0:24 Introduction by Kumar Ji and Aalaap (कुमार जी द्वारा आमुख एवं आलाप) 10:56 काहे हो हम सो प्रीतम आंखे फेर डारी। का मोसे चूक परी, सुधार ले हो सदारंग तुम पर वारी॥ 19:10 बोल रे पपीहरा अब मोरे पियु की बात आज मोहे अधक सुनावे रे। चमक बिजरिया बरसन लागी, फुलवन सेज बनाऊ आज मोरा कंथु घर आवे रे॥ 28:50 बलमा बहार आई दादुर, मोर पपैया बोले, पियु पियू बोले घन छाये। निशि अंधीयारी दामिनि डरावे, कोयल सबद सुनाये॥ 36:15 सैंया मोरा रे, मैं तो वारी वारी रे गरवा म्हारे डारे। एक हाथ मोरी भरी सुरैया, ढीट लंगरवा तोरा, ज्यो ज्यो री मन माने मोरा, त्यों त्यों देऊ प्रान मै तो वारी हारे॥ 48:33 मान न करो री गोरी, तुम्हरे कारन आयो मेहा। हरी हरी भूमी पर, बरसो ही छाये, ए नयी नार, नयो मेहा॥ 1:01:06 रितु बरखाई बरसन लागी, बौछारन सननन कर बोलाई | पपिहा मुरला दादुरवा बोले, गरजत घन चहुँ दिसते घेराई || 1:12:29 झुकि आई बदरिया सावन की, सावन की मन भावन की। सावन में उमगे मन अपना, छांड चले परदेस पियरवा, सुध न रही घर आवन की॥ 1:21:52 बरसे मेहरवाँ, बड़ी बड़ी बुंदन, चहुँ ओर बिजली चमके डर पाये, पिया बिन जियरा तरसे 1:47:06 फरके मोरी बैंया, मै कारी घटा सैंया। चहू और ते बिजली चौंधे, अत डर पावन लागी 1:58:18 अमरैयन के बिरखन के पातन पर पटभीजना बुंदरिया चमके || तर तर झरना झरवन लागी, नजर परी ललचैयन के || ताल पे दादर डुंगर मुुरवा, डाल पे कोयल बोले शोक रंग भूम हरी अरु पाट भरी रुत बरखा संग रैयन के || 2:11:06 पीहरवा अजहु न आये येरी माई अब कहु कौन से डर लागे, जाग रही मै सगरी रतिया प्रीतम के कारन, नाही आये 2:17:55 पिया पार 2:30:48 चुप नव सखी 2:39:33 घन गरजे बरखा आई गरज गरज मोहे डरावे, नाद दिलावे मोहे याद पियाकी || पिया पिया सुन कोयल की मन मे शोक पिया कब आवे, नाद गरजे घन याद सतावे || 2:49:10 रितु बरखा आई घन गरजे गरजे, बिजली चमाकइ बरसे ॥ सननन सननन करि हो चहुँ दिसि घेरी री है, अबहि धमाकै बरसे ॥ 2:55:40 तराना ० Source of bandishes : Website devoted to Pandit Kumar Gandharva aka Kumar Ji ( kumarji.com )
Virtuoso ❤ his powers of genius is in full display in the 3 hours.. .spell bound... Especially ..ritu barkhaayee in shuddh malhar is so exceedingly sweet ❤ blisss...thank you ..thank you..thank you for the upload
What a mesmering ever remembering Melodious Bhaitak of Pt Kumar Gandharv. He has sung it with Enchanting all types of Malhar Rag and stressing more of Gaud Malhar.Melodious presentation.Down load such educative other Ragas.Mahishi Bros. Shirhatti Karnatak. 22 /12 /2021.
What a lesson, what a master-class, what an experience of Gaud Malhar by the god of malhar himself....!!!
0:24 Introduction by Kumar Ji and Aalaap (कुमार जी द्वारा आमुख एवं आलाप)
10:56 काहे हो हम सो प्रीतम आंखे फेर डारी।
का मोसे चूक परी, सुधार ले हो सदारंग तुम पर वारी॥
19:10 बोल रे पपीहरा अब मोरे पियु की बात आज मोहे अधक सुनावे रे।
चमक बिजरिया बरसन लागी, फुलवन सेज बनाऊ आज मोरा कंथु घर आवे रे॥
28:50 बलमा बहार आई दादुर, मोर पपैया बोले, पियु पियू बोले घन छाये।
निशि अंधीयारी दामिनि डरावे, कोयल सबद सुनाये॥
36:15 सैंया मोरा रे, मैं तो वारी वारी रे गरवा म्हारे डारे।
एक हाथ मोरी भरी सुरैया, ढीट लंगरवा तोरा, ज्यो ज्यो री मन माने मोरा, त्यों त्यों देऊ प्रान मै तो वारी हारे॥
48:33 मान न करो री गोरी, तुम्हरे कारन आयो मेहा।
हरी हरी भूमी पर, बरसो ही छाये, ए नयी नार, नयो मेहा॥
1:01:06 रितु बरखाई बरसन लागी, बौछारन सननन कर बोलाई |
पपिहा मुरला दादुरवा बोले, गरजत घन चहुँ दिसते घेराई ||
1:12:29 झुकि आई बदरिया सावन की, सावन की मन भावन की।
सावन में उमगे मन अपना,
छांड चले परदेस पियरवा, सुध न रही घर आवन की॥
1:21:52 बरसे मेहरवाँ, बड़ी बड़ी बुंदन, चहुँ ओर बिजली चमके
डर पाये, पिया बिन जियरा तरसे
1:47:06 फरके मोरी बैंया, मै कारी घटा सैंया।
चहू और ते बिजली चौंधे, अत डर पावन लागी
1:58:18 अमरैयन के बिरखन के पातन पर पटभीजना बुंदरिया चमके ||
तर तर झरना झरवन लागी, नजर परी ललचैयन के ||
ताल पे दादर डुंगर मुुरवा, डाल पे कोयल बोले शोक रंग भूम हरी अरु पाट भरी रुत बरखा संग रैयन के ||
2:11:06 पीहरवा अजहु न आये
येरी माई अब कहु कौन से डर लागे, जाग रही मै सगरी रतिया
प्रीतम के कारन, नाही आये
2:17:55 पिया पार
2:30:48 चुप नव सखी
2:39:33 घन गरजे बरखा आई
गरज गरज मोहे डरावे, नाद दिलावे मोहे याद पियाकी ||
पिया पिया सुन कोयल की
मन मे शोक पिया कब आवे, नाद गरजे घन याद सतावे ||
2:49:10 रितु बरखा आई
घन गरजे गरजे, बिजली चमाकइ बरसे ॥
सननन सननन करि हो
चहुँ दिसि घेरी री है, अबहि धमाकै बरसे ॥
2:55:40 तराना
० Source of bandishes : Website devoted to Pandit Kumar Gandharva aka Kumar Ji ( kumarji.com )
Thankyou so much
Dhanyavad 🙏
Virtuoso ❤ his powers of genius is in full display in the 3 hours.. .spell bound...
Especially ..ritu barkhaayee in shuddh malhar is so exceedingly sweet ❤ blisss...thank you ..thank you..thank you for the upload
Divine Music. Feeling blessed. Thanks for sharing. Kalajayi Pandit Kumarji's immortal music.
धन्यवाद ऐसे उत्तम सुंदर गायन एकोण्या साठी।
শুনে আশ মেটেনা, যত বার শুনি ।
Wonderful, many thanks for sharing this recording.
Good to see the whole uninterrupted recording here in one piece. Thank you.
सुंदर सांगीतिक मेजवानी.. 🙏🏻💐
One can easily tell even listening to tanpura only that Pundit Kumar Gandharva is going to sing now.
True
What a rendition absolutely divine.
कर्ण प्रिय गायन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद
What a class, astonished.
Absolute Masterclass!!
Thank you for uploading. This is an absolute gem. God Bless Kumarji
goldmine of classical music by Kumarji, thank you v much Milindji
Milindji thank u very much all the efforts u took for uploading this precious gem!
Thank You!
This is bliss !! Thanks a ton !
Tabla Suresh Achrekar
suresh ji ha karyakram sadharan kontya varshi ani kuthe zala ? Ani he ase kiti prayog zale Gaud Malhar darshan che ?
No idea
Totally mesmerizing, nothing to say.
1:12:24 jhunki aayi badariya
VA va VA kya bat hi
Great Kumarji.
Simply Devine!!
What a mesmering ever remembering Melodious Bhaitak of Pt Kumar Gandharv. He has sung it with Enchanting all types of Malhar Rag and stressing more of Gaud Malhar.Melodious presentation.Down load such educative other Ragas.Mahishi Bros. Shirhatti Karnatak. 22 /12 /2021.
Ati sundar.
Excellent!!
Divine!
Treasure!
1:01:36 ritu barkha ❤️