गुड़ बनाने का सबसे देसी तरीका देखकर आपको मजा आ जाएगा!

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  • เผยแพร่เมื่อ 14 ต.ค. 2024
  • छठ ,गुड़ और गन्ना!
    #आवाज_एक_पहल
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    28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ पूर्वांचल में महापर्व छठ का अगाज गया है। इस पर्व में गुड़ का विशेष महत्व होता है। छठ में बनने वाले प्रसाद का सबसे प्रमुख भाग ठेकुआ होता है जिसे आटे और गुड़ को मिलाकर बनाया जाता है। खरना के दिन छठ व्रती के लिए बनाए जाने वाले खीर में गुड़ का इस्तेमाल करना अति आवश्यक होता है। छठ घाट पर गन्ना सर्व सुलभ दिखते हैं।
    फिलहाल हम अपने गांव में हैं और
    हमारा गांव (कटारी, बिक्रम) गुड़ उत्पादन के लिए मशहूर रहा है!
    तीन-चार दशक पूर्व बिहार और यूपी का हर इलाका गन्ना और गुड़ के लिए मशहूर हुआ करता थे। हर जिले में चीनी मिल थे । किसानों के गन्ना आसानी से बिक जाते थे ।काफी लोगों को रोजगार मिला हुआ था ।
    90 के दशक के बाद एक-एक करके सारे चीनी मिल बंद होते हैं। बिहार में कभी 28 चीनी मिल हुआ करते थे ।बिहारियों को गुमान था कि पूरे देश का 80 प्रतिशत चीनी का उत्पादन सिर्फ हमारे राज्य में ही होता है। यह गुमान चकनाचूर होते ज्यादा देर नहीं लगी। फिलहाल बिहार में 10-11 चीनी मिल गतिशील है जो चंपारण के आसपास के इलाकों में सिमटे हुए हैं। बाकी जिले के किसानों का गन्ना बिकना बंद हो गया हैं। वो सब मजबूरन किसी अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने लगे हैं।
    हमारे गांव में आज भी गन्ने की खेती बहुतायत में हैं।बहुत सारे व्यापारी जूस निकालने के लिए खरीद ले जाते हैं।
    कुछ लोग इसका गुड़ बनाकर भी बेचते हैं। कुल मिलाकर ठीक-ठाक स्थिति है गन्ना किसानों की।
    जहां तक गुड़ की बात है तो यह बेहद है सेहतमंद चीज है ।हालांकि ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल सिर्फ छठ के दौरान ही करते हैं इस कारण से इसका मूल्य भी समय काफी बढ़ा हुआ रहता है। इस साल की हालात है कि हमारे गांव में गुड लगभग डेढ़ सौ रुपए किलो बिक रहा है और लोग खरीदने के लिए वेट कर रहे है।
    ऐसा कहा जाता है की प्रकृति ने हर चीज को बेहद सलीके से बनाया है अब जब गुड़ की बात हो रही है तो प्रकृति की खूबसूरती देखिए । दरअसल गुड़ बेसिकली लोग ठंड के आगमन से पूर्व बनाना शुरु कर देते हैं और आपको जानकर हैरानी होगी कि गुड़ ठंड के मौसम के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। ठंड के मौसम में लोगों को जोड़ें की दर्द की शिकायत रहती है ,सर्दी जुकाम से लोग ग्रसित होते हैं ,अपच की समस्या होती है और साथ ही ब्लड प्रेशर वाले लोगों को भी काफी झेलना पड़ता है। गुड़ इन सभी समस्याओं का ईकलौता समाधान है ।
    गुड़ के फायदे
    जोड़ो में ना होने दे दर्द-
    सर्दियां आते ही लोगों को जोड़ो के दर्द की शिकायत होने लगती है। गुड़ आपको इस दर्द से राहत दिलाता है। आप गुड़ को अदरक के साथ खा सकते हैं या चाहे तो एक ग्लास दूध के साथ भी आप इसे ले सकते हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाता है।
    त्वचा के लिए-
    गुड़ खाने से त्वचा संबंधी रोगों से निजात मिलती है। साथ ही मुंहासों की शिकायत भी नहीं रहती और त्वचा में निखार आता है।
    आसानी से पचाता है खाना-
    गुड़ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसे खाने से पेट में गैस नहीं बनती और ना ही कब्ज की शिकायत रहती है।
    गले की खराश करे दूर-
    गुड़ को अदरक के साथ गर्म करके खाने से गले की खराश दूर होती है।
    लिवर के लिए-
    ये हमारे खून से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालता है और शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर बनाता है। इससे हमारा लिवर स्वास्थ बना रहता है।
    आयरन का स्त्रोत-
    गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। एनिमिया से ग्रस्त लोगों के लिए ये बहुत फायदेमंद रहता है।
    मिटाए थकान-
    जब भी आप थकान महसूस करें तो गुड़ खा लें। ये हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
    दमा मरीजों के लिए-
    गुड़ में एंटी एलर्जिक गुण पाए जाते हैं। इस वजह से ये अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। आप गुड़ और तिल के लड्डू बनाकर खा सकते हैं। साथ ही ये शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है।
    पीरिड्स के दर्द से राहत-
    पीरिड्स के दौरान अक्सर महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। गुड़ का सेवन आपको इस चिड़-चिड़ेपन से दूर रखता है और दर्द से भी राहत दिलाता है।
    कान का दर्द मिटाए-
    गुड़ को घी के साथ गर्म करके खाएं इससे कान का दर्द छूमंतर हो जाएगा।
    ब्लड प्रेशर करे नियंत्रित-
    गुड़ में सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं। ये शरीर में एसिड की मात्रा को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं जिस वजह से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है।
    सर्दी-जुकाम-
    गुड़ में एंटी-ऑक्सीडेंट और मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। इसके सेवन से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से राहत मिलती है।
    ©लवकुश
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