हिंदी फिल्म जगत में रफी साहब ही एक ऐसे इंसान थे जिन्हें इगो क्या होता है मालूम ही न थी। रफी साहब मेरे रिश्तेदार तो है नहीं, मगर सच तो सच होता है । रफी साहब जैसा इंसान कोई नहीं था तब भी , आज भी ।
रफी जी एक विद्यार्थी की तरह खय्याम जी से गीत के अलग हुनर सीखे थे और उन्हें पूरा विश्वास था कि रफी जैसे व्यक्ति जो किसी का दिल नहीं तोड़ते वे उनका भी दिल नहीं तोडेगे। बहुत अच्छा होने का कभी कभी उस व्यक्ति को चोट भी खानी पडती है।वहीं रफी जी के साथ हुआ।वे खय्याम से उस तरह नहीं पेश आ सके जैसे वे अन्य लोगों के साथ आते थे। खय्याम जी ने भी बाद में बहुत अच्छे नगमे दिये ।रफी जी खय्याम के बिना भी महान थे । खय्यामजी भी रफी जी के बिना महान थे।अच्छा हुआ दोनों फिर एक हो गये और संगीत को और समृद्ध किया।
कुछ आदतें रफी साहब में फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से बहुत अलग थी सबसे पहली विनम्रता उस पर संकोची स्वभाव... कभी किसी को तड़ाक से मना न करना। फिल्म ठोकर(1971) का गीत अपनी आंखों में बसा कर कोई इकरार करूं। आपने बहुत बार सुना होगा गायक भी पहचान गए होगे लेकिन संगीतकार जिनकी पहली फिल्म थी डर रहे थे कि रफी साहब की फीस नहीं दे सकते दिली इच्छा थी गाना रफी साहब ही गाएं रफी साहब ने कहा तुम्हारे लिए जरूर गाऊंगा संगीतकार ने पैसा पूछा तो कहा गाना रिकॉर्ड कर लो जो देना हो दे देना । गाना रिकॉर्ड कर रफी साहब चले गए कुछ दिन बाद संगीतकार पैसे इकठ्ठा कर मो रफी के घर पहुंचते हैं चाय पीते हुए पूछते हैं कि कैसे आना हुआ संगीतकार पर्स खोलकर इकट्ठे किए हुए पैसे सकुचाते हुए देते हैं उसमें से... *रफी साहब मात्र पांच रुपए लेकर कहते हैं कि मेरी फीस हो गई*। वो गुमनाम संगीतकार थे.. श्यामजी घनश्यामजी 🙏🙏 जितेन्द्र की दीदार ए यार में भी सभी गायकों ने अपनी बड़ी हुई फीस ली फिल्म तीन चार साल में बन पाई थी तब तक फिल्म का बजट गड़बड़ा गया लेकिन रफी साहब ने जो बात तय हुई थी वही लिए इसका जिक्र खुद जितेन्द्र ने कुछ दिन पहले कपिल शर्मा नाइट्स शो में किया था आर डी बर्मन की पहली फिल्म छोटे नबाब के लिए भी कम पैसों में गाया वही आर डी बर्मन तरक्की के बाद उनसे किनारा करने लगे। हो सकता है इंडस्ट्री के कांपटीशन मोनोपाॅली के तहत शंकर जयकिशन जी ने रफी पर दबाव बनाया हो इसी वजह वो खय्याम को टाल रहे हों क्योंकि शंकर जयकिशन स्थापित जोड़ी थी ख्य्याम की अपेक्षा। एक कारण आशा भौंसले का ओपी नय्यर और खय्याम से अच्छी बनती थी मंगेशकर बहनों का रफी विरोध जगजाहिर है। रही बात खय्याम से सीखने की तो रफी साहब की विनम्रता जिज्ञासु प्रवत्ति से यह संभव है उनकी एक विशेषता में यह भी शामिल हैं कि जितना संगीतकार उनसे गवाना चाहते थे उतना ही गाते अपनी तरफ से कुछ भी नहीं (किशोर कुमार की अपेक्षा) जब तक संगीतकार को संतुष्टी नहीं मिलती रीटेक होते रहते 🙏🙏 कुल मिलाकर रफी का उपयोग जरूरत के अनुसार किया गया ✍️ प्रदीप कुमार पटैरया 'प्रदीप' हटा दमोह मप्र 01.11.2024
जितने साल रफी को गुजरे हो गए उतनी इन वीडियो बनाने वालों की उम्र नहीं होती। और वीडियो का कंटेंट एसा होता है जैसे अभी उनके साथ चाय पी कर आ रहे हैं। क्या सच्चाई है किस को पता।
#Vise man motav ki koi khas baat to nahi thi.aur night program bhi vise kam hi tha,,aakhar to gaane ka hi kaam tha,,,aur agar baat ye sai hai to fir vese night program karna rafi sab ko ateraj hona nahi chaiye tha,,ya kya atraj tha,,khe vese bhi rafi sab night show live program to karte hi the
अगर आपकी बात सच है तो रफ़ी साहब ने यहाँ पर गलत किया. खाय्याम सही कह रहा था कि नाइट्स करूँगा तो मुझे पॉपुलैरिटी मिल जाएगी. काम मिलना शुरू हो जायेगा और फिर मै भी शंकर जयकिशन और नौशाद को टक्कर दे पाउँगा. वरना मुझे कोई काम नही दे रहा है. 70s के बाद किशोर दा छा गए थे. लक्ष्मी प्यारे ने रफ़ी साहब का जलवा जीवित रखा. मै रफ़ी साहब की उस आवाज़ का मुरीद हूं जो 1970 से पहले थी. खुदा की आवाज़ रफ़ी साहब की 70 से पहले की है ना कि बाद की.
Rafi saheb ki aawaaz 1944 to 1980 tak wahi surili aur bemisaal thi. 1970 ke pahle bhi aur uske baad bhi. Meri age 1 saal ki thi jab unka inteqal hua lekin mai unki aawaz ka aaj bhi kaayal hu ❤
Rafi sahab ke prati apki sankirn soch aur Rafi sahab ko nicha dikhane ki mansikta apko hi Mubarak ! Kumar Shanu ji ke daur ke yuva Kumar Shanu ji ko Kishore Kumar sahab se behtar singer mante hain to kya hum man len ki Kumar Shanu ji Kishore Kumar sahab se behtar singer hain ? Kya Kumar Shanu ji Kishore Kumar sahab ki jagah le sakte hain ? Kya Rafi sahab, Kishore Kumar sahab, Mukesh ji, Manna dey sahab, Lata ji, Suman Kalyanpur ji, Asha ji, Hemlata ji ka sthan koi le sakta hai ? 🙏🙏🏾
@@raviranjanr6325ji sahi baat hai , ye sab singer legend hai . Inki jagah koi nahi le sakta . Rafi sahab , Kishore da , Lata didi sadiyon me paida hote hai .
भाई रफी साहब की आवाज इतनी खूबसूरत थी उनका मन भी उतना ही ज्यादा खूबसूरत था रफी साहब एक बहुत ही महान आत्मा थे❤❤❤
हिंदी फिल्म जगत में रफी साहब ही एक ऐसे इंसान थे जिन्हें इगो क्या होता है मालूम ही न थी। रफी साहब मेरे रिश्तेदार तो है नहीं, मगर सच तो सच होता है । रफी साहब जैसा इंसान कोई नहीं था तब भी , आज भी ।
Rafi sahab has set a trend in the film industry. Never before Rafi sahab no singer could sing in versatile ranges.
🎉 mere guru ji Rafi sahab ji wah very beautiful
बढ़िया 👍
Useless matter.
Nice
Kohli saab , you rock
संगीत के देवता थे पूरे जीवन में कोई रफी साहब नहीं बन सकता 26 हजार गाना गाए है हर भाषा में गाना गाए है संगीत के सूरज थे वर्सेटाइल सिंगरथे
कहाँ ओ 26000 गाने
Kabhi suna nahin thha aisa...
Haan, Kalyanji Anandji ko mana kiya thha kyon ki already woh SJ ke orchestra mein gaatey thhey...
Love you Mohammad Rafi Sahab ❤️
रफी जी एक विद्यार्थी की तरह खय्याम जी से गीत के अलग हुनर सीखे थे और उन्हें पूरा विश्वास था कि रफी जैसे व्यक्ति जो किसी का दिल नहीं तोड़ते वे उनका भी दिल नहीं तोडेगे। बहुत अच्छा होने का कभी कभी उस व्यक्ति को चोट भी खानी पडती है।वहीं रफी जी के साथ हुआ।वे खय्याम से उस तरह नहीं पेश आ सके जैसे वे अन्य लोगों के साथ आते थे। खय्याम जी ने भी बाद में बहुत अच्छे नगमे दिये ।रफी जी खय्याम के बिना भी महान थे । खय्यामजी भी रफी जी के बिना महान थे।अच्छा हुआ दोनों फिर एक हो गये और संगीत को और समृद्ध किया।
Rafi Sahab is the 6
कुछ आदतें रफी साहब में फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से बहुत अलग थी
सबसे पहली विनम्रता उस पर संकोची स्वभाव... कभी किसी को तड़ाक से मना न करना।
फिल्म ठोकर(1971) का गीत अपनी आंखों में बसा कर कोई इकरार करूं। आपने बहुत बार सुना होगा गायक भी पहचान गए होगे लेकिन संगीतकार जिनकी पहली फिल्म थी डर रहे थे कि रफी साहब की फीस नहीं दे सकते दिली इच्छा थी गाना रफी साहब ही गाएं
रफी साहब ने कहा तुम्हारे लिए जरूर गाऊंगा संगीतकार ने पैसा पूछा तो कहा गाना रिकॉर्ड कर लो जो देना हो दे देना । गाना रिकॉर्ड कर रफी साहब चले गए कुछ दिन बाद संगीतकार पैसे इकठ्ठा कर मो रफी के घर पहुंचते हैं चाय पीते हुए पूछते हैं कि कैसे आना हुआ संगीतकार पर्स खोलकर इकट्ठे किए हुए पैसे सकुचाते हुए देते हैं
उसमें से... *रफी साहब मात्र पांच रुपए लेकर कहते हैं कि मेरी फीस हो गई*। वो गुमनाम संगीतकार थे.. श्यामजी घनश्यामजी 🙏🙏
जितेन्द्र की दीदार ए यार में भी सभी गायकों ने अपनी बड़ी हुई फीस ली फिल्म तीन चार साल में बन पाई थी तब तक फिल्म का बजट गड़बड़ा गया लेकिन रफी साहब ने जो बात तय हुई थी वही लिए
इसका जिक्र खुद जितेन्द्र ने कुछ दिन पहले कपिल शर्मा नाइट्स शो में किया था
आर डी बर्मन की पहली फिल्म छोटे नबाब के लिए भी कम पैसों में गाया
वही आर डी बर्मन तरक्की के बाद उनसे किनारा करने लगे।
हो सकता है इंडस्ट्री के कांपटीशन मोनोपाॅली के तहत शंकर जयकिशन जी ने रफी पर दबाव बनाया हो इसी वजह वो खय्याम को टाल रहे हों क्योंकि शंकर जयकिशन स्थापित जोड़ी थी ख्य्याम की अपेक्षा।
एक कारण आशा भौंसले का ओपी नय्यर और खय्याम से अच्छी बनती थी
मंगेशकर बहनों का रफी विरोध जगजाहिर है।
रही बात खय्याम से सीखने की तो रफी साहब की विनम्रता जिज्ञासु प्रवत्ति से यह संभव है
उनकी एक विशेषता में यह भी शामिल हैं कि जितना संगीतकार उनसे गवाना चाहते थे उतना ही गाते अपनी तरफ से कुछ भी नहीं (किशोर कुमार की अपेक्षा)
जब तक संगीतकार को संतुष्टी नहीं मिलती रीटेक होते रहते 🙏🙏
कुल मिलाकर रफी का उपयोग जरूरत के अनुसार किया गया
✍️ प्रदीप कुमार पटैरया 'प्रदीप' हटा दमोह मप्र 01.11.2024
I Love you mohd Rafi sahab
Not very convincing.
Way before 70s Khayyam composed music for Shagun where Rafi recorded 2 fantastic songs.
जितने साल रफी को गुजरे हो गए उतनी इन वीडियो बनाने वालों की उम्र नहीं होती। और वीडियो का कंटेंट एसा होता है जैसे अभी उनके साथ चाय पी कर आ रहे हैं। क्या सच्चाई है किस को पता।
After 1969 Kishore Kumar era start So Khayyam may be thought Rafi Saheb may be easily available that may be reason utilised Rafi in concert
Rafi the Great
खैयाम साहिब ने महेन्द्र कपूर से दो तीन गीत ही गवाए। आप बात को बढ़ा चढ़ा कर मत बताया कीजिए।
Rafi Sahab vah Aaina the Jisne Bhi Dekha Surat asaliyat uski Najar Aati
Kaun hai ye kayam kahan Shankar jaikisan aur kahan ye kayam
Aᴀᴘ Kᴀᴀ Sᴏᴜʀᴄᴇ Kʏᴀ ʜᴀɪ Sɪʀ
???
Rafi g ko jisney sikhya unki bat karo
#Vise man motav ki koi khas baat to nahi thi.aur night program bhi vise kam hi tha,,aakhar to gaane ka hi kaam tha,,,aur agar baat ye sai hai to fir vese night program karna rafi sab ko ateraj hona nahi chaiye tha,,ya kya atraj tha,,khe vese bhi rafi sab night show live program to karte hi the
Bilkul bakwas JhootibaateinhaiPl Stop it
Chal zhootte...
Band kar bakwaas karna
अगर आपकी बात सच है तो रफ़ी साहब ने यहाँ पर गलत किया. खाय्याम सही कह रहा था कि नाइट्स करूँगा तो मुझे पॉपुलैरिटी मिल जाएगी. काम मिलना शुरू हो जायेगा और फिर मै भी शंकर जयकिशन और नौशाद को टक्कर दे पाउँगा. वरना मुझे कोई काम नही दे रहा है. 70s के बाद किशोर दा छा गए थे. लक्ष्मी प्यारे ने रफ़ी साहब का जलवा जीवित रखा. मै रफ़ी साहब की उस आवाज़ का मुरीद हूं जो 1970 से पहले थी. खुदा की आवाज़ रफ़ी साहब की 70 से पहले की है ना कि बाद की.
Rafi saheb ki aawaaz 1944 to 1980 tak wahi surili aur bemisaal thi. 1970 ke pahle bhi aur uske baad bhi. Meri age 1 saal ki thi jab unka inteqal hua lekin mai unki aawaz ka aaj bhi kaayal hu ❤
Rafi sahab ke prati apki sankirn soch aur Rafi sahab ko nicha dikhane ki mansikta apko hi Mubarak ! Kumar Shanu ji ke daur ke yuva Kumar Shanu ji ko Kishore Kumar sahab se behtar singer mante hain to kya hum man len ki Kumar Shanu ji Kishore Kumar sahab se behtar singer hain ? Kya Kumar Shanu ji Kishore Kumar sahab ki jagah le sakte hain ? Kya Rafi sahab, Kishore Kumar sahab, Mukesh ji, Manna dey sahab, Lata ji, Suman Kalyanpur ji, Asha ji, Hemlata ji ka sthan koi le sakta hai ? 🙏🙏🏾
@@raviranjanr6325ji sahi baat hai , ye sab singer legend hai . Inki jagah koi nahi le sakta . Rafi sahab , Kishore da , Lata didi sadiyon me paida hote hai .
@@raviranjanr6325 true
@irfanukhan5196 ji thanks sir ! 🙏🏾🙏
Fake lagta hai