अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि 'हे अर्जुन ! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।' सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि ‘हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है। जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
complete saint provide common way of worship according to holy books of all religions and not a particular religion as result followers of saint Rampal Ji Maharaj belongs to all religions
सत साहेब🎉🎉🎉
तीर्थ गए फल एक है, संत मिले फल चार।
सतगुरु मिले अनेक फल ,कहे कबीर विचार।।
कबीर परमेश्वर जी की अमृतवाणी -
क्या मांगू कोई थीर रहाई, देखत नैन चले जग माहीं।
एक लाख पूत सवा लाख नाती, उस रावण घर दिवा न बाती।।
🙏🌸🌸सदगुरु देव भगवान् की जय जय🌸🌸🌸🙏
❤this is the world best 🙏 Saint Rampal Ji bhagwan ji 😢.....
Nice satsang
अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि 'हे अर्जुन ! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।' सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि ‘हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
anmol sacchi jankari sacche malik ki
Sat saheb ji 🙏
Anmol gyan
Very nice 👍
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
True video
गीता अध्याय 4 श्लोक 9 में कहा है कि हे अर्जुन! मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं। भावार्थ है कि काल ब्रह्म अन्य के शरीर में प्रवेश करके कार्य करता है। जैसे श्री कृष्ण जी ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि मैं महाभारत के युद्ध में किसी को मारने के लिए शस्त्र भी नहीं उठाऊँगा। श्री कृष्ण में काल ब्रह्म ने प्रवेश होकर रथ का पहिया उठाकर अनेकों सैनिकों को मार डाला। पाप श्री कृष्ण जी के जिम्मे कर दिए। प्रतिज्ञा भी समाप्त करके कलंकित किया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
Puran sant ka satsang hai
complete saint provide common way of worship according to holy books of all religions and not a particular religion as result followers of saint Rampal Ji Maharaj belongs to all religions
😲🤔
Kabir, koti naam sanshar me,inse mukti na hoy, Shar naam mukti ka data,VA ko Jane na koy, adhik jankari ke liye padhe pustak Gyan ganga.
Sadguru ji apka sadgiyan hem sabhi atmao ko apnay jiwen ka real kaya lakshya tha.