मूलाधार चक्र की सच्चाई (कुंडलिनी) || आचार्य प्रशांत (2021)
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- เผยแพร่เมื่อ 17 พ.ค. 2021
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वीडियो जानकारी: 14.05.2021, घर बैठे शिविर (ऑनलाइन), ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत
प्रसंग:
~ अध्यात्म में कुंडलिनी का क्या अर्थ है?
~ अध्यात्म में कुंडलिनी से जुड़े रहस्य क्या होते हैं?
~ क्या अध्यात्म कुंडलिनी की बात करता है?
~ क्या मृत्यु के बाद पुनर्जन्म होता है?
~ पुराने जन्मों की कहानियों का क्या राज है?
~ क्या चौरासी लाख योनियाँ होती है?
~ अध्याम में अनुभव का क्या महत्त्व है?
~ अध्यात्म में अनुभव का क्या स्थान है?
~ क्या सम्बोधि का अनुभव होता है, या नहीं?
संगीत: मिलिंद दाते
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Khud ko kaise pehchane yeh bhi samjhayen
कुंडलिनी पर बहुत अफवाहें उड़ रहे हैं youtube पर लेकिन आपका जवाब हमेशा आध्यात्मिक और सटीक होता है। कुंडलिनी को चेतना की दृष्टि से देखना होता है पर बहुत लोग इसे शरीर का हिस्सा बता कर लोगो को गुमराह कर रहे हैं।
जिस दिन तुम ये समझ जाओगे की तुम जो कर रहे हो , वो तुम नही , तुम्हारे अंदर का जानवर कर रहा है, उस दिन से तुम्हारी जागृति की शुरुआत होती है।🙏
Kya Aapne Apne andar ke janwar ko pahchan Lya ? If yes then how ?
Janwar ka yhan matlab h काम क्रोध मोह माया आदि जो मनुष्य को इस भौतिक संसार में भटकाता है और जीवन के बहुमूल्य समय को बर्बाद करता है। अगर मनुष्य समय रहते ये जान ले कि हमारे सभी दुखों का कारण मनुष्य खुद है तब वो इसका समाधान निकाल लेगा और अपने जीवन में शांति, दया, आभार, प्रेम और मानवता से परिपूर्ण पाता है तो वह अपनी परेशानियों से छुटकारा पा लेता है। इसे ही कहते हैं बोध विवेक का मस्तिष्क में विकास होना चाहिए।
~Acharya Prashant
गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णू, गुरुः देवो महेश्वरा । गुरु शाक्षात परब्रम्हा तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।
@@kuldeepkumar-st7me इसका अर्थ है कि गुरु ही ब्रहृमा है गुरु ही विष्णु है गुरु ही आदि देव महादेव हैं गुरु साक्षात् परब्रह्म है ऐसे महान गुरु को हम प्रनाम करते हैं 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
गुरु की महिमा हरि से भी बड़ी है क्यूंकि गुरु ही है हरि दर्शन करवाने में समर्थ होते हैं इस संसार रूपी भव सागर से पार लगाते है 🙏🏻🙏🏻
@@anamikakashyap8692 bohot badhiya
मूलाधार से यदि ऊपर उठना है तो अचार्य प्रशांत जी के वीडियो उसके लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।।
जितनी भी चीजे प्राकृतिक और पाशविक है,इन्हीं का सम्बन्ध मूल आधार से है, यही हमारी हस्ती का निम्नतम बिंदु भी है।
ऋषिकेश में इन चक्रों का व्यापार चलता और यहाँ अपने बात को बहुत सरलता से बताया हैं। प्रणाम 🙏 गुरुदेव
इतना सरल तरीके से कुण्डलिनी के बारे में किसी ने भी नहीं समझाया 🙏🏻🙏🏻 कृपा करके आगे के चक्र के बारे में भी जरूर बताइये।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 पता होगा तो हम लोग बढ़ पायेंगे ।
भुलिएगा नहीं कि हम अधूरे हैं हमारी चेतना अधूरी है और हम इस वीडियो को इसलिए देख रहे हैं ताकि हमारी चेतना पूर्णता की ओर बढ़ सके शांति की ओर बढ़ सके मुक्ति की ओर बढ़ सके।।
Right
Sahajyog aaj ka mahayog
सच ही कहा है सात समुंदर की मसि करूं लखनी सब बन राय तो भी गुरु का गुण लिखा न जाए कोटि कोटि नमन आचार्य जी❤❤❤🎉🎉🎉
मूलाधार चक्र के बारे में आपने जो व्याख्यान दिया वो सराहनीय है। अभिवादन 🙏 वास्तव में देखा जाए तो इस सृष्टि में सामान्य मनुष्य का और कतिपय सभ्य और धनाढ्य कहे जानेवाले कुछ अमीर मनुष्यों का सारा का सारा जीवन ही मूलाधार चक्र तक ही सीमित रह जाता है और अंत में ऐसा मनुष्य यथार्थ बोध के अभाव में माया में पड़ विषय भोग कर इस संसार में आने का प्रयोजन जाने बिना ही इस दुनियां को छोड़कर चला जाता है और ऐसा प्रतिदिन घटित हो रहा है और ऐसा तब तक होता रहेगा जब तक मनुष्य को आत्म बोध नहीं होगा और यह तभी संभव है जब मूलाधार चक्र उर्धगामी हो या वह इसकी प्रक्रिया प्रारम्भ करे अन्यथा जीवन मृत्यु के आवागमन में ना जाने कितनी बार कौन कौन सी योनियों में अनगिनत काल तक भटकते रहेगा। कुछ विशिष्ट मनुष्यों को छोड़कर जिन्होंने इस सृष्टि में आने का सही कारण ज्ञात कर लिया है। और वो आवागमन के बन्धन से मुक्त होना चाहते हैं। अंत में मोक्ष। इति
ये सब बातों के बारे में आज सटीक तथ्य जानूंगी सोच कर ही कितना बढ़िया महसूस हो रही है 🙏🙏🙏🙏🙏
मूलाधार चेतना का सबसे निम्नतम तल है और विडंबना ये कि अधिकतर मनुष्य जाति मूलधार से ही चलायमान है।।
मूल आधार चक्र का बहुत ही सटीक स्पष्टीकरण
बहुत बहुत धन्यवाद गुरुजी समझाने के लिए🙏
बहुत बढ़िया| काश आचार्य जी बाकी चक्रो का भी वर्णन करते तो उनका क्या महत्व है वो भी हम जान पाते|
आपके जितना सही और सटीक है नहीं आज कहीं भी🙏🏻
जब-जब आप को सुनता हूं, सत्य को और करीब पाता हूं। नमन आचार्य जी 🙏🙏😌
एकदम सही कहा गुरुजी बाज़ार मै कुण्डलिनी शक्ति को लेकर बोहोत सारी अंधविश्वास फैला हुआ है।
मूलाधार चक्र हमारी प्राकृतिक और पाशविक वास्तविकता का प्रतीक है ।।
Wah ye tumhari kud ki samjh h ya khi papdha h tumne
शरीर के भीतर कुछ नहीं है जो ऊपर उठ रहा है, ये चेतना उठ(उन्नति ,आरोहण,उत्थान का प्रतीक) रही है और सबसे निचला स्तर के चेतना होती हैं वो जो हम ले कर के पैदा होते हैं।।
यहाँ पर जो मूल की बात हो रही है वो है शारीरिक मूल ,यहाँ पर आधार से अर्थ सत्य मत ले लेना , आधार माने निम्नतम ,निचला स्तर।।
जितने भी गुण हैं वो सब प्राकृतिक होते हैं और गुण का अर्थ ही होता है अध्यात्म की भाषा में अवगुण(दोष , विकार)।।
I wish there was a translation or an English talk on Muladhaar/Root Chakra. Since there's a rise in New-age guru's and yogis. And this clarity that Acharyajee is bringing is very important.
वास्तविक एवं तथ्यम वाला ज्ञान मिला है ।
बहुत ही सरल और आसान भाषा में समझाया आपने
Kya baat hai Sir apko sunkar jeevan ki sacchai ko samjhakar mun prasan ho jaata .lekin kuch logo ki wajah se aur Bhasha badlav ki wajah se hum khud hi arth ka anatrh kiye hue hai 🙏 sahi marg dikhane ke liye dhanyawad apki umra lambi ho.
आचार्य जी सादर प्रणाम🙇🙏बहुत सुंदर और सच्ची व्याख्या🙏
धन्यवाद, आचार्य जी और संस्था।
After Osho, you are the one I listen to most ❤❤
I also
Me 🎉😂😂😂😂😅😅
Same❤
अधिकांश लोग जो कुछ भी करते हैं वो अपनी पाशविक और पाकृतिक बृतियों से संचालित हो कर ही करते हैं ।।।बिल्कुल 🙇
नमस्कार आचार्यजी,आप का कोईभी वीडियो देखें हर वीडियो में आप के शब्द जीवन के अनमोल है अमृत तुल्य है।🙏
संग्रह करना भी एक पार्श्विक वृत्ति ही है।।
अत्यंत सुंदर विवेचना । A real eye opener.
Pranam Acharya ji 🙏🏻
Sir,
Your way to teach mooladhar chakra is out of the box and crystal clear.
सटीक विश्लेषण किया आचार्य जी आपने।बहुत बहुत धन्यवाद।💐💐🙌🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आपका AP🙇🙏♥️
श्रद्धेय आचार्य जी , आपको प्रणाम, मैं तो आपके उद्बोधन से भ्रमित हो गया हु । मैंने तो अभी तक मैंने तो यही सुना है की मूलाधार चक्र जनेंद्रियों के नीचे और रीढ की हड्डी के सबसे नीचे एवम पेरेनियम के पास पाया जाता है । कृपया ऐसे भ्रम को दूर कराने की कृपा करिए ।
ये बिल्कुल सच है आचार्य जी हम सभी अपने जीवन का केन्द्र में अपने पाश्विक व्रित्तियों को रखकर अपना पुरा जीवन बिता देते हैं।
Bhai ye pasvik varitiya mstlv
Very excellent expressions explaining words of yours thank you sir I am 68 years woman from Telangana state telugu is my mother tong thank you very much for your bright knowledge and wisdom
Love you aachariye ji ❤❤
हमारी चेतना इतनी नीचे गिर चुकी है कि हम हर चीज़ को सिर्फ स्थूल रूप में देखना जानते हैं और अर्थ का अनर्थ कर लेते हैं।
योग के विषय में स्पष्टता प्रदान करने के लिए आपका हार्दिक आभार, आचार्य जी। 🙏🙏🙏
बात और विचारों से पूर्णत सहमत हूं , मगर यह भौतिक भी हैं , शरीर में भी वो sensetive point होते हैं।🙏🏼🙏🏼🙏🏼
आचार्यजी प्रणाम ।
जिस प्रकार मूलाधार चक्र आपने समझाया है ठीक उसी प्रकार क्रमवार अन्य चक्रों को समझाइए ताकि हम सही और सटीक ज्ञान प्राप्त कर सके। धन्यवाद ।🙏🙏🙏
Acharya prasant ne Jo logo ki jagruk Kiya hi.jeewan badal Diya hi hum sab ka.isse desh ka bhi bhala ho rha hi population km ho rahi hi bahot kuch faida ho rha hi.thanku guru ji ka dharti me awatar hi aap
Pranam, Acharya Ji !
Param Pujya Gurudev ke Charanon Mein Koti Koti Naman
आचार्य जी नमन् 🙏🙏🙏
Guru ji aapko mera koti koti pranaam.
🌺🙏असली बात , सच्ची बात , दम दार बात 💪👌🌷🙏
He's the Chanakya of 21st Century ❤
Kuch bhi
Yes, Arachrya prasant is very knowledgeable person. U must respect him.
@@advaitanahat2779he is knowledgeable
Acharya ji ,kitni sahajta se,our saralta se samzaya hai aapne .sadar pranam🙏
Dhanyvad satguru
दंडवत प्रणाम गुरू जी 🙏🙏🙏🙏🙏 🌺🌺💐💐💐 सटीक, अद्भुत, शानदार इससे अच्छी व्याख्या ना सुनी न समझ पाया।
😂😂
Acharya ji aap chizo ko itni sahi tarah say kaise smjh lete hai ? 🙏🙏
Thank you. I am presently doing a healing of chakras through gong sounds. So many revelations and dissolution has become possible by dissolving my childhood patterns. Loved your conceptual explanation of the doshas that abound the majority of the human population, and need to address those emotions that drive most of us, like the animal instincts or what is found in smaller children. With better awareness, we are able to transcend these emotional states, and to be able to discern the value we can create consciously which is the moving up of the energy. Deep gratitude.
प्रणाम आचार्य श्री 🙏🙏🙏
Thank you ❤️ Universe ❤️
प्रणाम आचार्य जी🙏🌸
अप्रतिम❤️❤️,योग्य और जो आप को सही रास्ता दिखाएं, जो काम करें ऐसा
स्पष्टीकरण
हम सब मूलाधार को ही केंद्र बना कर के अपना पूरा जीवन बिता देते हैं ,हमारे जीवन का केंद्र आत्मा नहीं होती ,विचार भी नहीं होते ,केंद्र पर भावनाए भी नहीं होती ,केंद्र पर बस पाशविक वृत्तियाँ होती हैं।।
Samjhaya to sahi hai
Ek dum sadharan
Bahut sundar bat aapne kha 🙏
बहुत ही अच्छा pravachan
अति उत्तम जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Gulami kar rahe hai hum, prakriti ki🙏
shi baat kahi bilkul,sb kuch sanket hi hai
Acharya Prashant jii apko Mera shatt shatt Naman
Respect and honours journey thanks million diamond learning more open books Wise wisdom words
🙏🏻🌷Dandvat Pranam Pujya Acharya ji🌼🙏🏻🙂
मूलाधार चक्र के बारे मे आज समझ आया🙏🙏🙏🙏🙏
🌺🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺🌺
नमन् आचार्य श्री जी ! प्रणाम 🌷 🙏 🌷
धन्यवाद गुरुजी 😍🥰❤️💓🙏🏻🙏🏻🙏🏻
व्यवहारिक स्पष्टीकरण🙏🏻💐
आपको मूलाधार से ऊपर उठना है ,एक के बाद एक चक्र है और आखिरी चक्र आपको देता हैं मुक्ति।।
Thank you Sir❤❤❤
चरण स्पर्श गुरुदेव🙏
Waahe guru...jai ho ..hardik pranaam....//
🙏🙏🙏जय श्री कृष्ण🙏🙏🙏
राम राम आचार्य जी🙏🙏🙏
मुक्ती ❤️
मैं भी फसा था इन चक्रों के खेल में बहुत पहले। ये पाखंडी अंधविश्वासी बाबे।
आचार्य जी की कृपा से चीज समझा, पहले दिक्कत हुई पर अभी हसी आती है अपनी बेवकूफियो को देखकर।
आचार्य जी को प्रणाम ||
My respects 🙏
Ati sundar varnan...🙏🙏
🙏🙏 parnaam aacharya ji 🙏🙏
Anantam shukrana sirji
स्पष्टता के लिये बहुत बहुत आभार आचार्य जी🙏🙏
Ati uttam
🙏🙏सभी भ्रमों और चक्रों के चक्कर से निकालने के लिए कोटिशः धन्यवाद
Acharya ji= Mythbuster
Guru ji pranam
Pranam Acharya Jee 🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद आभार आपका आभारी हूं आचार्य जी🙏🙏🌈
Pranaam acharya ji 🙏
Pranam Acharya ji 🙏❤️🙏 thanks for enlightening us
Acharya ji Darr ka mool karan kya h aur isse kaise Mukti payein?
प्रणाम आचार्य जी 🙏
नहीं | नाभि और जननेंद्रियों के बीच में मूलाधार चक्र नहीं, बल्कि स्वाधिष्ठान चक्र स्थित है |
आचार्यजी का बहोत बहोत धन्यवाद 🙏🏻💖