नवकार महामंत्र ,Om Namo Arihantanam, १०५ पूर्णमति माताजी
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- เผยแพร่เมื่อ 2 ธ.ค. 2024
- णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं।
णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं। यह नमस्कार महामंत्र सर्वोत्कृष्ट मंत्र है, मंत्राधिराज है। नमस्कार महामंत्र सर्वदा सिद्ध मंत्र है। इसमें समस्त रिद्धियां और सिद्धियां विद्यमान हैं।
णमोकार महामंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का ही दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है।
णमोकार मन्त्र जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है। इसे 'नवकार मन्त्र', 'नमस्कार मन्त्र' या 'पंच परमेष्ठि नमस्कार' भी कहा जाता है। इस मन्त्र में अरिहन्तों, सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों और साधुओं का नमस्कार किया गया है।
णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं। यह नमस्कार महामंत्र सर्वोत्कृष्ट मंत्र है, मंत्राधिराज है। नमस्कार महामंत्र सर्वदा सिद्ध मंत्र है। इसमें समस्त रिद्धियां और सिद्धियां विद्यमान हैं।
णमोकार महामंत्र' एक लोकोत्तर मंत्र है। इस मंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का ही दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है। लौकिक मंत्र आदि सिर्फ लौकिक लाभ पहुँचाते हैं, किंतु लोकोत्तर मंत्र लौकिक और लोकोत्तर दोनों कार्य सिद्ध करते हैं। इसलिए णमोकार मंत्र सर्वकार्य सिद्धिकारक लोकोत्तर मंत्र माना जाता है।
महिमा
इस महामंत्र को जैन धर्म में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। ये पाँच परमेष्ठी हैं। इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया यह पंच नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है। संसार में सबसे उत्तम मंगल है।
इस मंत्र के प्रथम पाँच पदों में ३५ अक्षर और शेष दो पदों में ३३ अक्षर हैं। इस तरह कुल ६८ अक्षरों का यह महामंत्र समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला व कल्याणकारी अनादि सिद्ध मंत्र है। इसकी आराधना करने वाला स्वर्ग और मुक्ति को प्राप्त कर लेता है।
णमोकार-स्मरण से अनेक लोगों के रोग, दरिद्रता, भय, विपत्तियाँ दूर होने की अनुभव सिद्ध घटनाएँ सुनी जाती हैं। मन चाहे काम आसानी से बन जाने के अनुभव भी सुने हैं।
अन्य नाम
मूलमंत्र: यह मंत्र सभी मंत्रों में मूल अर्थात जड़ है।
महामंत्र: यह सभी मंत्रों में महान है।
पंचनमस्कार मंत्र: इस में पांचों परमेष्ठियों को नमस्कार किया गया है।
अनाधिनिधन मंत्र:यह अनादिकाल से है तथा अनंत काल तक रहेगा क्योंकि पंचपरमेष्ठी अनादिकाल से होते आते हैं तथा अनंत काल तक होते रहेंगे।
मृत्युंजयी मंत्र: इस पर सच्चा श्रद्धान करने से व्यक्ति मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है।
इसे पंचपरमेष्ठी मंत्र, सर्वसिद्धिदायक मंत्र आदि नामों से भी जाना जाता है।
प्रश्न : णमोकार मंत्र के पर्यायवाची नाम बताईये ?
उत्तर - अनादिनिधन मंत्र - यह मंत्र शाश्वत है , न इसका आदि है और न ही अंत है ।
अपराजित मंत्र -यह मंत्र किसी से पराजित नहीं हो सकता है ।
महामंत्र -सभी मंत्रों में महान् अर्थात् श्रेष्ठ है ।
मूलमंत्र -सभी मंत्रों का मूल मंत्र अर्थात् जड़ है , जड़ के बिना वृक्ष नहीं रहता है , इसी प्रकार इस मंत्र के अभाव में कोई भी मंत्र टिक नहीं सकता है ।
मृत्युंजयी मंत्र - इस मंत्र से मृत्यु को जीत सकते हैं अर्थात् इस मंत्र के ध्यान से मोक्ष को भी प्राप्त कर सकते हैं ।
सर्वसिद्धिदायक मंत्र - इस मंत्र के जपने से सभी ऋद्धि सिद्धि प्राप्त हो जाती है ।
तरणतारण मंत्र - इस मंत्र से स्वयं भी तर जाते हैं और दूसरे भी तर जाते हैं ।
आदि मंत्र - सर्व मंत्रों का आदि अर्थात् प्रारम्भ का मंत्र है ।
पंच नमस्कार मंत्र -इसमें पाँचों परमेष्ठियों को नमस्कार किया जाता है ।
मंगल मंत्र - यह मंत्र सभी मंगलों में प्रथम मंगल है ।
केवलज्ञान मंत्र - इस मंत्र के माध्यम से केवलज्ञान भी प्राप्त कर सकते हैं ।
प्रश्न : णमोकार मंत्र कहाँ कहाँ पढ़ना चाहिए ?
उत्तर - दुःख में , सुख में , डर के स्थान , मार्ग में , भयानक स्थान में , युद्ध के मैदान में एवं कदम कदम पर णमोकार मंत्र का जाप करना चाहिए । यथा -
दुःखे - सुखे भयस्थाने , पथि दुर्गे - रणेSपि वा ।
श्री पंचगुरु मंत्रस्य , पाठ : कार्य : पदे पदे ॥
प्रश्न : क्या अपवित्र स्थान में णमोकार मंत्र का जाप कर सकते हैं ?*
उत्तर - यह मंत्र हमेशा सभी जगह स्मरण कर सकते हैं , पवित्र व अपवित्र स्थान में भी , किंतु जोर से उच्चारण पवित्र स्थानों में ही करना चाहिए । अपवित्र स्थानों में मात्र मन से ही पढ़ना चाहिए ।
प्रश्न : णमोकार मंत्र ९ या १०८ बार क्यों जपते हैं ?
उत्तर - ९ का अंक शाश्वत है उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने पर ९ ही रहता है ।
जैसे ९*३ =२७ , २ + ७ = ९
कर्मों का आस्रव १०८ द्वारों से होता है , उसको रोकने हेतु १०८ बार णमोकार मंत्र जपते हैं । प्रायश्चित में २७ या १०८ , श्वासोच्छवास के विकल्प में ९ या २७ बार णमोकार मंत्र पढ़ सकते हैं ।
प्रश्न : आचार्यों ने उच्चारण के आधार पर मंत्र जाप कितने प्रकार से कहा है ?
उत्तर - वैखरी - जोर जोर से बोलकर मंत्र का जाप करना चाहिए जिसे दूसरे लोग भी सुन सकें ।
मध्यमा - इसमें होंठ नहीं हिलते किंतु अंदर जीभ हिलती रहती है ।
पश्यन्ति -इसमें न होंठ हिलते हैं और न जीभ हिलती है इसमें मात्र मन में ही चिंतन करते हैं ।
सूक्ष्म - मन में जो णमोकार मंत्र का चिंतन था वह भी छोड़ देना सूक्ष्म जाप है । जहाँ उपास्य उपासक का भेद समाप्त हो जाता है । अर्थात् जहाँ मंत्र का अवलंबन छूट जाये वो ही सूक्ष्म जाप है ।
बँदामि माताश्री 🙏🙏🙏
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
बंदामि माताजी त्रिकाल चरणों में मन वचन काय से शत शत नमन🙏🙏🙏
Om ArhamOmShanti sardarshahr
वंदामि माताजी🙏🙏🙏
Om Arham om Shanti sardarshahr Chennai
Namostu bhagwan vandami mataji
On Arham Om shanti sardarshahr
Om Arham Om Shanti Sardarshahr
Om Arham OmShanti sardarshahr
Jai Jindra didi ji
Vandami Mata ji namasto bhawgan
Maina didi bagidora vandami mata ji 😊
गुरूमैय्या नमन वंदन अभिनंदन करते हुए हर्षित है सुख साता पूछते हैं सुख साता चाहते हैं।
thanks so much for 108 time navkar mantra
Om Arham Om Shanti sardarshahr
Om Arham om shanti
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
जय माँ पूर्णमति माताजी
Bhut badiya
नमोकर मंत्र की जय हो ...🙏
at lp at lp ll Q
At Mirpur or add said l
@@nirmaljain2214 जी समझा नहीं
@@ankitart5394😂😂kooda
🙏🙏🙏 maina didi bagidora 😊😢
Maina didi bagidora 😊
Badnami mataji
Bandami mataji
I🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Navkar mantra 35 words ka mana jata h,shuru me om lagane se sabdho ki maryada bigadti h,baki to jo h so h,jai ho maha mantra navkar ki.
👏👏👏
Vandami Mataji.🙏🙏🙏
Thanks for navkarmantra bahut hi meedhi voice
Vandami mataji🙏🙏🙏
Vandami mataji
Jay jinendra
Aap mata ji k current k pravachan upload kijiye
भागचंद गंगवाल सीकर वाला कीर्ति नगर टोंक रोड जयपुर
Namostu bhagwan vandami mataji
Om Arham Om Shanti sardarshahr
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
Vandami mataji
Om Arham om shanti
🙏🙏🙏
Namostu bhagwan vandami mataji
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
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Namostu bhagwan vandami mataji
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