' एक कहानी यह भी ' मन्नू भंडारी /'Ek Kahani Yah Bhi '

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  • เผยแพร่เมื่อ 13 ก.ย. 2024
  • ‘ एक कहानी यह भी ‘ के रचना के बारे में सबसे पहले तो हमें यह पता होना चाहिए कि मन्नू भंडारी ने पारिभाषिक अर्थ में कोई क्रम के अनुसार आत्मकथा नहीं लिखी है। अपने आत्मकथ्य में उन्होंने उन व्यक्तियों और घटनाओं के बारे में लिखा है जो उनके लेखकीय जीवन से जुड़े हुए हैं। प्रस्तुत पाठ में संकलित अंश में मन्नू जी के अठारह वर्ष से काम उम्र के जीवन से जुड़ी घटनाओं के साथ उनके पिताजी और उनकी कॉलिज की प्राध्यापिका शीला अग्रवाल जी का व्यक्तित्व विशेष तौर पर उभरकर आया है , जिन्होंने आगे चलकर लेखिका के लेखकीय व्यक्तित्व के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेखिका ने प्रस्तुत पाठ में बहुत ही खूबसूरती से साधरण लड़की के असाधरण बनने के शुरू के सभी पड़ावों को प्रकट किया है।
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    #hindi#sahitya

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