मेरा गोत्र भरद्वाज है आज उनके विषय मे जानने की जिज्ञासा वस सर्च किया तो आपके वीडियो आ गया बहुत बहुत धन्यवाद आपके इस महान कार्य के लिए आप हिन्दू सनातनधर्म के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत कर रहे है जितना बड़ाई किया जाए कम है साधुवाद साधुवाद साधुवाद आपका 👏👏👏👏👏🚩🚩🚩
🌹🙏नमस्कार साहेब आमचा गोत्र भारद्वाज आहे शाखा अनुराधा आणि गादी विष्णू जी ची आणि वज्रपाहाड स्थान सांगितले आहे आमची जात सोनार आहे याची सुद्दा माहिती कळविणे धन्यवाद 🌹🙏
❤Jay maharaja suheldev raj bhar samaj Jay maharaja vijali raj bhar samaj Jay maharaja lakhan Rajbhar amar rahe Jay maharaja dalbev raj bhar samaj Jay maharaja aagiya vir raj bhar samaj Jay maharaja nand kuwar raj bhar samaj ak hokar rahe sab log ak rahe sab
Aj Hindustan ke har ek airport pe Rishi bhardwaj ji ki bhavya pratima sthapit honi chahiye India m hi kya sare sansar k har ek airport or roket centre pe bhi unki pratima sthapit ho jisse saari duniya ko pta chale ki vimaan Shastra kisne diya Jai ho Rishi bhardwaj ji ki Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🌅🌅🌅🌅🌅🌅
Sabhi log brahm rishi bhardwaj ji ki pratimaa ko India ke har ek airport pe sthapit krne ki maag kre kyoki vimaaan shastra unhi ne diya jab India m hogi tabhi sara visva janega or ane bali pidiya bhi jai shree ram sabhi share kre or like kre 🙏🙏
यज्ञ में आहुति ब्राह्मण ही दे सकता है और देवता उन्ही क्षत्रिय और वैश्यो की आहुति स्वीकार करते है जिनके कुलपुरोहित या कुलगुरू ब्राह्मण होते है और इस कारण से कुलगुरू के गौत्र का नाम लिया जाता है जिससे देवता आहुति ले जा सके जिसका श्रेष्ठ उदाहरण है महाराज त्रिशंकु है उन्हे विश्वामित्र ने उन्हे स्वर्ग भेजने के लिए आचार्य पद धारण किया परन्तु देवताओ ने आहुति ग्रहण नही की अतः किसी एक ग्रंथ पढकर व्याख्या नही कर सके अतः इतना जान लो कि ऋषियों के वंशज ब्राह्मण ही है और कोई नही है यह सत्य है अब किसी को बुरा लगता है तो लगे परन्तु सत्य यही है किसी की वंशावली पढने पर ऋषि गौत्र अलग और स्वयं का गौत्र और वंश अलग आता है और उसी ऋषि के वंशज क्षत्रिय वैश्य और शुद्र के कुलगुरू बन सकते है जिस ऋषि गौत्र का वंशावली में उल्लेख है अतः कुछ लालची और ब्राह्मण द्वेषी लोगो के कारण स्वयं के पितृदेवो को नरक का रास्ता ना दिखाये हमारा यही अनुरोध है आगे आप लोगो की मर्जी है आप अपने कुल, वंश, गौत्र को इस भवसागर से तारते है या भवसागर में डूबोते है यह आप पर निर्भर करता है हम तो ब्राह्मण होने के नाते आपको सही जानकारी देंगे ग्रहण करना या नही करना आपकी इच्छा क्योंकि हम ब्राह्मण चाहे पुरोहिताई करे या संकट के समय क्षत्रियों का युद्ध में साथ दे परन्तु हम कभी भी यह नही कहते कि हम क्षत्रिय कुल के है क्योंकि इससे सनातन कुल एवं गौत्र धर्म का नाश हो जाता है जो हमे स्वीकार नही है अगर आप सभी क्षत्रिय और वैश्य बन्धुजन सही जानकारी चाहते है तो अपने कुल में आने वाले पितृदेवो की सवारी आये तब उनसे पूछ लेना कि क्या वर्ण/कुल होते ही नही है और सारे ऋषियों की संतान है तो हम वर्णसंकर संतान उत्पन्न कर ले क्या फिर वो आपको ऐसा परचा /परिचय देंगे की आपका जीवन नरक ना बना दे तो कहना इन आजकल के नवयुवक कलियुग के प्रभाव में आकर ग्रंथों को तोड मरोडकर आप सभी को वर्णसंकरता का ही पाठ पढा रहे है इसलिए स्वयं के कुल की रक्षा करना आपका कर्तव्य है क्या आपके पूर्वज राजा नही थे क्या अगर ऐसा होता तो वे भी वर्णसंकरता अपना लेते परन्तु उन्हे देवता दर्शन देते थे जो उनका मार्गदर्शन करते थे और स्वयं श्रीकृष्ण एवं पाण्डव तो ईश्वर थे उन्होंने जितने यज्ञ और तपस्या की उससे तो उन्हे ब्राह्मण होना चाहिये परन्तु वे सदा क्षत्रिय ही रहे अतः जब कोई व्यक्ति शरीर नही बदल सकता माता पिता नही सकता तो वर्ण भी नही बदल सकता क्योंकि शरीर ही वर्ण और कुल है अन्यथा आत्मा तो सभी की समान है और संसार में ऐसा कोई कार्य नही जो सभी ना कर सके पहले के लोग वर्णसंकरो का पानी भी नही पीते थे पर आज तो कामवासना में अंधे होकर लोग कुछ भी कर रहे है जब शास्त्र पढते हो तो कलियुग की भविष्यवाणी और कलियुग के पापाचार को नही पढते क्या कि वर्णसंकरो का राज होगा वर्णसंकर अपने को बहुत ज्ञानी वीर दानी और जनता की सेवा करने वाला दिखायेंगे और यह आज के नेता कर रहे है और उनके माता पिता ने दूसरे वर्णो की कन्याओं से शादी की है और कर रहे है पत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है अतः आगे आप लोगो की इच्छा आप अपने पूर्वजों को पितृलोक में ही रहने देना चाहते हो या नरक में यह आपका स्वयं का निर्णय है जो जैसा करेगा वैसा पायेगा पितृदेव नाराज तो सम्पूर्ण कुल और वंश का विनाश हो जाता है सम्मान पाने में कयी पीढ़ी समाप्त हो जाती है परन्तु अपमान पाने में कुछ क्षण ही लगते है एक गलत फैसला और सब खत्म
भहुत भहुत धन्यवाद जानकारी के लिए। हो सके तो मुझे ये बताएं कि भारद्वाज ऋषि के जीवन से सम्बंधित जानकारी की किताब का नाम बताएं। या आपके पास है, तो उपलब्ध कराएं
ब्रामणी नही ब्रह्माणी माता होती है और राजस्थान में उनका स्थान है और सरस्वती माता को ही ब्रह्माणी माता कहते है जो ब्रह्मा जी पत्नी है उन्हे का एक रूप सावित्री है जैसे दुर्गा के नव रूप है वैसे ही और यह सम्पूर्ण जगत की माता है यह ईष्ट देवी के रूप में पूजी जाती है
विश्वकर्मा की पृथ्वी लोक में कोई संतान नही है जिससे यह स्पष्ट है की पृथ्वी पर उनका कोई वंशज नही है इनकी दो पुत्री गणेश जी की पत्नी है और सूर्यदेव की पत्नी संध्या विश्वकर्मा की पुत्री है यह शिल्पकारो के आराध्य देव है और यह वरदान श्रीकृष्ण ने विश्वकर्मा को दिया था क्योंकि विश्वकर्मा देवशिल्पी है अतः इनकी पूजा के बाद ही शिल्पकार अपना कार्य करते है क्योंकि ये निर्माण एवं सृजन के देवता है और पृथ्वी के जांगिड/बढैया/ खाती/ लकडी के कारीगर की उत्पत्ति शुद्र पिता और ब्राह्मण माता से हुई है अतः वे वर्णसंकर है और उनका कार्य लकडी से वस्तु निर्माण का है इसलिए विश्वकर्मा देव से कार्य की सफलता हेतु प्रार्थना करते है अतः उनके ईष्टदेव/आराध्यदेव है सही जानकारी तो यह है आगे तुम्हारी मर्जी जो मानना है वह मानो हमें क्या मतलब अंधेरे में जीते रहना चाहता है उसे कोई बाहर नही निकाल सकता है और देवता अपना कोई भी अंश धरती पर नही छोडते है और अगर छोडते है किसी कारणवश छोडते है और जैसे ही कारण समाप्त होता है उसका वंश समाप्त हो जाता है जैसे वानरो की उत्पत्ति देवताओ से हुई थी जैसे विश्वकर्मा की संतान नल नील, देवराज इन्द्र का बालि और सूर्यपुत्र सुग्रीव परन्तु आज हनुमान जी के अलावा उस जाति का कोई भी प्राणी जीवित नही है और हनुमान जी ब्रह्मचारी है क्योंकि पृथ्वी देवताओं के लिए नही है मृत्यु लोक के प्राणियों के लिए है हा देवताओ से वरदान मे पुत्र मांगे जा सकते है जैसे पवनपुत्र हनुमान, पांच पाण्डव, इन्द्रपुत्र अर्जुन यह सभी वरदान में प्राप्त हुये है
Aapka kese dhnyvaad karun mai bhai, Bhagvaan aapki saari manokamnayen poorn karen jo itna accha gyan satya gyan aap de rahe ho hame, Bs ek choti si vinti he aapse thoda dheere dheere samjhayen taaki poori kahani ko hum theek se samajh payen
महर्षि पाणिनी पर कृपया करके एक वीडियो बनाई जीने लोग भूलते जा रहे हैं । जो संस्कृत के जनक है और आदि पुरुष महापुरुष पे वीडियो बनाई जिसने देवों की भाषा लिपिबद्ध किया उनके बारे में जितना बोला जाए कम है। कृपया करके* इन पर एक वीडियो बनाई 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Thank you Abhisheka Singh Rao for intersting information bhardawaj Rishi May questions? Mai rajbhar hu mera gotra bhi bhardwaj hai Wate? Ligal hai sahi jankari de
भाई ये caste formula अंग्रेजो का है हमारी वर्ण व्यवस्था है ब्राह्मण हमेशा ब्राह्मण होता है चाहे कोई भी हो उदाहरण गौड, मैथिल, पालीवाल, त्यागी, द्रविड़ इत्यादि क्षत्रिय हमेशा क्षत्रिय होता है उदाहरण राजपुत्र/राजपूत, गुर्जर, जाट, यादव, मीणा, कुछ आदिवासी समूह, कुशवाहा रेड्डी, नायडू, राजू, गोवडा, सेट्टी इत्यादि वैश्य हमेशा वैश्य होता है बणिया, गुप्ता, अग्रवाल, खण्डेलवाल, ओसवाल, जैन बणिया, सिन्धी बणिया, जायसवाल, कलाळ, स्वर्णकार, सुनार, मणिहार, तेली, मोदी, रैबारी, रायका, इत्यादि शुद्र हमेशा शुद्र होता है नापित /नाई, कुम्हार/ कुमावत/कुम्भकार, धोबी, निषाद, धीवर, कोळी/कोली, खटीक, हरिजन, इत्यादि
मेरी परम मित्र आपने ऋषियों के इतिहास पर सनातन इतिहास पर आप वीडियो बनाते हैं तो कृपया आरव ऋषि हुए जिन्होंने मक्का मकेश्वर महादेव, का जो एक शिवलिंग है उसकी स्थापना करवाई थी स्वयंभू स्वयं प्रकट हुए थे आरव ऋषि द्वारा स्कंद पुराण पर इसकी विवेचना की गई है कृपया आप इस पर वीडियो बनाएं वर्तमान में आज जा मक्का जोकि ऋषि अरव के नाम से ही उस भूमि का नाम अरब देश हैं पूर्ण जानकारी सहित सचित्र वीडियो का निर्माण करें इसकी अल्प जानकारी पूरी के शंकराचार्य हैं उनके वीडियो में भी मिलेगी❤❤❤😊
भारद्वाज भद्र शब्द की अभ्रांश है भद्र शब्द भर का संस्कृत शब्द है । भारत भरो का देश है ।
Sahi bola "Bharata=bhar+ata",bhardvaja=bhar+dvaja(two)
बहुत कुछ जानना है अपने महान हिंदू धर्म के बारे में, इसमें आपका चैनल सहायक है, धन्यवाद।
ओउम् ओउम् ओउम् ओउम् ओउम् नमो नारायण जी कोटी कोटी नमन 🎉🎉🎉🎉🎉 जय श्री सीताराम, मनीष भारद्वाज नर्मदापुरम मध्य प्रदेश।
Rishi Bhardwaj ki jay ho 🚩🙏
मेरा गोत्र भरद्वाज है आज उनके विषय मे जानने की जिज्ञासा वस सर्च किया तो आपके वीडियो आ गया बहुत बहुत धन्यवाद आपके इस महान कार्य के लिए आप हिन्दू सनातनधर्म के लिए बहुत ही ज्यादा मेहनत कर रहे है
जितना बड़ाई किया जाए कम है
साधुवाद साधुवाद साधुवाद आपका 👏👏👏👏👏🚩🚩🚩
Radhe Radhe bhrahta
ab to sahi likh lo
RAJBHAR = BHI BHARDWAJ RISHI KE VANSAJ HAI 🚩🙏🙏
Bhardwaja=bhar+dvaja =2 bhar= battle of 10 bharatas= kyu ki bhar Raja the ishe liye rajbhar likha jata hai= rajbhar
अभिषेक बहोत अच्छा काम कर रहे हो बेटे 👍.
दुर्वास ऋषी पर भी video बनाने कि विनंती करता हू !
🌹🙏नमस्कार साहेब आमचा गोत्र भारद्वाज आहे शाखा अनुराधा आणि गादी विष्णू जी ची आणि वज्रपाहाड स्थान सांगितले आहे आमची जात सोनार आहे याची सुद्दा माहिती कळविणे धन्यवाद 🌹🙏
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Aesome
My gotra is Bharadwaj
I am feeling so proud 🙏🚩
जयतु सनातन 🙏
Rajbhar ka gotr bhardwaj hai
My cost and gottr is Bhardwaj Thank you
See many Kshatriya vahsya students of bhradwaj rishi used bhardwaj gotr but only bhramins are his direct descendants
My gotra is bhardwaj
ॐ जय श्री सीता राम ॐ
जयश्री राम राधे राधे गुरुजी भरद्वाज गोत्र के बारे में बहुत जानकारियां दियेहै धन्यवाद
बहुत सुंदर जानकारी दी है आपने
बहुत ही शानदार जानकारी बहुत-बहुत धन्यवाद।।
RAJBHAR BHARDWAJ POWER
हमारा गोत्र भारद्वाज है हम नेपाल से है 🇳🇵
80% bhardwaja ka origin uttar pradesh aur mithila hai jo ki aaj nepal aur Bihar ka part hai,yehi original bhardwaja hai
Ati sundar jaankari hai.
Aap. Ne. Hamare. Bedo. Aur..Sastro. Ke. Bare. Achi. Jankari. Di Sadhuad
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 💖
उत्तम प्रयास उत्तम जानकारी
Thank you so much bhaiya for great information
thank you big bro my cost and gotr is Bhardwaj❤
Excellent Effective Expression/Explanation of mythological theme.
With Warm Regards, Thanks, Sir.
Sunder
Jay shree Ram🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Aj Hindustan ke har ek airport pe Rishi bhardwaj ji ki bhavya pratima sthapit honi chahiye India m hi kya sare sansar k har ek airport or roket centre pe bhi unki pratima sthapit ho jisse saari duniya ko pta chale ki vimaan Shastra kisne diya Jai ho Rishi bhardwaj ji ki Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🌅🌅🌅🌅🌅🌅
🌹🙏जय सतगुरू संत शीरोमणी नरहरी महाराज 🙏🌹
बेटे बहुत अच्छी जानकारी दे रहे हो भारद्वाज गोत्र के बारे में और भी जानकारियां बताने की कृपा कीजिए
Jay hanuman
Dhanyavaad, koti koti naman❤
Radhe Radhe
You are doing a great job sir
Aap ki rajuvat bahot achhi hea, aapne hmko risi aur muni ka parichay kraya
Sabhi log brahm rishi bhardwaj ji ki pratimaa ko India ke har ek airport pe sthapit krne ki maag kre kyoki vimaaan shastra unhi ne diya jab India m hogi tabhi sara visva janega or ane bali pidiya bhi jai shree ram sabhi share kre or like kre 🙏🙏
Aap mera 🙏🙏🙏🙏🙏 jai shree ram 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺👏👏👏👏👏
Khoob Sundar 🙏👌
, सर मैं बहुत अच्छा लगा आपका ज्ञान जानकर
Ati uttam 🙏
Aarul rajbhar bhardwaj 😊😊
Jay ho maharishi bharadwaj
Bahut Bahut dhanyabad sir.
Bahut acch6 laga
Rajbhar ji ❤❤❤❤
Good work, Abhishek
Thanks you so much sir ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Bhardwaj 👪family ki jai
यज्ञ में आहुति ब्राह्मण ही दे सकता है और देवता उन्ही क्षत्रिय और वैश्यो की आहुति स्वीकार करते है जिनके कुलपुरोहित या कुलगुरू ब्राह्मण होते है और इस कारण से कुलगुरू के गौत्र का नाम लिया जाता है जिससे देवता आहुति ले जा सके जिसका श्रेष्ठ उदाहरण है महाराज त्रिशंकु है उन्हे विश्वामित्र ने उन्हे स्वर्ग भेजने के लिए आचार्य पद धारण किया परन्तु देवताओ ने आहुति ग्रहण नही की अतः किसी एक ग्रंथ पढकर व्याख्या नही कर सके अतः इतना जान लो कि ऋषियों के वंशज ब्राह्मण ही है और कोई नही है यह सत्य है अब किसी को बुरा लगता है तो लगे परन्तु सत्य यही है किसी की वंशावली पढने पर ऋषि गौत्र अलग और स्वयं का गौत्र और वंश अलग आता है और उसी ऋषि के वंशज क्षत्रिय वैश्य और शुद्र के कुलगुरू बन सकते है जिस ऋषि गौत्र का वंशावली में उल्लेख है अतः कुछ लालची और ब्राह्मण द्वेषी लोगो के कारण स्वयं के पितृदेवो को नरक का रास्ता ना दिखाये हमारा यही अनुरोध है आगे आप लोगो की मर्जी है आप अपने कुल, वंश, गौत्र को इस भवसागर से तारते है या भवसागर में डूबोते है यह आप पर निर्भर करता है हम तो ब्राह्मण होने के नाते आपको सही जानकारी देंगे ग्रहण करना या नही करना आपकी इच्छा
क्योंकि हम ब्राह्मण चाहे पुरोहिताई करे या संकट के समय क्षत्रियों का युद्ध में साथ दे परन्तु हम कभी भी यह नही कहते कि हम क्षत्रिय कुल के है क्योंकि इससे सनातन कुल एवं गौत्र धर्म का नाश हो जाता है जो हमे स्वीकार नही है
अगर आप सभी क्षत्रिय और वैश्य बन्धुजन सही जानकारी चाहते है तो अपने कुल में आने वाले पितृदेवो की सवारी आये तब उनसे पूछ लेना कि क्या वर्ण/कुल होते ही नही है और सारे ऋषियों की संतान है तो हम वर्णसंकर संतान उत्पन्न कर ले क्या फिर वो आपको ऐसा परचा /परिचय देंगे की आपका जीवन नरक ना बना दे तो कहना
इन आजकल के नवयुवक कलियुग के प्रभाव में आकर ग्रंथों को तोड मरोडकर आप सभी को वर्णसंकरता का ही पाठ पढा रहे है इसलिए स्वयं के कुल की रक्षा करना आपका कर्तव्य है
क्या आपके पूर्वज राजा नही थे क्या अगर ऐसा होता तो वे भी वर्णसंकरता अपना लेते परन्तु उन्हे देवता दर्शन देते थे जो उनका मार्गदर्शन करते थे और स्वयं श्रीकृष्ण एवं पाण्डव तो ईश्वर थे उन्होंने जितने यज्ञ और तपस्या की उससे तो उन्हे ब्राह्मण होना चाहिये परन्तु वे सदा क्षत्रिय ही रहे अतः जब कोई व्यक्ति शरीर नही बदल सकता माता पिता नही सकता तो वर्ण भी नही बदल सकता क्योंकि शरीर ही वर्ण और कुल है अन्यथा आत्मा तो सभी की समान है और संसार में ऐसा कोई कार्य नही जो सभी ना कर सके
पहले के लोग वर्णसंकरो का पानी भी नही पीते थे पर आज तो कामवासना में अंधे होकर लोग कुछ भी कर रहे है
जब शास्त्र पढते हो तो कलियुग की भविष्यवाणी और कलियुग के पापाचार को नही पढते क्या कि वर्णसंकरो का राज होगा वर्णसंकर अपने को बहुत ज्ञानी वीर दानी और जनता की सेवा करने वाला दिखायेंगे और यह आज के नेता कर रहे है और उनके माता पिता ने दूसरे वर्णो की कन्याओं से शादी की है और कर रहे है पत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है
अतः आगे आप लोगो की इच्छा आप अपने पूर्वजों को पितृलोक में ही रहने देना चाहते हो या नरक में यह आपका स्वयं का निर्णय है जो जैसा करेगा वैसा पायेगा पितृदेव नाराज तो सम्पूर्ण कुल और वंश का विनाश हो जाता है सम्मान पाने में कयी पीढ़ी समाप्त हो जाती है परन्तु अपमान पाने में कुछ क्षण ही लगते है एक गलत फैसला और सब खत्म
जय shri कृष्ण
Jai ho
बना🙏 जय एकलिंग नाथ जी री 🙏आप रो ठिकाणो कोण सो हे हुकम ओर आप कोन से राव सिरदार हे गोत्र ओर ठिकाना बतावे
हुकम। सोशल मीडिया पर पधारो। वहां बात करते हैं
@@AbhishekSinghRao कोन से सोशलमीडिया पर बना...?
Very, good, bhaiya,
Good massage sir 👍...
भहुत भहुत धन्यवाद जानकारी के लिए।
हो सके तो
मुझे ये बताएं कि भारद्वाज ऋषि के जीवन से सम्बंधित जानकारी की किताब का नाम बताएं।
या
आपके पास है, तो उपलब्ध कराएं
Awesome 👌 tyyÿ
Thanks Bhai ❤️🙏❤️
Thank ❤
Bahut hi achha video he rajput samaj ke bareme kuldevi gotraj bataiyega
Jay shree ram
महर्षि भरद्वाज व भारद्वाज दौनौं का अन्तर व इनका वेद कौंनसा है ?🙏
यजुर्वेद
Good sir ji
Krishi Bharadwaj ke Vimanshasta ke bare mein vistar se batayen 🙏
Hamara gotte ahoba moti he vo kis rishi se samband rkhta he p.l. bataye
Nice 👌♥️
Hi...mera ek sawal tha... ऋषि भारद्वाज Aur ऋषि भरद्वाज Me kya antar hai...agar ap bata sake to please, mujhe bataiye...
भाई अगला विडीयो वेद माता गायत्री यादवो की कन्या थी उस पर विडीयो बनाओ पद्मपुराण सृष्टि खण्ड
गायत्री यादव कन्या थी? ,गायत्री मंत्र की रचना विश्वामित्र ने किया था।
@@YogendraSingh-ss7tk पता नहीं
Please make video on महर्षि पाणिनी it is one
🔥🔱🚩🔥🔱🚩🔥🔱🚩🔥🔱🚩🔥🔱🚩🔥
हमारे पुर्वजों ने हमारा गोत्र भारद्वाज कौशल बताया है ,क्या यह ठीक है।
Dear Sir, Our. Gotro is Bharadwaj Gotro But I resides in Dhubri ASSAM and I am a Bengoli HINDU..plz Explain about my Bharadwaj Gotro?????🙏🙏🙏🙏🙏
Radhe Radhe
ब्रामणी माता कौन थी उसका वर्णन विस्तार से बतावे जी उनका मुख्य धाम कहा हैं
ब्रामणी नही ब्रह्माणी माता होती है और राजस्थान में उनका स्थान है और सरस्वती माता को ही ब्रह्माणी माता कहते है जो ब्रह्मा जी पत्नी है उन्हे का एक रूप सावित्री है जैसे दुर्गा के नव रूप है वैसे ही और यह सम्पूर्ण जगत की माता है यह ईष्ट देवी के रूप में पूजी जाती है
विश्वकर्मा वंशावली पर एक विडियो बनाने की कृपा करें
विश्वकर्मा की पृथ्वी लोक में कोई संतान नही है
जिससे यह स्पष्ट है की पृथ्वी पर उनका कोई वंशज नही है
इनकी दो पुत्री गणेश जी की पत्नी है और सूर्यदेव की पत्नी संध्या विश्वकर्मा की पुत्री है यह शिल्पकारो के आराध्य देव है और यह वरदान श्रीकृष्ण ने विश्वकर्मा को दिया था क्योंकि विश्वकर्मा देवशिल्पी है अतः इनकी पूजा के बाद ही शिल्पकार अपना कार्य करते है क्योंकि ये निर्माण एवं सृजन के देवता है
और पृथ्वी के जांगिड/बढैया/ खाती/ लकडी के कारीगर की उत्पत्ति शुद्र पिता और ब्राह्मण माता से हुई है अतः वे वर्णसंकर है और उनका कार्य लकडी से वस्तु निर्माण का है इसलिए विश्वकर्मा देव से कार्य की सफलता हेतु प्रार्थना करते है अतः उनके ईष्टदेव/आराध्यदेव है
सही जानकारी तो यह है आगे तुम्हारी मर्जी जो मानना है वह मानो हमें
क्या मतलब अंधेरे में जीते रहना चाहता है उसे कोई बाहर नही निकाल सकता है
और देवता अपना कोई भी अंश धरती पर नही छोडते है और अगर छोडते है किसी कारणवश छोडते है और जैसे ही कारण समाप्त होता है उसका वंश समाप्त हो जाता है जैसे वानरो की उत्पत्ति देवताओ से हुई थी जैसे विश्वकर्मा की संतान नल नील, देवराज इन्द्र का बालि और सूर्यपुत्र सुग्रीव परन्तु आज हनुमान जी के अलावा उस जाति का कोई भी प्राणी जीवित नही है और हनुमान जी ब्रह्मचारी है क्योंकि पृथ्वी देवताओं के लिए नही है मृत्यु लोक के प्राणियों के लिए है
हा देवताओ से वरदान मे पुत्र मांगे जा सकते है जैसे पवनपुत्र हनुमान, पांच पाण्डव, इन्द्रपुत्र अर्जुन यह सभी वरदान में प्राप्त हुये है
The great Rishi in Vishwamitra 😂😂
Aapka kese dhnyvaad karun mai bhai,
Bhagvaan aapki saari manokamnayen poorn karen jo itna accha gyan satya gyan aap de rahe ho hame,
Bs ek choti si vinti he aapse thoda dheere dheere samjhayen taaki poori kahani ko hum theek se samajh payen
वेरी ईंफर मेटिव
Jay rajbhar my gotta is bhardwaj
Sir Maharaj Ctiragupt ji kai aur Kaystha Samaj kai bare mai video banaiye
भारद्वाज ऋषि की कोई जन्म तिथि हो जिसमें उनका जन्म उत्सव मनाया जा सके कृपया उल्लेख करें आपकी माहिती कृपा होगी
Aap sahi kah rahe hain
🙏🙏👌🌺
🙏✌️✌️🇮🇳
Raj bhar
Plz also give reference of books from which this knowledge is originated.🙏
महर्षि पाणिनी पर कृपया करके एक वीडियो बनाई जीने लोग भूलते जा रहे हैं । जो संस्कृत के जनक है और आदि पुरुष महापुरुष पे वीडियो बनाई जिसने देवों की भाषा लिपिबद्ध किया उनके बारे में जितना बोला जाए कम है। कृपया करके* इन पर एक वीडियो
बनाई 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
जी अवश्य
@@AbhishekSinghRao thank you 😊
Thank you Abhisheka Singh Rao for intersting information bhardawaj Rishi
May questions?
Mai rajbhar hu mera gotra bhi bhardwaj hai
Wate?
Ligal hai sahi jankari de
8 kab hoga
🙏
puran ka actual meaning vedant ka dristi se pls debate kare
Mera vi Bhardwaj gotr hai
Sir kaushal bhraman kon cast mai ati hai
भाई ये caste formula अंग्रेजो का है हमारी वर्ण व्यवस्था है
ब्राह्मण हमेशा ब्राह्मण होता है चाहे कोई भी हो उदाहरण गौड, मैथिल, पालीवाल, त्यागी, द्रविड़ इत्यादि
क्षत्रिय हमेशा क्षत्रिय होता है उदाहरण राजपुत्र/राजपूत, गुर्जर, जाट, यादव, मीणा, कुछ आदिवासी समूह, कुशवाहा रेड्डी, नायडू, राजू, गोवडा, सेट्टी इत्यादि
वैश्य हमेशा वैश्य होता है बणिया, गुप्ता, अग्रवाल, खण्डेलवाल, ओसवाल, जैन बणिया, सिन्धी बणिया, जायसवाल, कलाळ, स्वर्णकार, सुनार, मणिहार, तेली, मोदी, रैबारी, रायका, इत्यादि
शुद्र हमेशा शुद्र होता है नापित /नाई, कुम्हार/ कुमावत/कुम्भकार, धोबी, निषाद, धीवर, कोळी/कोली, खटीक, हरिजन, इत्यादि
👏👏👏👏💞💞💞🎉
is their a difference between bhartdwaj and bhrdwaj..?
कृपया आपसे बात करणी थी,तो आपका नंबर मिल सकता है क्या?
कृपया आगे भगवान विश्वकर्मा जी और उनके वंशजों के बारे में बताए ।।🙏🏽
जी क्रम में है
Dinesh Kumar Rajbhar bhardovaj
मेरी परम मित्र आपने ऋषियों के इतिहास पर सनातन इतिहास पर आप वीडियो बनाते हैं
तो कृपया आरव ऋषि हुए जिन्होंने मक्का मकेश्वर महादेव, का जो एक शिवलिंग है उसकी स्थापना करवाई थी स्वयंभू स्वयं प्रकट हुए थे
आरव ऋषि द्वारा स्कंद पुराण पर इसकी विवेचना की गई है कृपया आप इस पर वीडियो बनाएं
वर्तमान में आज जा मक्का जोकि ऋषि अरव के नाम से ही उस भूमि का नाम अरब देश हैं
पूर्ण जानकारी सहित सचित्र वीडियो का निर्माण करें
इसकी अल्प जानकारी
पूरी के शंकराचार्य हैं
उनके वीडियो में भी मिलेगी❤❤❤😊
🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷👌👌
Aakhari kab tha
I am from Bharadwaj gotra
I am the low caste even in Tamil dalit but my gotra is bhardwaj