Aap Ka Samjhane ka Dhang bahut hi Saral aur Sugam hone ke baad bhi Gambhir baat ko bahut hi Achhe udahran jaise Car ka dekar bahut hi achha samjhaya uske liye Universe ka aap ko bahut bahut dhanyavaad.
सूक्ष्म जगत इस दिखाई देने वाले जगत के पीछे खड़ा है यानी संसार सूक्ष्म की बैशाखी पर ही टिका है और गतिमान होता है और फिर रुकता है और फिर ये संसार सूक्ष्म तत्वों मे ही गायब हो जाता है l
राम कृष्ण हरी आदी अनंत माउली सद्गुरू संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज की जय जगद्गुरू संत श्री तुकाराम महाराज की जय सब संतन की जय छत्रपती श्री शिवाजी महाराज की जय छत्रपती श्री संभाजी महाराज की जय
Sharir hamara ghar hai jisme hum rahate hain agar hamara sharir nahi hoga to hum rahenge kaha ye sharir hamara sabse bada sathi hai ye aakrsan nahi jarurat Hain
गुरुजी सादर प्रणाम मेरा एक प्रश्न आहे मनुष्य को जनम उसके कर्मो से मिलता है तो पहिले सब मनुष्य ही बने थे क्या कोई प्राणी नही बना था इस धरती पर मनुष्य को पाप कर्मो से प्राणी का जन्म मिला है क्या
अविद्या के कारण हमारा जन्म होता है अविद्या में हम पाप और पुण्य के कर्म करते हैं जिससे हमें अन्य योनि में जाना पड़ता है जब पाप और पुण्य अपने बराबर होते हैं फिर हमें विद्या प्राप्त करने का अवसर मिलता है सत्कर्म और निष्कर्ष करने का अवसर मिलता है जिस प्रकार हम संसार में विद्यालयस्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं ठीक उसी प्रकार संसार रूपी विद्यालय में भी हम विद्या के लिए आए प्राप्ति के लिए आते हैं सृष्टि प्रभाव से अनादि है हमारे कई जन्म होते आया और होते रहेंगे
In the Science of Biology 'movement' (जड़ शरीर में )is said to be one of the characteristics of a living , but what makes a living LIVING that causes movement is 'आत्मा' ! This is the derived from your talk. 🙏
यदि मुक्ति के बाद भी पुनः आकर कर्मफल भोगना पड़े तो मुक्ति कहां हुई? नैव किंचित करोमि इति युक्तो मनयेत। न कर्तृत्वम न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभु,न कर्मफल संयोग स्वभावस्तु प्रवर्तते। ज्ञानाग्नि सर्वकर्माणि भस्मसात कुरुते। यद गत्वा न निवर्तन्ते तद धाम परमं मम। अविद्या ही बन्धन है और इसका नाश होने पर पुनः जन्म मरण नहीं होता है।
Hunger, thirst these are all qualities of body. Soul doesn't get hunger, thirst. Soul doesn't get tired. When you have the avidya ,that is you are the body,you are not the soul.then you will consider body's Qualities as your qualities.Also soul doesn't sleep.Non alive entity body's food is fruits, vegetables, grains etc . Alive entity Soul's food is brahma ghyan ( knowledge of omnipresent formless infinite energy God).
Sadar namaste pujya swamiji 🙏
Jay guru ji🎉🎉🎉
Satya salute sir wow ❤❤❤❤❤❤❤
SWAMIJI NAMASTE VERY NICE EXPLANATION
ओ३म सादर नमस्ते स्वामी जी
आर्य समाज वैज्ञानिक विचारक है
Very nice presentation and speech and knowledge delivered by Swami ji. Congratulations to him ! ! !
Aap Ka Samjhane ka Dhang bahut hi Saral aur Sugam hone ke baad bhi Gambhir baat ko bahut hi Achhe udahran jaise Car ka dekar bahut hi achha samjhaya uske liye Universe ka aap ko bahut bahut dhanyavaad.
सूक्ष्म जगत इस दिखाई देने वाले जगत के पीछे खड़ा है यानी संसार सूक्ष्म की बैशाखी पर ही टिका है और गतिमान होता है और फिर रुकता है और फिर ये संसार सूक्ष्म तत्वों मे ही गायब हो जाता है l
ओउम स्वामी जी सादर नमस्ते ,स्वामी जी फिर चेतन किसे कहते है उसकी पहचान क्या है
शरीर आत्मा और प्राण शक्ति
उपनिषद में माना गया है।
जैसे टॉर्च बैटरी और बिजली।
ओम् नमस्ते स्वामी जी।वैदिक धर्म की जय
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
शरीर का जड़ है यह पक्का है लेकिन आत्मा का रूप रंग क्या पहचान है
आपकीहर बात एक ही बार में मेरी समझ में पूरी तरहआ जाती है लेकिन जो लोग आपके सामने बैठे हैं उनकी समझ में क्यों नहींआई सत सत नमन स्वामी जी 🙏🌹
pujya Swamiji namaste
राम कृष्ण हरी
आदी अनंत माउली सद्गुरू संतश्रेष्ठ श्री ज्ञानेश्वर महाराज की जय
जगद्गुरू संत श्री तुकाराम महाराज की जय
सब संतन की जय
छत्रपती श्री शिवाजी महाराज की जय
छत्रपती श्री संभाजी महाराज की जय
चरणस्पर्श स्वामिजी
वेदों से सब ज्ञान मिलेगा
बाकी पाखण्ड या सड़क का नियम
Om swami ni dhanyabad ji
आदरणीय सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏
स्वामी जी को कोटि कोटि प्रणाम 🚩🚩🚩🙏
Guru ji namaste
सादर नमस्ते स्वामीजी महाराज 🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺❤️❤️🌷💐🌷❤️🌺🌺🙏🙏
Om namste ji
Namasteji swamiji dhanyabad om
Pranaam GuruJi 🕉️
Saprem saheb bandagi saheb ji 🙏 😊
Sharir hamara ghar hai jisme hum rahate hain agar hamara sharir nahi hoga to hum rahenge kaha ye sharir hamara sabse bada sathi hai ye aakrsan nahi jarurat Hain
दंडवत प्रणाम स्वामी 🙏👍
Swamiji Namaste🙏
Bahut sundar vichar Gurudev ji 🙏🙏🙏
❤ आदरणीय स्वामी जी, नमस्ते। प्राण की क्या भूमिका है?
Namaste Swamijee 🙏
नमस्ते स्वामी जी l
Jai shree Ram ji
सादर नमस्ते स्वामी जी
Namaste🙏 ji
ओ३म्
गुरुजी सादर प्रणाम मेरा एक प्रश्न आहे मनुष्य को जनम उसके कर्मो से मिलता है तो पहिले सब मनुष्य ही बने थे क्या कोई प्राणी नही बना था इस धरती पर मनुष्य को पाप कर्मो से प्राणी का जन्म मिला है क्या
अविद्या के कारण हमारा जन्म होता है अविद्या में हम पाप और पुण्य के कर्म करते हैं जिससे हमें अन्य योनि में जाना पड़ता है जब पाप और पुण्य अपने बराबर होते हैं फिर हमें विद्या प्राप्त करने का अवसर मिलता है सत्कर्म और निष्कर्ष करने का अवसर मिलता है जिस प्रकार हम संसार में विद्यालयस्कूलों में पढ़ने के लिए जाते हैं ठीक उसी प्रकार संसार रूपी विद्यालय में भी हम विद्या के लिए आए प्राप्ति के लिए आते हैं सृष्टि प्रभाव से अनादि है हमारे कई जन्म होते आया और होते रहेंगे
In the Science of Biology 'movement' (जड़ शरीर में )is said to be one of the characteristics of a living , but what makes a living LIVING that causes movement is 'आत्मा' !
This is the derived from your talk. 🙏
Namaste ji ❤
आत्मा की अमरता का क्या प्रत्यक्ष-अनुभव होता है ? कृपया समझाइये। आपकी महती कृपा।Thanks. Anando.
🙏🙏🙏
Shri Raj syama ji
Aap yah siddh karke bataen atma sharir ke andar kaise hain
🙏
Omg
🕉🕉🕉
Thanks
क्या जानवरों में भी आत्मा होती है?
होती है
hoti ha
Agr bahr se rag dvesh chod de lekin mn Mai aasakti Ho to kya hoga
देह तो जड है तो दुःख आत्मा को क्यु होता है ?
देह जड़ है तभी तो आत्मा को दुख होगा।
Vastu ka vastvik srwroop janna
Sir that means if you realise pain in body that effict into athma not body,all means body is only showing pice everthing feeling only Athma.
यदि मुक्ति के बाद भी पुनः आकर कर्मफल भोगना पड़े तो मुक्ति कहां हुई?
नैव किंचित करोमि इति युक्तो मनयेत।
न कर्तृत्वम न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभु,न कर्मफल संयोग स्वभावस्तु प्रवर्तते।
ज्ञानाग्नि सर्वकर्माणि भस्मसात कुरुते।
यद गत्वा न निवर्तन्ते तद धाम परमं मम।
अविद्या ही बन्धन है और इसका नाश होने पर पुनः जन्म मरण नहीं होता है।
मुक्ति के बाद कर्म फल होता ही नही है तो भोगे गा क्या
कर्म फल को नष्ट कर देने का नाम ही मुक्ति ह
Hunger, thirst these are all qualities of body. Soul doesn't get hunger, thirst. Soul doesn't get tired. When you have the avidya ,that is you are the body,you are not the soul.then you will consider body's Qualities as your qualities.Also soul doesn't sleep.Non alive entity body's food is fruits, vegetables, grains etc . Alive entity Soul's food is brahma ghyan ( knowledge of omnipresent formless infinite energy God).
Radhe radhe radhe radhe radhe
Next birth kis tatav ka hota hai
Swamiji bhojan sharir k liye hai aatma ka bhojan Bhajan hai dhyan hai kuch seekh lo sori
@@kamleshkumari253अगर शरीर को भोजन की जरूरत है आत्मा नहीं होने पर भी उसे भोजन करना चाहिए
सत्य को जानो वेदों को पढ़कर और उनके सही अर्थ को समझ कर l
Janisam mai ye sab hazaro saalo se hai
Kitab Packar gyanimat do pahle Anubhav karo ji. Aatma ko Bhukh nahi lagti
क्यो बात की रेल बना राखी है
भाई आत्मा, जड और इश्वर अलग अलग और अनादि है।इस पर चर्चा है।
धैर्य से सुनें और तब कमेन्ट किया करें।
Jaan kaari nahi hai toh pehle jaankaari praapt karen ,aap Swami ji ki ninda karne se pehle apni shamta ka dhyan rakhe
Good❤❤❤
🙏🙏
नमस्ते स्वामी जी
Swami Ji Namaste 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏