Kuch Ishq Kiya Kuch Kaam Kiya - Piyush Mishra
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- เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
- वो काम भला क्या काम हुआ
जिस काम का बोझा सर पे हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिस इश्क़ का चर्चा घर पे हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो मटर सरीखा हल्का हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना दूर तहलका हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना जान रगड़ती हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना बात बिगड़ती हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें साला दिल रो जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो आसानी से ही जाए
वो काम भला क्या काम हुआ
जो मज़ा नहीं दे व्हिस्की का
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना मौक़ा सिसकी का
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसकी ना शक्ल ‘इबादत’ हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसकी दरकार ‘इजाज़त’ हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो कहे ‘घूम और ठग ले बे’
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो कहे ‘चूम और भग ले बे’
वो काम भला क्या काम हुआ
कि मज़दूरी का धोखा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मजबूरी का मौक़ा हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना ठसक सिकंदर की
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना ठरक हो अंदर की
वो काम भला क्या काम हुआ
जो कड़वी घूँट सरीखा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो सबकी सुन के होता हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो ‘वातानुकूलति’ हो बस
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ‘हाँफ़ के कर दे चित’ बस
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना ढेर पसीना हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ना भीगा ना झीना हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें ना लहू महकता हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो इक चुंबन में थकता हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें अमरीका बाप बने
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो वियतनाम का शाप बने
वो काम भला क्या काम हुआ
जो बिन लादेन को भा जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो चबा... ‘मुशर्रफ़’ खा जाए
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें संसद की रंगरलियाँ
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो रँगे गोधरा की गलियाँ
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसका सामाँ ख़ुद ‘बुश’ हो ले
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो एटम बम से ख़ुश हो ले
वो काम भला क्या काम हुआ
जो 'दुबई... फ़ोन पे' हो जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मुंबई आ के 'खो' जाए
वो काम भला क्या काम हुआ
जो ‘जिम’ के बिना अधूरा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो हीरो बन के पूरा हो
वो काम भला क्या काम हुआ
कि सुस्त ज़िंदगी हरी लगे
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि 'लेडी मॅकबैथ' परी लगे
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें चीख़ों की आशा हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मज़हब, रंग और भाषा हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो ना अंदर की ख़्वाहिश हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो पब्लिक की फ़रमाइश हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो कम्प्यूटर पे खट्-खट् हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना चिट्ठी ना ख़त हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जिसमें सरकार हज़ूरी हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ललकार ज़रूरी हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो नहीं अकेले दम पे हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ख़तम एक चुंबन पे हो
वो काम भला क्या काम हुआ
कि ‘हाथ जकड़ गई उँगली बस’
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि ‘हाय पकड़ ली उँगली बस’
वो काम भला क्या काम हुआ
कि मनों उबासी मल दी हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें जल्दी ही जल्दी हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो ना साला आनंद से हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो नहीं विवेकानंद से हो
वो काम भला क्या काम हुआ
जो चंद्रशेखर आज़ाद ना हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो भगत सिंह की याद ना हो
वो काम भला क्या काम हुआ
कि पाक ज़ुबाँ फ़रमान ना हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो गांधी का अरमान ना हो
वो काम भला क्या काम हुआ
कि खाद में नफ़रत बो दूँ मैं
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि हसरत बोले रो दूँ मैं
वो काम भला क्या काम हुआ
कि खट्ट तसल्ली हो जाए
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि दिल ना टल्ली हो जाए
वो काम भला क्या काम हुआ
इंसान की नीयत ठंडी हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि जज़्बातों में मंदी हो
वो काम भला क्या काम हुआ
कि क़िस्मत यार पटक मारे
वो इश्क़ भला कया इश्क़ हुआ
कि दिल मारे ना चटखारे
वो काम भला क्या काम हुआ
कि कहीं कोई भी तर्क नहीं
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि कढ़ी खीर में फ़र्क़ नहीं
वो काम भला क्या काम हुआ
चंगेज़ ख़ान को छोड़ दें हम
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
इक और बाबरी तोड़ दें हम
वो काम भला क्या काम हुआ
कि आदम बोले मैं ऊँचा
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि हव्वा के घर में सूखा
वो काम भला क्या काम हुआ
कि एक्टिंग थोड़ी झूल के हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मारलन ब्रांडो भूल के हो
वो काम भला क्या काम हुआ
‘परफ़ार्मेंस’ अपने बाप का घर
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि मॉडल बोले मैं ‘एक्टर’
वो काम भला क्या काम हुआ
कि टट्टी में भी फ़ैक्स मिले
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि भट्ठी में भी सेक्स मिले
वो काम भला क्या काम हुआ
हर एक ‘बॉब डी नीरो’ हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि निपट चूतिया हीरो हो
Piyush Ji pta nhi kaisa muje pta chljata ki apne kuch dala h...post kiya turant aajata hu 😄
Charansparsh Guruji 🙏🏻♥️
Waah waah waah♥️
What an inspiration you are, Sir 🙏😍👌
Guru ji aap mahaan ho 😊
Wo ishq bhala kya ishq hua jo aasaani se ho jaye..❤❤🎉🎉
💎💎💎💎all time favourite
Sir❤️
Waah waah..!
Atttttt aa 22jiiiiii....
Amazing 🙏🙏🙏👏👏👏👏
You are my fav ❤
Waah
Helmet ❤❤
You're so talented sir 🙏🏻
👁️
Guruji aap ho bade gyani ,badi aasani se aksharon se khelto khud to ulajate ho humein bhi ulja deto ho, bhuri tarah
G A J A B ho G U R U
Wah sir ji
Wah ❤️
Big fan sir❤️🙏
Waah 👌👌
❤❤
Big fan sirrr
फैज़ की शायरी का जवाब सस्ती पॉप बकचोदी से ....जियो मिसिर
PM sahab ❤️
Love 💞 you Piyush Mishra ji
Jis kavi ki Kalpana me zindagi ho prem geet us kavi ko aaj tum nakar do
❤️❤️❤️❤️
बिगड़ना कहीं नहीं है फैज़ की नज़्म में
Sir, want to see your live show. ❤
2:42 - defined rape/molestation in poetic way.
Ps- I love his work. But that doesn't mean will praise every line and ideology blindly
❤
How to book concert tickets... Plzzz tell me anyone...
From 2050
piyush sir, can you please upload the song "hamlet" on your channel. I heard it on marathi literature festival but the video got copyrighted by your channel , can you please upload it on your channel atleast.
Sir mere ko ek bar app se milna hai bsss
🌸
Thanks🙏🙏
☺️🥺😔
चौकस रहो कि, कोई तुम्हें उस तत्व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न कर ले, जो मनुष्यों के परंपरागत मत और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार है पर मसीहा के अनुसार नहीं। कुलुस्सियों-02:08 🙏😊❤️
Sir pata nahi aap mera comment padhoge bhi ya nahi bas me yahi janana chahata hu ki aap jo likhate ho uske liye jis gaharai Tak utarte ho kya me kabhi wo samajh bhi paunga ya nahi
Nai
Ishq kro bhai
Tbb sb samajh aaya
This has only 27 views ,If not this, what on earth people are addicted to ?
You need to your quality of Scotland Socth
tooot gaya mai to saab
साहब, बड़ी मुश्किल होती है आपके कहे अल्फ़ाज़ों को सुन कर समझने में। शुक्र है आपकी नज़्म वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखी हुई है। सूरज को दिया नहीं दिखाना चाहते लेकिन थोड़ा सा धीमे डिलीवर करें अल्फ़ाज़ों को तो सुनने में और मज़ा आए।
Today this person is a fascist long journey lol
Wah ❤
❤️❤️
❤
❤❤❤