टिकैत ने बजट को 10 में से 1.5 अंक क्यों दिया?
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- เผยแพร่เมื่อ 15 ต.ค. 2024
- भारत किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बजट ने किसानों को "खाली हाथ" छोड़ दिया है। न एमएसपी गारंटी कानून का जिक्र है, न ही किसानों की कर्जमाफी का। कुल 48 लाख करोड रुपये के बजट में देश की अर्थव्यवस्था की धुरी किसानों के हिस्से में केवल 1.52 लाख करोड़ रुपये आए। देश की 65 प्रतिशत आबादी को सिर्फ 3 प्रतिशत बजट में सीमित कर दिया। यह ग्रामीण भारत के साथ सबसे बड़ा भेदभाव है। राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार जलवायु अनुकूल किस्मों और उत्पादकता बढ़ाने के नाम पर बड़े कॉरपोरेट्स को खेती में लेकर आना चाहती है।
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किसानों के लिए निराशाजनक बजट
जय किसान
फिर किसानों के हाथ खाली
राकेश टिकैत ने केंद्रीय बजट को 10 में से डेढ़ नंबर क्यों दिया?
कृषि से जुड़ी कई योजनाओं का बजट घटा है
कभी-कभार सकारात्मक सोच भी रखनी चाहिए । देश की आजादी के बाद से अधिकांश मन्त्री किसान परिवार से ही आये /आते है इसी प्रकार से कृषि वैज्ञानिक भी अधिकांश गांव से आते है।लेकिन वार्तालाप उत्साहपूर्ण है।
Rakkesh ko do se neeche ki hi ginti aati h.
देश के लिऐ मोदी ही बेहतर
पूंजीपतियों की सरकार है bjp