आपको मिलकर हमे खुशी हुई
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- เผยแพร่เมื่อ 20 เม.ย. 2024
- आज पुणे से 35 किलोमीटर दूर तलेगांव के आसपास बेलज गांव में जहां पर हमारे छत्तीसगढ़ के स्वामी प्रेम उत्थान और साधना मां की सुपुत्री मा प्रेम अनुराधा और उनके पतिदेव भावी संन्यासी विनय राही ने पौने दो एकड़ में एक कैंपेन की जगह बनाई है जहां पर हम दो दिन से रुके हुए हैं नदी के किनारे आनंद मना रहे हैं मेरे साथ मा प्रेम सुगंधा और प्रशांत स्वामी जी बहुत ही सुकून से यहां बैठे हैं, यह गीत दो दिन पहले एक स्वामी जी के घर लिखा था उनकी दो महीने की नाती जिसका नाम खुशी है, जिसको 9 महीने तक गर्भ में ओशो के प्रवचन और संगीत सुनाये गए और जब उसकी मां गर्भवती थी तो पूना कम्यून में ओशो की समाधि में मौन में भी बैठकर आई थी, सवा दो महीने की बच्ची को देखकर इतना आनंद हुआ इतनी खुशी हुई क्योंकि उसका नाम भी खुशी है, ओशो की नजर से मां-बाप अगर ध्यान में डूबे हों और 9 महीने गर्भ में पल रहे बच्चे को सत्संग के माहौल में रखा जाए तो एक दिव्य चेतना का अवतरण होता है, वह खुशी को देखकर हमें मिला, खुशी के कारण से यह गीत बना आपको भी मैं शेयर कर रहा हूं बहुत-बहुत धन्यवाद
स्वामी गोपाल भारती के प्रणाम
Thank you so much for your love and blessings .🙏😇