फिल्मी धुन

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025

ความคิดเห็น • 3

  • @BIRHA_TALENT
    @BIRHA_TALENT 29 วันที่ผ่านมา +3

    बहुत ही शानदार दादाजी जवाबी कीर्तन में आपके जैसा कोई नहीं है

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 หลายเดือนก่อน +3

    गज़ब, गज़ब, गज़ब ! कल्पना जी के गीत की तो खुद ज्ञानी जी ने तारीफ की, उसमें अब क्या कुछ कहना? लेकिन प्रतिपक्षी कलाकार के लिए जो ज्ञानी दादा जी ने कहा, प्रणाम करता हूँ दादा जी को उनकी इस पावन सोच के लिए |
    अपनी प्रस्तुती में दादा जी ने भाव-विभोर कर दिया | यूँ तो उनकी सारी प्रस्तुती रस, गुण और अलंकारों से परिपूरित रही लेकिन - "दे कर का टका कर में तू कर से निकाल के" इस पंक्ति में अनुप्रास और यमक दोनों अलंकार पिरो दिया है | वाह !

  • @VinayKumarSingh-o5z
    @VinayKumarSingh-o5z หลายเดือนก่อน +2

    Bahut Sundar prasang