aatmgyan ka jhuth | aatmgyan ka sahi arth kya hai? | आत्मज्ञान कैसे प्राप्त करे? juddu krishnamurti
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- เผยแพร่เมื่อ 29 ส.ค. 2024
- aatmgyan kya hai?
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सर जी ;
आपने यह जाे समझा रहे हाे. इस से ताे दिमाख के
पट खुल गये.सारा भ्रम दुर कर दिया.
अंधकार से उजाले मे लाया.
धन्यवाद सर जी . 🙏
आचार्य जी को सुनने से मुझपर रोक लगा दिया है,मैं आज भी आचार्य जी को सुनना चाहती हूं,बस सह रहे इनके पकड़ से मुक्त हो जाऊं। मुझे विश्वास है आप आचार्य प्रशांत जी के ही शिष्य हैं।
same here
Right❤❤❤
लाजवाब...... 👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
आज आपने सबसे सत्य ज्ञान की प्रस्तुती की, यही ज्ञान है बाकी सब झूठ है
आत्म ग्यान की एकदम सही भाषा आपने आपने व्याख्याकरके आपने हमे अनुग्रहीत किया है!आपको कोटी कोटी प्रणाम माऊली!🌹🙏🙏🙏🙏जय श्रीकृष्ण!🌹🙏🙏🙏
बोहत अच्छे से समझाया आपने धन्यवाद
🙏🏻Waah Prabhuji, Dandvat Pranam swikar karein🙂🙏🏻
Itne Satsang sunte aaya tha, lekin surf aapka Satsang hee samjh mein aaya mujhe😄🙏🏻Dil se aapko koti baar Dhanyawaad🙏🏻🙏🏻🙏🏻😄
Thank alot of you ❤
very helpful
I am certified with your lecture
Mast❤ diviy satsang.
Aham shree Hari anant
One of the best speeches
🎉very clear,sound explanation 👏👏
Namo namo 🙏🙏🙏
Thank you so much sir ❤🌷🌷🙏🏻🙏🏻
Dhanyawad sab kuch spst karane ke leye aab jisko aage jana ho vo jay varna lout jay
आत्मज्ञान स्वयंम की अवस्था है। अपने इंद्रीयोको काबूमे कर परम अवस्था प्राप्त कि
जासकती है। और जन्म मृत्यू के आवागमन से मुक्त हो सकते है। ॐ गुरूदेव..
Super...........👌👌👌
bilkul shi bola aapne mene bshut vidhi ki par kuch nhi mila or jab mila to aesa kuch nhi hua jase socha tha but jo khushi mili bi sabdo m nhi bta sakte khudh ko jaan lo khudha tak pahuch jaoge
क्या वो ख़ुशी ऐसी थीं ? आत्मज्ञान ~ मन का सिकुड़ करके गायब हो जाना! और फिर असीमित ख़ुशी! जो बढ़ती बढ़ती इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है जिसकों शब्दों मे समझा पाना लगभग असम्भव है! ऐसा लगता है जैसे एक हज़ार चीटिया दिमाग़ मे रेंग रही है और एक चींटी असीमित खुशी पैदा करती है! फिर एक खोषणा अपने आप होती है (मै ही यह दुनियां चलाने वाला हु ) ऐसा लगता है जैसे मै खुदसे पहली बार मिला हु! और मैने हाथ जोड़कर खुदका स्वागत किया! ( मेरी मानो इन सब से दूर रहो क्योकि इतना सब देखने के बाद = इंसान इस एक्सपीरियंस के लिये तड़पता है लेकिन यह एक्सपीरियंस दुबारा रपीट नही हो रहा होता है ) इस आत्मज्ञान के एक्सपीरियंस के फायदे भिखारीपन चला जाता है,मतलब मुझे यह चाहिए वो चाहिए सबकुछ चला जाता है! इंसान चुप चाप अपना काम करता है! वो बोलने तक का कष्ट नही करता! यह आपको बेहतर इंसान बना देता है!
आत्मज्ञान के नुकसान ~ दिमाग़ मे सारी ऊर्जा चढ़ने के कारण, awareness बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है, जिस कारण psychological changes आते है! लोग बोलते भी है तो डर लगता है क्योकि आपको उनके भाव दिख जाते है! लगभग पागल होने वाली हालत होती है! सिर दर्द, कान मे शा......... शा..... की आवाजो का गुजना जिसे अनाहद धुन भी कहते है! दिमाग़ की सारी नसे फूल जाती है ऐसा लगता है जैसे गुब्बारा फूल रहा है और माथे के ऊपर की eye bro की नसे भी फूल जाती है! मन गायब हो जाता है! यह भी एक बढ़ी प्रॉब्लम है! कुछ भी चाहिए नही होता यह तो उससे भी बढ़ा पागलपन है
Adwait Vedant ❤
Thank you so much sir❤
Sahi baat hai
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ❤️🙏🙏
Hari om 🙏
🙏
यही कल्पना भरे है इंसान का दिमाग में ईश्वर भी एक आकाश में बैठे है सोचते है ❤
Isi liye Buddha ne sabkuch ek hi line me keh diya tha 'Nothing is permanent ' what a line This is applicable on everything to materialistic universe to non materialistic thoughts vichar which come for one second and at next moment it disappears and another one come nothing is permanent So how your gyan can be permanent which Buddha or osho or krishna or etc. Gyan is nothing but to understand this one line Nothing is permanent ''
Asli Zindagi jeena hi atm gyan
Behoshi me kha mja❤
आपने स्वयं को क्या जाना कुछ अनुभव अनुभूतियां बताइए us anant ko anubhav kiya kya
जय श्री राम जय राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम ❤️🙏🙏
आप जे कृष्णमूर्ति से प्रभावित हैं कृष्णमूर्ति तो पहुंच गए लेकिन उनके पीछे चलने वाले नहीं पहुंच पाए
जय श्री राम जय राम जय राम जय जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जय राम जय राम जय जय श्री राम ❤️🙏🙏
Well do you think after death people can meet God? Like do they really meet him????
आत्मज्ञान एक सतत प्रक्रिया है । यह किसी तंत्र मंत्र का कोई विधि विधान नहीं है ।🙏
बिल्कुल सही कहा आपने महानुभाव जय श्री राम 🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir आपसे आज का आत्मज्ञान हुआ अभी के क्षण का
आत्मबोध जरुरी है,उसका ज्ञान ही आत्मज्ञान है.जो आप ज्ञान बता रहे है,वो सिर्फ बाते है.
आत्मज्ञान ~ मन का सिकुड़ करके गायब हो जाना! और फिर असीमित ख़ुशी! जो बढ़ती बढ़ती इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है जिसकों शब्दों मे समझा पाना लगभग असम्भव है! ऐसा लगता है जैसे एक हज़ार चीटिया दिमाग़ मे रेंग रही है और एक चींटी असीमित खुशी पैदा करती है! फिर एक खोषणा अपने आप होती है (मै ही यह दुनियां चलाने वाला हु ) ऐसा लगता है जैसे मै खुदसे पहली बार मिला हु! और मैने हाथ जोड़कर खुदका स्वागत किया! ( मेरी मानो इन सब से दूर रहो क्योकि इतना सब देखने के बाद = इंसान इस एक्सपीरियंस के लिये तड़पता है लेकिन यह एक्सपीरियंस दुबारा रपीट नही हो रहा होता है ) इस आत्मज्ञान के एक्सपीरियंस के फायदे भिखारीपन चला जाता है,मतलब मुझे यह चाहिए वो चाहिए सबकुछ चला जाता है! इंसान चुप चाप अपना काम करता है! वो बोलने तक का कष्ट नही करता! यह आपको बेहतर इंसान बना देता है!
आत्मज्ञान के नुकसान ~ दिमाग़ मे सारी ऊर्जा चढ़ने के कारण, awareness बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है, जिस कारण psychological changes आते है! लोग बोलते भी है तो डर लगता है क्योकि आपको उनके भाव दिख जाते है! लगभग पागल होने वाली हालत होती है! सिर दर्द, कान मे शा......... शा..... की आवाजो का गुजना जिसे अनाहद धुन भी कहते है! दिमाग़ की सारी नसे फूल जाती है ऐसा लगता है जैसे गुब्बारा फूल रहा है और माथे के ऊपर की eye bro की नसे भी फूल जाती है! मन गायब हो जाता है! यह भी एक बढ़ी प्रॉब्लम है! कुछ भी चाहिए नही होता यह तो उससे भी बढ़ा पागलपन है
आपको आत्मज्ञान हो गया?
स्वयं को यह देह और मन नहीं मानना, जानना, समझना और सौ % विश्वास हो जाना आत्मज्ञान है। ब्रह्म जीव और माया तीनों सनातन है और अविनाशी है। ब्रह्म मायाधीश है और जीव मायाधीन।
इतना सरल नहीं है स्वयं को जानना पहला sukcham शरीर फिर कारण शरीर और उसके बाद आत्मा तक पहुंचना बिना गहरी आस्था के आत्मा को यह स्वयं को नहीं जाना जा सकता
आत्मज्ञान का मतलब ईश्वर से संलग्न होना
Exact meaning of Aatmagyan, one has to isolate from his own body ( he must have experience that he is totally separate from his own body) . what we see number of books is a information not a Gyan.
Brahmacharya jisko aajkal physics naam de diya hai ,ka gyan sahi ho toh baaki saab automatically ho jata hai.Saare vikaar apne aap khatam hote jate hai. Essko paane ke liye physical work karne se bhoot help milti hai.Aur Agar yeh gyan galat ho jaye toh yeh bharam chariya mtlb jeevan automatically confusion, illusion ban jata hai. Brahmacharya ka gyan bhoot aasan hai esko ek bina school gya insaan bhi samjh skta hai Lekin physics ka pata nhi jo esko janta hai wo hee eske baare mein kuch keh sakta hai.
Only Atma can attain Atma only.No one else."Log"(menkind )is one intellectual creature in the universe who can only think about truth/untruth.
aham brahmasmi
❤😇😊👍👌👏💗👍👍🙌💗🌺💐
Jiada log jah samjta ha ka parmatma ko malka bahut dan mail javaga ma Asia he samjad see
Aatmagyan matlab human biology function samaj lena...
You are proving neem karoli baba,Swami samarth wrong,,,,
Atma gyan bolke kuch nehi hota hai , atma upolabdhi hota hai , atma jannne ka koi bastu nehi hai
क्या आपको वो उपलब्धि हो गई है ??
और वो कोई उपलब्धि है ये आपको कैसे पता चला ।।
Bhai yeh sab sirf Tume hi lagta hai dusroko nah.. yeh sab tumari dharna ya tumara experience hai ..
Lekin aatmgyan kyo ?? Achhe logonko appreciation Kam milta hai. Log stupid samjhte h
क्या लोग आपके लिए कोई मायने रखते है ।। लोगों के बारे मै सोचते रहोगे तो अपनी जिंदगी को कब समझोगे ।।
आत्मज्ञान ~ मन का सिकुड़ करके गायब हो जाना! और फिर असीमित ख़ुशी! जो बढ़ती बढ़ती इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है जिसकों शब्दों मे समझा पाना लगभग असम्भव है! ऐसा लगता है जैसे एक हज़ार चीटिया दिमाग़ मे रेंग रही है और एक चींटी असीमित खुशी पैदा करती है! फिर एक खोषणा अपने आप होती है (मै ही यह दुनियां चलाने वाला हु ) ऐसा लगता है जैसे मै खुदसे पहली बार मिला हु! और मैने हाथ जोड़कर खुदका स्वागत किया! ( मेरी मानो इन सब से दूर रहो क्योकि इतना सब देखने के बाद = इंसान इस एक्सपीरियंस के लिये तड़पता है लेकिन यह एक्सपीरियंस दुबारा रपीट नही हो रहा होता है ) इस आत्मज्ञान के एक्सपीरियंस के फायदे भिखारीपन चला जाता है,मतलब मुझे यह चाहिए वो चाहिए सबकुछ चला जाता है! इंसान चुप चाप अपना काम करता है! वो बोलने तक का कष्ट नही करता! यह आपको बेहतर इंसान बना देता है!
आत्मज्ञान के नुकसान ~ दिमाग़ मे सारी ऊर्जा चढ़ने के कारण, awareness बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है, जिस कारण psychological changes आते है! लोग बोलते भी है तो डर लगता है क्योकि आपको उनके भाव दिख जाते है! लगभग पागल होने वाली हालत होती है! सिर दर्द, कान मे शा......... शा..... की आवाजो का गुजना जिसे अनाहद धुन भी कहते है! दिमाग़ की सारी नसे फूल जाती है ऐसा लगता है जैसे गुब्बारा फूल रहा है और माथे के ऊपर की eye bro की नसे भी फूल जाती है! मन गायब हो जाता है! यह भी एक बढ़ी प्रॉब्लम है! कुछ भी चाहिए नही होता यह तो उससे भी बढ़ा पागलपन है
Atmagyan jhut है. ये भी मन का एक विचार मात्र है
Sahi baat hai bhai
आत्मा ज्ञान जूठ नहीं है
आप किस अपेक्षा बोल रहे हो
@@user-ms7xv1om2qआप जो भी बोलो में भी है पहले इस भ्रम मे था
आपका कहना उसीप्रकार हे जिसप्रकार एक जन्मांध व्यक्ति के लिए प्रकाश का कोई अस्तित्व ही नही है उसे कितना भी समझाये उसे ये बात कभी समझ ही नही आ पायेगा या तो वो बिल्कुल इस बात को मानेगा ही नही या तो फिर हमेशा संशय बना रहेगा सच है या झूठ बहुत सी चीजे दिखती नही पर होती जहा विज्ञान खत्म होता वही से अध्यात्म शुरू होता है जय श्री राम 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@@SagarKenbavi-rn1bsThought is thought चाहे वो spiritual thought क्यू ना हो. आत्म ज्ञान कुछ होता हे ये नाम आम आदमी देता है. ना कोई संसारी होता हे ना कोई spirituality. Motivation is for a time is not life
आपको कुछ नहीं पता
Ap is missing
भाई विचारो से मुक्त होना ,,, ही ध्यान है ,,,
ये कहा से सीख के आ रहा है तू,,