राम के वनवास पर Shakeel Azmi की नज़्म, पहले नहीं सुनी होगी | Bhopal Kavi Sammelan | Jashn e Poetry
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- เผยแพร่เมื่อ 11 ม.ค. 2024
- मुस्लिम शायर शकील आज़मी की
राम के वनवास पर शानदार नज़्म
सुनकर चौक उठा भोपाल.......
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वाह शकील भाई आपका जवाब नहीं, आपको दिल ❤ की गहराईयों से कोटि कोटि प्रणाम अभिनंदन वंदन जय सियाराम जी
शकील साहब भारत प्रेमी है तभी तो भारतीय संस्कृति पर नज्म लिखकर और इस तरह सुनाकर इतने भाव से प्रस्तुति दी है।
* अहिल्या गीत *
अहो राम! आओ अब मुझ को
पुनः शिला में रूपित कर दो।
यह चिर यौवन पुनः मिला तो
हुआ मुझे अभिशाप सरीखा।
देखा फिर जब रूप मनुज का
निशिदिन कलुष भाव ही दीखा।
मुझे नहीं सहना है अब के
इस जग के वीभत्स रूप को!
मना रही अपनी नश्वरता
मना रही तुम विश्व-भूप को।
इसीलिए तुम आकर, छूकर
देह मेरी अपकर्षित कर दो।
जिसने अपना रूप बदलकर
छीना मुझसे वैभव सारा।
उसको देव बनाकर सब ने
उल्टा मुझ पर ताना मारा।
और जिसे सर्वस्व समझकर
वार दिया था अपना तन-मन,
उसी ऋषि ने मुझे त्यागकर
शापित कर के भेज दिया वन।
नहीं चाहिए हर्ष मुझे अब
दुख मेरे आवर्धित कर दो।
सुभाष जाटव, भोपाल
शकील भाई आपने तो दोनों महिलाओं के चरित्र चित्रण से हृदय को भेद दिया, आपको सलाम
बहुत बहुत खूब भाई, हर चाहत आपकी पूर्ण हो,मंगलमय शुभकामनाऐ ❤❤
आदरणीय श्री शकील साब को हृदय से अभिनंदन । बहुत सुंदर कल्पना अहिल्या और उर्मिला की । आपके पास माँ सरस्वती का भरपूर आशीर्वाद है ।
शकील भाई इन दोनों देविओं का चरित्र चित्रण करके हृदय भेद दिया.
बहुत सुन्दर...
उर्मिला राम के बनवास का हिस्सा भी नहीं........
अति महत्व पूर्ण विश्लेषण के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद.
सबसे अधिक प्यार आशीर्वाद देने वाली माँ थीं कैकेयी,
ओह😊😊 क्या खूब लिखा है, परम् सम्माननीय सकील साहब ने निहायत ऐसा लगा जैसे वो इस तरह की ज़िंदगी खुद जिये हो,,ऐसा वाकया उन के साथ गुज़रा हो,रामायण उनके ज़हन में समा गई हो ।जै हिन्द।
इन भाई के पेम का दिल से नमन अगर हर भाई ऐसे हो जाये तो एक बार फिरसे कलियुग में राम राज आ जाये।जयश्री राम
वाह शकील भाई आपके नज़्म दिल की गहराइयों को छू गई सादर नमन आदाब
गजब है कवि का दिमाग जो बात कवि जी ने बतायी वो किसी कथा वाचक ने नही कही जय हो
❤भाई जी शकील साहव आप और आपकी कवि पांक्तियों को कोटि २ नमन।
त्याग तपस्या और बलिदान ये है भारत कि पहचान ।
बहुत खूबसूरत अंदाज़. ए बयां😊
यही है गंगा युमना की तहजीब जो भारत को एक अनोखी पहचान दिलाता है।। जय हिंद
शानदार प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई।
आज़मी साहब ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
❤ सादर नमन वंदन ❤
कविवर शकील जी को सादर अभिवादन
लाजबाव बहुत बहुत बधाई आभार धन्यवाद जय हिन्द।
वाह सकील भाई रोला दिया आज तो आप ने
वाह वाह बहुत ही उम्दा नज्म।
Bhai shakil tumne to hamara dimag hi, hila diya. Ye mere jism Tu aisey hi jiye. Dukh tujhse door rahe.
बहुत सुन्दर कहा आदरणीय
रोम रोम जाग गया... क्या उर्मिला चिरित्र चित्रण किया है...नमन हो
सकील साहब आदाब!आपजैसे कम ही शायर या कवियों के श्रोता हम बन पाए हैं जिन्होंने उर्मिला कोइस अंदाज में संजोया है।
Kya Khoob. Ashk to dekhe sabhi ne, aank se chalakate hue. Aapne to samandar mai, ashko ka pata dhoond liya... Wah...
Shandar aur real touch🙏
जय सियाराम जी की बहुत ही सुंदर भाई जी
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Shakeel Bhaiyya, I express my appreciation about your marvellous poetry.
Jai Sri Ram:
आजमी भाई अति सुन्दरजी राधे राधे जी बहुत ही उमदा शुकरिया रामायण एक त्याग वैराग्य की कहानी हर एककिरदार ने त्यागकियाहै एक दूसरे पर प्रेम कर माया का त्याग है त्या बैराग्या पर एक शयर बनाना जी जैसै कबीरजी ने दोहो मे कितना ज्ञान पिराया है
Sakeel bhaiya aap ko pranam , bahut achha aapne kaha Aahilya aur Urmila ji par, Bar bar aapko naman hai Vandan hai.
वाह बहुत खुब, रामायण का दार्शनिक और मार्मिक चित्रण कविवर ने बहुत ही खूबसूरती से पेश किया। उनको साधुवाद 🌹🌹
बहुत ही सुन्दर शकील आजमी साहब जी क्या बात बहुत ही खूब शकील भाई जी 👌👌
अदभुत है आपकी काव्य प्रतिभा शकील भाई ❤🎉
शकील साहब, जो दर्द आपने उड़ेला है, उर्मिला का दर्द इस तरह किसी ने शायद सोचा भी नहीं होगा।
Urmila par jnab shkeel miyan ne bhut hseen nazam khee ha mubarakbad
उम्मीदों से कई गुना बेहतर ... बेहतर से भी बेहतरीन प्रस्तुति ॥❤ ॥
मेरा सौभाग्य,,,अच्छी नज़्म के लिए आजमी साहब को मुबारक,,,
शकील आज़मी ❤ इससे आगे कुछ कह भी नहीं सकता।
बहुत बढ़िया शकील भाई
शकील भाई को मुबारकबाद। चीजों को देखने का नया अंदाज।
Legend है आपके अन्दाज़ ए ब्या
Shakil भाई
Shakil bhai apne urmila ka chitran bahut achha thank you
Bahoot Khoob! Explained the essence of Ramayan...
शकील भाई साहब जी को प्रणाम करते हैं बहुत ही गूढ़ रहस्य निकाल कर लायै हैं
अहिल्या और उर्मिला के पात्र को जिस तरह से आजमी जी ने पढ़ा बहुत ही सराहनीय है🌹
Wah. Wah. Wah kya baat h ❤🙏🙏🙏 shakeel sahab ❤🙏🙏🙏
ये हैं असली मुसलमान... इंसानियत... सकारात्मकता...🙏🙏
बहुत खूबसूरती सर नज्म कही बहुत शुक्रिया ❤️🌹💞🙏🏾
Salute hai aap ki soch ko
Aap ne tau aankhon mein aansoo la diye
Rongate khare ho gaye aap ki kavita sun kar
Woh woh wonderful video Great poet appreciate you 👍 sir shakeel Azmi ji,
Aap ek sachche insan VA sachche musalman hain.
माताओं के लिए आपके मन में इतना दर्द झलक रहा है वाकई में बहुत लाजवाब है शकील भाई 🙏🙏🙏🙏
लोग नंगों हो जाते हैं ,अखबार में रहने के लिऐ, ❤❤❤❤लाजबाब रहा सकील भाई❤❤
La jawab nazm shakeel chacha ji ne padhi
शकील साहब आपकी कलम और शायरी दिल को छू गयी आपका हार्दिक स्वागत हार्दिक अभिनन्दन
भाई शकील साहब को ओर उनकी गजल को प्रणाम,बारम्बार प्रणाम।।
क्या बात कही आपने वाह वाह
Shabd nhi keval dandwat pranam hai aapko Sir🙏 bass......... Kyuki koi shabd aisa hai hi nhi jo is anmol soch aur shabd ke sath Insaf nhi kar sakta warna vo chhoti ho jayegi. 🙏
❤ Jay shree Ram ❤ 🙏🙏🙏 Ram ji sab ka pujya Han❤️
उर्मिला केनाम से आंखे नम हो गईं उर्मिला राम के वनवास का हिस्सा भी नहीं सुंदर कहा
वाह शकील साहब वाह, अहिल्या का क्या ख़ूब चित्रण किया है, बधाई
शकील जी ,बहुत बहुत बधाई व धन्यवाद।
कविता सच में सुन्दर है मार्मिक है
जो तेरे ऐब बताते हां
उसे मत खोना।
अब कहां मिलते है
आईना दिखाने वाले।।
❤❤
Shakeel Azmi ko sou bar Namaskar.
Bhut hi shandarrrrrrrrrrr
बहुत उम्दा शकील साहब। सलाम आपको
बहुत सुंदर ! ❤
बाह भाई शकील साहब जय हो आपकी।।
क्या बात है साहब आपके लेख को प्रणाम
Shakeel ji ...behtar se behtareen...I salute you
Shakeel Azmi sahab to pahle se hi bahut ache Shayari hein
प्रभु श्री राम जी की कृपा ही बरसीं थी आप पर आज़मी साहब मोतीयों सा पिरोया शब्दों को सुंदर कहा ,
प्रभु श्री राम जी की कृपा आप पर सदा बनी रहे
आपके मनोभावों ने हृदय में करुणा की धारा बहा दी
Awesome performance nice thinking.❤❤❤
बिलकुल सही, उर्मिला के व्यथित तन-मन का दिल छूने वाली शायरी,वाह!, बहुत खूब, बहुत बढ़िया, महोदय।
वाह शकील भाई लाजवाब उर्मिला को क्या लिखा आपने आंखो में आंसू आ गए
Shakeel bhai apko bahut bahut pranam 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
शकील आजमी साहब की नज्मेंं काबिले तारीफ हैं खासतौर पर अहिल्या और उर्मिला पर लिखे मौलिक नज्म
मालिक आपको खूब खूब तरक्की दे
वाह वाह शकील साहब🎉
Vah mere bhai vah
शक़ील साहब वाह बेहतरीन कविता
वाह आजमी साहब धन्यवाद आपको
Bahut shandar❤😊
वाह शकील आजमी जिंदाबाद,, ❤❤
आजमी भाई बहुत खूब आपको नमन
शकील भाई,बहुत बहुत बधाई व धन्यवाद। सादर नमन ।
अद्भुत चित्रण उर्मिला को जन जन तक पहुँचा दिया
साधुवाद🎉🎉
उत्तम प्रस्तुति
"उर्मिला राम के वनवास का हिस्सा भी नहीं" 👌👌👌
जहां ना पहुंचे रवि वहां पर पहुंचे कवि और जहां ना पहुंचे कवि वहां पर पहुंचे अनुभवी
वा वा गजब लाजबाव बेमिसाल
वाह वाह वाह जय श्री राम राम जी
आप देश की गंगा जमुनी सभ्यता की एक शानदार मिसाल हैं।आप जैसे उदात्त विचारो वालो पर हमे नाज़ है।
❤ शकील आज़मी जी, मैं लगभग ७५
वर्षीय वृद्ध हूं। मेरा प्रणाम या फिर शुभ आशीर्वाद स्वीकार करें।आप से गुजारिश है कि आप बनवास के कुछ और चरित्रों को भी पढ़ें। मेहरबानी होगी।❤❤❤❤❤❤❤