जहाँ तक सत्ता का प्रश्न है, केवल दो तत्त्वों की सत्ता ही शाश्वत है - चैतन्य और प्रकृति। ये सदा से है, सदा रहेंगे, अनादि हैँ ये, कोई अंत नहीं है इनका। इसके अतिरिक्त जो भी है, उनकी सत्ता नहीं है। इसमें अहम भी आ गया, बुद्धि भी आ गई, मन भी, ज्ञानेंद्रिय, कर्मेन्द्रिय सहित शरीर और सकल जगत....ये सब नहीं हैँ। ये सब प्रकृति की विकृतियाँ है, विकार है। प्रकृति से जुड़े तो संसार में आते रहोगे और चैतन्य से जुड़ेंगे तो उसमें विश्राम मिलेगा, आना जाना समाप्त। इन दो विकल्पों में से एक को चुन लो, जो भी अच्छा लगे।
जब पेट खाली हो और शरीर में कष्ट हो तब कोई ज्ञान समझ नहीं आता।और ये दुख प्रत्येक व्यक्ति का भिन्न होता है।इसी आधार पर सब पृथक पृथक है।सत्य तो ये ही है।बाकी सब बातें है।
Aap ne sach kaha..1---shareer 2****MANN 3**** ATMAA..phele sharer ko thek karna hai us ke badh mann ka vikas karna hai us ke bad aatma jyaan prapth kar na hai❤🙏
Namo buddhay Apna Deepak Swayam jalayen kisi ke upar nirbhar Na Rahe Buddh Ne sabse pahle Yahi Vachan Bole the aapka bahut bahut dhanyvad video banane ke liye thank u aapka Samjhane Ka Tarika bahut Achcha hai Aapka tahe Dil Se Shukriya❤❤❤
ये मैं मैं चिल्लाता है वो brain है जो body के survival और reproduction के लिए body को बचाने के लिए और genes को आगे बढाने के लिए करता है। सही बात है कि ego memory से बनता है। brain के अलग अलग हिस्से अलग अलग काम करते हैं। एक हिस्सा sentence बनाता है एक हिस्सा decision लेता है और एक हिस्सा (motor neurons) body को move करते हैं और फिर brain का एक हिस्सा ये विचार बनाता है कि मैंने किया। सब brain की करामात है। meditation से brain के default mode network की activity कम हो जाती है जो mind wandering के लिए जिम्मेदार होता है, mind wandering future planning में मददगार होता है जो survival में मदद करता है और imagine करने में मदद करता है उसी की वजह से tools सै लेकर mobile तक बनाए गए हैं। तो brain के दो ही काम है survival और genes आगे बढाने के लिए reproduction. Nature का एक law है survival of the fittest. जो brain सबसे fit होगा वही survive करेगा इसलिए nature में और life में कोई न कोई problem बनी ही रहती है ताकि brain सीखता रहे और evolve होता रहे। Einstein ने कहा था कि everything is energy. Energy mass में convert होता है और mass Energy में। इसलिए सब एक हैं।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद है तो बहुत कठन मे को समझना मगर आपने काफी हद तक आसानी से समझाया आपके वीडियो देखकर काफी हल्का अपने आपको महसूस करता हूं दिल ❤ खुश होता है आपका फिर एक बार बहुत बहुत धन्यवाद
Bhut vdia samjaya apne. Mera ek swaal hai. Agr hmari past ki information hi "main" ya "I am" hai to jo isko jaan rha hai. Yani k jo iss main ko jaan rha hai kya vo observer nhi hua?
इतना समझ में आया कि अभी तक जो मैं माने बैठे थे वो पूर्णतया गलत है, जिसे आप मिथ्या कहकर संबोधित करते है ये मैं अपूर्ण है,मिथ्या हैं,अहंकार है,अज्ञान है असली मेरी पहचान नहीं हे इसकी उत्पत्ति तो स्मृति से अतीत से हुई हे इस पहेचान के साथ में नहीं जन्मी जैसे लोग मिले वैसी मैरी identity कर दी गईं Reality में हम सब एक समान है, हम में विदेशियों में कोई भेद नहीं है हम प्रकृति के सभी जीवों से प्रेम कर पाए इसके लिए ये ज्ञान होना जरूरी है तभी सभी को मम रूप जान पायेंगे. प्रश्न = फिर सच्ची में मेरी क्या identity he. मेरा क्या स्वरूप हैं मन को कैसे अभ्यास कराएं की तुम्हारी कोई हस्ती नहीं तुम तो पत्तों के समान प्रकृति के अंश हों
‘Cheen k aage dum hilata hai’ 🤔🤔not expected this kind of statement from someone who is sharing his views on Advaita… Dvait aur advait dono ek doosre k poorak hain… understand that and respect that… this is what ‘life’ is all about 🙏🏻
ये मैं भाव evolve हुआ है, tendencies evolve हुई हैं, nature के दो ही काम है survival और reproduction और ये sense of self, attachment, ego or identifies ये सब evolution के लिए जरूरी है। सब कुछ brain का बनाया है ये सब बातें brain ही कर रहा है। ये altruistic behavior की वजह से आप ये सब कर रहे हैं।
MUJHE 2 NOVEMBER 2023 KO ENLIGHTENMENT MILA PREM MILA LEKIN MAI TADAP RHA HU ANTIM SATYA KE BAARE ME MAI AANAD ME HU LEKIN ISSE BHI AAGE JAANE KA PRYAAS HAI
@@amitbhowmick00 mene usse phle osho ko 2 year se sun rha tha Tabhi meri life me bahut dukh aaye Mujhe lga ab sab kuchh khatam ho gya hai Tabhi raat 11 baje mujhe ishwar mil gya or ab badhta hi ja rha hai 7 month ho gye hai
Toh hum jeevan kese jiyeenge....smrityo ki vjhe se hi toh hum jeevan main kaam krte hain behtar jeevan vanane ka prayas krte hain. Jese koi vyakti pehele mere sath galat kr chuka hai ya or kisi ke sath kr chuka hai... Toh kya main savdhan nhi rhunga usse...or agar sb jhuth hai toh itne apradh hote hai fir unse kya dikkat hai...koi kisi ka murder krde rape kr de toh vyakti ki pareshan ho rha hai iss hisab se toh kuch krna hi nhi jo ho rha hone do.
Suppose main ek ladki hu or ek admi hai jo ate jate mujhe roz gandi nazar se dekhta hai toh kya us vyakti ko main roz naye tarike se dekhu mere dekhna se kya hoga kl toh vo vyakti sirf dekh rha tha baad main vo or age bdhne lgega toh ....jab ki agar main koi apni safety ke liye action lunga vo toh smriti ke basis pe hi hoga...or is prkar toh koi kand kr jayega vo toh kuki main smriti anusar chl hi nhi rha tha...
Fall or patoon ke alag he satta hai. 😂😂 without leaves where is tree without branches where is tree. Without wood where is tree. Kyu baar baar keh rhe ho ek sab ek hai. Jabki aankh ke saamne dikh rha hai dono alag hain. ☹️
Thanks for giving sanatan Gyan.
जहाँ तक सत्ता का प्रश्न है, केवल दो तत्त्वों की सत्ता ही शाश्वत है - चैतन्य और प्रकृति। ये सदा से है, सदा रहेंगे, अनादि हैँ ये, कोई अंत नहीं है इनका। इसके अतिरिक्त जो भी है, उनकी सत्ता नहीं है। इसमें अहम भी आ गया, बुद्धि भी आ गई, मन भी, ज्ञानेंद्रिय, कर्मेन्द्रिय सहित शरीर और सकल जगत....ये सब नहीं हैँ। ये सब प्रकृति की विकृतियाँ है, विकार है। प्रकृति से जुड़े तो संसार में आते रहोगे और चैतन्य से जुड़ेंगे तो उसमें विश्राम मिलेगा, आना जाना समाप्त। इन दो विकल्पों में से एक को चुन लो, जो भी अच्छा लगे।
इतने सरल शब्दों में इतनी गहरी बात ज्ञान समझा दिया। बहुत बहुत धन्यवाद सादर प्रणाम l😊
बहुत सुंदर
🙏❤️निशब्द नमन वंदन अभिनंदन करता हूँ आपका मार्गदर्शन सदैव मिलता रहे यही प्रार्थना करता हूँ ❤️🙏
वाह अंतर्मन प्रफुल्लित हो गया शांत हो गया सब सुनते हुए 🙏🙏🙏🙏
मै ऐेसे हि भिडियो देखना पसन्द करता हु । आपकाे बहुत बहुत धन्यवाद ।❤
जब पेट खाली हो और शरीर में कष्ट हो तब कोई ज्ञान समझ नहीं आता।और ये दुख प्रत्येक व्यक्ति का भिन्न होता है।इसी आधार पर सब पृथक पृथक है।सत्य तो ये ही है।बाकी सब बातें है।
yah Gyan Tak Koi pahunch Nahin pata
Satya ka gyan
Aap ne sach kaha..1---shareer 2****MANN 3**** ATMAA..phele sharer ko thek karna hai us ke badh mann ka vikas karna hai us ke bad aatma jyaan prapth kar na hai❤🙏
माया मे यही होता हे संसार मे हर किसी को दुःख ही मिलेगा 😊
Ap manushya he pashu nahi pet bharne ke bad gyan ki taraf to jao
बहोत बढिया मार्गदर्शन किया है.धन्यवाद.
Namo buddhay Apna Deepak Swayam jalayen kisi ke upar nirbhar Na Rahe Buddh Ne sabse pahle Yahi Vachan Bole the aapka bahut bahut dhanyvad video banane ke liye thank u aapka Samjhane Ka Tarika bahut Achcha hai Aapka tahe Dil Se Shukriya❤❤❤
Very nice.. thanks sir ji for good explanation ❤
Bahut achey vichar h
Prabhuji Dandvat Pranam 😄🙏🏻Bahut Bahut Dhanyawaad Prabhuji 🙏🏻😄Bahut hee Saral aur non-confusing words mein aapne samjhaya 🙏🏻😁Mein humesha Sakshi banke dekhta rehta hun lekin Drashta banne ki firak mein tha🙏🏻😖bahut se Satsang mein suna tha Drashta aur Drishya ke baare mein, but abhi clear hogaya sabkuch🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻Aapko dil se bahut Dhanyawaad ❤🙏🏻
❤️🙏
ये मैं मैं चिल्लाता है वो brain है जो body के survival और reproduction के लिए body को बचाने के लिए और genes को आगे बढाने के लिए करता है। सही बात है कि ego memory से बनता है। brain के अलग अलग हिस्से अलग अलग काम करते हैं। एक हिस्सा sentence बनाता है एक हिस्सा decision लेता है और एक हिस्सा (motor neurons) body को move करते हैं और फिर brain का एक हिस्सा ये विचार बनाता है कि मैंने किया। सब brain की करामात है। meditation से brain के default mode network की activity कम हो जाती है जो mind wandering के लिए जिम्मेदार होता है, mind wandering future planning में मददगार होता है जो survival में मदद करता है और imagine करने में मदद करता है उसी की वजह से tools सै लेकर mobile तक बनाए गए हैं। तो brain के दो ही काम है survival और genes आगे बढाने के लिए reproduction. Nature का एक law है survival of the fittest. जो brain सबसे fit होगा वही survive करेगा इसलिए nature में और life में कोई न कोई problem बनी ही रहती है ताकि brain सीखता रहे और evolve होता रहे। Einstein ने कहा था कि everything is energy. Energy mass में convert होता है और mass Energy में। इसलिए सब एक हैं।
Beautiful! par excellence.
Very excellent. I.
❤❤❤अद्भुत ❤❤❤
Super duper like ❤
Jo yah samjha wo pure vishwa se jud gaya mai hi mai ko mahsus karta hu sabhi mai me🙏
❤
Thanks
कृपया दृष्टा,दृश्य, और साक्षी को और clear करें
Thank you so much
Thanks🙏🙏
❤ Thank You ❤
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद है तो बहुत कठन मे को समझना मगर आपने काफी हद तक आसानी से समझाया आपके वीडियो देखकर काफी हल्का अपने आपको महसूस करता हूं दिल ❤ खुश होता है आपका फिर एक बार बहुत बहुत धन्यवाद
Dhanyawad ❤❤❤parbhu
🙏🙏🙏...
Great video, your topics are easy to understand.
Bhut vdia samjaya apne. Mera ek swaal hai.
Agr hmari past ki information hi "main" ya "I am" hai to jo isko jaan rha hai. Yani k jo iss main ko jaan rha hai kya vo observer nhi hua?
🙏💖
इतना समझ में आया कि अभी तक जो मैं माने बैठे थे वो पूर्णतया गलत है, जिसे आप मिथ्या कहकर संबोधित करते है
ये मैं अपूर्ण है,मिथ्या हैं,अहंकार है,अज्ञान है
असली मेरी पहचान नहीं हे
इसकी उत्पत्ति तो स्मृति से अतीत से हुई हे इस पहेचान के साथ में नहीं जन्मी
जैसे लोग मिले वैसी मैरी identity कर दी गईं
Reality में हम सब एक समान है, हम में विदेशियों में कोई भेद नहीं है
हम प्रकृति के सभी जीवों से प्रेम कर पाए इसके लिए ये ज्ञान होना जरूरी है
तभी सभी को मम रूप जान पायेंगे.
प्रश्न = फिर सच्ची में मेरी क्या identity he. मेरा क्या स्वरूप हैं
मन को कैसे अभ्यास कराएं की तुम्हारी कोई हस्ती नहीं
तुम तो पत्तों के समान प्रकृति के अंश हों
बहुत अच्छा प्रयास है लेकिन और स्पष्टता के लिए राम तीर्थ के लेख भी पढ़ें
‘Cheen k aage dum hilata hai’ 🤔🤔not expected this kind of statement from someone who is sharing his views on Advaita…
Dvait aur advait dono ek doosre k poorak hain… understand that and respect that… this is what ‘life’ is all about 🙏🏻
👌👌👌🙏🙏🙏
ये मैं भाव evolve हुआ है, tendencies evolve हुई हैं, nature के दो ही काम है survival और reproduction और ये sense of self, attachment, ego or identifies ये सब evolution के लिए जरूरी है। सब कुछ brain का बनाया है ये सब बातें brain ही कर रहा है। ये altruistic behavior की वजह से आप ये सब कर रहे हैं।
Mein, meri jaisi koi satta nahi hai, lekin Sarir tho hai, sarir ke liye sab Karna padta hai ya hota hai.
प्रणाम गुरुदेव
अष्टावक्र/कृष्णमूर्ति
तो अभी बहुत हो गये हैं
लेकिन जनक कब पैदा होगा ?
आचार्य प्रशांत को सुने
Jb me kuchh hu nahi to aye kon janega me kuchh kuchh nahi
MUJHE 2 NOVEMBER 2023 KO ENLIGHTENMENT MILA PREM MILA
LEKIN MAI TADAP RHA HU ANTIM SATYA KE BAARE ME MAI AANAD ME HU LEKIN ISSE BHI AAGE JAANE KA PRYAAS HAI
Aapko prem kaise Mila.
Kiya aap Meri sahayata karogo
@@amitbhowmick00 yes
@@Vishal77885 kripya batane ki kripa kare
@@amitbhowmick00 mene usse phle osho ko 2 year se sun rha tha
Tabhi meri life me bahut dukh aaye
Mujhe lga ab sab kuchh khatam ho gya hai
Tabhi raat 11 baje mujhe ishwar mil gya or ab badhta hi ja rha hai 7 month ho gye hai
@@amitbhowmick00 gahra dukh hi ishwar tak leja skta hai
Kya enlightenment se bhi upar kuchh h
Jii han bahut kuchh hai yaha aaranbh hai
@@khushivandiye8437 kya hoga last me
मोक्ष
मोक्ष क्या है?कृपया समझाये।@@anantmail1379
Aur galaxy Name is Milky way
Sadho sadho
I understood couple of years ago. Nobody actually exists on this planet. Everything is only part of nature. End of the illusion
Toh hum jeevan kese jiyeenge....smrityo ki vjhe se hi toh hum jeevan main kaam krte hain behtar jeevan vanane ka prayas krte hain.
Jese koi vyakti pehele mere sath galat kr chuka hai ya or kisi ke sath kr chuka hai... Toh kya main savdhan nhi rhunga usse...or agar sb jhuth hai toh itne apradh hote hai fir unse kya dikkat hai...koi kisi ka murder krde rape kr de toh vyakti ki pareshan ho rha hai iss hisab se toh kuch krna hi nhi jo ho rha hone do.
Suppose main ek ladki hu or ek admi hai jo ate jate mujhe roz gandi nazar se dekhta hai toh kya us vyakti ko main roz naye tarike se dekhu mere dekhna se kya hoga kl toh vo vyakti sirf dekh rha tha baad main vo or age bdhne lgega toh ....jab ki agar main koi apni safety ke liye action lunga vo toh smriti ke basis pe hi hoga...or is prkar toh koi kand kr jayega vo toh kuki main smriti anusar chl hi nhi rha tha...
ब्रह्म सो अहम अहम सो ब्रह्म।
Fall or patoon ke alag he satta hai. 😂😂 without leaves where is tree without branches where is tree. Without wood where is tree. Kyu baar baar keh rhe ho ek sab ek hai. Jabki aankh ke saamne dikh rha hai dono alag hain. ☹️
Bahot sundar avlokan 🙏
Sawal hai ki ye main main kaun karta hai, to main to yehi kahunga ki main main Goat ya Lamb hi kahta rahta hai😊
Be practical
ब्रह्म ही जीव है
पागल अहम ही ब्रह्म है
❤ Thank You ❤
❤🙏