राजू भाई! काकभुशुण्डि जी गरुड़ जी से कह रहे हैं कि - ज्ञान बिराग जोग बिग्याना |ए सब पुरुष सुनहु हरिजाना || माया भगति सुनहु तुम्ह दोऊ |नारि वर्ग जानहिं सब कोऊ | अर्थात ज्ञान, वैराग्य, योग और विग्यान ये सब पुरुष वर्ग हैं और माया व भक्ति नारी वर्ग हैं | बड़े से बड़ा ज्ञानी भी मृगनयनी के चन्दमुख को देखकर विवश हो जाते हैं, लेकिन नारी नारी पर मोहित नहीं होती | वैसे ही ज्ञान, विराग आदि माया के वशीभूत हो सकते हैं पर भक्ति माया पर मोहित नहीं होती | क्योंकि- भगतिहिं सानुकूल रघुराया |ताते तेहि डरपति अति माया || और इसी कारण भगवान् का भक्त माया से इस तरह किनारा करके निकल जाता है जैसे लोग रास्ते में पड़ी हुई उल्टी (बमन )से किनारा करके निकल जाते हैं | रमा विलासु राम अनुरागी | तजत बमन जिमि जन बड़भागी || यह रहस्य रघुनाथ कर, बेगि न जानइ कोइ | जो जानइ रघुपति कृपा, सपनेहुँ मोह न होइ ||
यह वीडियो ठंडियों की है या गर्मियों की पुराना वीडियो फिर से क्यों लोड कर रहे हो😂😂😂
राजू भाई! काकभुशुण्डि जी गरुड़ जी से कह रहे हैं कि -
ज्ञान बिराग जोग बिग्याना |ए सब पुरुष सुनहु हरिजाना ||
माया भगति सुनहु तुम्ह दोऊ |नारि वर्ग जानहिं सब कोऊ |
अर्थात ज्ञान, वैराग्य, योग और विग्यान ये सब पुरुष वर्ग हैं और माया व भक्ति नारी वर्ग हैं | बड़े से बड़ा ज्ञानी भी मृगनयनी के चन्दमुख को देखकर विवश हो जाते हैं, लेकिन नारी नारी पर मोहित नहीं होती |
वैसे ही ज्ञान, विराग आदि माया के वशीभूत हो सकते हैं पर भक्ति माया पर मोहित नहीं होती | क्योंकि-
भगतिहिं सानुकूल रघुराया |ताते तेहि डरपति अति माया ||
और इसी कारण भगवान् का भक्त माया से इस तरह किनारा करके निकल जाता है जैसे लोग रास्ते में पड़ी हुई उल्टी (बमन )से किनारा करके निकल जाते हैं |
रमा विलासु राम अनुरागी | तजत बमन जिमि जन बड़भागी ||
यह रहस्य रघुनाथ कर, बेगि न जानइ कोइ |
जो जानइ रघुपति कृपा, सपनेहुँ मोह न होइ ||
बिलकुल भाई साहब बहुत अच्छा लगा आपका यह ज्ञान 🙏
Pp
रंग भूमि जब सिय पगु धारी , चौपाई ने श्रीमान राजू भैयाजी के गीत का खंडन कर दिया।आदरणीया बहन जी के मंडल का मंडल में कोई जोड़ नहीं है 🙏
@@vedantmishra67आपका निर्णय भी सही है मिश्रा जी!लेकिन खण्डन नहीं कहना चाहिए भैया, बहन जी ने सटीक जवाब दिया है |
Pllllll😊p
Jabab galat hai