नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
मैं बयां नहीं कर सकता की आचार्य जी आपने कितना बड़ा बोझ उतारने वाले हैं मेरे मन से (अभी विडियो नहीं देखा है) ये ऐसे ही सवाल कई महीनों से परेशान कर रहे हैं
*👉🏻 Hum to aise Hain__ अगर हमें बता भी दिया जाए, कोई छोटा बड़ा प्रमाण देकरके की हमें इन्होने बनाया है यही हमारे भगवान हैँ, चैन हमें फिर भी नहीं आएगी ,फिर हम दूसरा सवाल उठा लेंगे,की जिसने हमको बनाया वो कहाँ से आया है,,यही तो मिथ्या है, ओर इसी को हम अपनी तरफ से सच मानलेते हैँ,जोकि अगले ही पल कुछ ओर लगने लगता है, पूरी दुनियाँ इसी में फसी हुई है, ओर इसी बात को Acharya जी अपने सरल शब्दों से वेदांत दवारा समजाते हैँ, यही तो माया है जो आज सच लगती है,अगले ही दिन झूठ हो जाती है, ज़िंदगी ऐसे जीनी है की हमें कोई दुख ना हो,उसी दिशा में हमें आगे बड़ना है,, 🙏🏻 प्रणाम आचार्य जी_🙏🏻*
जो भ्रम,भ्रान्ति एवं दुःख से मुक्त कर दे वही प्रखर मशाल है वेदांत। आचार्य जी वेदांत को प्रतिपल जन चेतना तक लाने के लिए बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद। आपने वेदांत को बिल्कुल शुद्ध रूप में जन-जन तक लाया है। अब तो आपका प्रत्येक व्याख्यान दैनिक खुराक हो गया है, जिसमें प्रतिपल यही लगता है कहीं कुछ छूट तो नहीं गया। 🙏
Are bhai jis chetna ki aap baat kerte ho wo kahanse aaya hai wo ya use kisne banaya hai,ya Acharya ji is chetna ko bhi Maya hi kaheñge to phir savaal uthta hai ki is Maya ki utpati kaise aur kahanse aai ya hui
@@pranehaclassas7594 मेरे को दुख होता है, मेरे को मज़ा आता है, मेरे को सवाल आता है, पर क्या मेरी इंद्रियों को सुख, दुख, मज़ा आता है ? किसी ताज़ा मुर्दे की आंख की आंख और मेरी आंख एक जैसी हैं पर बस उसमे यह फरक है की वो देख नही सकता और में देख सकता हूं । अगर में अंधा भी हो जाऊं फिर भी में चेतन रहूंगा, मेरी चेतना ही मेरी इंद्रियों को प्रकाशित करती है इसका मतलब मेरी चेतना नित्य है और यह इंद्रियां नश्वर हैं और हर नश्वर धातु कल्पना मात्र है क्युकी वह सत्य नही । इससे पता चलता है की में शरीर और मन से आगे की चीज हूं । नमः शिवाय
@@pramodmohanty925 यह चेतना दिव्य है, इसका कोई कारण नहीं यह बस है । यह चेतना ही उस शिव का प्रमाण है, सारे दृश्य बदलेंगे पर यह दृष्टा एक जैसा ही रहेगा, और यह दृष्टा ही शुद्ध होजाने पर आत्मा कह लाता है। यह जो आप सवाल पूछ रहे हैं यही उस चेतना का प्रतीक है जो दीपक की तरह आपके अंदर प्रकाशित हो रहा है ।
प्रशांत जी .... आपको पहिले मै नमन करता हूं ., क्योंकी आप कलयुग में इतने अच्छे और सच्च बात बता रहे हो .... बहुत सारे लोगो को आपकी बाते अच्छी ही न लगती हो या फिर समज में ही न आती हो ..... आप जो बोल रहे है, ये पुरे बुद्धिजम की शिक्षा है और मै बुद्धिस्ट होने के नाते आपसे बहुत प्रभावित हूं .... नमो बुध्दाय .... नमो धम्माय ..... नमो संघाय .... 💐💐💐...!!!!!
Aacharya ji pranam ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या जीवो ब्रह्म नापर हम चेतना है और यह सारा संसार भी चेतना से उद्भुत है एक अच्छा जीवन जीने के लिए उच्चतम चेतना होना आवश्यक है धन्यवाद
वेद से वेदान्त की ओर प्रश्न हों अनेक किंतु उत्तर एक ही हो ! भ्रम हैं अनेक तो भी सत्य एक ब्रह्म हो ! मन हो अस्थिर इंद्रियाँ विचलित फिर बुद्धि एक चित्त कैसे हो ? यदि हो अभिमान ज्ञान का तो वाणी मधुर कैसे हो ! यदि स्मृतियाँ ( पुराण) हैं अस्थायी तो परिवर्तन क्यूँ ना हो ? और हैं ( वेद - उपनिषद ) श्रुतियाँ निरंकुश , सत्य , अटल ! तो केवल वही और वही धर्म का प्रमाण क्यूँ ना हों ? है ! आत्मन् - ब्राह्मण का ही योग ! तो वही सनातन का आधार समाज प्रचलित क्यूँ ना हों ? है ये पथ वेद से वेदान्त की ओर तो एक ओऽम् पर पूर्ण क्यूँ ना हो ? वंदन आचार्य जी , आपका आभार इस ज्ञान के लिए .
मैं बयां नहीं कर सकता की आचार्य जी आपने कितना बड़ा बोझ उतारने वाले हैं मेरे मन से (अभी विडियो नहीं देखा है) ये ऐसे ही सवाल कई महीनों से परेशान कर रहे हैं
मैं बयां नहीं कर सकता की आचार्य जी आपने कितना बड़ा बोझ उतारने वाले हैं मेरे मन से (अभी विडियो नहीं देखा है) ये ऐसे ही सवाल कई महीनों से परेशान कर रहे हैं
पश्चिम ने भारत से सबसे शुद्धतम ज्ञान लिया है तो वो है वेदांत। उन्होंने विशुद्ध आत्मज्ञान लिया है वेदांत से। किन्तु हमनें देर कर दी, देर ही सही मार्ग यदि आंतरिक विकास पर है तो बहुत जल्द गुणात्मक विकास भी होगा। परन्तु ये तभी होगा जब हम अडिग और डटे रहेंगे। 🙏
Very nice after a long time I found some body who dared to speak the truth and the truth envisaged by the Hindu philosophers. I am awed that how come those philosophers so long ago could find the reality.
10:22 जब आचार्य जी ने कहा कि हम है ही नहीं, तो लड़की हतप्रभ रह गई । यह हम सब देशवासियों ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण मानव जाति का दुर्भाग्य है कि हमनें अष्टावक्र गीता और उपनिषद पढे ही नहीं । इस संसार में केवल एक ही व्यक्ति हैं, जो स्वयं हम है, बाकि सब, जो हमें दिखाई देता है, हमारी आत्मा का प्रक्षेपण मात्र है और हमारी आत्मा में ही स्थित है। मृत्यु के समय यह संसार हमारी आत्मा में ही विलुप्त हो जाएगा । जाइए, अष्टावक्र गीता और उपनिषदों का अध्ययन , मनन किजिए । समय लगेगा, परन्तु आपको असीम आनन्द प्राप्त होगा । आचार्य प्रशांत आज के विवेकानंद है। वेदांत रुपी अमृत को आचार्य जी जन जन को पिला रहे है, आचार्य जी के चरणों में सादर नमन । संसार की सभी समस्याओं एंव मनुष्यों के दुखों का एकमात्र समाधान वेदांत ही है, इसमें लेशमात्र भी संदेह नहीं है ।
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Q
मैं बयां नहीं कर सकता की आचार्य जी आपने कितना बड़ा बोझ उतारने वाले हैं मेरे मन से (अभी विडियो नहीं देखा है)
ये ऐसे ही सवाल कई महीनों से परेशान कर रहे हैं
@@ub_er_me_ns_ch ब्रह्म (क्षमा, क्षमा, क्षमा) और माया ये दो के अलावा कुछ खेल नहीं है 🙏🏻
pranam guruvar!
ये दुनिया तुम्हे प्रतीत हो रहा है इसलिए इसका निर्माता भी तुम हो।👌🏻🌼
🙏🙏🙏
दुःख की मुक्ति तब होगी जब भ्रम की मुक्ति होगी
-सत्य वचन आचार्य प्रशांत
आपका मस्तिष्क जैसा है वैसा न होता तो ये दुनिया आपको जैसी दिख रही है वैसी न दिख रही होती-आचार्य जी
मित्र, आचार्यजी मस्तिक से सिर्फ आपसे बात कर
रहें हैं. मस्तिक एक यन्त्र हे. वे इसका उपयोग कर
रहे हैं, आचार्य जी मस्तिष्क नहीं हैं. और आप भी
ऐसे ही हैं.
आज तक लोगो को कथावाचको द्वारा बाल कहानिया ही बताई जा रही है।लेकिन मेने पहली बार आपको सुना और जीवन की सचाई जान के हैरान हुँ
पूरे वेदांत का उद्देश्य है दुख से मुक्ति, दुख से मुक्ति तभी होगी जब भ्रम से मुक्ति होगी।
अद्भुत प्रवचन
*👉🏻 Hum to aise Hain__ अगर हमें बता भी दिया जाए, कोई छोटा बड़ा प्रमाण देकरके की हमें इन्होने बनाया है यही हमारे भगवान हैँ, चैन हमें फिर भी नहीं आएगी ,फिर हम दूसरा सवाल उठा लेंगे,की जिसने हमको बनाया वो कहाँ से आया है,,यही तो मिथ्या है, ओर इसी को हम अपनी तरफ से सच मानलेते हैँ,जोकि अगले ही पल कुछ ओर लगने लगता है, पूरी दुनियाँ इसी में फसी हुई है, ओर इसी बात को Acharya जी अपने सरल शब्दों से वेदांत दवारा समजाते हैँ, यही तो माया है जो आज सच लगती है,अगले ही दिन झूठ हो जाती है, ज़िंदगी ऐसे जीनी है की हमें कोई दुख ना हो,उसी दिशा में हमें आगे बड़ना है,, 🙏🏻 प्रणाम आचार्य जी_🙏🏻*
Scientific knowledge + Common sense + Pure Mentality + Desire-less life = ACHARYA PRASHANT JI.
National treasure of our lost and depressed India. 🙏🙏🙏
😊
जो भ्रम,भ्रान्ति एवं दुःख से मुक्त कर दे वही प्रखर मशाल है वेदांत। आचार्य जी वेदांत को प्रतिपल जन चेतना तक लाने के लिए बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद। आपने वेदांत को बिल्कुल शुद्ध रूप में जन-जन तक लाया है। अब तो आपका प्रत्येक व्याख्यान दैनिक खुराक हो गया है, जिसमें प्रतिपल यही लगता है कहीं कुछ छूट तो नहीं गया। 🙏
जी गुरूजी मन और इन्द्रियों के अतिरिक्त हम कुछ भी नहीं, मनुष्य चेतना मात्र होती है और जीवन का उद्देश्य चेतना की ऊंचाई, मार्गदर्शन के लिए आभार गुरूजी 🙏
Are bhai jis chetna ki aap baat kerte ho wo kahanse aaya hai wo ya use kisne banaya hai,ya Acharya ji is chetna ko bhi Maya hi kaheñge to phir savaal uthta hai ki is Maya ki utpati kaise aur kahanse aai ya hui
@@pramodmohanty925 achcha sawal he
मनुष्य चेतना मात्र है यह भी तो आपकी कल्पना ही है आपको कैसे पता को आप चेतना हो 🤔🤔
@@pranehaclassas7594 मेरे को दुख होता है, मेरे को मज़ा आता है, मेरे को सवाल आता है, पर क्या मेरी इंद्रियों को सुख, दुख, मज़ा आता है ? किसी ताज़ा मुर्दे की आंख की आंख और मेरी आंख एक जैसी हैं पर बस उसमे यह फरक है की वो देख नही सकता और में देख सकता हूं । अगर में अंधा भी हो जाऊं फिर भी में चेतन रहूंगा, मेरी चेतना ही मेरी इंद्रियों को प्रकाशित करती है इसका मतलब मेरी चेतना नित्य है और यह इंद्रियां नश्वर हैं और हर नश्वर धातु कल्पना मात्र है क्युकी वह सत्य नही । इससे पता चलता है की में शरीर और मन से आगे की चीज हूं । नमः शिवाय
@@pramodmohanty925 यह चेतना दिव्य है, इसका कोई कारण नहीं यह बस है । यह चेतना ही उस शिव का प्रमाण है, सारे दृश्य बदलेंगे पर यह दृष्टा एक जैसा ही रहेगा, और यह दृष्टा ही शुद्ध होजाने पर आत्मा कह लाता है। यह जो आप सवाल पूछ रहे हैं यही उस चेतना का प्रतीक है जो दीपक की तरह आपके अंदर प्रकाशित हो रहा है ।
कृपया, शंका का समाधान कीजिए कि संसार है, पर ऐसा नहीं है,जैसा हमारी इन्द्रियों को प्रतीत होता है या संसार है ही नहीं।
धन्य धन्य, साधो साधो।
Highly intellectual, excellent talk.
11:45 "वेदान्त में भगवान की जगह नहीं है।"
पहली बार सुना जो कि पूरी तरह सही भी नहीं है।
देर से ही सही मगर कोमेंट एकदम मस्त होनी चाहिए😊🕊️♥️🙏
अनुभव को सच मत मान लेना यही वेदांत का सिख है।🌼👌🏻
सुबह की शुरुआत आचार्य जी के साथ
मेरे पास तो शब्द ही नहीं। नि:शब्द हूं।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रशांत जी .... आपको पहिले मै नमन करता हूं ., क्योंकी आप कलयुग में इतने अच्छे और सच्च बात बता रहे हो .... बहुत सारे लोगो को आपकी बाते अच्छी ही न लगती हो या फिर समज में ही न आती हो ..... आप जो बोल रहे है, ये पुरे बुद्धिजम की शिक्षा है और मै बुद्धिस्ट होने के नाते आपसे बहुत प्रभावित हूं .... नमो बुध्दाय .... नमो धम्माय ..... नमो संघाय .... 💐💐💐...!!!!!
Aacharya ji pranam ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या जीवो ब्रह्म नापर हम चेतना है और यह सारा संसार भी चेतना से उद्भुत है एक अच्छा जीवन जीने के लिए उच्चतम चेतना होना आवश्यक है धन्यवाद
Ye to aap ka anubhab haiki aap chetnaho,to ye chetna aap ke kahe anusaar hai.
Thanks
शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏
7:23 सबसे आनंदपूर्ण 😁🤗🤗🤩🤩
Ocean of knowledge
Garv se kaho hum Sanatani hai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪
सदी के युगपुरुष को कोटिश नमन 💝💞💞🙏🙏🙏💝💝💝
सत्य वचन आचार्य जी (गुरुदेव)💯✅🙏🙏🙏🙏
Parnam Aacharya ji 🙏🙏
चरण स्पर्श आचार्य जी ।
ऋषि पंचमी पर आपको मेरा कोटि कोटि नमन । आप इस युग के ऋषि है।
दुख से मुक्ति का अर्थ है भ्रम से मुक्ति।💯
प्रणाम आचार्य जी ,हम पशुओं को पशुता के इस जाल से मुक्त करना चाहते हैं आप , कोटि कोटि नमन
सत्य वो है जो तुमपे निर्भर नहीं करता🙏
शुभ प्रभात आचार्य कोटी कोटी प्रणाम
“दुख से मुक्ति” ❤️🙏
Dukh hai ye suchna bhi or dukh vina jindegi honeka kalpana bhi to bhram ho saktahai, to Satya Kya hai? me to confuse ho gaya
शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏
Chetna ko jan jagran krne ki ek peshkash
" Great Vedanta" prinam acharya ji
हमारे आचार्य जी।😌😌😘😘😚😚
Fantastic session as always !
Thank you.
वेद से वेदान्त की ओर
प्रश्न हों अनेक
किंतु उत्तर एक ही हो !
भ्रम हैं अनेक
तो भी सत्य एक ब्रह्म हो !
मन हो अस्थिर
इंद्रियाँ विचलित
फिर बुद्धि एक चित्त कैसे हो ?
यदि हो अभिमान ज्ञान का
तो वाणी मधुर कैसे हो !
यदि स्मृतियाँ ( पुराण) हैं अस्थायी
तो परिवर्तन क्यूँ ना हो ?
और हैं ( वेद - उपनिषद ) श्रुतियाँ
निरंकुश , सत्य , अटल !
तो केवल वही और वही
धर्म का प्रमाण क्यूँ ना हों ?
है !
आत्मन् - ब्राह्मण
का ही योग !
तो वही सनातन का आधार
समाज प्रचलित क्यूँ ना हों ?
है ये पथ
वेद से वेदान्त की ओर
तो एक ओऽम् पर पूर्ण क्यूँ ना हो ?
वंदन आचार्य जी , आपका आभार इस ज्ञान के लिए .
Guruji pranam naman jay ho jay ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut time se ye question mere man me chl rha tha aapke utter ke liye dhanyavaad acharya ji🤗
मैं बयां नहीं कर सकता की आचार्य जी आपने कितना बड़ा बोझ उतारने वाले हैं मेरे मन से (अभी विडियो नहीं देखा है)
ये ऐसे ही सवाल कई महीनों से परेशान कर रहे हैं
चरण स्पर्श आचार्य जी❤️❤️🙏🙏🙏
बहुत-बहुत शुक्रिया आचार्य जी!! 🙏
आपका धन्यवाद!!
चर्चा, परिचर्चा के लिए आचार्य श्री जी को धन्यवाद🙏💕 नमन. बेहद की परमशान्ति.
Such mein aaj ka jo yug chal rha hai umse sabko guru ji aap jese hi margdarshak ki zarurat hai 🙏
वेदांत की सबसे सरल व्याख्या👏🙏😇😍💕
Thanks 🙏🙏
वाह ! बहुत सुन्दर व्याख्या गुरुवर!! सादर प्रणाम।
मैं बयां नहीं कर सकता की आचार्य जी आपने कितना बड़ा बोझ उतारने वाले हैं मेरे मन से (अभी विडियो नहीं देखा है)
ये ऐसे ही सवाल कई महीनों से परेशान कर रहे हैं
आचार्य जी को मेरा शत-शत प्रणाम 🙏🙏🙏
Jab jab sunta hu tab tab dimaag khol dete ho acharya ji aap🙏 thank you so much💯💯♥️♥️
पश्चिम ने भारत से सबसे शुद्धतम ज्ञान लिया है तो वो है वेदांत। उन्होंने विशुद्ध आत्मज्ञान लिया है वेदांत से। किन्तु हमनें देर कर दी, देर ही सही मार्ग यदि आंतरिक विकास पर है तो बहुत जल्द गुणात्मक विकास भी होगा। परन्तु ये तभी होगा जब हम अडिग और डटे रहेंगे। 🙏
Very nice after a long time I found some body who dared to speak the truth and the truth envisaged by the
Hindu philosophers. I am awed that how come those philosophers so long ago could find the reality.
नमन आचार्य जी 🌺🙏
Pranam Aacharya ji 🙏
Bahut sahi baat kahi achary ji aapne 💐
Jai bholenath
शत् शत् नमन गुरुजी ❤️🙏🙏
Aapke charno mein koti koti pranam
🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿
उत्कृष्ट व्याख्यान गुरुजी। 🙏🙏
धन्यवाद सर ❤🎉😊
गुरू जी आप की चरणो में कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Gmorning archarya prasant
शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏❤️
Sir you are more like a philosopher, and better than 95% of stupid speakers out there
That example 15:28 hit me hard.... Is example ne jaise pure lecture ko conclude krdia.. Gjb
Jai ho Satye Sanatan Vedic Dharm ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
कोटि कोटि नमन गुरु जी 🙏🙏♥️♥️🙏🙏🙏🙏🙏
✨🙏आभार आपका गुरुवर🙌
Shat shat naman Acharya ji 🙏🏼🙏🏼
Thank you!
11:17 🙏🔥💥✨💯✨💥🔥🙏
12:47 🙏🔥✨ Vedant kehta hai✨💥🙏
15:09 🔥💥💯💥🔥
8:25 Vedant kehta hai🙏🙏
9:40 sawal jayaj kab hoga🙏🙏
10:18 🙏🔥💥💯💥🔥🙏
10:30 🙏💥Vedant yaha pakad leta hai💥🙏
11:17 🙏💥🔥kya sawal bachta hai fir🔥💥🙏💯✨💯
13:00 💯💯
15:09 🔥💥💯💥🔥
10:22
जब आचार्य जी ने कहा कि हम है ही नहीं, तो लड़की हतप्रभ रह गई । यह हम सब देशवासियों ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण मानव जाति का दुर्भाग्य है कि हमनें अष्टावक्र गीता और उपनिषद पढे ही नहीं । इस संसार में केवल एक ही व्यक्ति हैं, जो स्वयं हम है, बाकि सब, जो हमें दिखाई देता है, हमारी आत्मा का प्रक्षेपण मात्र है और हमारी आत्मा में ही स्थित है। मृत्यु के समय यह संसार हमारी आत्मा में ही विलुप्त हो जाएगा ।
जाइए, अष्टावक्र गीता और उपनिषदों का अध्ययन , मनन किजिए । समय लगेगा, परन्तु आपको असीम आनन्द प्राप्त होगा ।
आचार्य प्रशांत आज के विवेकानंद है। वेदांत रुपी अमृत को आचार्य जी जन जन को पिला रहे है, आचार्य जी के चरणों में सादर नमन ।
संसार की सभी समस्याओं एंव मनुष्यों के दुखों का एकमात्र समाधान वेदांत ही है, इसमें लेशमात्र भी संदेह नहीं है ।
प्रणाम आचार्य जी ❤️🙏
प्रणाम गुरू देव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 बहुत बहुत बहुत गहरा संवाद
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏
मूल प्रश्न ये नहीं है कि ईश्वर कौन है, और उसने हम क्यों बनाया ?
मूल प्रश्न ये है कि जिन्दगी बिना दुःख के कैसे जी जाये।
__ प्रणाम आचार्य जी 🙏
Acharyaji ko Shat Shat Naman!! 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Sir,
I am definitely going to donate you
Please hold on for few days
Please keep up the God's
Work 🙏
Such an inspirational ,,,,😇
Jai Shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
Acharya ji ne Quanton physics ko Jisko padkar mujhe ajeeb sa lga tha lekin aaj wo iss video se samjh aa gyi hai jai shree Krishna
Good morning acharya jii❤
चरण स्पर्श, आचार्य जी...🙏🏻🙇🏻
प्रणाम आचार्य जी 🇮🇳🌸🌿🙏💕🌷🌺🎄
अद्भुत सत्य
one of the best from AP🔥
नमस्ते आचार्य जी 🙏🙏
Guru ji apko charanon me koti koti pranam ❤️❤️
Parnaam aachrya ji
Har Har Mahadev🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Pranam acharya ji 🌺🌺🌺🌺🙏🌍🌹
I love you Acharya ji
Brahams satya jagat mithya
Great Answer Acharya ji🙏
Dhanyawad 🙏🙏🙏
Thanks!
ji raha hu isliye sab dekh raha sun raha hun marne ke bat kuch nahi sab maya hai maya .,apko pranam🙏🙏🙏
Acharya ji aapke charno me mera koti koti Pranaam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩