बाहर करना होगा नही तो ये लोग हमारे महान देश को विखमंगा पाखंडी , ब्राह्मणवादी,मनुवादी राष्ट्र बना दिया है। जब बुद्ध विष्णु के अवतार है तो सारे मंदिरों में बुद्ध की मूर्तियों को स्थापित कर मंदिरों से ब्राह्मणों को बाहर किया जाय, सिर्फ ब्राह्मण लोग ही पुजारी क्यों है इनको मंदिरों के साथ साथ देश से भी बाहर करना होगा।
बुध (सुकिती) यानी लाईट ऑफ एशिया 🙏🙏🙏
जंबू दीप का ज्ञान श्रोत और प्रतीक 🙏🙏🙏
भगवान बुद्ध का बचपन का नाम सुकीर्ति है बाद में उनके अनुयायियों ने सिद्धार्थ रख दिया जय भगवान बुद्ध जय चंद्रगुप्त मौर्य बृहद्रथ मौर्य
Bhai aap ko kaha se Mila budh bhagwan ka naam
@@ankursingh5525बौद्ध साहित्य से चीन से
भारत मे जो 6 बौद्ध संगतिया हुई उनपे भी डॉक्यूमेंट्री बनाये। नमो बुद्धाय
दुर्लभ जानकारी दी है।
Dr राजेंद्र प्रसाद सिंह भारत के सच्चे इतिहास कार हैं
बुद्ध से पूर्व भी बुद्ध हुए, इस पर और अधिक रिसर्च की जरूरत है।और प्रचार-प्रसार की भी जरूरत है.. जय मूलनिवासी
Aap hai toh sab hoga, sir hi.
😂😂😂😂😂😂
@@AnilKumar-ki6nl 🌶️🌶️🌶️ 🤣🤣
@@AnilKumar-ki6nlपाखंडी साले समजते ही नहीं कि नाक से
मुंह से धरती से सांसो से पैर से पेट से हर भी मछली से इंसान पैदा नहीं होते
ऊन अज्ञानीयौं को ईतना भी पता नहीं की मछली मगरी बच्चे पैदा नहीं करते
अंडा देते है जय विज्ञान
28 बुद्ध नही हुए सिर्फ बुद्ध ने ये कहा था कि मेरे पूर्ब 28 जन्म हुए थे।
आप महान दार्शनिक हैं. आपकी लंबी उम्र हो. राष्ट्र को आपको बहुत जरूरत है.
आप जैसे महाज्ञानी महापुरुष,जिसने भारत की वास्तविक इतिहास की गहराइयों को खोज निकाला, को मेरा कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏🙏🙏
😂😂😂😂
🌶️🌶️🌶️🌶️ लगी 🤣🤣
Rajendra Prasad Singh Ji Ko कोटि कोटि नमन,
प्राचीन लिपियों को डिकोड करने और हम मूल निवासियों को सच्चा इतिहास बताने के लिए
बहुत महत्वपूर्ण और सच्ची जानकारी देकर विश्व के लोगों को अनुग्रहित करके बहुत परोपकार किया है आपका साधुवाद और हार्दिक आभार
आप की हर एक बात तर्कसंगत और सत्य है 🙏🙏🙏
बेजोड़ साहासिक पत्रकारिता सर। हार्दिक बधाई व नमन।
Haa ye idhar se murkh bana raha hai aur Bamcef wala mulniwasi keh kar murkh bana raha hai aur hum bahujan dono tarah se murkh banata rahe hai David Reich harvard university aur 92scientist ki DNA report 2018 dekho koi bhi bharat ka mulniwasi nahi hai puri duniya pad rahi hai asli khoj aur humme hmare neta aadhe adhura kuch bhi bata dete hai aur Hume bina asli report ke Mann lete hai th-cam.com/video/ORylLlh0lpo/w-d-xo.html ye dekho Tony Joseph ne asan English mei samjhaye hai first negrito aaye fir Iran se aaye log aur fir steppe se teeno ki mixing ke parinaam hai aaj Kai generation th-cam.com/video/ORylLlh0lpo/w-d-xo.html.
सिर्फ बौद्ध साहित्य मे प्राचीन इतिहास नहीं छुपा है, अपितु जैन, सिद्ध मतुआ शरना शैव साहित्य में भी भारत भूमि के प्राचीन मूलनिवासीयो का इतिहास छुपा है। वैदिको ने इसे अपने हिसाब से लिखा है,वेद का अर्थ ही जानना होता है,ना कि ज्ञान।जानकारी ज्ञान मे अन्तर होता है
मी लिहिले ले विचार परत पुर्ण करणेसाठी दाखवावे ही अपेक्षा करतो आहे,धन्यवाद
@@pramendrakumaryadav9240शैव और वैष्णव 😊
भारत एक बुद्ध राष्ट्र है।
dhyattt
Yes ब्रहमन विदेशी है
absolutely right
😂😂😂
Brahaman videshi .
100 साल नहीं लगेंगे मान्यवर जी 10 साल ही बहुत है सच्चाई जानने के लिए 🇮🇳
तिब्बत में एक लाइब्रेरी मिली है उस किताबों को भारत लाया जाए
Bharat ko Duniya me Buddha or Baba Saheb ki Wajah se Samman milta hai ... Mujhe Garv hai me unke Samaj me Paida hua hu ... Jai Bhim Namo Buddhay 🙏🏻🙏🏻
बिल्कुल सही डा साहेब कह रहे हैं।
बाबा साहेब ने तो स्पष्ट लिखा है कि भारत का इतिहास नहीं है बल्कि बुद्धिज़्म और ब्राह्मिनिजंम के बीच रेवयूलेशन एंड कांटर रेवयूलेशन है। इसके अलावा कुछ भी नहीं है।
He also claims in this book once there was a time Tamil was the pan India language.
It means that we are oldest civilization because Tamil is the oldest language of the world
सही इतिहास से रूबरू कराने के लिए हमारे एससी एसटी ओबीसी समाज के लोगों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं आपको नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान🙏🙏🙏
What an enlightening speech, very well done Dr. Rajendra Prasad Ji. We are glad to have people like you who are raising awareness about the unknown history of Bharat, every single thing you mentioned makes sense, that Indus Valley was indeed Buddhist civilization. So proud to hear this. Keep up the great work, and more power to you.
Rajendra Prasad Singh has given a new height to our ancient history in regard to Budh.
महात्मा बुद्ध 600 BC के थे और ये सभ्यता 3000 BC की है. आपके तर्क को प्रणाम.
😁😁
First complete homework
Gautam Buddha last Buddha the uske pahle 28 buddha huye the.
😂😂😂😂😂😂
सिंधु सभ्यता 2500 BC - 1750 BC ke मध्य ki है
बुद्ध का अर्थ हुआ ज्ञान,ज्ञान बुद्धो के सहायता से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचा इसलिए यह सनातन धम्म हुआ और अभी भी जारी है भले ही कुछ लोग उसे हाईजैक कर लें।
सनातन धर्म है तो ब्राह्मण बुद्ध की पूजा क्यों नहीं करते ?
सब अपने बच्चो का नाम हमारे ऐतिहासिक पात्रों पर रखे,सुकिती रखे अपने बच्चो के नाम
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ।। ਧੰਨ ਵਾਦ ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ, ਜੇਕਰ ਇਸ ਤੇ ਜੀਵਨ ਲੀਲਾ ਨੂੰ ਤੁਹਾਡੇ ਹਿਸਾਬ ਨਾਲ ਸਮਝੀਏ। ਤਾਂ ਸ਼ਿਵਜੀ ਭਗਵਾਨ ਤੋਂ ਰਾਜ ਰਾਵਣ ਤੱਕ ਜਾਣੀਏਂ।ਜਿਸ ਨੂੰ ਮਨੂਵਾਦੀ ਆਪਣੇ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਚ ਰਾਖ਼ਸ਼ ਪ੍ਰੇਤ ਦਰਜ਼ ਕਰ ਚੁੱਕੇ ਹਨ।ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੲੀ ਭਗਤ ਇਸ ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਪੂਤਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀ ਸਭਿਅਤਾ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਮੇਹਨਤ ਕੀਤੀ, ਫਿਰ ਭਗਤ ਗੁਰੂਆਂ ਦੀ ਮੇਹਨਤ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਹੈ ਪਰ ਜਿਸ ਨੂੰ ਵੀ ਇਸ ਸਿਧਾਂਤ ਤੇ ਸਿੰਧੂ ਘਾਟੀ ਸੱਭਿਅਤਾ ਦਾ ਗਿਆਨ ਹੋਇਆ।ਮਨੂਬਾਦੀਆਂ ਦੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਉਹੀ ਰੜਕਣਾਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ। ਪਰ ਹੁਣ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਭੜਾਈ, ਮੀਡੀਆ,ਪੱਕੀ ਸਬੂਤ ਛਪਾਈ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੈ।ਊਚ ਨੀਚ,ਸੂਤ ਸਾਤ, ਏਥੋਂ ਦੇ ਸਪੂਤ ਸਭ ਕੱਠੇ ਹੋ ਕੇ ਕਰੋ ਮਨੂਵਾਦੀ ਆਂ ਤੇ ਬਿਪਰਵਾਦੀ ਆਂ ਨੂੰ,ਸੂਤ ਕਰੋ ਮਨੂਵਾਦੀ ਨੂੰ ਸੂਤ।ਏ ਲੱਗਦਾ ਨਹੀਂ ਚੰਗਾ ਜਦੋਂ ਪੀਣ ਹੁਬ ਹੁਬ ਮੂਤ,। ਇਸ ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਪੂਤ, ਕਦੇ ਡਾ, ਅੰਬੇਡਕਰ ਰੂਪ, ਕਦੇ ਸਰਾਭੇ, ਭਗਤ ਸਪੂਤ ਬਣੋਂ,ਕਰੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਜੀ ਰੀਸ,ਜੋ ਧਰਮ ਸਪੂਤ,ਕਰੋ ਬਿਪਰਾਂ ਨੂੰ ਸੂਤ,,, ਬਣੋਂ ਕਾਫ਼ਲੇ,ਦਾ ਰੂਪ ਧਾਰੋ ਕਾਰਵੇ ਦਾ ਰੂਪ,,,,।
जय आदिवासी जय जोहर नमो बुद्धाय
सारे 85% मूलनिवसी-बहुजन-देशवासी एक हो जाओ, एकता में ही ताकत है। आधुनिक शिक्षित बनो, संघठित रहो और अपने हक-अधिकार-आधुनिक विकास (मुफ्त/सस्ती शिक्षा, स्वस्थ, रोजगार, मुलभुत-जरूरी जन सुविधाओं) के लिए संघर्ष करें। अंधविश्वास-पाखण्ड-जातिवाद-धर्मवाद छोड़ कर आधुनिक विकास पर जोर दो। हर अनन्य का मिल कर सामना करो। जय संविधान, जय भीम-मीम
Right 🙏
right
Hindu Rashtra 🚩🚩🚩🚩 only no bhimya allowed
Right Sirji Namo Buddhay Buddhamay world
Inse bade nautanki Karne Wale koi or nahi ho sakte
Jo bahut padhe likhe aur krantikari adhunik scientific vicharak hai wo jarur budh dharm ki aur akrshit hota Hai
अब भारत के इतिहास को फिर से अनुसंधान करने की अति आवश्यकता हैं।👍
नमो बुद्धाय
Absolutely right mahoday historian, writer and archiologist Dr.Rajendra Prasad Singh
इस इतिहास की कितने हमे घर घर तक पहुंचा नी है
बहुत ही अच्छी जानकारी ज्ञान प्रदान करने बाली दी गई है।बुद्धौ के इतिहास को बे रहमी से मिटाकर,दूसरा इतिहास गढ़ दिया ।
इस कार्यक्रम को एवं इतिहास कार को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग,
आप अच्छी जानकारी दे रहे है
Wah Dr. Shab kamal kr diya sir... True🇮🇳 gem of nation...
नमो बुद्धाय। बुद्ध ही बुद्ध थे और बुद्ध ही बुद्ध रहेंगे बस जरूरत है उन्हें जानने की अपने इतिहास को पड़ने की।
Sabhyata manavta samanta mitrata bandhuta gyanse paripurn namo buddhay
भारत में हिंदू धर्म से पहले बौद्ध धर्म था
History and civilization reveal true pictures struggle to save Buddhism
Tathagat Gautam Buddha ko Budhatwa Prapti ke baad Unhone kaha tha Mere Pahale bhi Buddha huye hai Isliye Tathagat Gautam Buddha humesha kaha karte the Yess Dhammo Sanantano
Namo Budhha 🙏🏻
भाई साहब आपको बहुत बहुत धन्यवाद आपका दर्द और सुझाव बहुत सुंदर है जो कि हम समझ रहा हूं कॉल शायद मुझे याद हो रहा है की जितनी भी
Namo buddhay ☸️ dhamma hi sanatan he 🙏🙏🙏
सच्चाई से अवगत कराने के लिये धन्यवाद।🙏🙏🙏🙏💙💙 ☸️☸️☸️☸️ नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत
Very very excellent speech sir
Greatest historian of the world of this era .
All Right Sir Jay Bhim Namo Buddhaye Jay Sambidhan.
धन्यवाद sir ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
27 दिन से लगातार "साँची दानं" पुस्तक
अमेज़न की बेस्ट सैलिंग रैंकिंग में बनी हुई है ।
सुधी पाठकों के असीम प्यार के लिए में हृदयतल से आभारी हूँ।
हार्दिक साधुवाद💐😊
www.amazon.in/dp/8194426634/ref=cm_sw_r_cp_apa_i_yfTbFb2V042JW
Aap Jaise vaigyanik soch rakhne wale aur Buddh ke vishay mein itna achcha batane wale aapko s*** s*** Naman Jay Bheem namo buddhay
Thanks sir you show reality of Indian culture
Jai bhaguwan Buddha 🙏🌹🙏
अब बुद्ध को और प्राचीन बताना है तो और 28 बुद्ध तैयार किए जा रहे है ! बहोत बढिया काम चल रहा है ! अब तक बुद्ध का सम कालीन एक भी संदर्भ नही मिला !
अरे बकलोल अभी तुम किसदुनिया में जी रहे हो पढ़ाई करो Phd करो अंधभक्त होने से काम नहीं चलेगा। बुद्धा is the Lite of Asia
😂😂 jalo bsdwalo
Main Nirmal Prasad Yadav aapke pravachan se bahut khush hun ATI Sundar
सर में आपकी बात से सहमत हूँ।
पूर्णतय
सत्य की जय हो....👍👍👍💐💐....!!!!!
Thank sir ji this knowledge .
शाबाश आवाज़ इंडिया
aur bhi videos banaiye ❤❤❤❤❤
Dhanyawad sir is jankari ke liye apko
Odisha नमो नमः बुद्धाय नमस्कार सर भगवान बुद्ध का sabhi vichar स्कूल से शुरुआत होना चाहिए
Good video.
Nice information👌
Namo buddhay🙏
Valuable information
Bhut acha sir aapne real itihaas ko logo k saamne rakha.
Abe ye hum bahujano ke idhar murkh banata hai aur wo Bamcef wala idhar mulniwasi ke naam par bebkuf bana raha hai jabki David Reich harvard university aur 92scientist ki DNA report 2018 ke anushar bharat ka koi bhi niwasi mulniwasi nahi hai. Pehle negrito fir Iran se aaye log aur fir steppe inn teeno ki mixing hui hai asli th-cam.com/video/ORylLlh0lpo/w-d-xo.html ye hai asli report jisko Tony Joseph sir ne bahut simple English mei bataya hai.
बहोत अच्छा विवेचन.
नमो बुद्धाय , राजेंद्र जी को शतशः नमन
भगवान बुद्ध का बचपन का नाम सुकति था।
भगवान बुद्ध के पहले भी बुद्ध हुए है , ये भगवान बुद्ध ने स्वयं कहा है .....
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ।। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਮਨੂਵਾਦੀ ਸੰਤ ਬਾਬਾ ਜਰਨੈਲ ਸਿੰਘ ਜੀ ਖਾਲਸਾ ਨੂੰ ਵੀ ਕੲੀ ਜਗਾ ੍ਰਾ ਰਾਖ਼ਸ਼ ਲਿਖ ਤੇ ਭੜਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਕਿਉਂਕਿ ਨਾਨਕੀ ਬਿਚਾਰਧਾਰਾ ਵੀ ਹਲੀਮੀ ਰਾਜ, ਤੇ ਸਾਂਝੀਵਾਲਤਾ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜੀ।
भारत शिव कृष्ण बुद्ध महावीर नानक जैसे महान गुरुओं की खालसा भूमि है,ना कि वैदिक ऋषियों (गुरु) की मूल भूमि। वेदों की रचना ब्रह्म ने किया जिनकी भूमि (लोक) कैलाश अटठवाय पर्वत (कैलाश मानसरोवर)से४० योजन उत्तर है।क्या आप इतना भी नहीं जानते कि वर्तमान में कैलाश पर्वत चीन मे है ।इसी पवित्र पर्वत की आकृति को हम स्तूप शिवलिंग के रूप मे पूजते है। गुरूद्वारा का गुम्बद भी इसी आकार का होता है
कुछ भी
Namo Buddha Jai bhim 🙏🙏🙏👍👍
Namo budaye sir .
Main to apki baat aaj he samajh gaya.aapke sabhi pramaan logical sahi h sidh ho gaye
Very innovative information , thanks very much
बहुत अच्छा बहुत अच्छा बहुत खुश हूं आपके प्रवचन से
बौद्ध सभ्यता मे बुद्ध एक पदवी( पद) था। जिसको ज्ञान की प्राप्ति होती थी वह बुद्ध कहलाता था। बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह तथागत कहलाये ।
धम्म का अर्थ" करुणा दया" होता है। न की धर्म । बुद्ध को शाक्य भी कहा गया है । इनका बचपन का नाम सुकिती था।
सारनाथ में इन्होंने अपना पहला उपदेश जुलाई माह में दिया था इनके शिक्षाओं को सिद्धांत theory कहा जाता है।
में दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे।
Good explanation Sir ji
बुध राजनीति के champion थे।
Sacchai pura duniya ko bataiye sar ji बहुत-बहुत dhanyvad
बहुत सही
Sir Ji आपको बहुत बहुत साधुवाद
Buddha dharma se hi hindu dharma bramhano ne banaya.
Buddham sharnam gcchhammmmi
हमे बाबा साहेब डॉ आंबेडकर ने जो जानकारी हमें दी है वही हमारे लिए सत्य है। ज्यादा उलझने उलझाने की कोशिश न करें। हिन्दुओं के सभी तीज त्यौहारों का बहिष्कार करें। बाबा साहेब के कांरवा को आगे बढ़ायें। हम वंदना करते हैं ' ये च बुद्ध अतीता च ये च बुद्ध अनागता।' नमो: बुद्धाय जय भीम।
Hidu Dharma Ko Manuvadiyo ke Khadayantra Ne Racha Hai Buddha Dhamma Ke Adhikansh Parv Ko Ye Hindu Dharma me Teyohar m ke Rup Me Pravartit kar Diya Namo Buddhay Jai Bhim Jai Samvidhan Jai Mahan Chakrabarti Samrat Ashoka Jai ChandraGupta MAURYA Buddhamay world
Right 👍👍
बाबा साहब ने उनके समय तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार लिखा। अब नई खोजों से इतिहास में काफी बदलाव आया है। ये हमारे लिए तो खुशी की बात है कि वैदिक धर्म पूराना नहीं बल्कि नया है और वो भी 700ई के बाद का जबकि हमारा बौद्ध धम्म तो सिंधु सभ्यता से चल रहा है यानी बौद्ध धम्म 5000 साल पूराना है।
बुद्ध के समय तक जाति व्यवस्था थी और वर्ण व्यवस्था नहीं थी और ब्राह्मण भी नहीं थे। ब्राह्मण भारत में 200ईपू में आए हैं यानी मौर्यकाल के अंत में आए।
Atta Deep bhv ka Kya tthakthit bhudhist paln bhi krte hai.
Best speech dhanywaad.
Ekdam sahi
आप बहुत अच्छी जानकारी दे रहे है 👍🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी जय भीम नमो बुध्या
नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी जय सिंधु सभ्यता
Namo Buddhay 🌹🙏
Namo buddhay Jay bhim namo buddhay
बिलकुल सही बात है पहेले भी बुध्द हुवे है ऊसका सबसे बडा प्रमान ये है कि ऊनकी साधना है जो चित्त पावन करने की साधना है ऊसिसे आजके चित्त पावन ब्राम्हण कहते है
विठ्ठल एक शिवसिंधू संस्कृती /सिंधु संसकृतीके एक सबसे प्रमुख सिंधू संस्कृती को उन्नत बनाने वाले रचनाकार थे ऐसा मै माणता हु ओर यह सो फिसदी ऐतिहासिक एवं वस्तुनिष्ठ सत्य है! सबसे पहले के जो पाच छह बुधद मे सबसे प्रमुख मे से एक विठ्ठल (विठोबा )चक्रवर्ती सम्राट महात्मा बळीराजा थे जो सिंधू संस्कृती (जीवनपद्धती के )एक प्रमुख उन्नत रचनाकार थे! केरल मे इनको मावेली कहा जाता है, "मावेली नाडू वाणीडूम कालम "ईस प्राचीन मल्याळम गीत मे मावेली के राज्य जैसी समता कही भी नही थी ऐसा केरलवासी माणते है! ओणम सण मे केरलवासी बळीराजा को याने मावेली का एवं कृषी संस्कृती का स्वागत करते है! महाराष्ट्र मे किसानोको बळीराजा कहा जाता है! ओर विठ्ठल को संत, वारकरी विश्व की मा कहते है! संतशिरोमणी नामदेव महाराज "जेंव्हा नवते चराचर तेंव्हा होते पंढरपूर "(जब माणव माणवेतर नही थे तब पंढरपूर था "ऐसा मराठी मे कहते है! महाराष्ट्र से माॅ -बहणे, "ईडा पिडा टळो आणि बळीचे राज्य येवो "याने इडा पीडा जाऐ ओर बळीराजा का राज्य आऐ "ऐसा आजभी बडी उत्कंठा से आगमन की प्रतिक्षा बळीराजा की करती है! विठ्ठल (बळीराजा दुनिया के एकमेवाद्वितीय विश्व को ज्ञात राजा है जिनहे प्रजा साडेतीन हजार से पाच हजार सालोसे आजतक याद करती है! ईसिलिऐ यह बोधद दर्शन (तत्वज्ञान ) को खोजने या उन्नत तरीकेसे बढाने वाले शिवसिंधू संस्कृती के /सिंधु संस्कृतीके एक प्रमुख मे से एक अंग बुधद तत्वज्ञान के विठ्ठल (बळीराजा, मावेली,करणाटकू काणडू विठठलु, तिरुपती बालाजी, थिरुअनंत )सिंधू घाटी जीवनपद्धती के प्रमुख निर्माता थे! उपर दिऐ सभी ईतिहास की पुष्टी वर्तमान लोकायत चार्वाक तत्ववेतते,बळीवंशकार, विठ्ठलगाथाकार, शिवतत्वकार, शिवधर्मकार डाॅ. आ.ह साळुंखे सर सातारा महाराष्ट्र के लिखे हुऐ "बळीवंश "ईस विश्वशांती संविभागी विठ्ठलगाथा के लेखक है ऐसा मूझे सो प्रतिशत विश्वास है! अबतक का विश्व का सबसे उन्नत, वस्तुनिष्ठ,ऐतिहासिक सिंधू संस्कृती के प्रमुख रचयिता का,बळीराजा का शरीरवंश, विचारवंश (तत्वज्ञान वंश )आज के दुनिया के सामने सर्वोत्तम तरीकेसे सिध्द करके रखा है ऐसा मूझे लगता है!
👍 अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद.
Sir ji aapne bahut mahatvpurna jankari di Thanks 🙏🙏🙏 Namo Buddhay
Good
क्रांतिकारी जय भीम 🙏नमो बुद्धाय🙏🏻 जय मूलनिवासी
ग्रेट नॉलेज सर
You are best sir
Wel done dr rajendra sir
बाबासाहेब हमको जो बुध्द धम्म दिया है वही हमारा धम्म है और वही बौध्द को हम मानते है वही बौध्द को पुरा विश्व मानता है हम सिध्दाथ को मानेगे.
Sir aap bagut aachchhi jankari dete h
नाम में कुछ नहीं है , बुद्धों का काम देखो।
तुम भी आम आदमी हो , कोई अंतर यामी नहीं हो।
पुरातन भाषा पाली थी।
हाँ यह बात सही है , कि सिन्धु सभ्यता हमारे दादे परदादों की सभ्यता थी। 27 बुद्ध पहले हुये थे वो हमारे परदादे थे। लेकिन उस समय वैदिक , नहीं था।
Abey chutiye ijjat dena seekho, saale manuvadi tum nhi sudhroge
Kahna Kya chahte ho Bhai ,ye bhi to yhi kh rhe h
Please use respectfully.
Challenge
हमारे महान इतिहासकार और भाषा वैज्ञानिक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह को सत सत नमन, अगर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह का कोई विरोध कर रहा है तो उसका नाम उजागर किया जाय देखा जाय की ये कौन लोग है जिसे भारत के महान और गौरवशाली इतिहास से नफरत है। इन लोगो को सता से बाहर किया जाय इन लोगो को वोट भी न दे अगर कोई पार्टी इन लोगो को अपने साथ रखती है उस पार्टी को सता से बाहर करे। अब समय आ गया है भारत विरोधी लोगो को भारत से बाहर करना होगा नही तो ये लोग हमारे महान देश को विखमंगा पाखंडी , ब्राह्मणवादी,मनुवादी राष्ट्र बना दिया है। जब बुद्ध विष्णु के अवतार है तो सारे मंदिरों में बुद्ध की मूर्तियों को स्थापित कर मंदिरों से ब्राह्मणों को बाहर किया जाय, सिर्फ ब्राह्मण लोग ही पुजारी क्यों है इनको मंदिरों के साथ साथ देश से भी बाहर करना होगा।
Namo Buddhaya
Namo bhudhay 🌹🌹🥀🥀
Jai mulnivasi jai bhim