राम से राम तक की यात्रा है जीवन || आचार्य प्रशांत, श्रीकृष्ण एवं कबीर साहब पर (2019)

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    वीडियो जानकारी: अद्वैत बोध शिविर, 24.10.2019, अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा, भारत
    प्रसंग:
    राम कौन हैं?
    कबीर साहब के चार राम कौन हैं?
    जीवन क्या है?
    संगीत: मिलिंद दाते
    ~~~~~~~~~~~~~

ความคิดเห็น • 108

  • @Akhil_nishad
    @Akhil_nishad 4 ปีที่แล้ว +45

    चार राम है जगत में, तीन राम व्यवहार ।
    चौथ राम सो सार हैं, ताको करो विचार ।।
    एक राम दसरथ घर डोले, एक राम घट-घट में बोले ।
    एक राम का सकल पसारा, एक राम है सबसे न्यारा ।।
    ~ संत कबीर
    🔹🔹🔹🔹🔹🔹
    श्रीमद्भग्वद्गीता अध्याय १५ श्लोक १७
    उत्तमः पुरुषस्त्वन्यः परमात्मेत्युदाहृतः ।
    यो लोकत्रयमाविश्य बिभर्त्यव्यय ईश्वरः ॥
    भावार्थः
    इन दोनों के अतिरिक्त एक श्रेष्ठ पुरुष है जिसे परमात्मा कहा जाता है,
    वह अविनाशी भगवान तीनों लोकों में प्रवेश करके सभी प्राणीयों का भरण-पोषण करता है ।

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว +6

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @abhishekdas3854
    @abhishekdas3854 ปีที่แล้ว +6

    This video deserves a reach to billions of human souls. Tears poured while listening to this exposition.

  • @yatendragarg1000
    @yatendragarg1000 3 ปีที่แล้ว +8

    झूठ का मतलब जो टिकता नही है। इसीलिए दुनिया झूठी है। लेकिन सच की संभावना लिए है।

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @Abhikriti159
    @Abhikriti159 3 หลายเดือนก่อน

    धन्यवाद जय श्री राम जी 🙏🙏🌈

  • @swatijoshi8257
    @swatijoshi8257 2 ปีที่แล้ว +4

    अद्भुत
    अद्वितीय
    आपने जिस तरीके से समझाया कोई जवाब नही उसका। जय श्रीकृष्ण।

  • @surajhalvadiya2779
    @surajhalvadiya2779 2 ปีที่แล้ว +9

    प्रश्न करताओ को साधुवाद और उनकी मनोस्थिति को भी साधुवाद जो आचार्य जी से ये प्रश्न किए,और हमेशा की तरह आचार्य जी को कोटि कोटि नमन, जो इतने ऊंचे दर्शन का या कहे सत्संग का आप ने सरल ब मृदु भाषा में मार्ग दर्शन किया। जय राम जी की

  • @dineshbhatt4318
    @dineshbhatt4318 2 ปีที่แล้ว +4

    आचार्य जी को मेरा सत सत प्रणाम, आचार्य जी सन्त कबीर जी ने सत्य ही कहा है कि गुरू गोविन्द दोहू खड़े, काके लागो पाएं बली हारे गुरु आपने, गोविन्द दियो बताए।। आप ने इतने बढ़िया तरीके से समझाया मेरा परमात्मा में लगा इसका सारा श्रेय केवल आपको ही जाएगा, आपकी वीडियो देख देख कर मेरा क्रोध पचास प्रतिसत कम हो गया है मेरा मन सब में समान दिर्ष्ट होने को लालायित रहता है

  • @garimaraman5357
    @garimaraman5357 2 ปีที่แล้ว +4

    Acharya Prashant Ji ko parnam 🌺💐🌸⭐

  • @vimlachandola1257
    @vimlachandola1257 2 ปีที่แล้ว +5

    प्रणाम आचार्य जी🙏

  • @khushbootiwari5748
    @khushbootiwari5748 8 หลายเดือนก่อน

    pranam guruvar!

  • @udaanaapki6081
    @udaanaapki6081 3 ปีที่แล้ว +4

    प्रणाम आचार्य जी आप में कबीर जी की झलक दिखती है

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @sandiplivingandlife
    @sandiplivingandlife 2 ปีที่แล้ว +3

    बिलकुल स्पष्ट कर दिया आपने ।🙏🙏

  • @premamallesh7914
    @premamallesh7914 2 ปีที่แล้ว +1

    Pranam Acharyji 🙏
    Dhanyavad 🙏

  • @aniltiwari657
    @aniltiwari657 2 ปีที่แล้ว +3

    Ram Ram Ji 🙏

  • @RK1111
    @RK1111 2 ปีที่แล้ว +1

    Thanks!

  • @pushpasakkerwal4010
    @pushpasakkerwal4010 2 ปีที่แล้ว +1

    Aacharya Ji ko कोटि-कोटि pranam bahut Sundar dhang se samjhaya sahrday aabhar

  • @vidyapande6727
    @vidyapande6727 8 หลายเดือนก่อน +1

    Beautiful video ❤

  • @swatigulati9932
    @swatigulati9932 3 ปีที่แล้ว +3

    प्रणाम आचार्य जीi

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @ushamore6522
    @ushamore6522 2 ปีที่แล้ว +1

    Dhanyavad aacharya....🙏🙏🙏

  • @yatendragarg1000
    @yatendragarg1000 3 ปีที่แล้ว +14

    कबीर साहेब के चार राम स्थूल शरीर,सूक्ष्म शरीर, कारण शरीर (अहं वृति), आत्मा है।

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว +2

      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21||
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @manishrana3387
    @manishrana3387 11 หลายเดือนก่อน

    ❤❤

  • @varshavora7390
    @varshavora7390 10 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏

  • @meenasandhal917
    @meenasandhal917 3 ปีที่แล้ว +1

    Naman Acharya g

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @anjubajaj9386
    @anjubajaj9386 8 หลายเดือนก่อน

    समय बहुत कम है🙏

  • @ishucrazy143
    @ishucrazy143 3 ปีที่แล้ว +5

    🙏✨💐

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว +1

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @bittusingh4227
    @bittusingh4227 4 ปีที่แล้ว +2

    EVERGREEN VIDEO

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21||
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @pranaym1844
    @pranaym1844 4 ปีที่แล้ว +5

    🌹🙏💐

  • @Addy099990
    @Addy099990 4 ปีที่แล้ว +25

    राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @snehamehta6673
    @snehamehta6673 ปีที่แล้ว

    Kiti koti vandan

  • @sunilduttojha6376
    @sunilduttojha6376 ปีที่แล้ว

    🙏 गुरु कृपा🙏

  • @ramavtar4462
    @ramavtar4462 ปีที่แล้ว

    Aap mere jeevan ke adars ban gaye ho

  • @ऋतुमौर्या
    @ऋतुमौर्या 3 ปีที่แล้ว +2

    जय श्री राम

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @soniayadav7474
    @soniayadav7474 2 ปีที่แล้ว

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @shivpalrabde1182
    @shivpalrabde1182 4 ปีที่แล้ว +2

    Acharya Ji 🙏 Naman

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @neelamrana6999
    @neelamrana6999 2 ปีที่แล้ว

    🙏💓☀️🌍💐💐💐

  • @puranchand5301
    @puranchand5301 3 ปีที่แล้ว

    Ek Ram Dashrath ka beta Ek Ram Ghat Ghat Mein Baitha Ek Ram ka Jagat pasara Ek Ram Jagat se nyara

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @sunitagupta6846
    @sunitagupta6846 2 ปีที่แล้ว +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @laalbahadurlaalbahadur1644
    @laalbahadurlaalbahadur1644 2 ปีที่แล้ว +1

    🙏🙇

  • @Sparsh789
    @Sparsh789 3 ปีที่แล้ว +22

    "राम" तत्व पर आपके मुखारबिंद से एक सत्संग की अपेक्षा है।🙏👏👏👌👍🙏

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว +5

      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21||
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏 हरे कृष्ण हरे राम नारायण नारायण

  • @JivikaRana-zi5ne
    @JivikaRana-zi5ne ปีที่แล้ว

    ❤❤❤❤❤❤❤

  • @satyamvishalbhaskar2350
    @satyamvishalbhaskar2350 4 ปีที่แล้ว +4

    🙏

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @vinodkuber3879
    @vinodkuber3879 4 ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @yatendrakumar9760
    @yatendrakumar9760 2 ปีที่แล้ว +2

    🙏🙏🙏

  • @sunitabatra3273
    @sunitabatra3273 2 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @yatendragarg1000
    @yatendragarg1000 2 ปีที่แล้ว +9

    जितने भी शरीर हैं। वह सब है आत्मा के ही।

  • @EDUCATIONALBABA
    @EDUCATIONALBABA 2 ปีที่แล้ว +8

    आज रामनवमीं के उपलक्ष्य में आचार्य जी से राम का मर्म समझा।
    प्रणाम गुरुवर

  • @yatendragarg1000
    @yatendragarg1000 2 ปีที่แล้ว +5

    समय बहुत थोड़ा है। इतना कुछ है करने को बाकी।

  • @swatigulati9932
    @swatigulati9932 3 ปีที่แล้ว +7

    कितना स्पष्ट देख पाते हैं आप

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว +1

      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @shubhampandey7067
    @shubhampandey7067 2 ปีที่แล้ว +4

    हृदय से नमन आचार्य जी....

  • @anujpsingh9141
    @anujpsingh9141 2 ปีที่แล้ว +1

    आचार्य जी राम नाम जपने से मनुष्य की मुक्ति कैसे होगी।

  • @Addy099990
    @Addy099990 4 ปีที่แล้ว +5

    धन्यवाद आचार्य जी 🌷🌷🌷🌷🌷💐🌻🍁

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @varunsangwan4964
    @varunsangwan4964 2 ปีที่แล้ว +3

    As per Advaita " you are the forth one i.e Turiya "...🙏

  • @ashishmanmode4849
    @ashishmanmode4849 ปีที่แล้ว +2

    नमस्कार आचार्य् जी को, शत शत नमन 🙏🙏

  • @simplelife5956
    @simplelife5956 3 ปีที่แล้ว

    🙏🌼🙏

  • @kaushalpandey9354
    @kaushalpandey9354 3 ปีที่แล้ว +3

    धन्य धन्य हो गुरुदेव आप

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว +1

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @darshnaprajapati83
    @darshnaprajapati83 2 ปีที่แล้ว +2

    Pranam guruji

  • @MotikumariYadav-bu7mw
    @MotikumariYadav-bu7mw หลายเดือนก่อน

    Jai shree krishana

  • @dinesharyayoga9650
    @dinesharyayoga9650 2 ปีที่แล้ว +1

    गुरुजी प्रणाम बहुत सुंदर

  • @RohitKumar-he5xt
    @RohitKumar-he5xt 4 ปีที่แล้ว +3

    Awesome.

  • @radhikamahto7513
    @radhikamahto7513 2 ปีที่แล้ว +1

    Pranam Guruji

  • @krishenchand3707
    @krishenchand3707 2 ปีที่แล้ว

    Ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay shree ram Jay

  • @sunitakumarisinha9583
    @sunitakumarisinha9583 10 หลายเดือนก่อน

    🙏🌅💖🌕🙏💐💞🙏🙏💞💐

  • @rakhikundajwar2531
    @rakhikundajwar2531 4 ปีที่แล้ว +2

    Naman Acharya ji. ...

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @Ankitkarora2020-ql4zu
    @Ankitkarora2020-ql4zu 6 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @apurvasoni4065
    @apurvasoni4065 8 หลายเดือนก่อน

    💐🙏

  • @dhaneshmalhotra4055
    @dhaneshmalhotra4055 2 ปีที่แล้ว +1

    Hari OM.

  • @bhupendratomar4575
    @bhupendratomar4575 3 ปีที่แล้ว +2

    🙏

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @simplelife5956
    @simplelife5956 3 ปีที่แล้ว +1

    Pranam acharya ji

  • @devrajthakur9742
    @devrajthakur9742 2 ปีที่แล้ว

    Pranam acharya jiii

  • @Runjeetverma
    @Runjeetverma ปีที่แล้ว

    Jaisi siya raam 🙏🙏❣️❣️

  • @veerasachdeva8080
    @veerasachdeva8080 2 ปีที่แล้ว

    जीवन का अमृत आपसे जाना है अनुग्रह

  • @neelamkwatra1954
    @neelamkwatra1954 8 หลายเดือนก่อน

    Acharya ji ke charanon mahi koti koti naman ❤❤❤❤❤

  • @bhupendratomar4575
    @bhupendratomar4575 3 ปีที่แล้ว +1

    Pranam acharya ji

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏

  • @vggupta5319
    @vggupta5319 ปีที่แล้ว

    चौथा राम को पहचानो वही परमात्मा है सच्चा

  • @hariomtiwari4030
    @hariomtiwari4030 10 หลายเดือนก่อน

    Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏

  • @ramprakashgupta5969
    @ramprakashgupta5969 ปีที่แล้ว

    सत्यम शिवम सुंदरम

  • @sudhirgangrade4357
    @sudhirgangrade4357 2 ปีที่แล้ว

    Naman

  • @shadow.66
    @shadow.66 2 ปีที่แล้ว

    He ram

  • @sagarkhokher4539
    @sagarkhokher4539 2 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @anuchowdhary8251
    @anuchowdhary8251 2 ปีที่แล้ว

    ❤️🌷🙏🕉️

  • @usharanimunjal7639
    @usharanimunjal7639 2 ปีที่แล้ว

    🙏

  • @theknowledgetv45
    @theknowledgetv45 ปีที่แล้ว

    Ram 🙏

  • @agnimitrachatterjee10
    @agnimitrachatterjee10 ปีที่แล้ว

    Gold✨

  • @Saraswatinitya
    @Saraswatinitya 2 ปีที่แล้ว

    🙏🙏🙏

  • @rashmiyadav3581
    @rashmiyadav3581 3 ปีที่แล้ว

    🙏

  • @akhilraj860
    @akhilraj860 3 ปีที่แล้ว

    🙏🙏🙏

    • @jsr9685
      @jsr9685 3 ปีที่แล้ว

      कबीर दास का कहना का तात्पर्य रहा होगा कि एक ही राम 4 जगह 4 रूप में है ।
      राजा राम तूं ऐसा निरभउ तरन तारन राम राइआ ॥१॥ रहाउ ॥
      हे मेरे राजा राम ! तू बहुत ही निडर है। हे स्वामी राम ! जीवों को भवसागर से पार करवाने के लिए तू एक नैया है॥ १॥ रहाउ ॥
      O my Sovereign Lord King, You are Fearless; You are the Carrier to carry us across, O my Lord King. ||1|| Pause ||
      जब हम होते तब तुम नाही अब तुम हहु हम नाही ॥
      अब हम तुम एक भए हहि एकै देखत मनु पतीआही ।।
      हे प्रभु ! अब तुम और हम एकरूप हो गए हैं, अब तुम्हें देखकर हमारा मन कृतार्थ हो गया है॥ १॥
      Now, You and I have become one; seeing this, my mind is content. ||1||
      जब बुधि होती तब बलु कैसा अब बुधि बलु न खटाई ॥
      "(हे स्वामी !) जब तक हम जीवों में अपनी बुद्धि (का अभिमान) होता है, तब तक हमारे भीतर कोई आत्मिक बल नहीं होता, लेकिन अब (जब तुम स्वयं हमारे भीतर प्रकट हुए हो) तब हमारी बुद्धि एवं बल का हमें अभिमान नहीं रहा।
      When there was wisdom, how could there be strength? Now that there is wisdom, strength cannot prevail.
      कहि कबीर बुधि हरि लई मेरी बुधि बदली सिधि पाई ॥२॥
      कबीर जी कहते हैं - (हे राम !) तुमने मेरी (अहंकारग्रस्त) बुद्धि छीन ली है, अब वह बदल गई है और सिद्धि प्राप्त हो गई है। २॥ २१ ॥ ७२॥
      Says Kabeer, the Lord has taken away my wisdom, and I have attained spiritual perfection. ||2||21|| गुरु ग्रंथ (कबीरदास के दोहे) ।
      वृंदावन मन हरण मनोहर कृष्ण चरावत गौ रे जाका ठाकुर तूही सारिंगधर मोहे कबीरा नाऊ(नाम) रे 🙏