• कुंडलिनी जाग्रत होने के बाद “कुंडलिनी जाग्रत” का प्रश्न नहीं रहता। जब आत्मबोध हो जाता है, तब साधना का लक्ष्य ही पूर्ण हो जाता है। • जिसे चाहते हो, उसे पाने में ही आनंद है। लेकिन जब भगवान का प्रेम मिल जाता है, तब पाने की कोई लालसा ही नहीं रहती। • अभ्यासयोग द्वारा मन को एकाग्र करना होगा। मन को स्थिर किए बिना आत्मज्ञान संभव नहीं। • आत्मस्थिति के लिए “आनंद-निरानंद” दोनों से परे जाना होगा। जब साधक इस स्थिति को प्राप्त करता है, तो वह किसी भी अवस्था में स्थिर और शांत रहता है। • भगवान का नाम लेने से तुम आनंद पाते हो, लेकिन भगवान को किसी की आवश्यकता नहीं। वह पूर्ण हैं, लेकिन भक्तों के प्रेम के कारण वे स्वयं को उनकी ओर आकर्षित करते हैं। • संतान के कल्याण के लिए जो आवश्यक कोटा है, वह भगवान स्वयं करते हैं। इसलिए माता-पिता को निश्चिंत रहना चाहिए और धर्मयुक्त कर्म करना चाहिए। • गुरुकृपा से सब कुछ संभव है। यह सबसे बलशाली तत्व है, क्योंकि गुरु स्वयं ईश्वर का प्रतिनिधित्व करते हैं। • साधना का अर्थ है “अपनी कृपा”। जब साधक अपने भीतर की शक्ति को जाग्रत करता है, तब वही शक्ति उसकी रक्षा करती है। • बिना आदेश के गुरु का काम करना ही गुरुसेवा है। जब शिष्य अपने स्वार्थ से परे जाकर सेवा करता है, तब वह सच्चे गुरुसेवक की श्रेणी में आता है। • अक्षर ब्रह्म अभेद है। वह न तो सीमित है, न ही किसी स्वरूप में बंधा हुआ है, लेकिन आवश्यकता अनुसार भगवान सब व्यवस्था कर देते हैं। • गुरु शक्तिपात और गुरुकृपा एक ही हैं। गुरु कृपा करके ही शक्तिपात (आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार) करते हैं और साधक को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करते हैं। 🙏🏼🙏🏼♥️♥️
@@shivswaroopshrivastava8545Maa Sharnam ashram is in omkareshwar, madhya pradesh.swami gurusharananand ji wahi h.indore ashram me swami kedarnath baba h.Jai Maa.
RAM Narayan ram
🕉️🙏🕉️सदगुरुमां आपको हमेशा मेरे नित्य निरंतर बारम्बार कोटि कोटि साष्टांग दंडवत प्रणाम जी🕉️🙏🕉️
ìiiìiiiiiììiiìiììiìiìì77⁸
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
Shri Shri Anandamoyee Maat Ki Jai
जय मां आनंदमयि🙏🌷🌷
Jay maa🙏🙏🙏🙏
ये सब संदेहास्पद ।है
Jai maa Jai maa 🙏 🙏🙏
🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻🌺🙏🏻
Thanks. Jai Ma 🙏🏻 🙏🏻
माँ........... गुरु कृपा....से ही सब कुछ होता है ।
Radhe Radhe
Thanks very nice
जय श्री सीताराम
Jai guru maharaj 🏡🏡⛳⛳⛳ jai guru maharaj
Maa 🌼🌼
pranaam maa!!
Joy maa Joy shankar
जय माँ
Jay Jagannath 🙏🏻 Maa ki charono me koti koti pranam 🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Maa maa maa maa maa maa maa
Excellent
जय माँ🌺👏
Jai Maa Anandamayi
Most Respected Shree ANANDMAI MA JI KO please accept my personal parnam MA please bless me nirantar nam jap ka ashirvad
Jai shree krishna
Jai mata di 🙏🏻
Harday se dhanyaad
I KNOW THAT 💓💞😇
Brahmh murth pe vidio baaye
• कुंडलिनी जाग्रत होने के बाद “कुंडलिनी जाग्रत” का प्रश्न नहीं रहता। जब आत्मबोध हो जाता है, तब साधना का लक्ष्य ही पूर्ण हो जाता है।
• जिसे चाहते हो, उसे पाने में ही आनंद है। लेकिन जब भगवान का प्रेम मिल जाता है, तब पाने की कोई लालसा ही नहीं रहती।
• अभ्यासयोग द्वारा मन को एकाग्र करना होगा। मन को स्थिर किए बिना आत्मज्ञान संभव नहीं।
• आत्मस्थिति के लिए “आनंद-निरानंद” दोनों से परे जाना होगा। जब साधक इस स्थिति को प्राप्त करता है, तो वह किसी भी अवस्था में स्थिर और शांत रहता है।
• भगवान का नाम लेने से तुम आनंद पाते हो, लेकिन भगवान को किसी की आवश्यकता नहीं। वह पूर्ण हैं, लेकिन भक्तों के प्रेम के कारण वे स्वयं को उनकी ओर आकर्षित करते हैं।
• संतान के कल्याण के लिए जो आवश्यक कोटा है, वह भगवान स्वयं करते हैं। इसलिए माता-पिता को निश्चिंत रहना चाहिए और धर्मयुक्त कर्म करना चाहिए।
• गुरुकृपा से सब कुछ संभव है। यह सबसे बलशाली तत्व है, क्योंकि गुरु स्वयं ईश्वर का प्रतिनिधित्व करते हैं।
• साधना का अर्थ है “अपनी कृपा”। जब साधक अपने भीतर की शक्ति को जाग्रत करता है, तब वही शक्ति उसकी रक्षा करती है।
• बिना आदेश के गुरु का काम करना ही गुरुसेवा है। जब शिष्य अपने स्वार्थ से परे जाकर सेवा करता है, तब वह सच्चे गुरुसेवक की श्रेणी में आता है।
• अक्षर ब्रह्म अभेद है। वह न तो सीमित है, न ही किसी स्वरूप में बंधा हुआ है, लेकिन आवश्यकता अनुसार भगवान सब व्यवस्था कर देते हैं।
• गुरु शक्तिपात और गुरुकृपा एक ही हैं। गुरु कृपा करके ही शक्तिपात (आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार) करते हैं और साधक को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करते हैं। 🙏🏼🙏🏼♥️♥️
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என் பெயர் சிவ லதா காஞ்சிபுரம் அம்மாவின் இறுதி ஆசை சிவ பூஜை பூர்த்தி செய்யாதது என்ன அவங்க ஆசை என்ன என்றஎனக்கு தெரிவிக்கவும்
मां आनंद मयी माता काआश्रम का पता सम्पर्क नम्बर देने कि कृपा करें,,,
@@shivswaroopshrivastava8545Maa Sharnam ashram is in omkareshwar, madhya pradesh.swami gurusharananand ji wahi h.indore ashram me swami kedarnath baba h.Jai Maa.
Ma anandamayi ashram kankhal haridwar
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