तुलसी के अवगुण, राम के नाम पर ढोंग पाखंड छल कपट, श्रीरामचरितमानस

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 ก.พ. 2025

ความคิดเห็น • 4

  • @jitendrashukla4918
    @jitendrashukla4918 9 วันที่ผ่านมา

    माता-पिता इसके पुत्र की पहले सेवा और पालना करते हैं तो वह सेवक और प्रौढावस्था तक उनके स्वामी और प्रौढावस्था को प्राप्त हुए पुत्र का वही पिता सखा भी होता है।
    वैसे भी अध्यात्म विशेष रूप से पुराण भाव और समर्पण का विषय है इसमें हेतुभूत हेतु तो अहंकार का शमन ही है।
    प्रणाम विभो..... 🌺🌹🙏

  • @prabhudattsharma2826
    @prabhudattsharma2826 8 วันที่ผ่านมา

    प्रणाम गुरु जी को चरण स्पर्श

  • @rajeshmehta2781
    @rajeshmehta2781 9 วันที่ผ่านมา

    God morning
    Jay Shree Krishna

  • @rajeshmehta2781
    @rajeshmehta2781 9 วันที่ผ่านมา

    हे तत्व दर्शी सन्त ध्यान आंखें बंद करके किया जाता है लेकिन ऐशि अवस्था आंख खुली हो कर भी हो सकती है
    समजाये