Jay Shri Satguru Bhagwan ki Jay Jay Shri paramhans Maharaj ki Jay Jay pure Sadhu mahatmaon ki Jay aadishakti ki Jay Om bhagwate vasudevay Namah Jay Shri Sitaram Naam Bhagwan ki Jay
🕉🔱श्री सद्गुरुदेव भगवान की जय🕉🔱हर हर महादेव🕉🔱पार्वती पतये 🕉🚩🚩🚩🚩🌺🌺🌺🌺👏👏👏👏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🚩🚩🚩🚩🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
पूज्य श्री आप अपने द्वारा एक तरफ तो यह कहते है कि ब्रह्मा विष्णु शिव यह सब देवताएं है और फिर आप कहते हैं कि उमा कहू अनुभव अपना सत् हरि भजन जगत् सब सपना आदि आदि श्री राम चरित्र मानस को लेकर उपदेश देते हैं जब कि यह एक चरित्र हैं और वह भी देहाती भाषा में है क्या शंकर जी भी देहाती भाषा बोलते हैं ? या फिर यह सिर्फ तुलसी दास की निजी भाषा है ? सुना तो यह जाता है कि देवताओं की भाषा सिर्फ संस्कृत है और संस्कृत आदि भाषा है और शंकर जी भी आदि है वह कलयुगी भाषा कैसे बोल सकते हैं ? श्री राम चरित्र मानस एक ग्वार व्यक्ति की भाषा में है जिसका कोई महत्व नहीं है और श्री राम चरित्र मानस पदम पुराण से लिया गया है और उसमे श्री राम का पूर्ण चरित्र का वर्णन नहीं है लव कुश जन्म का वाल्मिक रिषि आश्रम का और लंका से वापस आते समय रास्ते में एक हाटकेश्वर लिंग तिर्थ आता है जिसके उपर होकर पुष्पक विमान जा रहा था किन्तु वह वही पर रुक गया था कारण जानने बाद सभी लोग नीचे उतरे और श्री राम लक्ष्मण सीता आदि ने अपने हाथ से अलग अलग शिव लिंग की स्थापना कर पूजन किया उसके बाद विमान आगे बढ़ सका था क्योंकि इस पृथ्वी पर हाटकेश्वर लिंग पाताल से प्रगट हुए हैं और यह तिर्थ पृथ्वी पर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ऐसे कई उदाहरण हैं जो कि श्री राम चरित्र मानस में नहीं लिखा है ग्वारों की भाषा को मान्यता दी जा रही हैं
ओम श्री गुरु शरणम्
Om shree sadguru devay namah 🙏🙏🙏
Guru maharaj ji aap ki jai ho 🙏🏻
स्वामी जी भगवान शिव को बारंबार प्रणाम ❤️🙏 प्रणाम
ओम श्री सतगुरु देव भगवान की जय हो
Sri sadgurudev bhagvan ki Jai 🙏
Jay ho maharaj
Jay Shri Satguru Bhagwan ki Jay Jay Shri paramhans Maharaj ki Jay Jay pure Sadhu mahatmaon ki Jay aadishakti ki Jay Om bhagwate vasudevay Namah Jay Shri Sitaram Naam Bhagwan ki Jay
Guru dev ji duniya ak khel lag raha
Om Shree Sadgurudev Bhagwan ki Jai 🙏❤️💐
Jay shree sadgurudev ji
Jay Shri Sitaram Naam Bhagwan ki Jay
JAY gurudev koti koti naman Prabhu 🙏🙏🙏🙏
Ram ram
Jay gurudev Jay Shiv Shankar
Gurudev Bhagwan ji ke shree charno kamlo me kotin-kot naman wandan Pujan स्वीकार हो कृपा हो
श्री सत गुरुदेव भगवान के चरणों में सादर दंडवत चरण सेवक रघुवंश
🕉🔱श्री सद्गुरुदेव भगवान की जय🕉🔱हर हर महादेव🕉🔱पार्वती पतये 🕉🚩🚩🚩🚩🌺🌺🌺🌺👏👏👏👏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🚩🚩🚩🚩🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
OM Shree Gurudev Namha
Om shree sadgurudev Bhagwan ki jay
Om om om
Jaisiya ram🙏🙏🙏🙏🙏
शिव स्वरूपा श्री सदगुरुदेव भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
Good morning
Ok
Om
E dyalu bhgvan swami ji mharaj aapke Shri charno me koti koti Naman sadar dandvat prnam he mere Nath 🌹🙏🌺🌹🙏🌺🌹🙏🌺🌹🙏🌺🌹🙏🌺🌹🙏🌺om om 🙏🌺🌺🌺🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🌺
ॐ श्री सद्गुरु देव भगवान की जय
Om Jai guru dev bhagwan 🙏🕉️🙏🕉️🙏🌹🌹
🙏❤️
🕉️🙏
🕉श्री सद्गुरुदेव भगवान की जय🕉
ओम श्री सदगुरूवे नमः 🙏
🙏🏻Om🙏🏻
🙏 💐 ॐ श्री सद्गुरुदेव भगवान की जय 🙏 🌹 🔱 🚩 🚩
हे भगवन आपके पावन श्री चरणों में दंडवत प्रणाम
Mahraji Keep Charmino me Paranam Jail Sits Ram
Guru Ji mera Pranam swikar karo
Ram
गुरु महाराज आपके चारणों में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम करता हूँ ! 🙏🌸
थॅउन
🌹🌹👏
महाराज जी के चरणों में स्वामी जी की आरती संमर्पित है
जय गुरु देव > th-cam.com/video/S2LWltFRjX8/w-d-xo.html
Kya swami ji se milne kisi samay jaya jata sakta hai
पूज्य श्री आप अपने द्वारा एक तरफ तो यह कहते है कि ब्रह्मा विष्णु शिव यह सब देवताएं है और फिर आप कहते हैं कि उमा कहू अनुभव अपना सत् हरि भजन जगत् सब सपना आदि आदि श्री राम चरित्र मानस को लेकर उपदेश देते हैं जब कि यह एक चरित्र हैं और वह भी देहाती भाषा में है क्या शंकर जी भी देहाती भाषा बोलते हैं ? या फिर यह सिर्फ तुलसी दास की निजी भाषा है ? सुना तो यह जाता है कि देवताओं की भाषा सिर्फ संस्कृत है और संस्कृत आदि भाषा है और शंकर जी भी आदि है वह कलयुगी भाषा कैसे बोल सकते हैं ? श्री राम चरित्र मानस एक ग्वार व्यक्ति की भाषा में है जिसका कोई महत्व नहीं है और श्री राम चरित्र मानस पदम पुराण से लिया गया है और उसमे श्री राम का पूर्ण चरित्र का वर्णन नहीं है लव कुश जन्म का वाल्मिक रिषि आश्रम का और लंका से वापस आते समय रास्ते में एक हाटकेश्वर लिंग तिर्थ आता है जिसके उपर होकर पुष्पक विमान जा रहा था किन्तु वह वही पर रुक गया था कारण जानने बाद सभी लोग नीचे उतरे और श्री राम लक्ष्मण सीता आदि ने अपने हाथ से अलग अलग शिव लिंग की स्थापना कर पूजन किया उसके बाद विमान आगे बढ़ सका था क्योंकि इस पृथ्वी पर हाटकेश्वर लिंग पाताल से प्रगट हुए हैं और यह तिर्थ पृथ्वी पर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ऐसे कई उदाहरण हैं जो कि श्री राम चरित्र मानस में नहीं लिखा है ग्वारों की भाषा को मान्यता दी जा रही हैं
❤❤ ओम श्री सतगुरु देवाय नमः ❤❤
स्वामी जी भगवान शिव को बारंबार प्रणाम ❤️🙏 प्रणाम
Om om om
Om shri sadgurudev Bhagwan ki jai
Jai guru dev 🙏🏻
🌹🌹👏
स्वामी जी भगवान शिव को बारंबार प्रणाम ❤️🙏 प्रणाम
Jai guru dev 🙏🏻
Omom omom omom omom omom omom
स्वामी जी भगवान शिव को बारंबार प्रणाम ❤️🙏 प्रणाम