नादविज्ञान भाग १ : माया - अवलोकन

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  • เผยแพร่เมื่อ 24 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 12

  • @bodhivarta
    @bodhivarta  7 หลายเดือนก่อน +2

    ज्ञानदीक्षा कार्यक्रम में सम्मिलित नादविज्ञान से सम्बंधित वीडियो गुरुआज्ञा से जनसामान्य के लिए प्रकाशित किये जा रहें हैं। यही वीडियो तंत्रबोधि कार्यक्रम के चरण २ में सम्मिलित हैं। नादविज्ञान स्वाधीन तंत्र की नींव है। यहाँ दी गई जानकारी के आधार पर साधक आगे अनुसंधान कर सकते हैं या अपना स्वयं का तंत्र निर्माण कर सकते हैं।
    अंग्रेजी संस्करण : th-cam.com/play/PLB-JSAbBz5B55KOYv9QFKc46zkYhSeT0W.html
    ज्ञानदीक्षा कार्यक्रम : gyanmarg.guru/eok
    तंत्रबोधि कार्यक्रम : gyanmarg.guru/tb
    ज्ञानमार्ग प्रवेशद्वार : gyanmarg.guru/
    #नादविज्ञान #नाद #तंत्र #विज्ञान #माया
    🙏💜🙏

  • @MaharshiPandya-ku3hi
    @MaharshiPandya-ku3hi 6 หลายเดือนก่อน +1

    Great 🙏Supb🙏Adbhut🙏💞🌹🕊️💐🇮🇳🙏✨🎈🌹🕊️💞

  • @surajruchal4199
    @surajruchal4199 7 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏❤️ Pranaam Guru ji

  • @chandankumarshaw2670
    @chandankumarshaw2670 7 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🌻. ( Like Matrix )

  • @ashutoshshukla9341
    @ashutoshshukla9341 7 หลายเดือนก่อน

    ❤❤❤❤

  • @Shashikanta_369
    @Shashikanta_369 7 หลายเดือนก่อน

    😇😇😇😇😇

  • @Umal1998
    @Umal1998 7 หลายเดือนก่อน +1

    🙏💐🙏

  • @apgnamskaram8375
    @apgnamskaram8375 7 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🌷🌷

  • @as_if
    @as_if 7 หลายเดือนก่อน

    19:39 Maya me darshan nahi kaam aata, maya me maya hi kaam aate hai
    20:50 Maya ko satya?

  • @kavya.thisside
    @kavya.thisside 2 หลายเดือนก่อน

    अगर मे मेरे होने कि स्मृति भुल जाऊ तो मुझें मेरे होने का ज्ञान किस प्रकार होगा? इस प्रकार से देखा जाए तो ज्ञान भी स्मृति का भाग मात्र है?
    अगर मेरे होने कि स्मृति शेष न हो तो अंत मैं क्या बचेग?
    मेरे होने कि स्मृति के उस ओर क्या है?

    • @bodhivarta
      @bodhivarta  2 หลายเดือนก่อน

      अनुभवकर्ता सदा है । साक्षी रह जाता है । स्मृति परिवर्तनशील है ।
      साक्षी और साक्षीभाव में भेद जानना आवश्यक है ।
      स्वयं को जानने से प्रश्न मिट जायेंगे । यहाँ देखें :
      gyanmarg.guru/sr.php?lang=hi

  • @arpit.s
    @arpit.s 6 หลายเดือนก่อน

    Agr tum khud k raat me sone aur subha so kar vapas uthne ke kaal me hone vale badalavon ko hi agr sahi tarike se dekh ho to tumhe smjh aajayega ki sb kuch kitna aseemit hai.. yahan koi seema hi to nhi. Han insan apni maya me ulajh kr khud ko simit kr leta hai, vo bhi din ki maya.. jisko hm reality bolte hain. Jisme rishte Hain, job hai, Paisa hai, khana hai, ghr hai, aseemit hone ke lye aapko in sb ko smjhna pdega ki ye isi Maya ka part hai. Maya k Bina bhi jiya nhi ja skta maya me doob k bhi jiya nhi ja skta. Jab aap ye smjhne lgenge to aapko aseemta ka Gyan hone lgega.