प्रणाम!बहुत अच्छा प्रयास है,आपका यह प्रयास श्लाघ्य है! प्राथमिक जानकारी उपयुक्त दी है! कुण्ड मण्डप सिद्धि नामक प्रामाणिक,व्यावहारिक व मार्मिक ग्रन्थ है यज्ञशाला निर्माण हेतु...अतः इस प्राथमिक विषय में और भी मूलभूत संशोधन अपेक्षित है! जैसे प्रधान कुण्ड और प्रधान पीठ,आग्नेयां मातृका देवी अर्थात मातृका स्थापन अग्नि में ही होंगे...षोडश,योगिनी दोनों इससे इतर विकल्प है। प्रधान कुण्ड(आचार्य कुण्ड) और प्रधान वेदी हेतु सूत्र है-- "आचार्यकुण्डमध्येस्यात् गौरीपतिमहेन्द्रयोः" जयजय!
आग्नेयाम् योगिनी वेदी नैऋत्यां वास्तुमंडलम् वायब्याम् क्षेत्र पालम् च ईशान्याम् च नवग्रहा़ मण्डल निर्धारण का यह नियम क्या शास्त्रोक्त विधि नहीं है हमारे यहां इसी नियम के अनुसार यज्ञ अनुष्ठान सम्पन्न कराये जाते हैं कृपया आचार्य महोदय आप इस पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए बताने का कष्ट करेंगे। जय ब्रह्म देव।
@@bhagirathjoshi मेरा नाम अमरजीत श्रीवास्तव है मै जानता हूं कि हवन यज्ञ जो सात्विक विधि से किया जाता है यदि पूरे विधि विधान से किया जाए तो वो सारे फल निश्चित प्राप्त होते है जो वेदों में शास्त्रों में पुराणों में तथा परम पूजनीय वंदनीय ऋषि मुनियों एवम् आचार्यों के द्वारा बतलाए गए है मगर बड़ी बड़ी संस्थाएं यज्ञ कुण्ड हवन सामग्री बेंच रहे है होता कुछ भी नहीं और नुकसान होता है जबकि हवन यज्ञ का मतलब अभी किया और अभी उसका रिजल्ट अर्थात शीघ्र फलदाई होता है और अनभिज्ञ लोग फल कि शुभता की इच्छा तथा कामना तो करते है परन्तु किसी को भी कोई फल प्राप्त नहीं होता है अपितु संकट बढ़ जाता है ये तो व्यापक विस्तृत और स्थूल बाते है इसके अतिरिक्त मुख्य बात तो सूक्ष्म स्तर की है जिनके कारण व्यक्ति को किसी भी पूजा का पाठ का जाप का कोई भी फल पूरी तरह से प्राप्त नहीं होता है अन्यथा आज भी यदि दोनों स्तरों को समझ कर सिर्फ एक कुण्डी यज्ञ कर दिया जाए तो उसका परिणाम उसका शुभ फल पूर्ण रूप से यथा वत मिल जाएगा इसमें किंचित मात्र भी संशय नहीं है मै आपसे बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुआ हूं पर अफसोस है की आप बहुत दूर रहते है और दूसरा आपका अनुग्रह मुझे मिल सके मुझे इसकी कोई आशा ही नहीं है क्योंकि आप विद्वान है शुद्ध आचार्य है और आपकी फीस ( पारितोषिक दक्षिणा ) का वहन कर पाना तो दूर की बात है मै तो ये सारी वस्तुएं भी नहीं जुटा सकता जिनके द्वारा हवन पूजन किया जाता है खैर इस कॉमेंट में हृदय से आत्मा से भावुक होकर बात करना मुझे उचित नहीं लगता क्योंकि मैंने जो सबक जिंदगी में सीखे है उनके अनुसार भावनाओ की सरलता की अच्छाई की कोई भी कीमत नहीं है लोग इस काल में सिर्फ और सिर्फ आसक्त है या तो धन के लिए या तो वासना के लिए या तो अभिमान कि लगातार वृद्धि करने में ये सब भी लोग अज्ञानता में कर रहे है मै कोई साधक नहीं हूं मै कोई पुजारी नहीं हूं मेरा कोई गुरु नहीं है पर पहले मैंने सदा शिव जी को अपना गुरु स्वीकार किया उसके उपरांत मुझे एक महा योगी जो सूक्ष्म शरीर में है महा समाधिस्थ हो चुके है उनको जल हाथ में लेकर अपना सदगुरु माना है अब उन्होंने माना है या नहीं वो बन गए सदगुरु या नहीं मै नहीं जानता उन्ही के चरणों का मै आठो याम हर वक़्त ध्यान स्मरण उन्ही की कृपा से करता हूं पर मुझे विश्वास है कि एक दिन जरूर ऐसा आयेगा जिस दिन मुझे कोई आचार्य मिलेंगे या जिनको मैंने गुरु माना है वो जरूर मिलेंगे और मै सही विधि से यज्ञ हवन करके अपनी आत्मा को संतुष्ट कर सकूंगा और सबको साबित कर सकूंगा की देवी देवता और ईश्वर है और पूजा पाठ यज्ञ हवन सब कितना सच है सही है और युगों से इसका कोई लेना देना नहीं है आज भी विधि जानकर समर्पित भावना से भक्ति सहित यज्ञ हवन करके जाप करके अल्प समय में कोई भी परमात्मा को प्राप्त कर सकता है देवी देवता के दर्शन कर सकता है उनके बात कर सकता है तमाम विज्ञान को समझ सकता है और समाज में उसको विधि के रूप में परिणित कर सबका कल्याण का माध्यम बन सकता है और ये सब तो ईश्वर की कृपा से ही होता है वो जिसको पात्र समझते है जिसके द्वारा करना चाहते है उसको स्वयं ही चुनते है बस ईश्वर से प्रार्थना है कि मुझे यदि चुन ले तो मेरी जिज्ञासा और मेरी लगन मेरी मेहनत मेरी अंतरात्मा को परम शांति मिलेगी और शायद मोक्ष भी मिल जाए मुक्ति तो निश्चित ही मिल जाएगी परम पूजनीय सदगुरु जी का स्मरण करने मात्र से ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव। मैंने अपना परिचय नहीं दिया मुझे आवश्यकता नहीं लगी इसके लिए क्षमा करे मै अपना परिचय दू इतना उत्कृष्ट नहीं हूं मै बिल्कुल ही सामान्य और साधारण सा इंसान हूं। पर मेरी कोशिश निरन्तर जारी है आज पहली बार उदाहरण सहित आपके वीडियो में इतनी जानकारी मिली अन्यथा किताबी ज्ञान से कुछ नहीं होता इसके लिए आपको पुनः हृदय में बहुत बहुत धन्यवाद तथा आभार 🙏🙏🙏 मैंने आपके बहुत सारे वीडियो देख लिए है आगे भी देख सकूं तो बहुत अच्छा लगेगा । मै स्पष्ट बोलता हूं खुली किताब की तरह हूं यही वजह है मेरे दुखो की शायद
@@bhagirathjoshi आचार्य जी मै आपसे एक तो बहुत छोटा हूं। आपके पुत्र समान ही हूं २९ वर्ष आयु होगी मेरी और दूसरा आप आचार्य है पूजनीय है वंदनीय है आपको मेरा नाम लेकर ही संबोधन करना चाहिए मुझे अच्छा लगेगा। 🙏🙏🙏 बांदा जिले वा शहर उत्तर प्रदेश के निवासी है हम। ॐ नमः शिवाय हर हर हर महादेव।
Guru ji parnam main shiv ki pooja krta hu tau mukhe ghar main pooja sathan kis disa main banana chahiye aur shiv ki photo ka mukh kis disa main ho aur mera kis disa main ho please bataye
गुरुजी प्रणाम अति सुंदर जानकारी कृपया ग्रह कैसे बक्री होते हैं सभी ग्रहों के बारे में सरलतम पद्दति से समझाने की कृपा करें। प, सुरेश चंद शर्मा बल्लबगढ़ हरियाणा
@@bhagirathjoshi aap jo jankari dete hai .....vo kahi pe bhi nahi milti ...... Apko bhut jyada knowledge hai is field mai .. Kripya ab स्थण्डिल ...kitne type ke, aur unhe kese bnaye ,aur unmai yoni kese bnaye ispe bhi video bna dijiye . Thanku ....
Namaskar guruji..sunder jankari. Kya grah pravesh poojan Mai bhi sb yahi prakriya hogi? Hawan kund ki Pooja se phle kyu navgrah Pooja ni ho skti jbki bhut si pustako Mai toh hawan ki prakirya baad Mai hoti hai?
@@bhagirathjoshi ek prashna panditji ye hai ki ajcl simeet sansadano ke abhav Mai yagyasaala sb jagh toh bnai ja ni skti kyuki Jo iski maap hai vo bhut hai.toh iska koi vikalp ni hai? Kya koi bhi karma Ghar Mai nahi Kare ja skte ? Ush par apni raay dijiyega.dhynawad
बहोत अच्छा हमारे गुजरातमे मध्यपीठके राइटसाइडमे योगीनी स्थापना करते है और भैरवके पासमे दो वेदीमे यजमानके अभीषेककी वेदी और इशानमे रुद्रकी वेदी ग्रहके पासमे बनाते है और ग्रहके पहले वर्धीनीवेदीभी बनती है जीसे आप कलशवेदी भी कहते हो यह क्रम सही है या गलत जरा विस्तारसे समजाइयेगा
Guru g aap bahut sunder samjhate ho yagy se related aur videos bheje
वहुत अच्छा लगा गुरुजी!🙏🇳🇵🇳🇵नेपाल से देख रहा हँु। दर्शन!🙏
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice 👍👍
प्रणाम!बहुत अच्छा प्रयास है,आपका यह प्रयास श्लाघ्य है!
प्राथमिक जानकारी उपयुक्त दी है!
कुण्ड मण्डप सिद्धि नामक प्रामाणिक,व्यावहारिक व मार्मिक ग्रन्थ है यज्ञशाला निर्माण हेतु...अतः इस प्राथमिक विषय में और भी मूलभूत संशोधन अपेक्षित है!
जैसे प्रधान कुण्ड और प्रधान पीठ,आग्नेयां मातृका देवी अर्थात मातृका स्थापन अग्नि में ही होंगे...षोडश,योगिनी दोनों इससे इतर विकल्प है।
प्रधान कुण्ड(आचार्य कुण्ड) और प्रधान वेदी हेतु सूत्र है--
"आचार्यकुण्डमध्येस्यात् गौरीपतिमहेन्द्रयोः"
जयजय!
आग्नेयाम् योगिनी वेदी नैऋत्यां वास्तुमंडलम् वायब्याम् क्षेत्र पालम् च ईशान्याम् च नवग्रहा़ मण्डल निर्धारण का यह नियम क्या शास्त्रोक्त विधि नहीं है हमारे यहां इसी नियम के अनुसार यज्ञ अनुष्ठान सम्पन्न कराये जाते हैं कृपया आचार्य महोदय आप इस पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए बताने का कष्ट करेंगे। जय ब्रह्म देव।
❤❤❤❤❤
आपको बहुत बहुत धन्यवाद आपने बहुत ही शानदार वक्तव्य के साथ उदाहरण सहित समझाया ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव। 🙏🙏🙏
आपका परिचय भी दीजिये
@@bhagirathjoshi मेरा नाम अमरजीत श्रीवास्तव है मै जानता हूं कि हवन यज्ञ जो सात्विक विधि से किया जाता है यदि पूरे विधि विधान से किया जाए तो वो सारे फल निश्चित प्राप्त होते है जो वेदों में शास्त्रों में पुराणों में तथा परम पूजनीय वंदनीय ऋषि मुनियों एवम् आचार्यों के द्वारा बतलाए गए है मगर बड़ी बड़ी संस्थाएं यज्ञ कुण्ड हवन सामग्री बेंच रहे है होता कुछ भी नहीं और नुकसान होता है जबकि हवन यज्ञ का मतलब अभी किया और अभी उसका रिजल्ट अर्थात शीघ्र फलदाई होता है और अनभिज्ञ लोग फल कि शुभता की इच्छा तथा कामना तो करते है परन्तु किसी को भी कोई फल प्राप्त नहीं होता है अपितु संकट बढ़ जाता है ये तो व्यापक विस्तृत और स्थूल बाते है इसके अतिरिक्त मुख्य बात तो सूक्ष्म स्तर की है जिनके कारण व्यक्ति को किसी भी पूजा का पाठ का जाप का कोई भी फल पूरी तरह से प्राप्त नहीं होता है अन्यथा आज भी यदि दोनों स्तरों को समझ कर सिर्फ एक कुण्डी यज्ञ कर दिया जाए तो उसका परिणाम उसका शुभ फल पूर्ण रूप से यथा वत मिल जाएगा इसमें किंचित मात्र भी संशय नहीं है मै आपसे बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुआ हूं पर अफसोस है की आप बहुत दूर रहते है और दूसरा आपका अनुग्रह मुझे मिल सके मुझे इसकी कोई आशा ही नहीं है क्योंकि आप विद्वान है शुद्ध आचार्य है और आपकी फीस ( पारितोषिक दक्षिणा ) का वहन कर पाना तो दूर की बात है मै तो ये सारी वस्तुएं भी नहीं जुटा सकता जिनके द्वारा हवन पूजन किया जाता है खैर इस कॉमेंट में हृदय से आत्मा से भावुक होकर बात करना मुझे उचित नहीं लगता क्योंकि मैंने जो सबक जिंदगी में सीखे है उनके अनुसार भावनाओ की सरलता की अच्छाई की कोई भी कीमत नहीं है लोग इस काल में सिर्फ और सिर्फ आसक्त है या तो धन के लिए या तो वासना के लिए या तो अभिमान कि लगातार वृद्धि करने में ये सब भी लोग अज्ञानता में कर रहे है मै कोई साधक नहीं हूं मै कोई पुजारी नहीं हूं मेरा कोई गुरु नहीं है पर पहले मैंने सदा शिव जी को अपना गुरु स्वीकार किया उसके उपरांत मुझे एक महा योगी जो सूक्ष्म शरीर में है महा समाधिस्थ हो चुके है उनको जल हाथ में लेकर अपना सदगुरु माना है अब उन्होंने माना है या नहीं वो बन गए सदगुरु या नहीं मै नहीं जानता उन्ही के चरणों का मै आठो याम हर वक़्त ध्यान स्मरण उन्ही की कृपा से करता हूं पर मुझे विश्वास है कि एक दिन जरूर ऐसा आयेगा जिस दिन मुझे कोई आचार्य मिलेंगे या जिनको मैंने गुरु माना है वो जरूर मिलेंगे और मै सही विधि से यज्ञ हवन करके अपनी आत्मा को संतुष्ट कर सकूंगा और सबको साबित कर सकूंगा की देवी देवता और ईश्वर है और पूजा पाठ यज्ञ हवन सब कितना सच है सही है और युगों से इसका कोई लेना देना नहीं है आज भी विधि जानकर समर्पित भावना से भक्ति सहित यज्ञ हवन करके जाप करके अल्प समय में कोई भी परमात्मा को प्राप्त कर सकता है देवी देवता के दर्शन कर सकता है उनके बात कर सकता है तमाम विज्ञान को समझ सकता है और समाज में उसको विधि के रूप में परिणित कर सबका कल्याण का माध्यम बन सकता है और ये सब तो ईश्वर की कृपा से ही होता है वो जिसको पात्र समझते है जिसके द्वारा करना चाहते है उसको स्वयं ही चुनते है बस ईश्वर से प्रार्थना है कि मुझे यदि चुन ले तो मेरी जिज्ञासा और मेरी लगन मेरी मेहनत मेरी अंतरात्मा को परम शांति मिलेगी और शायद मोक्ष भी मिल जाए मुक्ति तो निश्चित ही मिल जाएगी परम पूजनीय सदगुरु जी का स्मरण करने मात्र से ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव। मैंने अपना परिचय नहीं दिया मुझे आवश्यकता नहीं लगी इसके लिए क्षमा करे मै अपना परिचय दू इतना उत्कृष्ट नहीं हूं मै बिल्कुल ही सामान्य और साधारण सा इंसान हूं। पर मेरी कोशिश निरन्तर जारी है आज पहली बार उदाहरण सहित आपके वीडियो में इतनी जानकारी मिली अन्यथा किताबी ज्ञान से कुछ नहीं होता इसके लिए आपको पुनः हृदय में बहुत बहुत धन्यवाद तथा आभार 🙏🙏🙏 मैंने आपके बहुत सारे वीडियो देख लिए है आगे भी देख सकूं तो बहुत अच्छा लगेगा । मै स्पष्ट बोलता हूं खुली किताब की तरह हूं यही वजह है मेरे दुखो की शायद
निवासी कहां से है जी
@@bhagirathjoshi आचार्य जी मै आपसे एक तो बहुत छोटा हूं। आपके पुत्र समान ही हूं २९ वर्ष आयु होगी मेरी और दूसरा आप आचार्य है पूजनीय है वंदनीय है आपको मेरा नाम लेकर ही संबोधन करना चाहिए मुझे अच्छा लगेगा। 🙏🙏🙏 बांदा जिले वा शहर उत्तर प्रदेश के निवासी है हम। ॐ नमः शिवाय हर हर हर महादेव।
@@bhagirathjoshi
0:45
बहुत-बहुत धन्यवाद मान्यवर आपने आज बहुत अच्छी बात सिखाई
Superb one. स्पष्ट वक्ता है ।
Pranam guruji
Bahot sundar description kiye
जय हो गुरू देव प्रणाम
Jai Shri Krishna
आपके वीडियो देखकर मुझे बहुत अनुभव हुआ
गुरु जी प्रणाम बहुत अच्छी जानकारी मिली
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
जय ब्रह्म देव।
महाराज जी यज्ञशाला का पूर्ण पूजन मन्त्र बताये
सुन्दर जानकारी महाेदय।
मैं उत्तराखण्ड से।
Bahut sundar jankari
जय श्री कृष्ण
जानकारी अच्छी लगी
बहुत ही सुन्दर
Thank you very much
bhut sundar
Pandit Ji rudra vedi kana banegi
Guru ji parnam main shiv ki pooja krta hu tau mukhe ghar main pooja sathan kis disa main banana chahiye aur shiv ki photo ka mukh kis disa main ho aur mera kis disa main ho please bataye
ईशान
पश्चिम
Navratri m nivaran mantra ka jap karne ka sahi taim batao
त्रिकाल
Sir Radhe Radhe
प्रणाम पंडितजी आपने यज्ञ संबंधित स्पष्ट एवं सच बात कही आपको धन्यवाद
जय सीताराम जी। बहुत उत्तम विधान बताने के लिए आभार
कृपया वरुण मंडल का स्थान बताएं।
🙏गुरु जी योनि किस दिशा मे बनती है
इसका उत्तर देने की कृपा करें।
Yagya shala nirman
Pl.tell to yagya shala niraman vidhi
हा
गुरुजी प्रणाम अति सुंदर जानकारी
कृपया ग्रह कैसे बक्री होते हैं सभी ग्रहों के बारे में सरलतम पद्दति से समझाने की कृपा करें।
प, सुरेश चंद शर्मा
बल्लबगढ़ हरियाणा
महाराज जी श्री राधे क्या आप यज्ञ कराते हैं
अब नहीं बंद कर दिया
Ek pakshiya kund yagya ka matlab bataye
उत्तम प्रश्न
जय श्री महाकाल , रोज धर पर हवन कैसै करना चहिये। इसका मागदश॔न करे।
rudra vedi kaha hogi ishan me to apne grah vedi batai h
Bhaut dhnyawad ....app youtube pe sab pandito ki dukane baand krva denge
क्यों
@@bhagirathjoshi aap jo jankari dete hai .....vo kahi pe bhi nahi milti ......
Apko bhut jyada knowledge hai is field mai ..
Kripya ab स्थण्डिल ...kitne type ke, aur unhe kese bnaye ,aur unmai yoni kese bnaye ispe bhi video bna dijiye .
Thanku
....
अगले वीडियो में देखे
Sthandil nirman kaise kre ek video banaiye
प्रणाम ,,एक प्रश्न है विकलांग यज्ञ में बैठ सकते है या नहीं कृपया मय प्रमाण बताने की कृपा करें
नहीं
Namaskar guruji..sunder jankari. Kya grah pravesh poojan Mai bhi sb yahi prakriya hogi? Hawan kund ki Pooja se phle kyu navgrah Pooja ni ho skti jbki bhut si pustako Mai toh hawan ki prakirya baad Mai hoti hai?
आपकी बात सही है परंतु विधान ऐसा ही है कि अग्नि स्थापन के बाद ही ग्रह पूजन हो
@@bhagirathjoshi ek prashna panditji ye hai ki ajcl simeet sansadano ke abhav Mai yagyasaala sb jagh toh bnai ja ni skti kyuki Jo iski maap hai vo bhut hai.toh iska koi vikalp ni hai? Kya koi bhi karma Ghar Mai nahi Kare ja skte ? Ush par apni raay dijiyega.dhynawad
बहोत अच्छा
हमारे गुजरातमे मध्यपीठके राइटसाइडमे योगीनी स्थापना करते है और भैरवके पासमे दो वेदीमे यजमानके अभीषेककी वेदी और इशानमे रुद्रकी वेदी ग्रहके पासमे बनाते है और ग्रहके पहले वर्धीनीवेदीभी बनती है जीसे आप कलशवेदी भी कहते हो
यह क्रम सही है या गलत जरा विस्तारसे समजाइयेगा
Guru ji
Navratri m durga nivaran mantra ki rojana havan ahuti kon se taim kar
कभी भी
Grih pravesh sampurn vidhi bataye
गूरू जी नमस्कार श्री राम महायज्ञ में कुल आहुति संख्या कीमत होती है कोनसी आहुति लगती है
108 कुण्डीय यज्ञ में आहुतियो की गिनती यजमान आहुति दे ता है वो गिनती होगी या आचार्य के मंत्र की
आप से बात कैसे हो
Pranam shastriji, Pradhan yaghnakund ka map batane ki kripa kare.
आहुति के मान से माप होगी
Sir, Mai aap se prashikshan Lena chahta boon. Please guide me. I Shal grateful
अगले अक्टूबर में संपर्क करे
Narynbali ki vedhi bataana
Yagyshala mein kund mein kin chahti ka log le sakte hain Kaun
प्रणाम! कुलदेवी के मंदिर प्रांगण में यज्ञ शाला बनाना है।आपका सुझाव अपेक्षित है।
बनासकते है
हमारे क्षेत्र में तो ज्यादातर आचार्य अग्नि कोण में ही चतुष्षठी योगिनी की पूजन करवाते हैं
वह भी उत्तम है
परंतु भैरव भवानी साथ रहे तो अधिक उत्तम है
मेरे यहां भी
गुरु जी जय श्री कृष्णा ब्रह्मा का स्थान प्रधान कुंड के पास बनाया जा सकता है
हा
or yagaya me bramha ka sthan kaha hoga
Sur Mandir banane ke liye kaun kaun se Naksha chahie Devta ki Pratishtha
पञ्चाङ्ग में है ये।
गुरुजी प्रणाम आपके द्वारा लिखित पुस्तकें कैसे प्राप्त होगा कृपया बतायें।
th-cam.com/video/7C0D4VwMv9U/w-d-xo.html
इस लिंक को देखिए समाधान होगा
आपके सम्पर्क नंबर मिल सकता है??????????
श्री मान जी इससे संबंधित कोई पुस्तक प्रकाशित होती है तो उसे बताने का कष्ट करे धन्यवाद
यज्ञ मंडप कुंड सिद्धि पुस्तक ले ले
@@ashishashish1943 श्रीमान जी इसके लेखक ओर प्रकाशक कौन है कृपया मार्गदर्शन करने की कृपा करे प्रणाम
अलग-अलग विद्वान लेखक
Aapse kaise Baat kar sakte he
9424066549
शाम 5 बजे आज
चौसठ योगिनी वायव्य कोण में बनती हैं इसका कोई शास्त्री प्रमाण प्रदान कीजिए
पहले अपना परिचय दे उसके बाद अगली बात
नीचे जो गलत बताया था पहले उसका सही उत्तर बताए
पुन्यावचन कब करेंगे?🙏🙏🙏
पुण्याहवाचन के बाद ही पूजा प्रारम्भ होगी