राजस्थान सरकार 8 माह में बढ़ा गई 44,736 करोड़ का कर्ज
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- เผยแพร่เมื่อ 21 ก.ย. 2024
- सूबे की आर्थिक सेहत : नई सरकार के सामने बड़ी चुनौती
गहलोत सरकार 8 माह में बढ़ा गई 44,736 करोड़ का कर्ज
जयपुर. पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले 61 प्रतिशत कर्ज अधिक लिया। इसमें से भी ज्यादातर जुलाई के बाद लिया गया और इसी दौरान गहलोत सरकार ने योजनाओं के नाम पर जनता के लिए खजाना खोल दिया था। बेपटरी हुई आर्थिक स्थिति के कारण हाल यह हो गए है कि वित्तीय प्रबंधन के नाम पर सरकार की ओर से अधिकारी- कर्मचारियों को वेतन-पेंशन के अतिरिक्त अन्य भुगतान भी एक से दो माह की देरी से हो रहे हैं। ऐसे में बढ़ते कर्जभार के कारण भजनलाल सरकार के सामने अब प्रदेश की आर्थिक सेहत सुधारना बड़ी चुनौती रहेगी।
आंकड़ों के अनुसार इस साल गहलोत सरकार के 8 माह के कार्यकाल में 44,736 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लिया गया और बजट अनुमानों के अनुसार अब मार्च तक भजनलाल सरकार करीब 18 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ही और ले सकती है। कर्ज के लिहाज से राज्य की आर्थिक स्थिति पहले से ही बहुत अच्छी नहीं थी, वर्ष 2022-23 में अनुमानित कर्ज 5,16,815 करोड़ रुपए था। इसके मार्च के अंत तक 5,79,781 करोड़ रुपए पहुंच जाने का अनुमान है।
पिछले साल से 61% अधिक लिया कर्ज... गत सरकार ने आधी से ज्यादा उधारी जुलाई के बाद ली, तभी योजनाओं का पिटारा खुला
जयपुर. डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस को लेकर अफसरों के साथ बैठक करते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
उधारी का ऐसे चढ़ रहा ग्राफ, (राशि करोड़ रुपए में)
माह
2022
2023
जुलाई तक
17392.39
21441.72
अगस्त तक
19445.92
26008.00
सितम्बर तक
22678.14
32395.18
अक्टूबर तक
26847.88
38238.87
ऐसे हो रहा भुगतान... कई जगह रुकावट
जानकारी में आया है कि हर माह सरकार करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए वेतन के लिए भुगतान करती है। यह भुगतान तो समय पर हो रहा है, लेकिन सेवानिवृत्ति परिलाभ, जीपीएफ से अग्रिम भुगतान सहित अन्य जो भुगतान हो रहे हैं, उनमें एक से दो माह तक
की देरी हो रही है। बताया जाता है कि वेतन के हा अतिरिक्त होने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के भुगतान के लिए करीब तीन श्रेणियां बना रखी हैं, एक श्रेणी में एक-दो लाख रुपए भुगतान है जिसमें बहुत देरी नहीं हो रही। पढ़ें ऐसे @ पेज 15
नवम्बर तक
27542.33
आंकड़ों का मायाजाल बता रहे कर्ज तय सीमा के भीतर
44736.84
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार इस साल अब तक जो भी कर्ज लिया, वह निर्धारित सीमा के भीतर है। अभी आरबीआई से उधारी लेने की नौबत नहीं आई, लेकिन बताया जाता है कि सार्वजनिक उपक्रमों के जरिए करीब 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया और वह सीएजी को बताई, कर्ज राशि के पीडी खाते में जमा करवा रही है, जिसका नियंत्रण सरकार के पास ही होता है और वह ही उसमें से राशि सार्वजनिक उपक्रमों को देती है।
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BJP same cong
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