Mashallah Alhamdulillah bahut hi mukhtasar Jame oa motadil andaz me aap ne history of Karbala ko bayan kiya Allah se duwa hai ki hum sab ko kamyabi se nwaze ameen
विश्वबैंक के अनुसार महिलाओं वर्क पार्टिसिपेशन रेट..... इंडिया-22% सऊदी अरब-23% पाकिस्तान-23% अफ़ग़ानिस्तान-23% मालदीव-43% बांग्लादेश-38% श्रीलंका-38% इंडोनेशिया-56% कुवैत-52% नेपाल-85% भूटान 62% लीबिया-36% मलेशिया-55% ब्रूनेई-60% इन सारे देशों के महिलाओं का वर्क पार्टिसिपेशन रेट हमसे बेहतर है।ज्यादातर देश हमारे पड़ोसी है और उनमें भी जहां की महिलाओं ज्यादा कपड़े पहनती हैं वो हैं। सऊदी में 2020 के चौथी तिमाही में महिलाओं का वर्क पार्टिसिपेशन रेट करीब 32%रहा है मतलब कि तेजी से सुधार हो रहा है। इन देशों में अगर महिलाएं ज्यादा काम कर रही हैं तो ज्यादा सक्षम होंगी आर्थिक तौर पर....इसकी वजह से फैसले प्रभावित करने की क्षमता भी अधिक होगी। अकसर सऊदी की आलोचना की जाती है महिलाओं को लेकर जबकि वहां कि महिलाएं हमारे यहां कि महिलाओं से ज्यादा काम करती है,ज्यादा अमीर है, ज्यादा बेहतर शिक्षा है, ज्यादा बेहतर हेल्थ एक्सेस है, कम मातृ मृत्युदर है, कम बाल मृत्युदर है, उनके पास आपसे ज्यादा भौतिक सुविधा है। सऊदी में लोकतंत्र नहीं है इसलिए सामाजिक रूप से आज़ादी कम है और उसी अनुपात में महिलाओं की भी कम है... सऊदी के शूरा के 150 सदस्य में 30 महिलाएं हैं जो कि 20%हिस्सा है हमारे यहां लोकतंत्र है इसके बावजूद हमारे यहां पार्लियामेंट में सिर्फ 12% ही महिलाएं हैं। जिस तेजी से सुधार हो रहा है वो काबिलेतारीफ है और आने वाले टाइम पर उनका इंडेक्स बेहतर होता चला जायेगा। हमारे देश मे 2005 में महिलाओं का वर्क पार्टिसिपेशन रेट 26% था जबकि आज सिर्फ 22% है.......खुद ही सोचिए कि जब दुनियाभर में बढ़ रहा है तो हमारे यहां घट क्यों रहा है।इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। इस बात को दिमाग से हटा दीजिए कि कपड़े की लंबाई से विकास तय होता है कि.....महिलाओ का जितना छोटा कपड़ा उतना विकास। यह मानसिक दिवालियापन से ज्यादा कुछ भी नहीं है… विश्व बैंक के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के महिलाओं का भी वर्क पार्टिसिपेशन रेट हमसे ज्यादा है और आप खुद की महिलाओं को छोड़कर उनकी महिलाओं के फिक्र में दुबले हुए जा रहें हैं। बाकी डेटा गूगल कर लीजिये। (विश्वबैंक के डेटा का लिंक कमेंट में) . वाया: इरफान ज़िबरान
حضرت امام حسین رضہ کا مقام ومنزلت اپنی جگہ اہل بیت کی قدر اور محبت سبھی مسلمانوں کو ھے اور ھونی ھی چاہئے اسی محبت کے تقاضے کے تحت جلیل القدر صحابہ کرام ( عبداللہ بن زبیر عبداللہ بن عمر رض وغیرہ ) کے روکنے کے باوجود تیاری کے بغیر وقت کی سب سے بڑی مسلح طاقتور حکومت سے بے سروسامان صرف ٧٢ لوگوں ( عورتوں اوربچوں کو ملا کر ) کا خروج کرنا کیا عقلمندی تھی ؟ ایسے میں جو ھونا تھا وہ ھوا ۔ اس واقعہ سے اور اسی طرح کے اور دوسرے واقعات سے مسلمانوں کو سبق لینی چاہیے ۔مگر نہیں لیتے ۔ تاریخ کا سب سے بڑا سبق یہ ہے کہ لوگ تاریخ سے سبق نہیں لیتے اور بار بار یہی غلطی کرتےرہتے ہیں کہ تیاری کے بغیر خود سے کہیں زیادہ طاقت ور سے ٹکرا جاتے ہیں اور بار بار برباد ہوتے رہتے ہیں ۔ اللاہ مسلمانوں کو عقل دے ۔ آمین !
السلام علیکم ورحمۃ اللہ وبرکاتہ حضرت مولانا شمس تبریز قاسمی آج دس محرم الحرام کے عنوان جو تقریر ہے آپ کی کیا آپ اس کا حوالہ بتا سکتے ہیں برائے مہربانی آپ مجھے جلد سے جلد اسکا جواب دے کر شکریہ کا موقع دیں
Imam e Hussain raziallahu anhu ko Shahid yazeed paleed ke hukm se hua tha is lie kiyuki us ne Shahid karne walo ko koi saza nahi diya uski Mo hamooshi hukm sabit karti hai Imam e Hussain ke Shahid hone ke bad yazeed ghabra gaya islie usne ahle bait ke sath majboori me husne sulook karne laga
Rasool Allah ke buchho betiyo unkay olad kay kutay suro ko nayzo pur or aik shaher say dusray shaher bazaro or durbaro may zalil kiya gya ye aap kay sahaba or khulfa mawaya kay buchao nay kiya fir bhe mawya mera sahabi lanutuala ya razi allah ye puri sazish ka zimmadar ummat ka mamu tha yazeed kay Mohib inlay chailo pay lanut beshumar
حضرت امیر معاویہ رضہ اللہ اور حضرت امام حسین رضہ اللہ دونوں نے مسلمانوں کو بہت نقسان پہچایا ھے ایک نے اپنے بیٹے یزید پلید کو بادشاہ بنا کر اور دوسرے نے شہید ھو کر ۔ آہ۔ !
Mashallah Alhamdulillah bahut hi mukhtasar Jame oa motadil andaz me aap ne history of Karbala ko bayan kiya Allah se duwa hai ki hum sab ko kamyabi se nwaze ameen
جزاک اللہِ خیراً کثیرا
ماشاءاللہ بہت خوب بھائی
Mashaallah bohot khub.....
*ham dua karte he in sha allah zarur aapki tamannah (midia house ) banane ki allah puri kare ga..
Amin.
ماشاءاللہ بہت اچھا
ماشاءاللہ
مختصر وقت میں موضوع کو سمیٹ دیئے
Masha Allah super job bhai jaan
Masha Allah S hamse. Tabrez bhai. Jazakalla.. Bahut ache. Andaz me apne. Immam. Husain ke shaid hone ka qissa byan kiya.
Zindabaad
،
ماشاء الله
Walkumasslam
Bahut khoob
Thanks
Masha Allah
Hajrat imam Hussein radi allahu tala anhu
Good message Muharram tabrez bhai
❤❤❤
Mashallah bahut khub
Very Nice
विश्वबैंक के अनुसार महिलाओं वर्क पार्टिसिपेशन रेट.....
इंडिया-22%
सऊदी अरब-23%
पाकिस्तान-23%
अफ़ग़ानिस्तान-23%
मालदीव-43%
बांग्लादेश-38%
श्रीलंका-38%
इंडोनेशिया-56%
कुवैत-52%
नेपाल-85%
भूटान 62%
लीबिया-36%
मलेशिया-55%
ब्रूनेई-60%
इन सारे देशों के महिलाओं का वर्क पार्टिसिपेशन रेट हमसे बेहतर है।ज्यादातर देश हमारे पड़ोसी है और उनमें भी जहां की महिलाओं ज्यादा कपड़े पहनती हैं वो हैं।
सऊदी में 2020 के चौथी तिमाही में महिलाओं का वर्क पार्टिसिपेशन रेट करीब 32%रहा है मतलब कि तेजी से सुधार हो रहा है।
इन देशों में अगर महिलाएं ज्यादा काम कर रही हैं तो ज्यादा सक्षम होंगी आर्थिक तौर पर....इसकी वजह से फैसले प्रभावित करने की क्षमता भी अधिक होगी।
अकसर सऊदी की आलोचना की जाती है महिलाओं को लेकर जबकि वहां कि महिलाएं हमारे यहां कि महिलाओं से ज्यादा काम करती है,ज्यादा अमीर है, ज्यादा बेहतर शिक्षा है, ज्यादा बेहतर हेल्थ एक्सेस है, कम मातृ मृत्युदर है, कम बाल मृत्युदर है, उनके पास आपसे ज्यादा भौतिक सुविधा है।
सऊदी में लोकतंत्र नहीं है इसलिए सामाजिक रूप से आज़ादी कम है और उसी अनुपात में महिलाओं की भी कम है...
सऊदी के शूरा के 150 सदस्य में 30 महिलाएं हैं जो कि 20%हिस्सा है हमारे यहां लोकतंत्र है इसके बावजूद हमारे यहां पार्लियामेंट में सिर्फ 12% ही महिलाएं हैं।
जिस तेजी से सुधार हो रहा है वो काबिलेतारीफ है और आने वाले टाइम पर उनका इंडेक्स बेहतर होता चला जायेगा।
हमारे देश मे 2005 में महिलाओं का वर्क पार्टिसिपेशन रेट 26% था जबकि आज सिर्फ 22% है.......खुद ही सोचिए कि जब दुनियाभर में बढ़ रहा है तो हमारे यहां घट क्यों रहा है।इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
इस बात को दिमाग से हटा दीजिए कि कपड़े की लंबाई से विकास तय होता है कि.....महिलाओ का जितना छोटा कपड़ा उतना विकास। यह मानसिक दिवालियापन से ज्यादा कुछ भी नहीं है…
विश्व बैंक के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के महिलाओं का भी वर्क पार्टिसिपेशन रेट हमसे ज्यादा है और आप खुद की महिलाओं को छोड़कर उनकी महिलाओं के फिक्र में दुबले हुए जा रहें हैं।
बाकी डेटा गूगल कर लीजिये।
(विश्वबैंक के डेटा का लिंक कमेंट में)
.
वाया: इरफान ज़िबरान
Mawya or yazeed kay chahnay walay bhe muslman he hay or kyamut tuk ummat e Mohammad me intshaar paida kurtay rukhay gay
حضرت امام حسین رضہ کا مقام ومنزلت اپنی جگہ اہل بیت کی قدر اور محبت سبھی مسلمانوں کو ھے اور ھونی ھی چاہئے اسی محبت کے تقاضے کے تحت جلیل القدر صحابہ کرام ( عبداللہ بن زبیر عبداللہ بن عمر رض وغیرہ ) کے روکنے کے باوجود تیاری کے بغیر وقت کی سب سے بڑی مسلح طاقتور حکومت سے بے سروسامان صرف ٧٢ لوگوں ( عورتوں اوربچوں کو ملا کر ) کا خروج کرنا کیا عقلمندی تھی ؟ ایسے میں جو ھونا تھا وہ ھوا ۔ اس واقعہ سے اور اسی طرح کے اور دوسرے واقعات سے مسلمانوں کو سبق لینی چاہیے ۔مگر نہیں لیتے ۔ تاریخ کا سب سے بڑا سبق یہ ہے کہ لوگ تاریخ سے سبق نہیں لیتے اور بار بار یہی غلطی کرتےرہتے ہیں کہ تیاری کے بغیر خود سے کہیں زیادہ طاقت ور سے ٹکرا جاتے ہیں اور بار بار برباد ہوتے رہتے ہیں ۔ اللاہ مسلمانوں کو عقل دے ۔ آمین !
MashaAllah ab jakar poori tareekh Ka pata chala
Poori tareekh aapko maulan ishaq and engineer Muhammad Ali Mirza se pat chalegi
السلام علیکم ورحمۃ اللہ وبرکاتہ حضرت مولانا شمس تبریز قاسمی آج دس محرم الحرام کے عنوان جو تقریر ہے آپ کی کیا آپ اس کا حوالہ بتا سکتے ہیں برائے مہربانی آپ مجھے جلد سے جلد اسکا جواب دے کر شکریہ کا موقع دیں
Ek aur karbala ki zarorath hai aaj aalame insaniyat ko
There's no victor or vanquished in a fatricidal war ! It's, infact, the Humanity alone, which gets bruised and brutalized !
I think ye purana video h
Kon kahta h k pani ko taraste the husen r.z
Un ke hoto ko tarasta raha pyasa pani
Astagfirullaah
Imam e Hussain raziallahu anhu ko Shahid yazeed paleed ke hukm se hua tha is lie kiyuki us ne Shahid karne walo ko koi saza nahi diya uski
Mo hamooshi hukm sabit karti hai
Imam e Hussain ke Shahid hone ke bad yazeed ghabra gaya islie usne ahle bait ke sath majboori me husne sulook karne laga
ohad k bhagodoth-cam.com/video/i6yfUtrIvoU/w-d-xo.html
ye dekho 👆kaese hal kiya tha
Katle husen asal me Marge yazid h
Islam zinda hota h har karbala ke bad
Rasool Allah ke buchho betiyo unkay olad kay kutay suro ko nayzo pur or aik shaher say dusray shaher bazaro or durbaro may zalil kiya gya ye aap kay sahaba or khulfa mawaya kay buchao nay kiya fir bhe mawya mera sahabi lanutuala ya razi allah ye puri sazish ka zimmadar ummat ka mamu tha yazeed kay Mohib inlay chailo pay lanut beshumar
Amir Mavia khalifa nahi the Kat khane wali hukumat ke badshah khud se bane the
حضرت امیر معاویہ رضہ اللہ اور حضرت امام حسین رضہ اللہ دونوں نے مسلمانوں کو بہت نقسان پہچایا ھے ایک نے اپنے بیٹے یزید پلید کو بادشاہ بنا کر اور دوسرے نے شہید ھو کر ۔ آہ۔ !
Kya kahani kra rhe ho 3 shart wali mustanad rivayaat se baat krna to tm logo k liye pta nhi kyo muskil hai...
Yaar aap apni bukwas bund kuro aap ko kuch puta nahi imam hussain ko apna anjaam puta tha koe shurt nahi ruki thi imam nay
Masha Allah