#गोपालरामगहमरी
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ต.ค. 2024
- #गोपालरामगहमरी की कहानी-आँखों देखी घटना
Story By Gopalram Gahmari
जासूसी कहानी
हिन्दी कहानी
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गोपाल राम गहमरी (1866-1946) हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार थे। वे 38 वर्षों तक बिना किसी सहयोग के 'जासूस' नामक पत्रिका निकालते रहे, २०० से अधिक उपन्यास लिखे, सैकड़ों कहानियों के अनुवाद किए, यहां तक कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की 'चित्रागंदा' काव्य का भी पहली बार हिंदी अनुवाद गहमरीजी द्वारा किया गया। वह ऐसे लेखक थे, जिन्होंने हिंदी की अहर्निश सेवा की, लोगों को हिंदी पढने को उत्साहित किया, ऐसी रचनाओं का सृजन करते रहे कि लोगों ने हिंदी सीखी। यदि देवकीनंदन खत्री के बाद किसी दूसरे लेखक की कृतियों को पढ़ने के लिए गैरहिंदी भाषियों ने हिंदी सीखी तो वे गोपालराम गहमरी ही थे।
भाषा ज्ञान : हिंदी, उर्दू, फारसी, संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी।
Bahut khoob Di 🌹❤️🙏👏👏👏👏👏
कहानी अच्छी लगी। अपनी पहली पत्नी के प्रति प्यार तथा निष्ठा वास्तव मैं भाव विभोर कर देने वाला दृश्य है।
बेकसूर को कैसे सजा। और उतनी ही सुंदर प्रस्तुति।😢❤😮
हार्दिक धन्यवाद श्यामा जी 🙏❤️
Unki koi aur bhi kriti ho to awashya padhiyega.
जरूर, जल्दी ही उनका एक लघु उपन्यास गेरुआ बाबा का पाठ करूंगी.