कबीर, अवगुण मेरे बाप जी, बक्शो गरीब निवाज! जो मैं पूत कपूत हूं, बहूर पिताको लाज!! मेरे गुरदेव भगवान के चरण कमल में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🔅सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
गीता अध्याय 15 श्लोक 17 व अध्याय 13 श्लोक 22 के अनुसार उत्तम पुरुष अर्थात परमात्मा तो वह है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करता है। उसी एक परमात्मा की हमें भक्ति करनी चाहिए, जो गीता अनुसार शास्त्र अनुकूल साधना है।
सत सहेब
सत साहेब जी।।
सतगुरु के उपदेश का, सुनियो एक बिचार।
जिन्हें सतगुरु मिलता नहीं, जाता यम के द्वार
सत साहेब जी।।
कबीर, अवगुण मेरे बाप जी, बक्शो गरीब निवाज!
जो मैं पूत कपूत हूं, बहूर पिताको लाज!!
मेरे गुरदेव भगवान के चरण कमल में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🔅सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
Bahut acha satsang hai
Sat Saheb ji
Anmol gyan
गीता अध्याय 15 श्लोक 17 व अध्याय 13 श्लोक 22 के अनुसार उत्तम पुरुष अर्थात परमात्मा तो वह है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करता है। उसी एक परमात्मा की हमें भक्ति करनी चाहिए, जो गीता अनुसार शास्त्र अनुकूल साधना है।
anmol saccha gyan
Nice katha
Nice ❤❤❤
Amrit Varsha
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
sadbhakti marg ka saccha gayn
Kabir, Siddh tare pind aapna, sadhu tare khand, unko satguru janiyo, Jo taar deve brahmmnd, adhik jankari ke liye padhe pustak Gyan gangaa.
Sat sahib 🙏
Spiritual knowledge