रमा शंकर जी . आप बहोत ग्याणी है . जो कबीर जी कि वाणी . आम जनता तक प्रचार करते है . लेकीन कबीर साहिब ने . जो प्रचार किया उसमे किसी धर्म के बारे मे अपमानीत शब्द नही लिखे . पर . उनके वचनो पर चलकर जो विश्वास पैदा करे . वही सच्चा भक्त है नही तो दुनिया के आगे जो भैसा होता है उसे हेला भी कहते है वह व्हाय व्हाय दिन भर क्यो न चिल्लाये कोई फरक नही पडता . जब भक्त प्रल्हाद को अटल विश्वास था अपने भगवान पर . तो उसने खुद के बाप को हिरण्यकश्यप को भगवान मानने से इन्कार कर दिया था / और हिरण्यकश्यप के मुह मे से तुम्हारे मुह से जो वाक्य निकल चुके है कि देवी देवता वो कि मुर्ती पुजा मत करो . तो सुनो जो इन्सान अपने अहंकार से . निकले हूये शब्द से ठेच पोहचाकर अनादर करता है . तो उसका पतन जरूर है / क्यो के तुम रावण इतने महान नही है . जिसने शंकर जी कि तपश्या करके अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था . संत कबीर साहेब कि वाणी से यह दोहा . भुल गये . मा खी गुळ मे पडी रहे . लिये छार लपटाय / पंख हिले सीर धुने . लालच बुरी बलाय / जो मा खी गुळ खाने के लिये जाती है तो वह पाक मे उसके पंख छार मे चिपक जाते सिर हिला हिला के अपना दम तोड देती है तो कहने का मतलब सिधा साधा है / अगर स्त्री जात को गर्भ धारणा होने के बाद सबसे पहिले उसके मुहपर खुशी कि चमक उठती है और वह आनंद से समाये नही जाती . क्या वो दुनिया को अपना पेट दिखाते फिरती है देखो मै गर्भवती हो गई हू / दुसरी बात जब उसके नऊ महिने . पुरे होने के बाद . बच्चा गर्भ दानी से बाहर आता है . तब बाहर कि दुनिया सत्य का पता लगता है लडका हुवा या लडकी . ठिक उसी तरहा जो इन्सान को अपने ग्यान का अहंकार होता है तब वो सामने वाले व्यक्ती को हिन समजता है . और वह मौन रहने के बजाय अपना मुह खोलकर अनाप सनाप ऐसी वाणी बोलता है कि उसका ताबा झुठ जाता है और अपना पतन अपने हि हाथो से कर लेता है / तो किसी कि धर्म के उपर बोलना यह निंदनिय है . सब से प्रथम हिन्दु धरम है जो आकाश से लेकर पर्वतोपर उसकी निशानिया है . दुसरी बात यह तुम को खुद को कबीर क्या है नही समजता . पढ पढ के ग्यान बाटने वाला संत नही होता / और ज्यो ग्याणी होता है वह सत्य जानकर मौन रहता है / जो स्त्री का उदाहरण दिया था उसी तरहा . सतनाम साहिब बंदगी
जो निस्वार्थपर भाव से देते हैं और वताते हैं वहि है देवता। जय पावन पवित्र ज्ञान विज्ञान सत्य सनातन इंसानीयत धर्म की जय हो और असत्य अज्ञान अधर्म की विनाश हो। जय हिन्दु वन्दे मातरम् ॐ
ईन को देखो कही से संत या भक्त नही दिख रहा है एसी लोग चुगला कहा जाता है कछु का ज्ञान नही पर ज्ञानी बने के चाहमे दुसरो के निन्दा करते फिरते सत्य को कभी न जानेवले होते है अपनी तन को मुर्खता मेही त्याग जाएगा जो जैसी कर्म करता हैओ दुसरो कोभी उसी नजरिया से देखते हैं सकल देखे इसके और पता करे इसकी दुष कर्म सामने आजाएगा एसे लोग श्रिष्टी पर बोझ है कलंक है ❤❤ जय श्री राम ❤❤
@AadiSuper प्रकृती इस्शवर का शरीर है इसमें जो पदार्थ है उसमें भौतीक और अलौकीक दोनों गुड पाये जाते हैं। इसलिये पूजा और तंत्र सब में बनस्पतियो और पदार्थों दोनों का प्रयोग होता है ।जो अलौकिक गुड है वहीं इश्वर है उसी जानना है
तेरा कौन सा पुराण है उसकी बात कर जब यह पुराण राम विष्णु यह गंदी है तू इनकी बात क्यों करता है शर्म नहींआई तुझे दूसरे की इच्छा की निंदा करने की तुझे कंस किसने छूट देती है
बहुजन का असली रामायण की चर्चा इसी सत्संग में पूज्य संत श्री के मुखारविंद से हो रहा है बहुत खुशी की बात है सभी बहुजन को ऐसा ही संत चाहिए तभी एकजुट होकर अपने रास्ते पर लौट आएंगे नहीं तो सभी के सभी पाखंड उन्माद में फंसे हुए बहुजन समाज गर्त में मिट्टी में मिलते जा रहे हैं
यह स्वयं एक चरित्रहीन व्यक्ति है, "नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली" "जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन्ह देखी तैसी" जीवन में सारे कुकर्म करने के बाद अब प्रवचन करने चला है। समाज को बांटने का काम कर रहा है। नीच
ये आदमी किसी भी तरह से संत नहीं हो सकता इसको बोलने की आजादी इतना सिर्फ़ हिंदू धर्म में ही मिल सकता बाक़ी धर्म में बोलता तो सर तन से जुदा हो जाता अभी तक,कुछ इस क़दर महान है हमारा हिंदू धर्म ,इसको सिर्फ़ हिंदू धर्म में ही सिर्फ़ विकृति दिखाई देती है ख़ुद ज्ञान का अभाव वाला आदमी दूसरे को ज्ञान दे रहा है सनातन धर्म अमर था अमर है अमर रहेगा जय हिंदू राष्ट्र🚩जय श्री राम🚩🙏🙏
यह सब अर्थ का अनर्थ और कुतर्क केवल अल्प ज्ञान से हो रहा है बिच्छु का मंत्र नहीं जानते और सर्प के बिल में हाथ डालने की कोशिश कर रहे हैं।जो निश्चित ही इनके पतन का कारण बनेगा।
मात्र हिन्दू धर्म व देवी देवताओं के बारे में अपशब्द बोलते हैं इन्हें अगर हिन्दू धर्म पसंद नहीं है तो उस धर्म का अनादर क्यों करते हैं , अपने धर्म का प्रचार करो अगर इतना ज्ञानी है तो दुसरे धर्मों की त्रुटियां भी बताओ।
यह व्यक्ति संत नहीं ।इसके विचार में घृणा अहंकार द्वेष भरा हुआ है दुसरे को पापी कहने से पहले अपने अंत करने झाँकना चाहिए । यह व्यक्ति दुराचारी है ।यह व्यक्ति स्वयं को संत कबीर का अनुयायी बताता है जो उनके विचारों से कोसों दूर है । यह व्यक्ति जहरीला है जो अपने मुंह से हमेंसा जहर उगलता रहता है ।यह संत हो ही नहीं सकता यह कपटी और दुराचारी है । पाखण्ड तो इसके रोम रोम बसा है । इससे पूछा जाय कि संत कबीर का वह अमृत वाणी जो अपने विचारों को अपने सभा में रखते थे "कबीरा खड़ा बाजार में लिए लोकाठी हाथ जो घर जारे आपना वहीं हमारे साथ " ।अगर यह व्यक्ति इसका तात्पर्य सही सही बाता है तो देखना चाहिए कि इसके विचारों यह संतवाणी हैकि नहीं है इसका निर्णय आप लोगों पर छोड़ता हूँ ।
संसार जिसे आत्मा कह रही है वो परम चैतन्य शरीर हे वो लोक परलोक और मृत्यु लोक का ऐहसास कर रहा है आत्मा अजर-अमर निर्बंध नित्य हे वो सभी चीजों के पर हे ऐहसासो से पर हे (आत्मा परमात्मा)👈🙏🙏🌹🌹🌹
संसार मे सभी मोह मे लिन है आप भी मोह के चक्र मे ही किसी की आस्था पर चोट पहुंचा रहे हैं ईश्वर लिस्ट आप सबसे बड़े अपराधी है आप को कभी भी परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती आप की आत्मा संसार मे ही भटकेगा
साधु ऐसा चाहिए जैसे सूप सूपाय । सार सार को गहि रहे थोथा देय उड़ाय ।। संत श्री रमाशंकर साहेब ने आज ऐसा ही कर दिया सारा कचरा व अध विश्वास पाखंड को धो डाला है। त्रय बंदगी साहेब।।.. ये आज साहेब ने कुनेन की टेबलेट दी है मुंह मे लेने पर बहुत कड़वी होती है परन्तु खाये बिना मलेरिया भी ठीक नहीं होता है। पारखी भाविकों को अच्छे लगे ये प्रवचन परन्तु अधिकांश लोगों को बहुत ही कड़वा लगेगा। कटु वचन का भी स्वाद लेना व निर्णय करना हरेक के वस की बात नहीं होती है।
सद्गुरू के मर्जी के बिना कही पर भी पत्ता भी नहीं हिलता है... सत्य पुरुष की छ्टी सूर्त निरंजन को किसने प्रगट किया.. सद्गुरू ने.. सत्यपुरूष की सोलवी सुर्त माया को किसने प्रगट किया. सद्गुरू ग्यानिजी ने.. क्यु? प्रगट किया सत्यलोक में कूछ हंस बिगड गये थे वो भक्ती नहीं कर रहे थे.. ईनके लिये अलग लोक बनाया.गया . ऐसे सब बिगडे हुये सत्य लोक के बच्चे को सुधार ने के लिये निरंजन लोक बनाया.. ओर् इसका इन्चार्ज सबसे बडा खतरनाक जेलर किसको बानाया... वो है सद्गुरू के सबसे प्यारा विश्वसनीय पुत्र निरंजन को... तो ये धर्मराय सच्चा सत्य लोक से चुना गया न्यायाधीश है.. ओर वो अपने ढंग से काम कर रहा है..जैसा सत्य पुरुष ने बताया वैसा ही अपने सुधार गृह में कडी मेहनत से काम कर रहा है.. मार धाड करके. प्यार से. समझा बुझा कर वो अपना काम कर रहा है.. तो आपको क्यू? तकलिब हो रही है.. उन्होंने अबतक कई जिवो को हंस बनाकर सत्य लोक भेजा.. जैसे संत मीराबाई, नामदेव, तुलसी दास नानकजी साहेब, गरीब दास, धर्मदास साहेब, ऐसे कई जिवो को सत्यलोक भेजा ओर जो अभी थोडेसे कच्चे है. ऊस को अपनेही समीप निरंजन लोक में रखा..इसिमे साहेब की प्यारी कन्या माया का भी अच्छा साथ मिल रहा है.. माया इस गउ की पालन कर्ता है. इस धरती मां गौ गऊ का दूध भी निकाल रही हैं. ईसिको बिघाड भी रही है.. इसिको दधी बनाकर अच्छेसे दुःख देकर रगड रही है..भिन्न भिन्न धर्म भाषा विचार फैला कर आग्यान रुपी इसी जीव रुपी दूध को बिघाड रही है. ओर ज्ञान रुपी वेद संत रुपी आरी से इनका माखन भी अलग निकाल कर शुद्ध स्वरुपी हंस तयार कर रही है...अपने परम पूज्य पिता सत्य पुरुष के लिये.. सा हे ब बं द गी... # भिन्न भिन्न सभी धर्म पंथ जात विचार बुद्धी आदी माया कर रही है.. कबिर पंथ में भी ऐसे ही अलक थोडे सुधारे हूये विचार धारा में माया 95% प्रवेश किया हैं.. ये मायावी लोग इसमे पाणी डाल कर..(अपना अलग अलग विचार फैला कर ) इस शुद्ध दूध को भी बिघाड रहे हैं.. ओर जो सच्चे भक्त हंस है वो ही इस मटकी से दूध दूध पिकर 95% पाणी त्याग देणे वाले है.. है दूध रुपी ज्ञान से अपणी जीवनी भक्ती की सेहद सुधार रहे हैं.. *साधू ऐसा चाहिए जैसा सूप सुहाय..सार सार गही लेत है पोधा देई उडाय* ❤❤❤❤❤ ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
देवताओं को सदैव दुराचारी नारियों ने साधना भंग करने की अनेको घटनाएं कल भी थी। आज भी परिलक्षित। मूढ़,अधम अनर्गल नही चिल्लाएंगे तो विनाश को कैसे प्राप्त होंगे।
अबे रमा शंकर तेरे पास कबीर साहब का ज्ञान तो कुछ नहीं है और अन्य धर्मों की बुराई करने का बड़ा ज्ञान है अगर जांच किया जाए तो तूं भी छिनरा ही होगा जय श्री राम
वाकई मे क्या आप संत है? प्रवचन सुन कर तो लगता है की आपको हिंदू फोबिया है।संतो की भाषा कटाक्ष वाली नही होती है। पुनरविचार करें की आप संत हैं।जय श्री राम।
हमारे देवता शब्द है सज्जन है देवता है यह व्यक्ति जो कह रहा है कि हमारे देवता चरित्रहीन थे यह खुद बहुत बड़ा चरित्रहीन आदमी है इसका आप लोग पता लगा लीजिए मैं इसके आसपास ही रहता हूं इससे ज्यादा चरित्र आदमी तो कोई है ही नहीं
कबीर वाणी में यह भी लिखा है तीनों देव कमल दल बसे ब्रह्मा विष्णु महेश प्रथम वंदना इनकी फिर सुन सतगुरु उपदेश । अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी के सत्संग सुने
जिसमें भलाई अधिक और बुराई कम हो वो देवता है। पूर्ण रूप से शुद्ध तो सिर्फ ब्रह्म है। इसलिए हमें देवताओं को पूजना चाहिए। जिसमें कुछ भी बुराई न हो उसका जन्म ही नहीं होता। आप मे भी कुछ तो बुराई है तभी तो आप का जन्म हुआ है। फिर भी लोग आप को और संत कबीरजी को पूजते हैं न!
साहेब जी को कोटि कोटि नमन सारे लपटझंडिस अंधभक्तों की पटकथा की पोल खोल दी सच्चाई परखाई है भगवानों धर्मों में उलझे हुए लुण्ट ढौंगी पाखण्डी नकलची महाठग नौटंकी करने वालों को ठिकाने लगाने पर त्रय बार साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी
रमाशंकर साहेब का प्रवचन तार्किक और सत्य की परख कराने वाला है। साहेब बन्दगी ।
मुर्ख हो
बहुत उत्तम बहुत उत्तम भारतवर्ष के लोग इसको समझे
Ham samajh rahe h
महानसंत कबीर दास जी महाराज की उत्तम शिक्षा का गुणगान करो तो देश के सभी लोगों का भला होगा ना कि दूसरों की बुराई करने से
साहेब बन्दगी। आपकों अभी और 100।सौ साल जिना पड़ेगा तब जाकर कहीं पाखंड वाद खत्म होजायेगे। आपकों दिल से साहेब बन्दगी।
रमा शंकर जी . आप बहोत ग्याणी है . जो कबीर जी कि वाणी . आम जनता तक प्रचार करते है . लेकीन कबीर साहिब ने . जो प्रचार किया उसमे किसी धर्म के बारे मे अपमानीत शब्द नही लिखे . पर . उनके वचनो पर चलकर जो विश्वास पैदा करे . वही सच्चा भक्त है नही तो दुनिया के आगे जो भैसा होता है उसे हेला भी कहते है वह व्हाय व्हाय दिन भर क्यो न चिल्लाये कोई फरक नही पडता . जब भक्त प्रल्हाद को अटल विश्वास था अपने भगवान पर . तो उसने खुद के बाप को हिरण्यकश्यप को भगवान मानने से इन्कार कर दिया था / और हिरण्यकश्यप के मुह मे से तुम्हारे मुह से जो वाक्य निकल चुके है कि देवी देवता वो कि मुर्ती पुजा मत करो . तो सुनो जो इन्सान अपने अहंकार से . निकले हूये शब्द से ठेच पोहचाकर अनादर करता है . तो उसका पतन जरूर है / क्यो के तुम रावण इतने महान नही है . जिसने शंकर जी कि तपश्या करके अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था . संत कबीर साहेब कि वाणी से यह दोहा . भुल गये .
मा खी गुळ मे पडी रहे . लिये छार लपटाय / पंख हिले सीर धुने . लालच बुरी बलाय / जो मा खी गुळ खाने के लिये जाती है तो वह पाक मे उसके पंख छार मे चिपक जाते सिर हिला हिला के अपना दम तोड देती है तो कहने का मतलब सिधा साधा है /
अगर स्त्री जात को गर्भ धारणा होने के बाद सबसे पहिले उसके मुहपर खुशी कि चमक उठती है और वह आनंद से समाये नही जाती . क्या वो दुनिया को अपना पेट दिखाते फिरती है देखो मै गर्भवती हो गई हू / दुसरी बात जब उसके नऊ महिने . पुरे होने के बाद . बच्चा गर्भ दानी से बाहर आता है . तब बाहर कि दुनिया सत्य का पता लगता है लडका हुवा या लडकी . ठिक उसी तरहा जो इन्सान को अपने ग्यान का अहंकार होता है तब वो सामने वाले व्यक्ती को हिन समजता है . और वह मौन रहने के बजाय अपना मुह खोलकर अनाप सनाप ऐसी वाणी बोलता है कि उसका ताबा झुठ जाता है और अपना पतन अपने हि हाथो से कर लेता है / तो किसी कि धर्म के उपर बोलना यह निंदनिय है . सब से प्रथम हिन्दु धरम है जो आकाश से लेकर पर्वतोपर उसकी निशानिया है . दुसरी बात यह तुम को खुद को कबीर क्या है नही समजता . पढ पढ के ग्यान बाटने वाला संत नही होता / और ज्यो ग्याणी होता है वह सत्य जानकर मौन रहता है / जो स्त्री का उदाहरण दिया था उसी तरहा . सतनाम साहिब बंदगी
सच्चाई धीरे-धीरे सबके सामने आ रही है किसी न किसी माध्यम से संतों के माध्यम से
जागो भारतवासी जागो
सत साहिब बंदगी
जय प्रकृति
BOLEEY..Sad..Guru..Dev..Ki..Jay..HO..RamaSahnkar..SAHEB..Ji..KO..TARY..BAR..SAHEB..BANDGGI..SAHEB..BANDGGI..SAHEB..BANDGGI..YATINDAR..SAHEB..JI..KO..TARY..BAR..SAHEB..BANDGGI..SAHEB..BANDGGI..SAHEB..SAHEB..BANDGGI..NATTHU..DAS..PALLOT.476..NAGSEN..NAGAR..G..H..B....PANDESRA..UDHNA..SURAT..DATE..20..3..2024TH..TAYEM..5..50..SAHEB..BANDGGI..SAHEB..BANDGGI..SAHEB..BANDGGI..JAY..HO..PARAM..PARBHU..
साहेब बंदगी महोदय
रमाशंकर साहब तार्किक बात बता रहे हैं जो सही है।जयभीम
वीडियो और आवाज आगे पीछे हो गया है प्रवचन बहुत बढ़िया है सत्य की परख करवा रहे हैं साहिब बंदगी साहिब
1:21
साहेब बंदगी साहेब जी साहेब बंदगी साहेब जी साहेब बंदगी साहेब जी जय सदगुरु कबीर साहेब जी जय बिहार जय अरवल जय जयपुर 🎉🎉🎉
Jay ho sahab
Sahave Bandagi Guro ji Mahraj aap ki charano me sat sat na man.
सत्य कड़वा होता है लेकिन सत्य यही सत्य है साहिब बंदगी साहिब बंदगी साहिब बंदगी
जो निस्वार्थपर भाव से देते हैं और वताते हैं वहि है देवता। जय पावन पवित्र ज्ञान विज्ञान सत्य सनातन इंसानीयत धर्म की जय हो और असत्य अज्ञान अधर्म की विनाश हो। जय हिन्दु वन्दे मातरम् ॐ
ईन को देखो कही से संत या भक्त नही दिख रहा है एसी लोग चुगला कहा जाता है कछु का ज्ञान नही पर
ज्ञानी बने के चाहमे दुसरो के निन्दा करते फिरते सत्य को कभी न जानेवले होते है अपनी तन को मुर्खता मेही त्याग जाएगा
जो जैसी कर्म करता हैओ दुसरो कोभी उसी नजरिया से देखते हैं सकल देखे इसके और पता करे इसकी दुष कर्म सामने आजाएगा
एसे लोग श्रिष्टी पर बोझ है कलंक है
❤❤ जय श्री राम ❤❤
बहुत सुन्दर साहेब बंदगी साहेब जी
साधु और संत वही है जिसका अपना कुछ गुण हों।तुम्हारे पास कुछ नहीं है।
गुण है दोस्त आप समझ नही पाते हो
@AadiSuper प्रकृती इस्शवर का शरीर है इसमें जो पदार्थ है उसमें भौतीक और अलौकीक दोनों गुड पाये जाते हैं। इसलिये पूजा और तंत्र सब में बनस्पतियो और पदार्थों दोनों का प्रयोग होता है ।जो अलौकिक गुड है वहीं इश्वर है उसी जानना है
aap hi jaesa mane sant ravi das ko tana marte the
एक कबीर भी काल्पनिक है इसको किसी ने नहीं देखा
😅😅
कायाबीर कबीर हर इन्सान में हैं , जिसने परखा और पारख पर टीक कर रह गया वही कबीर है
kabir yeh kaun hai 😂
तुम अपने बाप को भी कुछ दिन बाद काल्पनिक बता दोगे
Guru Nanak Dev Ji Bhagat Kabir ko mile the aur unseen vichar vimarsh kiya tha.
बहुत सुंदर
तेरा कौन सा पुराण है उसकी बात कर जब यह पुराण राम विष्णु यह गंदी है तू इनकी बात क्यों करता है शर्म नहींआई तुझे दूसरे की इच्छा की निंदा करने की तुझे कंस किसने छूट देती है
बहुजन का असली रामायण की चर्चा इसी सत्संग में पूज्य संत श्री के मुखारविंद से हो रहा है बहुत खुशी की बात है सभी बहुजन को ऐसा ही संत चाहिए तभी एकजुट होकर अपने रास्ते पर लौट आएंगे नहीं तो सभी के सभी पाखंड उन्माद में फंसे हुए बहुजन समाज गर्त में मिट्टी में मिलते जा रहे हैं
बहुत अच्छा साहब जी
Ramayan ,pothi padhane se koi gyani nahi hota dharna karne,shadhna krne se hi gyani hota hai
Ramayan Mahabharat puran pothi padane se Gyan nehi janwar bante hei. Insan ban ne ke liye Santhosh ki bad karna padtahei.
कबीर के बारे में भी कुछ जानकारी नहीं है. कबीर के चेला और कबीर के बारे में ही कुछ नहीं बोलता है.. हमलोग के गांव में एक मसखरा होता है, वही ये है
आप असली कबीर पंथी संत हैं,, जो सत्य को हमेशा सामने में बोलते हैं।।
वर्ना आजकल के कबीर पंथी प्रवचन करने वाले लोग गोल मटोल प्रवचन करते हैं।
सब दुनियाके लोग कल्पना मे जी रहे है l ऐक आप हो सच्चाई बताते होl आप सही मे गुरू हो l ❤
❤ thank you 🎉
Waw mai nihal ho gaya guru ji
Bachapan se Kabir ka anunyai raha hu
Satya ab Jake suna
Aap सदा निरोगी और खुश रहे गुरु जी
यह स्वयं एक चरित्रहीन व्यक्ति है,
"नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली"
"जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन्ह देखी तैसी"
जीवन में सारे कुकर्म करने के बाद अब प्रवचन करने चला है।
समाज को बांटने का काम कर रहा है। नीच
Kisi bhi cast ka manav garib rahta hi to kabir saheb ka chela bante hi and sabhi bhagwan ko mante hi
कुछ लोग पैसा लेकर हिंदु सभ्यता को बदनाम करना चाहते हैं ,सावधान रहें.
Kis Hindu ki bat kr rhia ho
साहेब बंदगी साहेब जी
चरित्रहीन होने की बात तो बहुत दूर है, कभी कोई देवता नहीं था।
ये आदमी किसी भी तरह से संत नहीं हो सकता इसको बोलने की आजादी इतना सिर्फ़ हिंदू धर्म में ही मिल सकता बाक़ी धर्म में बोलता तो सर तन से जुदा हो जाता अभी तक,कुछ इस क़दर महान है हमारा हिंदू धर्म ,इसको सिर्फ़ हिंदू धर्म में ही सिर्फ़ विकृति दिखाई देती है ख़ुद ज्ञान का अभाव वाला आदमी दूसरे को ज्ञान दे रहा है सनातन धर्म अमर था अमर है अमर रहेगा जय हिंदू राष्ट्र🚩जय श्री राम🚩🙏🙏
Very truthful knowledge.
आप रामायण का बखान कर रहे है, तो कबीरा का बखान नही होरहा है, आप बहुत अच्छे रामायणी हैं
रमाशंकर स्वयं चरित्र हीन, और वर्ण शंकर है।ये अभिमानी है।
100% true.....No doubt....,Maha bhrasht thee
यह सब अर्थ का अनर्थ और कुतर्क केवल अल्प ज्ञान से हो रहा है बिच्छु का मंत्र नहीं जानते और सर्प के बिल में हाथ डालने की कोशिश कर रहे हैं।जो निश्चित ही इनके पतन का कारण बनेगा।
ये ज्ञानी तो कबीर से भी ज्यादा ज्ञानी हैं जो कबीर नही जानते या जिसके बारे मे कुछ नही बोला वो ये बखानते हैं।
देवता चरित्र हीन थे,क्या वह इनके मित्र हैं जो इनको पता है।
Good
huupiih
सत्य का आगमन 5 नवंबर 1995 को हो चुका है और 2025 कलयुग सावधान सत्य का आगमन सत्य की जय हो
मात्र हिन्दू धर्म व देवी देवताओं के बारे में अपशब्द बोलते हैं इन्हें अगर हिन्दू धर्म पसंद नहीं है तो उस धर्म का अनादर क्यों करते हैं , अपने धर्म का प्रचार करो अगर इतना ज्ञानी है तो दुसरे धर्मों की त्रुटियां भी बताओ।
यह व्यक्ति संत नहीं ।इसके विचार में घृणा अहंकार द्वेष भरा हुआ है दुसरे को पापी कहने से पहले अपने अंत करने झाँकना चाहिए । यह व्यक्ति दुराचारी है ।यह व्यक्ति स्वयं को संत कबीर का अनुयायी बताता है जो उनके विचारों से कोसों दूर है । यह व्यक्ति जहरीला है जो अपने मुंह से हमेंसा जहर उगलता रहता है ।यह संत हो ही नहीं सकता यह कपटी और दुराचारी है । पाखण्ड तो इसके रोम रोम बसा है । इससे पूछा जाय कि संत कबीर का वह अमृत वाणी जो अपने विचारों को अपने सभा में रखते थे "कबीरा खड़ा बाजार में लिए लोकाठी हाथ जो घर जारे आपना वहीं हमारे साथ " ।अगर यह व्यक्ति इसका तात्पर्य सही सही बाता है तो देखना चाहिए कि इसके विचारों यह संतवाणी हैकि नहीं है इसका निर्णय आप लोगों पर छोड़ता हूँ ।
संसार जिसे आत्मा कह रही है वो परम चैतन्य शरीर हे वो लोक परलोक और मृत्यु लोक का ऐहसास कर रहा है आत्मा अजर-अमर निर्बंध नित्य हे वो सभी चीजों के पर हे ऐहसासो से पर हे (आत्मा परमात्मा)👈🙏🙏🌹🌹🌹
प्रणाम सद गुरुदेव देवता मायारुपी ॐकारका अंगका (छेत्रका अधिकारी)
है। देवता पुज्ने वाले देवतामाही सिमित
रहताहै।🙏🙏🙏🙏🙏
संसार मे सभी मोह मे लिन है आप भी मोह के चक्र मे ही किसी की आस्था पर चोट पहुंचा रहे हैं ईश्वर लिस्ट आप सबसे बड़े अपराधी है आप को कभी भी परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती आप की आत्मा संसार मे ही भटकेगा
एक तरफ कथा भागवत आदि को ढोंग कहता है,e सारा ज्ञान फ्री में बांट रहा है ,sanatan है को बर्दास्त कर रहा है
कभी दूसरे धर्म पर ज्ञान बाटो 😂
Sat sat nam. Apka guru ji
साधु ऐसा चाहिए जैसे सूप सूपाय ।
सार सार को गहि रहे थोथा देय उड़ाय ।।
संत श्री रमाशंकर साहेब ने आज ऐसा ही कर दिया सारा कचरा व अध विश्वास पाखंड को धो डाला है।
त्रय बंदगी साहेब।।..
ये आज साहेब ने कुनेन की टेबलेट दी है मुंह मे लेने पर बहुत कड़वी होती है परन्तु खाये बिना मलेरिया भी ठीक नहीं होता है।
पारखी भाविकों को अच्छे लगे ये प्रवचन परन्तु अधिकांश लोगों को बहुत ही कड़वा लगेगा। कटु वचन का भी स्वाद लेना व निर्णय करना हरेक के वस की बात नहीं होती है।
सारा कचरा जमा करते हैं ज्ञान को उड़ा दिया
जिन्हें मलेरिया है वहीं तो कुनैन
लेगा
आप पर क्या है वह वताओ
Nice sir jee
Jai ho guru dev
आप अपने धर्म को मानना है मानिए दूसरे धर्म पर पर टिप्पणी करने वाले आप कौन है
राम को ना देखा तो कबीर को भी नहीं देखा यह सभी काल्पनिक है
सब का मालिक एक है
Sir You will tell that Ramayan and Mahabharat are Imaginated Novel and nothing else? I wait your reply.
Satya hai yah bat
हिन्दु धर्म ग्रंथ की आलोचना करते है,हिम्मत है तो कुरान और पैग़म्बर की आलोचना करें।
Kabira.Ki.Patni.Loi.To.Daodagar.Ke.Saath.Bhaag.Gayi.Thee//Kamaal.
Aur.Kamaali.Dono.Loi.Ki.Naajayaj.
Aolaad.The//
अपना अस्तित्व देखा नही। भगवान पर चला भाषण देने
देवताओं को चरित्रहीन नही समझ सकता है. एक चरित्र हीन ही ऐसा कह सकता है. ऊपर से देवता को नही समझ सकते. खासकर मूर्ख.
सद्गुरू के मर्जी के बिना कही पर भी पत्ता भी नहीं हिलता है...
सत्य पुरुष की छ्टी सूर्त निरंजन को किसने प्रगट किया.. सद्गुरू ने..
सत्यपुरूष की सोलवी सुर्त माया को किसने प्रगट किया. सद्गुरू ग्यानिजी
ने..
क्यु? प्रगट किया सत्यलोक में कूछ हंस बिगड गये थे वो भक्ती नहीं कर रहे थे.. ईनके लिये अलग लोक बनाया.गया
. ऐसे सब बिगडे हुये सत्य लोक के बच्चे को सुधार ने के लिये निरंजन लोक बनाया.. ओर् इसका इन्चार्ज सबसे बडा खतरनाक जेलर किसको बानाया...
वो है सद्गुरू के सबसे प्यारा विश्वसनीय पुत्र निरंजन को... तो ये धर्मराय सच्चा सत्य लोक से चुना गया न्यायाधीश है.. ओर वो अपने ढंग से काम कर रहा है..जैसा सत्य पुरुष ने बताया वैसा ही अपने सुधार गृह में कडी मेहनत से काम कर रहा है..
मार धाड करके. प्यार से. समझा बुझा कर वो अपना काम कर रहा है.. तो आपको क्यू? तकलिब हो रही है..
उन्होंने अबतक कई जिवो को हंस बनाकर सत्य लोक भेजा.. जैसे संत मीराबाई, नामदेव, तुलसी दास नानकजी साहेब, गरीब दास, धर्मदास साहेब, ऐसे कई जिवो को सत्यलोक भेजा ओर जो अभी थोडेसे कच्चे है. ऊस को अपनेही समीप निरंजन लोक में रखा..इसिमे साहेब की प्यारी कन्या माया का भी अच्छा साथ मिल रहा है.. माया इस गउ की पालन कर्ता है. इस धरती मां गौ गऊ का दूध भी निकाल रही हैं. ईसिको बिघाड भी रही है.. इसिको दधी बनाकर अच्छेसे दुःख देकर रगड रही है..भिन्न भिन्न धर्म भाषा विचार फैला कर आग्यान रुपी इसी जीव रुपी दूध को बिघाड रही है. ओर ज्ञान रुपी वेद संत रुपी आरी से इनका माखन भी अलग निकाल कर शुद्ध स्वरुपी हंस तयार कर रही है...अपने परम पूज्य पिता सत्य पुरुष के लिये.. सा हे ब बं द गी...
# भिन्न भिन्न सभी धर्म पंथ जात विचार बुद्धी आदी माया कर रही है..
कबिर पंथ में भी ऐसे ही अलक थोडे सुधारे हूये विचार धारा में माया 95% प्रवेश किया हैं.. ये मायावी लोग इसमे पाणी डाल कर..(अपना अलग अलग विचार फैला कर ) इस शुद्ध दूध को भी बिघाड रहे हैं.. ओर जो सच्चे भक्त हंस है वो ही इस मटकी से दूध दूध पिकर 95% पाणी त्याग देणे वाले है.. है दूध रुपी ज्ञान से अपणी जीवनी भक्ती की सेहद सुधार रहे हैं..
*साधू ऐसा चाहिए जैसा सूप सुहाय..सार सार गही लेत है पोधा देई उडाय* ❤❤❤❤❤
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सच बहुत कडवा होता है। लेकिन भगवान कबीर ने जो कहा वो सच कहा। सतसाहेब 🌹🌹🙏🙏
Is bhrast aadmi ko adhura Gyan hai, sab granthon ko thik se aadhyan karo
जो साध्य करता है।उसे संत कहते हैं कुछ भी कह दो और चैनल बनाकर पैसा कमाओ।वो संत नहीं पाखंड है।
देवताओं को सदैव दुराचारी नारियों ने साधना भंग करने की अनेको घटनाएं कल भी थी। आज भी परिलक्षित। मूढ़,अधम अनर्गल नही चिल्लाएंगे तो विनाश को कैसे प्राप्त होंगे।
Satybachan
राम नामसत्य है
Hindu Dev Devi have their strong character. All the negative stories are imaginary, to keep them distant from the Guthkawalla, Aasoors.
Sahab.bndagi.ham.aap.ka.samrthan.karte.haii..aur.aap..ki.bato.se.sahamat.hai
Sahib bandagi ki Jay Ho kabir sahebki jaiy ho❤❤❤❤❤
Very good saheb ji jhutha parwachan karne wala laakho hai magar sacha e parwachan bolne wala bahoot kam hai
कबीर साहिब हामेश सच बात कहते हैं उदाहड़ सहित जी
Saheb bandagi aap sahi kah rahe hai
Sahab AAP aapna batao aapke pass AAP ke pass AAP na kiya us ghan ko batao
❤❤❤❤❤❤❤sat sahib ji
अबे रमा शंकर तेरे पास कबीर साहब का ज्ञान तो कुछ नहीं है और अन्य धर्मों की बुराई करने का बड़ा ज्ञान है अगर जांच किया जाए तो तूं भी छिनरा ही होगा
जय श्री राम
Apne panth ki baat karo kisi ki burai mat karo babaji.
Very Very nice
Bahut acche
Jay bhim namo budday
गालत ऑर साही हमारे शरीर मॅ कितने अंग है काम साब आलग उसी प्रकार राबन ऑर विभिसान काम आलग है
SAT KAVIR,
वाकई मे क्या आप संत है? प्रवचन सुन कर तो लगता है की आपको हिंदू फोबिया है।संतो की भाषा कटाक्ष वाली नही होती है। पुनरविचार करें की आप संत हैं।जय श्री राम।
Jai Bhim ..........................
Sahib Bandagi❤
भ्रष्ट पाखंडीसे सावधान
जितने भी देवता रहे चरित्र से दिन इसीलिए हनुमान की मां एक थी पिता हो गए तीन कबीर सब को बंदगी
Nice katusaty hai Sir it's a really great job to humanity keep it up we are with you sir
Sat Saheb ji
अपने आप को संत कहता है तू तो सन्त की परिभाषा को भी नही जनता है तू केवल दुराग्रही असुर है पहले अपने आप को जान फिर तुझे ईश्वर का ज्ञान होगा
देवता किसे कहते है यह भी तुझे पता नही है
देवो दानाडवा दीप नाडवा द्योत् नादवा द्युस्थानो भव तिति वा
यह परिभाषा है देवता की
हमारे देवता शब्द है सज्जन है देवता है यह व्यक्ति जो कह रहा है कि हमारे देवता चरित्रहीन थे यह खुद बहुत बड़ा चरित्रहीन आदमी है इसका आप लोग पता लगा लीजिए मैं इसके आसपास ही रहता हूं इससे ज्यादा चरित्र आदमी तो कोई है ही नहीं
2:13Bat bilkul sahi h,iska character sabse kharab h,
कबीर वाणी में यह भी लिखा है तीनों देव कमल दल बसे ब्रह्मा विष्णु महेश प्रथम वंदना इनकी फिर सुन सतगुरु उपदेश । अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी के सत्संग सुने
Bahut achha
मुख को कचरालय मत बना,मुख का सदुपयोग कर उत्तम विचार, प्रेरक प्रसंग सुना।
Brahma ki Beti kaise Hui
Jay shree Ram jay hanumanji
जिसमें भलाई अधिक और बुराई कम हो वो देवता है। पूर्ण रूप से शुद्ध तो सिर्फ ब्रह्म है। इसलिए हमें देवताओं को पूजना चाहिए। जिसमें कुछ भी बुराई न हो उसका जन्म ही नहीं होता। आप मे भी कुछ तो बुराई है तभी तो आप का जन्म हुआ है। फिर भी लोग आप को और संत कबीरजी को पूजते हैं न!
Ye bhai hai purn gyani😂😂
यूट्यूब पर पैसा कमाने का जरिया
आजकल सबको हिंदू सनातन धर्म पर बकलोली करनी है
ये रमाशंकर जी नहीं, तुलसीदास जी ने रामायण में लिखी है🙏
साहेब जी को कोटि कोटि नमन सारे लपटझंडिस अंधभक्तों की पटकथा की पोल खोल दी सच्चाई परखाई है भगवानों धर्मों में उलझे हुए लुण्ट ढौंगी पाखण्डी नकलची महाठग नौटंकी करने वालों को ठिकाने लगाने पर त्रय बार साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी
Ye dharm ko nahi man rahe hai to inke nam me Ram aur Shankar laga hai use v hata lena chahiye.