आप से एक बात पुछना थी मध्य प्रदेश में मृतक के तीसरे बर्ष में पटाह श्राद्ध किया जाता है जिसे जिसमें प्राणी को पित्रों में मिलाया जाता है जिसे आम बोलचाल में पटा कहते हैं पर ये किसी पुस्तक में इस नाम से नहीं मिल रहा है कृपा इस बारे में जानकारी दें
गुरु जी प्रणाम. द्वादशी को मघा युक्त है कोहि बताते है पितृ श्राद्ध नही होता और चतुर्दशी को अपघाती का श्राद्ध है और पितृ का नही होता बताते. क्या यह सच है गुरुदेव!!
गुरु जी मेरे पिता जी के स्वर्गवास का तीसरा बर्ष है। मैं उनको पितरों में मिला कर श्राद्ध करना चाहता हूँ किंतु इस बर्ष मेरी दादी का स्वर्गवास हो गया है। कुछ लोग बोल रहे हैं कि पहले दादी को पितरों में मिलना पड़ेगा फिर पिता जी को। नियमों के अनुसार पिता जी का श्राद्ध पहले करूँ या दादी का।
गुरुजी मेरी मम्मी का देहांत सन 2021 मई में हुआ था तीसरा साल चल रहा है उनको पितरों में मिलना चाहते उनका देहांत एकादशी समय 11:00 दिन में हुआ था उनका श्राद्ध कब करें
एक जिज्ञासा प्रगट कर रहा हु जानकारी हेतु जिस दिन सप्तमी युक्त षष्ठी है उस दिन अगर किसी आप्त जन की तिथि हो तो एकोदिष्ट कर सकते है क्योंकि मध्याह्न व्यापिनी है इस लिए
@@bhagirathjoshi par kayi Panditji kahte hai ki dah sanskar Wale din ko maanna chahiye. Aur dusra aap parvan shraddh aur ekodashti shraddh ki puri vidhi bhi bataiye. Taki Jo log apne ghar me karna chahe wo kar sake
एकोदिष्ट पार्वण अंतर बताये अगर किसी पिता मर गए माँ जीवित है पार्वण कर रहे है फिर सपत्नी जगह कैसे होगा पिता दादा परदादा में 4 वर्ष पिता को श्राद्ध में ले रहे है चट मोटक किस प्रकार रखे गे जैसे पिता दादा परदा में पिता को इस वर्ष ले रहे चट जानकारी दे
आदरणीय महोदय आपकी बात से सहमत हैं । लेकिन श्राद्ध का भोजन पूर्व समय मे ब्राह्मणों को कराया जाता था उस समय शुद्ध सात्विक वासनाओं से रहित कोई लोभ लालच नहीं था ईश्वर उपासक होते थे , तो उस समय ब्राह्मणों को पवित्र माना जाता था इसलिए उन्हें भोजन कराकर पुण्य फल प्राप्त करते थे । लेकिन आज के समय मे ब्राह्मणों में शुद्धता सात्विकता नहीं रही है । तो उन कथित ब्राह्मणों को भोजन कराकर क्या हमारे पितृ तृप्त होंगे . मेरे विचार से बिल्कुल नहीं ।
@@bhagirathjoshi आपने मेरी बात का सटीक उत्तर नहीं दिया , में भी ब्राह्मण हुँ ।। यदि ब्राह्मण अपने कर्तव्य से च्युत होगा तो हमारे ब्रह्णत्व पर प्रश्न चिन्ह तो लगेंगे ही । महोदय ।। मेरी बात का बुरा नहीं माने ना ही बात को धार्मिक उन्माद दें ।
भाई साहब कृपया अपने वीडियो में नकारात्मकता का विश्लेषण कर गुनता को बड़ा नही रहे ज्ञान समाज और अपने मोहले के लोगो को देना मेरी समझ से अधिक उचित होगा किसी को बुरा कहने से क्या फायदा होगा
अनापशनाप बोलकर, धर्म ग्रंथों की मर्यादा तो फर्जी ज्योतिषी हनन कर रहे हैं। वे ही whatsapp fb utube वाले लोग हैं। पढ़ा कुछ है नहीं बस बकना शुरु कर देते हैं।। गलत को गलत ही बोला है, श्री जोशी जी साहब ने सही तो कहा है ।।
बहुत ही सुन्दर जानकारी प्रदान किया आपने आपको धन्यवाद
ATI Uttam jankari
Very good vichar Ji radhay radhay ji 🙏
अत्यंत गुढ़ ज्ञान है निरंतर आचार्य श्री के सानिध्य की आवश्यकता है
महालय श्राद्ध क्या है पावन श्राद्ध में अंतर क्या
Vrishchik Rashi Walon Ke Liye 2023 ka video Banakar dalna aap
Bahut bahut dhanyvad Guru ji Sadar Pranam Jay Shri Ram
प्रणाम गुरुदेव।
Super information
आप से एक बात पुछना थी मध्य प्रदेश में मृतक के तीसरे बर्ष में पटाह श्राद्ध किया जाता है जिसे जिसमें प्राणी को पित्रों में मिलाया जाता है जिसे आम बोलचाल में पटा कहते हैं पर ये किसी पुस्तक में इस नाम से नहीं मिल रहा है कृपा इस बारे में जानकारी दें
महालय श्राद्ध हमारे इधर बोला जाता है
3 वर्ष में पितृ महालय करते है उसकी विधि बताये कहा से कैसे करे😊
वह पटाह नहीं है उसका नाम है सपिंडी करण
Guruji divangat mahila pitra ka sraddh bhojan stree ko karaye ya purush brahamjn ko karaya jay pl.clearyfy sir
अतिसुन्दर आचार्य जी
सुंदर ज्ञान
Dhanyvaad ji aapka🙏🙏🙏
Thanks guru ji
Guruji kripya bataye ki ब्रह्म कपाल में पिंड दान करने(या पूजन ) main kitna time lagta है।
Aadhaa ghanta
Ram Ram pandit ji
प्रणाम आचार्यवर
बहुत सुंदर गुरूजी😀😊
बरसी में कितने पिंड बनते है और श्राद्ध में कितने बनते है
Panditji sradh karna chahiye ya akar mass in donome kyaa antar hai
Akarmass karu ya varsha sradha mahiti do panditji
नमो नमः ।
गुरु जी प्रणाम. द्वादशी को मघा युक्त है कोहि बताते है पितृ श्राद्ध नही होता और चतुर्दशी को अपघाती का श्राद्ध है और पितृ का नही होता बताते. क्या यह सच है गुरुदेव!!
पंडित जी कृपया एकोदिष्ट श्राद्ध की संपूर्ण जानकारी एक वीडियो बनाकर बताने का कष्ट करें।
गुरु जी मेरे पिता जी के स्वर्गवास का तीसरा बर्ष है। मैं उनको पितरों में मिला कर श्राद्ध करना चाहता हूँ किंतु इस बर्ष मेरी दादी का स्वर्गवास हो गया है। कुछ लोग बोल रहे हैं कि पहले दादी को पितरों में मिलना पड़ेगा फिर पिता जी को। नियमों के अनुसार पिता जी का श्राद्ध पहले करूँ या दादी का।
दोनों का एक साथ कर सकेंगे
@@bhagirathjoshi जी गुरु जी 🙏
गुरुजी मेरी मम्मी का देहांत सन 2021 मई में हुआ था तीसरा साल चल रहा है उनको पितरों में मिलना चाहते उनका देहांत एकादशी समय 11:00 दिन में हुआ था उनका श्राद्ध कब करें
गुरूजी मृत्यु तिथि मेंश्राद्ध करें या दाह संस्कार वाली तिथि ग्रहण करे 🙏🙏
Pandit jee! Pranam.
Your expression is excellent.
जी प्रणाम
प्रणाम गुरु जि , किसिका एकोदृष्ट श्राद्ध पुर्णिामा मे हो तो पार्बण श्राद्ध किस दिनमे करना पडेगा ?
पार्वण श्राद्ध क्या है बताए
🙏🙏🙏
नमस्कार:
गुजरात महाराष्ट्रमे श्राद्ध यही समय गीनकर करना चहीये या स्थानीक समयके अनुसार गीनना चहीए
अपने स्थानीय समय से
,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹
पितामह है और पिता की मृत्यु हो गई तो पिता का पार्वण श्राद्ध कर सकते कि नहीं
Haa
Bhut 👌👌pranam guruji 🙏🙏#mandsaurse hu
जी यशस्वीभव
Online classes Karna chahata hu sar
1।10।2022 से
एक जिज्ञासा प्रगट कर रहा हु जानकारी हेतु
जिस दिन सप्तमी युक्त षष्ठी है उस दिन अगर किसी आप्त जन की तिथि हो तो एकोदिष्ट कर सकते है क्योंकि मध्याह्न व्यापिनी है इस लिए
Haa
Baki sab Panditji to dah sanskar wali tithi ko maane ko bolte hai 🤔
मृत्यु तिथि मान्य
@@bhagirathjoshi par kayi Panditji kahte hai ki dah sanskar Wale din ko maanna chahiye. Aur dusra aap parvan shraddh aur ekodashti shraddh ki puri vidhi bhi bataiye. Taki Jo log apne ghar me karna chahe wo kar sake
Parvan shraddh aur ekodashti shraddh dono ki Puja me kya antar hota hai.
सूतक की गणना मृत्यु समय से करें या दाह-संस्कार के समय से
आप स्वयं पंचांग निर्माता है
गुरुजी अगर किसी की तिथि मना ते किस श्राद्ध में आयेगा कोनसी तिथि उपयुक्त है पार्वण की एकोदिष्ट की मार्गदर्शन करें
एकोदिष्ट पार्वण अंतर बताये अगर किसी पिता मर गए माँ जीवित है पार्वण कर रहे है फिर सपत्नी जगह कैसे होगा पिता दादा परदादा में 4 वर्ष पिता को श्राद्ध में ले रहे है चट मोटक किस प्रकार रखे गे जैसे पिता दादा परदा में पिता को इस वर्ष ले रहे चट जानकारी दे
Maan se koi bhojan karaye thabi bhojan swikar karna chaliye.
आदरणीय महोदय आपकी बात से सहमत हैं । लेकिन श्राद्ध का भोजन पूर्व समय मे ब्राह्मणों को कराया जाता था उस समय शुद्ध सात्विक वासनाओं से रहित कोई लोभ लालच नहीं था ईश्वर उपासक होते थे , तो उस समय ब्राह्मणों को पवित्र माना जाता था इसलिए उन्हें भोजन कराकर पुण्य फल प्राप्त करते थे ।
लेकिन आज के समय मे ब्राह्मणों में शुद्धता सात्विकता नहीं रही है । तो उन कथित ब्राह्मणों को भोजन कराकर क्या हमारे पितृ तृप्त होंगे . मेरे विचार से बिल्कुल नहीं ।
तो फिर आपकी दृष्टि में पवित्र हिन्दू तो नहीं रहे अन्य धर्म वालों को भोजन करवा दीजिये
@@bhagirathjoshi आपने मेरी बात का सटीक उत्तर नहीं दिया , में भी ब्राह्मण हुँ ।।
यदि ब्राह्मण अपने कर्तव्य से च्युत होगा तो हमारे ब्रह्णत्व पर प्रश्न चिन्ह तो लगेंगे ही ।
महोदय ।। मेरी बात का बुरा नहीं माने
ना ही बात को धार्मिक उन्माद दें ।
भाई साहब कृपया अपने वीडियो में नकारात्मकता का विश्लेषण कर गुनता को बड़ा नही रहे
ज्ञान समाज और अपने मोहले के लोगो को देना मेरी समझ से अधिक उचित होगा
किसी को बुरा कहने से क्या फायदा होगा
आप को बुरा लगा हों तो मेरा चेनल ब्लाक कर दीजिए
शास्त्र विरुद्ध बोलने वाले का विरोध आवश्यक है आप समर्थन कीजिये
सही बात कही है आपको क्या दिक्कत हो रही है।
अनापशनाप बोलकर, धर्म ग्रंथों की मर्यादा तो फर्जी ज्योतिषी हनन कर रहे हैं। वे ही whatsapp fb utube वाले लोग हैं। पढ़ा कुछ है नहीं बस बकना शुरु कर देते हैं।। गलत को गलत ही बोला है, श्री जोशी जी साहब ने सही तो कहा है ।।
भाई साहब मुझे क्यों बुरा लगे आप ही अन्य के पितृ को डोर से तुलना करते हैं
हम तो आप का चैनल देखते हैं और ज्योतिष पंचांग सीखने का प्रयास करते हैं