नेपाली चेतावनी भजन I जीवन को के छैन भरोसा I नेपाली कबीर भजन I Nepali Bhajan

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 15

  • @balkishanthapa9368
    @balkishanthapa9368 9 หลายเดือนก่อน +1

    Jai sat saaheb ji charnon koti koti parnam🌹💐🚩🌺💐🌻🌿🙏🙏🙏

  • @chudamanigautam-uh9hq
    @chudamanigautam-uh9hq 10 หลายเดือนก่อน +2

    सतसाहेबजैजैबनदीछोडकी।।रांमपालकीजैहो।।मदासहू।।नेपालीमाभनदीनेगरनूहोसहै।।महांराज।। 5:38 5:38

  • @YamChhetri-f5r
    @YamChhetri-f5r หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤❤

  • @kapildevrajwar2457
    @kapildevrajwar2457 10 หลายเดือนก่อน +1

    Satnam

  • @ritachettri8015
    @ritachettri8015 2 ปีที่แล้ว +1

    Radhaswami

  • @karmayenthup5934
    @karmayenthup5934 ปีที่แล้ว +1

    Ak theom dhami chha

  • @HiramandasManikpuri
    @HiramandasManikpuri หลายเดือนก่อน

    ❕❕❕सत्यनाम❕❕❕
    🌷सप्रेम साहेब बंदगी साहेब 🌷
    🌹🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🌹

  • @sukbahadurrai8110
    @sukbahadurrai8110 ปีที่แล้ว +2

    Honi માઈ સાહેબ bandagi xa hey sabei sadhu guru Lai.sikkim.india.

  • @loverai2015
    @loverai2015 ปีที่แล้ว +2

    saprem saheb bandagee........🙏

  • @jibachthakur3505
    @jibachthakur3505 2 ปีที่แล้ว +2

    Sahebbandagi a

  • @amarpal3361
    @amarpal3361 2 ปีที่แล้ว +3

    जा जग मे गुरू के समान नही दाता ।भाई बंधु और कुटम कबीला मात पिता सुत भ्राता ।बकत परे पे काम न आवे छोड जाय सब नाता ।जा ...करनो होय सो करले जग मे फेर लगे नही घाता ।चौरासी मे जाय फसोगे दुख भुगतोगे दिन राता ।जा ...कहत कबीर सुनो भई साधो गुरू को लेलेउ साथा ।भजन करो तो भव से तरोगे नहि चौरासी को जाता ।जा ...

  • @salikramsoni4560
    @salikramsoni4560 2 ปีที่แล้ว +3

    अथ कबीर बीजक उनसठवांऔर साठवां शब्द,,माया ठगनी की करनी का वर्णन।।साखी:+:कबीर झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद। सकल चबेना काल का, कछु मुख मे कछु गोद।।माया महा ठगनी हम जानी, माया के जाल मे फंसी है दुनिया की हैरानी। तिर गुण फांस लिये कर डोलै, बोले माधुरी वाणी।।केशव के कमला होय बैठी, शिव के भवन भवानी। पंडा के मूरत होय बैठी, तीरथ मे भई पानी।।01।।योगी के योगन होय बैठी, राजा के घर रानी। काहू के हीरा होय बैठी, काहू के कौडी कानी।।भक्तन के भक्तिन हो बैठी, ब्रम्हा के ब्रम्हाणी। कहत कबीर सुनो भाई संतो, यह सब अकथ कहानी।।02।।कर्म फांस यम जाल पसारा, ज्यो ढीमर मछली गहि मारा। माया मोहनि मोहित कीन्हा, ताते नाम रतन हर लीन्हा।।जीवन ऐसो सपना जैसो, जीवन तो सपन समाना। शबद गुरु उपदेश दियो तै, छोडियो परम निधाना।।03।।ज्योतिहि देखि पतंगा उलसै, पशु नहि पेखै आगी। काम क्रोध नर मुगुध परै है, कनक कामिनी लागी।।सय्यद शेख किताब नीरखै, पंडित शास्त्र विचारै। सतगुरु के उपदेश बिना तुम, जानिकै जीवहि मारै।।करौ विचार विकार परि हरौ, तरन तारनै सोई। कहत कबीर पारब्रम्ह पूर्ण का भजन कर, दूजौ जनम ना पाई।।4।।कहत साँई अरुण जी अपने सतसंग मे, सतगुरु ऊंच नीच का भेद ना जाने। सबकी झांके अंतर आत्मा, नर त्याग दो देह नश्वर अभिमान।।सारशबद अखण्ड धुन चित्त मे कोई विरला पावे, जनम जनम के पाप नसावे। अंत समय सतधाम को जावे, परमधामी पार्षद बन जावे, फिर लौट जगत नही आवे।।05।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।

  • @YamChhetri-f5r
    @YamChhetri-f5r หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤❤

  • @YamChhetri-f5r
    @YamChhetri-f5r หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤❤

  • @YamChhetri-f5r
    @YamChhetri-f5r หลายเดือนก่อน +1

    ❤❤❤❤❤