मरही माता के दर्शन से भूत प्रेत बाधा एवं शारीरिक कष्ट होते है दूर / Marhi mata
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- เผยแพร่เมื่อ 30 ม.ค. 2025
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बिलासपुर के सिरगिट्टी में विराजी मरी माई माता नवरात्र में भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है . यहां मरी माई के दर्शन को लोग दूर-दूर से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि मरी माई भूत प्रेत बाधा से मुक्त करती हैं. यही कारण है कि दूसरे राज्य से भी लोग माता के दर्शन को आते हैं. जंगल में बसी है मरी माई: सौ साल से सिरगिट्टी परिक्षेत्र में मरी माई माता विराजमान हैं. माता की प्रतिमा के स्थापना के बाद से ही इसकी ख्याति दूर-दूर तक है. माता की प्रतिमा स्वयंभू है और सौ साल पहले माता की प्रतिमा टेसू के पेड़ के नीचे रखी हुई थी. इस क्षेत्र में पहले जंगल हुआ करता था और यहां जंगली जानवर रहते थे. समय के साथ-साथ यहां इंसान बसने लगे और माता के प्रतिमा की स्थापना के लिए मंदिर बनवाया गया.
सिरगिट्टी के मरी माई मंदिर में नवरात्रि के मौके पर भक्त सुबह से ही दर्शन को पहुंचते हैं. मनोकामना ज्योत जलाकर भक्त अपनी मनोकामना पाते हैं. यहां मंदिर और इसके आसपास नवरात्रि के अवसर पर भक्ति भरा माहौल होता है.
मरीमाई मंदिरमें नवरात्रि के अवसर पर भक्ति भरा माहौल
मरीमाई मंदिर की कई विशेषताएं हैं. यहां भूत बाधा के साथ शारीरिक समस्याओं को लेकर लोग माता के पास पहुंचते हैं. मरी माता उनके दुखों दर्द को दूर करती हैं. नवरात्र में पहुंचने वाले ज्यादातर भक्त देवी की उपासना कर शारीरिक और भूत बाधा दूर करने की मनोकामना करते हैं. मरी माई देवी भी भक्त्तों की समस्याओं को दूर करती है. मंदिर के पुजारी कहते हैं "मरी माई माता की विशेषता है कि वह भक्तों की शारीरिक समस्या तो दूर करती ही हैं, साथ ही भूत बाधा का भी नाश करती है. देवी के कई चमत्कार हैं, जो भक्तों की उनके प्रति आस्था को और प्रगाढ़ बनाता है."