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नमस्ते आचार्य जी आपके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहें है दोनों समय संध्या और हवन करते हैं २००१ से लेकर आज २०२३ यानि २०२४ चल रहा है यह आप लोगों के सहाय से है
इसके विद्यालय कहा है एक व्यक्ति का संपूर्ण आर्य बनने के लिए कितने वर्षों का कोर्स करने परतें हैं कितने पैसे लगते हैं मै एक आर्य पंडित बनना चाहता हूं। मेरा उम्र 30 वर्ष है मैं अविवाहित हूं। क्या मैं बन सकता हूं?????
स्वामी जी। नमस्ते। आँखे खोलने वाला प्रवचन किया है किन्तु जैसे ही प्रवचन खत्म हुआ सब साफ हो गया ऐसा क्या करे कि आपकी बाते मन मे हि बस जाएं। आचरण मे आ नही पाती है, बड़े बड़े तथाकथित आर्य समाजी भी कहते कुछ हैँ करते कुछ है। व्यवहार मनुष्य सुविधानुसार करता है धर्मानुसार नही। आपका धन्यवाद। थोड़ा कठोर बनो ओर बनाओ। जब मीठी दवाई से काम नही चलता तो कड़वी देनी पड़ती है ओर फिर भी नही चलता तो ऑपरेशन करना पड़ता है । लगता है अब operation का टाइम आ गया है । नमस्ते जी ।
Shri Chrno me koti koti Pranam
🧘प्रेरक उपदेश 👌👏👍धन्य वाद🧘♂️
Om namsteji
ओ३म्
सादर अभिवादन/नमस्ते जी
सत्य वचन है जी, आपको प्रवचन नवीन ज्ञान सम्वर्द्धन में योगदान है।
नमस्ते आचार्य जी आपके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहें है दोनों समय संध्या और हवन करते हैं २००१ से लेकर आज २०२३ यानि २०२४ चल रहा है यह आप लोगों के सहाय से है
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आम जिन्दगी में ईश्वर कि क्या जरूरत है ???
ओ३म्
सप्रेम नमस्ते आदरणीय आचार्य जी,
बहुत महत्वपूर्ण प्रवचन, हार्दिक धन्यवाद !
Acharya ji ko sadar namaste ji bhut bhut danyabad ji
🚩जय भारत।
एक विडियो बच्चों के उपर भी बनाओ
Bhut acha pervachan keya Acharya ji me Sunita Arya sabhi ko hardik Om namaste ji
🕉🚩🙏🏻
इसके विद्यालय कहा है एक व्यक्ति का संपूर्ण आर्य बनने के लिए कितने वर्षों का कोर्स करने परतें हैं कितने पैसे लगते हैं मै एक आर्य पंडित बनना चाहता हूं। मेरा उम्र 30 वर्ष है मैं अविवाहित हूं। क्या मैं बन सकता हूं?????
Maharishi asked all Arya members to donate 1persent of income.
In economics
Primary product made by God(भगवान) and
Secondary products made by human
ईश्वर क्या क्या करता है ?
स्वामी जी। नमस्ते। आँखे खोलने वाला प्रवचन किया है किन्तु जैसे ही प्रवचन खत्म हुआ सब साफ हो गया ऐसा क्या करे कि आपकी बाते मन मे हि बस जाएं। आचरण मे आ नही पाती है, बड़े बड़े तथाकथित आर्य समाजी भी कहते कुछ हैँ करते कुछ है। व्यवहार मनुष्य सुविधानुसार करता है धर्मानुसार नही। आपका धन्यवाद। थोड़ा कठोर बनो ओर बनाओ। जब मीठी दवाई से काम नही चलता तो कड़वी देनी पड़ती है ओर फिर भी नही चलता तो ऑपरेशन करना पड़ता है । लगता है अब operation का टाइम आ गया है । नमस्ते जी ।
Dhaniyad
ओ३म। नमस्ते आचार्य जी
बहुत बहुत धन्यवाद नमस्ते
🙏🙏