प्रभु राम से बैर न करने के लिए रावण के पुत्र प्रहस्त की सीख!

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 พ.ค. 2024
  • आज के प्रसंग में सेनासहित भगवान राम समुद्र पार।रावण अन्तर्मन है भयभीत।मंदोदरी ने साम दाम दण्ड भेद के अनुसार रघुवंश की नीति व मर्यादा का बखान किया।प्रहस्त रावण के पुत्र ने भी नीतिगत तथ्यों है सविस्तार प्रभु महिमा का बखान किया। रावन को टस से मस नहीं।वह बातों को टालने की कोशिश करता है।तब मंदोदरी समझ जाती है कि रावण की बुद्धि विपरीत हो ग ई है।जाको पर।रभु दुःख देते ताकी मति पज्ञले हर लेते ।यही राम लीला है ।

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